आज जब शिक्षा का प्रचार प्रसार अपने सबाब पर है और सोशल मीडिया में ठगी को लेकर के लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हो, ऐसे में पुलिस विभाग में पदस्थ एक नगर सैनिक से कोई यह कह कर 65 लाख रुपए ठग ले कि मैं मुकेश अंबानी बोल रहा हूं और तुम्हें 2  करोड़ कीमत लकी लॉटरी का ईनाम मिलने वाला है तो आप क्या कहेंगे?

जी हां! यह कोई कपोल कल्पित कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है. छत्तीसगढ़ के न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर जिला मे यह वाकया घटित हुआ है और पुलिस मामले की जांच में लग गई है और आरोपियों को तलाश रही है.

जियो कंपनी का मालिक मुकेश अंबानी कहकर बिलासपुर जिले के नगर सैनिक से धीरे-धीरे करके 65 लाख रुपए  ठग लिए गए हैं.

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सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि बिलासपुर जिला में सप्ताह भर से बिलासपुर की पुलिस “साइबर क्राइम” रोकने और लोगों को इनके प्रति जागरूक करने का अभियान चला रही है. और एक नगर सैनिक का यह उदाहरण सनसनीखेज रूप में सामने आया है. जो बताता है कि आज के समाज में शिक्षित लोग   भी किस तरह ठगे जा सकते हैं.

इस मामले में ठग ने स्वयं को मुकेश अंबानी बताते हुए नगर सैनिक को पहले लक्की ड्रा में 25 लाख रुपए देने का वादा किया फिर  रजिस्ट्रेशन तो कभी जीएसटी के नाम पर  रुपए ठगते रहा. जब कथित मुकेश अंबानी ने देखा यह नगर सैनिक तो उसके जाल में फंस गया है तो मूलधन सहित और 2 करोड़ रुपए वापस करने का झांसा दिया जिसमें बिलासपुर पुलिस का एक वर्दीधारी नगर सैनिक चक्रव्यूह में फंसता चला गया और धीरे-धीरे 65 लाख रुपए अपने परिवार की जमा पूंजी गवा बैठा.

पूरी तरह लुटने के बाद आया होश!

जब घर परिवार की सारी पूंजी लुट गई तो नगर सैनिक को होश आया और पहुंच गया अपने ही थाने अपनी रिपोर्ट लिखाने.

पीड़ित की शिकायत पर सिटी कोतवाली बिलासपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

यह सच्ची कहानी है बिलासपुर छत्तीसगढ़ के सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम हरदाडीह निवासी जनकराम पटेल की.  24 जनवरी 2020 को उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने सबसे पहले उसे बधाई दी और बताया कि वह मुकेश अंबानी बोल रहा है  उसने कहा कि छत्तीसगढ़ से जियो के लकी कस्टमर होने की वजह से उसको 25 लाख रुपए का विजेता घोषित किया गया है. अब इस रकम को पाने के लिए नगर सैनिक ने 12 हजार रुपए ठग के बताए बैंक खाते में जमा कर दिए.ठगों ने किसी विराट सिंह नाम के व्यक्ति का खाता नम्बर दिया था. नगर सैनिक  जनक ने 1 फरवरी को नेहरू चौक के पास की एक दुकान से विराट सिंह के खाते में नेट बैंकिंग के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर दिए.इसके बाद अलग अलग नंबरों से वाट्सअप कॉल और सामान्य कॉल आते रहे और नगर सैनिक से लक्की ड्रा की रकम पाने के एवज में रकम जमा करने के लिए कहा जाता रहा. कुछ दिन बाद ठगों ने नगर सैनिक को अपनी बातों में फंसाकर 2 करोड़ रुपये दिलाने का वादा कर दिया. बातों में आकर नगर सौनिक ने किश्तों में कुल 65 लाख रुपए ठगों को सौप दिए.

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समय व्यतीत होता चला गया, तब जाकर बुरी तरह लूट चुके जनक राम पटेल को होश आया. अब जब नगर सैनिक को इनाम की रकम मिलने का आसरा नहीं रहा  तो उन्हें संदेह हुआ और अपनी रकम वापस मांगी, लेकिन ठग गोलमोल जवाब देता रहा. यह भी कहा कि किसी से  कुछ कहा या ज्यादा सवाल किए तो उसे पैसे नही मिलेंगे. अब पुलिस सभी फोन नम्बर और खातों की जांच कर रही है.

लालच बुरी बला

पंचतंत्र हो या फिर हमारे समाज की कोई भी व्यावहारिक पाठशाला. जहां हमेशा यही बताया जाता है कि लालच बुरी बला होती है और इसमें समझदार व्यक्ति को कभी भी नहीं फंसना चाहिए. मगर इसके बावजूद आज के पढ़े लिखे नौजवान किस तरह सोशल मीडिया के संजाल में आकर छोटे-छोटे लालच में आकर अपने जीवन की परिवार की कमाई को लुटा बैठते हैं.

यह हम अक्सर देख रहे हैं. बिलासपुर की इस सनसनीखेज घटना मे भी यही सब हुआ है. पुलिस विभाग के अधिकारी विवेक शर्मा कहते हैं कि ठगी का शिकार कोई भी हो सकता है वह पुलिस वाला भी हो सकता है और कोई राजनेता भी, कोई वकील भी और कोई मीडिया कर्मी भी. ऐसे में आवश्यकता है सिर्फ और सिर्फ जागरूकता की और लालच के फंदे में नहीं फंसने के संकल्प की.

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