Dr P K Jain: कोरोना से लड़ाई में डॉक्टर पी के जैन की नई पहल

देश में कोरोना तेजी से फैल रहा है, इसी बीच यूपी के आयुष विभाग ने लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक खास काढ़ा तैयार किया है, जिससे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके और वो कोरोना से लड़ सके.

डॉ पी के जैन भी दे रहे हैं उपयोग की सलाह…

लखनऊ के डॉ पी के जैन और उनकी टीम भी लोगों को इस खास औषधीय आर्युवेदिक गुणों वाले काढ़े को पीने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि ये केमिकल फ्री हैं और अपने आस-पास और घर में मौजूद चीजों से बनाया गया है. मतलब आपकी सेहत पर इसका कोई बुरा असर नहीं होगा.

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जानें डॉक्टर पी के जैन के बारे…

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त लखनऊ के डॉक्टर पी. के. जैन पिछले 40 सालों से सेक्स समस्याओं का बेहतर इलाज कर रहे हैं. लेकिन मौजूदा कोरोना संकट में वो अपनी टीम के साथ मिलकर ऐसी चीजें पर काम कर रहे हैं जो लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सके. ताकी वो कोरोना वायरस के सामने कमजोर न पड़ें.

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काढ़े की खासियत…

कोरोना के संक्रमण से लोगों में प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए काढ़े के सेवन को बढ़ावा देने की योजना है. डॉक्टरों ने काफी शोध के बाद आसपास मौजूद आयुर्वेदिक गुणों वाली तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ, गिलोए एवं मुनक्का के चूर्ण को मिलाकर काढ़ा का पाउडर तैयार किया है.

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इस काढ़ा का प्रयोग आम लोगों के बीच बढ़ाने के लिए भी सरकार योजना बना रही है जिसमें आयुष के अस्पतालों से भी इसे वितरित करने पर विचार किया जा रहा है.

आयुष विभाग द्वारा वितरित इस काढ़े के द्वारा कई कोरोना मरीजों का सफलता पूर्वक इलाज भी किया गया है वो भी मरीज को कोई हानि हुए बगैर. कई गंभीर मरीज मात्र इस काढ़े को पीकर ही ठीक हुए हैं. इस काढ़े का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. ये काढ़ा आपको कोरोना से तो बचाता ही है लेकिन अगर आपको कोरोना हो जाए ये कोरोना वायरस को जल्द से जल्द खत्म भी करता है और आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है.

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Dr Pk Jain: कही आप भी तो नहीं हैं इरेक्टाइल डिसफंक्शन के शिकार?

सर्वे रिपोर्टस की मानें तो लगभग 40 वर्ष की आयु तक आते-आते ज्यादातर पुरूष इरेक्टाइल डिसफंक्शन का शिकार हो जाते हैं. आसान शब्दों में कहें तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन का मतलब है सेक्स करते टाइम अपने गुप्तांग में प्रोपर इरेक्शन न ला पाना या यूं कहें कि अपने साथी को संतुष्ट ना कर पाना. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर पी. के. जैन से जो पिछले 40 सालों से इसका इलाज कर रहे हैं.

अक्सर देखने को मिलता है कि ज्यादातर पुरूष तनाव के कारण भी इस बिमारी का शिकार हो जाते हैं और फिर वे इसका या तो घरेलु इलाज करते हैं या फिर किसी गुप्त रोग वाले डौक्टर्स से सलाह या दवा लेते हैं. पर इन सब कोशिशों के बाद भी कई पुरूष ठीक नहीं हो पाते और ज्यादा मात्रा में दवाइयां लेने लग जाते हैं जो कि उनकी सेहत को और ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं.

आइए जानते हैं कुछ खास टिप्स, जिससे इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है.

  1. स्मोकिंग को कहें अल्विदा…

अगर आप बीड़ी या सिगरेट पीने के आदी हैं तो आपको सेक्स करते वक्त स्टेमिना की कमी महसूस होने लगेगी और साथ ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी हो सकता है. बीड़ी या सिगरेट का सीधा असर हमारे कई अंगों पर पड़ता है जिससे कई सारी बिमारियां हो सकती हैं. तो अगर आप अपनी सेक्स लाइफ बहतर करना चाहते हैं तो आपको बीड़ी और सिगरेट जैसे पदार्थों से दूर रहना होगा.

  1. डेली वर्क-आउट है जरूरी…

हम अपने पूरे दिन के कामों में अपने शरीर को थोड़ा भी समय नहीं दे पाते जिससे कि हमारा शरीर समय से पहले ही जवाब देने लगता है. अगर हम पूरे दिन में 1 घंटा भी अपने शरीर को देते हैं तो इससे हमारी सेक्स लाइफ पर काफी असर पड़ सकता है क्यूंकि डेली वर्क-आउट से हमारा शरीर बिल्कुल फिट रहता है और बेहतरीन सेक्स लाइफ में फिट एंड हैल्दी शरीर काफी मायने रखता है.

  1. ज़रूरत है कोलेस्ट्रोल कम करने की…

कोलेस्ट्रोल हमारे शरीर में खून का बहाव कम कर देता है जिससे की प्रोपर इरेक्शन होने के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं. बौडी को फिट रखने के लिए हेल्दी खाना जैसे हरी सब्जियां, कम फाइड खाना, फूट्स आदि बेहद जरूरी है. हाई कोलेस्ट्रोल के कारण इरेक्शन होना मुश्किल हो जाता है जिस वजह से सेक्स के समय अपने पार्टनर को संतुष्ट करना मुश्किल हो सकता है.

  1. ब्लड प्रेशर पर दें ध्यान…

ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है क्यूंकि प्रोपर इरेक्शन ना होने का एक मुख्य कारण यह है कि, जब खून का बहाव आपके लिंग तक नहीं पहुंच पाता तो इससे आपकी सेक्स करने की अवधि कम हो जाती है और सेक्स लाइफ में काफी बुरा असर पड़ता है. ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने के लिए सबसे जरूरी है टाइम-टू-टाइम अपना ब्लड प्रेशर चैक करवाना और इसके लिए डौक्टर से सलाह लेना.

लखनऊ के डॉक्टर पी. के. जैन, जो पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. पी. के. जैन द्वाराृ.

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Dr Pk Jain: मेरी शादीशुदा जिंदगी में ऐसे लौटा प्यार

जतिन और सुधा की कुछ महीने पहले ही लव मैरिज हुई थी. दोनों के परिवार वाले भी इस रिश्ते से काफी खुश थे. शुरू शुरू में तो सब ठीक रहा. दोनों साथ घूमते, बाहर जाते और घर में भी काफी क्वालिटी टाइम स्पेंड करते. लेकिन जैसे जैसे नई शादी का खुमार उतरने लगा जतिन अपने ऑफिस में और दोस्तों के साथ बिजी रहना लगा. अब सुधा के लिए उसके पास न के बराबर ही समय था.

सुधा खुद भी घर के कामों में काफी व्यस्त रहती लेकिन जब शाम को जतिन वापस आता तो सुधा उससे प्यार के कुछ पलों की उम्मीद करती. मगर घर पर भी जतिन टीवी में या मोबाइल में लगा रहता और बेडरूम में भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही सुधा के साथ होता. नतीजा दोनों के बीच दूरिया बढ़ने लगी और आए दिन झगड़े होने लगे.

जब बात ज्यादा बढ़ गई तो सुधा नाराज होकर मायके चली गई. जतिन ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया उसे लगा कुछ ही दिनों में सुधा वापस लौट आएगी. लेकिन जब एक महीने तक सुधा नहीं लौटी और उसका कोई फोन भी नहीं आता तो जतिन को चिंता हुई. उसने फोन पर सुधा से बात करने की कोशिश की लेकिन सुधा ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही उससे मिलने के लिए तैयार हुई. जतिन अब काफी टूट चुका था और उसे समझ नहीं आ रहा था सुधा को कैसे मनाएं.

इसी दौरान जतिन का कजिन सुमित उससे मिलने आया. दोनों काफी अच्छे दोस्त भी हैं तो जतिन ने जब सुमित को अपनी परेशानी बताई तो पहले तो सुमित ने उसे खूब डांटा फिर उसकी समस्या का हल निकालने की कोशिश करने लगा. सुधा की भाभी भी यहीं चाहती थी इसलिए सुमित ने उनसे संपर्क किया. तब जाकर ये बात सामने आई कि जतिन सुधा को न सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी परेशान कर रहा था.

सुधा के मुताबिक जतिन सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए उसके पास आता और अपना काम हो जानें के बाद वो सुधा को देखता भी नहीं. जिससे सुधा दिन पर दिन ड्रिपेशन में जाने लगी. सुमित ने जतिन से इस बारे में बात की और उसे खूब लताड़ा. जतिन को अपनी गलती का एहसास था और वो सुधा से मांफी मांगना चाहता था. लेकिन सुधा दोबारा उस पर भरोसा करने को तैयार नहीं थी.

ऐसे में सुमित, जतिन और सुधा को डॉक्टर पीके जैन के पास लेकर गया जो 40 सालों से इन्हीं समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. सुमित ने जतिन को डॉक्टर पी के जैन के कई सफल केसेस के बारे में बताया, जिसके बाद ही वो डॉक्टर पी के जैन से मिलने पहुंचा.

डॉक्टर पी के जैन ने की मदद

डॉक्टर पी के जैन ने यहां सुधा और जतिन की काउंसलिंग की और दोनों से काफी बाते की. डॉक्टर पी के जैन के लिए दोनों की प्रॉब्मल कोई बड़ी बात नहीं थी. पहले भी उनके पास ऐसे कई पेशेंट आ चुके हैं. डॉक्टर पी के जैन की सलाह मानकर दोनों ने फिर से एक-दूसरे को मौका दिया और कुछ ही वक्त में अपनी शादीशुदा जिंदगी में वापस लौट गए. जतिन तो सबसे यही कहता है- आपकी सेक्स लाइफ में भी अगर कोई समस्या है तो बिना यहां वहां भटकने के बजाय सीधे डॉक्टर पी के जैन से मिले और अपना इलाज करवाएं.

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यदि आप भी सेक्स को एन्जॉय करना चाहती हैं तो इन टिप्‍स को आजमाएं…

किस करें: आपको यदि अपने पुरुष पार्टनर को किस करने का मन है तो आप उसे खुलकर किस करें. पुरुषों को उत्तेजित करने की बेहतरीन चाबी है किस. इससे आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाएगा.

बातें करें: पुरुष आमतौर पर स्त्रियों की निजी भावनाओं के प्रति कन्फ्यूज रहते हैं. इसलिए बातें करना जरूरी है. यदि आप अपने पार्टनर से सामने खुलकर बात नहीं कर पाती हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने पार्टनर से फोन पर बात करें. फोन पर एरोटिक बातचीत से आपकी झिझक काफी कम होगी.

सेक्स बुरा नहीं: कई बार महिलाओं के मन में सेक्स के प्रति गलत धारणाएं बैठ जाती हैं और वे इस प्रक्रिया को खुलकर एंज्वाय नहीं कर पातीं. इसलिए जरूरी है कि आप कभी सेक्स को गंदा या बुरा ना समझें बल्कि इसे भी लाइफ का महत्वपूर्ण हिस्सा मानें और खुलकर एन्जॉय करें.

सकारात्मक सोचः सेक्स के प्रति सकारात्मक सोच जरूरी है. यदि आपको पार्टनर सेक्स को अधिक प्राथमिकता देता है तो इसे गलत समझने की बजाय पॉजिटिव रूप में लीजिए. पार्टनर की सेक्स में दिलचस्पी अंत में आपके प्रति प्यार में ही बदलने वाली है. यदि आप सेक्स में पार्टनर का साथ देंगी तभी उससे अधिक खुल पाएंगी.

प्रयोग करें: आपको चाहिए कि आप सेक्‍स के लिए नए-नए प्रयोगों को आजमाएं. इससे आपमें आत्मविश्वास बढ़ेगा. ओरल सेक्स या साथ बैठकर कोई इरोटिक फिल्म देखने से परहेज न करें. यह आपकी सेक्स लाइफ में न सिर्फ नयापन लाता है बल्कि आपके बीच सेक्स संबंधी झिझक को खत्म करते हुए नजदीकियों को बढ़ाता है.

निडर बनें: सेक्स लाइफ को एन्जॉय करने के लिए महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे मन में शंका ना पालें. ना ही ये सोचें कि उनका पार्टनर उनके बारे में क्या सोचेगा. बल्कि आपको अधिक उत्साह से पार्टनर को खुश करने के प्रयास करने चाहिए. आप अपने पार्टनर को खुलकर प्यार करें. यदि आपका पार्टनर करीब नहीं आता तो आप लगातार एफर्ट करें. निश्चय ही आपको सफलता मिलेगी.

लखनऊ के डॉक्टर पी. के. जैन, जो पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. पी. के. जैन द्वारा.

लौकडाउन स्पेशल : ये टिप्स अपनाएं, खर्राटे दूर भगाएं

दिन भर काम करने के बाद अगर रात को बगल में लेटा व्यक्ति जोर-जोर से खर्राटे ले रहा हो, तो गुस्सा आना स्वाभाविक है. यों तो खर्राटे लेना किसी को भी पसंद नहीं होता, पर जिस व्यक्ति को खर्राटे आ रहे हैं वह खुद उनसे अनजान होता है. उसे इस बात का जरा भी एहसास नहीं होता कि उसके खर्राटे की वजह से उसके आसपास के लोग परेशान हो रहे हैं. खर्राटे आना कई बार एक बीमारी बन जाती है. इस बीमारी को स्लीप एपनिया भी कहा जाता है.

रात में सोते समय खर्राटे आने की कई वजहें हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में-

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गले के पिछले हिस्से का संकरा होना

जब हमारे गले का पिछला हिस्सा संकरा होता जाता है तब खर्राटे की समस्या जन्म लेती है. दरअसल, जब गले का पिछला हिस्सा संकरा हो जाता है तब औक्सीजन उस रास्ते से होकर जाती है और तब आसपास के ऊतक कंपित होने लगते हैं और खर्राटे आने लगते हैं.

सांस के रास्ते में अवरोध

खर्राटे आने की मूल वजह सांस के रास्ते में अवरोध को माना जाता है. जब हमारे शरीर में कार्बनडाइ औक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और औक्सीजन कम हो जाता है तब औक्सीजन की पूर्ति के लिए हम सांस लेने की कोशिश करते हैं और सांस के रास्ते में अवरोध आने की वजह से खर्राटे आते हैं.

पीठ के बल सोना

जो लोग पीठ के बल सोते हैं उन्हें भी यह समस्या हो जाती है. जब पीठ के बल सोते हैं तो हमारी जीभ पीछे की ओर हो जाती है, जिससे वह तालू के पीछे मूर्धा पर जाकर लग जाती है और सांस लेने और छोड़ने में दिक्कत होती है. इस तरह हमारे ऊतक कंपन करने लगते हैं और खर्राटे आने लगते हैं.

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नाक में मांस बढ़ना

कुछ लोगों की नाक की हड्डी जब टेढ़ी हो जाती है या उसमें मांस बढ़ने लगता है तब उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे खर्राटे आने लगते हैं.

गर्दन या नीचे वाले जबड़े का छोटा होना

अगर किसी व्यक्ति की गर्दन ज्यादा छोटी है तो यह भी खर्राटे आने की वजह बनता है. इसके अलावा अगर आपका नीचे वाला जबड़ा छोटा है तब भी खर्राटे की समस्या उतपन्न हो जाती है, क्योंकि जब जबड़ा छोटा होता है तो लेटते समय जीभ पीछे की ओर हो जाती है और सांस की नली बंद हो जाती है. जिससे सांस लेने और छोड़ने में दबाव पड़ता है, जिसके चलते कंपन होता और खर्राटे आते हैं.

वजन बढ़ना

खर्राटे आने का एक कारण वजन बढ़ना भी है. जब किसी व्यक्ति का वजन बढ़ता है तो गर्दन का मांस लटकने लगता है. मांस लटकने की वजह से सांस की नली पर दबाव बनता और सांस लेने में दिक्कत होती है.

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ऐसे करें बचाव

अगर आप भी खर्राटे से परेशान हैं तो इस समस्या से ऐसे पाएं छुटकारा

रात के समय कम खाना खाएं ताकि वजन न बढ़े और आप सांस ठीक से ले पाएं.

अगर आपका वजन ज्यादा है तो पहले वजन कम करिए, ताकि आपके खर्राटे बंद हो सकें. वजन कम करने के लिए आप जिम भी जा सकती हैं या अपने डाइटीशियन से सलाह भी ले सकती हैं.

खर्राटे लेने वाले व्यक्ति को अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि जब हम कम पानी पीते हैं तब हमारी नाक की नली सूख जाती है. ऐसे में साइनस हवा की गति को श्वास तंत्र में पहुंचने के बीच में सहयोग नहीं कर पाता और सांस लेना कठिन हो जाता है. ऐसे में खर्राटे की समस्या बढ़ जाती है.

अगर आपको पीठ के बल सोने की आदत है तो उसे बदलें. इसके अलावा सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोएं. इससे आपकी जीभ और सांस की नली में रुकावट नहीं आएगी.

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जो लोग धूम्रपान करते हैं उन्हें भी खर्राटे की समस्या हो जाती है. तो अगर आपको भी खर्राटे की समस्या है तो धूम्रपान छोड़ दें.

अगर आपकी नाक का मांस बढ़ रहा है तो डाक्टर से संपर्क करें.

अगर आप गर्भवती हैं तो भी आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और खर्राटे आएंगे. इसलिए ऐसे में करवट लेकर ही सोएं.

Dr Pk Jain: ऐसे लौटी सेक्सुअल लाइफ में खुशहाली

आनंद और माला एक खुशहाल दपंति हैं. आनंद की उम्र 30 और और माला की उम्र 25 साल है. दोनों का 5 साल का एक बेटा है. आनंद का घर कानपुर में है और वो दिल्ली में नौकरी करता है. जिसकी वजह से उसे अपनी पत्नी से दूर रहना पड़ता है. लेकिन पिछले काफी वक्त से आनंद घर नहीं जाना चाहता. उसका परिवार और करीबी लोग इस बात से बेहद परेशान थे. आनंद के भाई ने जब इस बारे में उससे बात करनी चाही तो ये बात सामने आई-

“मेरी समस्या यह है कि पिछले दिनों जब मैं घर गया तो पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाते समय खुद में पहले जैसा जोश नहीं पाया. मुझे लगा मेरे साथ कोई शारीरिक परेशानी हो गई है. मैं डरने लगा हूं कि क्या मैं पहले की तरह सैक्सुअली ऐक्टिव हो पाऊंगा. मेरे स्पर्म काउंट को ले कर तो कोई समस्या नहीं है? क्या मुझे किसी डाक्टर से संपर्क करना चाहिए?”

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आनंद के भाई को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने आनंद को लखनऊ के डॉ पी के जैन के बारे में बताया जो पिछले 40 सालों से ऐसी ही समस्या का इलाज कर रहे हैं. आनंद बिना देर किए डॉ पी के जैन से मिलने पहुंचा. जहां उसे अपनी समस्या का हल मिला. आनंद के शब्दों में जानते हैं उसका अनुभव-

जब मिले डॉक्टर पी के जैन…

मैं डॉक्टर पी के जैन से मिलने पहुंचा. जहां मैं डॉक्टर पी के जैन और उनकी टीम डॉक्टर पीयूष जैन, डॉक्टर संचय जैन से मिला. डॉक्टर पी के जैन ने मुझे बताया कि मेरी प्रॉब्मल कोई बड़ी बात नहीं है. पहले भी उनके पास ऐसे कई पेशेंट आ चुके हैं. डॉक्टर पी के जैन ने मेरा पूरा डायगनोसिस किया और मेरी बीमारी को अच्छे से समझने के बाद मुझे उसके हिसाब से दवा दी. अपनी कामयाब आयुर्वेदिक दवाओं के जरिए उन्होंने मेरा सफल इलाज किया. डॉक्टर पी के जैन की वजह से ही आज मैं और मेरी पत्नी अपना वैवाहिक जीवन खुशी खुशी बिता रहे हैं.

मैं तो यही कहूंगा कि आपकी सेक्स लाइफ में भी अगर कोई समस्या है तो बिना यहां वहां भटकने के बजाय सीधे डॉक्टर पी के जैन से मिले और अपना इलाज करवाएं.

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लखनऊ के डॉक्टर पी. के. जैन, जो पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. पी. के. जैन द्वाराृ.

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लौकडाउन स्पेशल : पिता बनने के लिए नींद लेना है जरुरी

नींद किसे अच्छी नहीं लगती. रोज औफिस से घर जाने का सुकून हम सभी महसूस करते हैं. इस भागदौर भारी जिंदगी में कुछ पल अराम के मिल जाए तो सभी खुश होते है पर अगर किसी टेंशन के चलते आप नींद ना ले पा रहे हो तो? अगर आप पिता बनना चाहते है और आप नींद ना आने की समस्या से गुजर रहे है तो आपको इस पर ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि नींद ना आना आपको पिता बनने से रोक सकता है.जो लोग पिता बनना चाह रहे हैं उन्हें स्वस्थ शुक्राणुओं के लिए समय से सोना चाहिए. एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रात 8 से 10 बजे के बीच सो जाते हैं उनके शुक्राणुओं में गतिशीलता ज़्यादा होती हैं. ये तेजी से गति करते हुए अंडे को निषेचित करते हैं.

अपने खानपान के साथ अगर आप नींद पर भी ध्यान देंगे तो आपको इस समस्या से दो चार नही होने पड़ेगा. रात में सोने से पहले देर रात फोन यूज करना या देर से सोना परेशानी पेदा कर सकता हैं. जो पुरूष देर रात तक जागते रहते हैं या काफी देर से सोते हैं उनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्‍या कम होती है और शुक्राणु जल्‍दी नष्‍ट हो जाते हैं.

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नींद लेना क्यों हैं जरुरी

रिसर्च से पता चला कि 6 घंटे या इससे कम सोने वाले पुरूषों के शुक्राणुओं की स्थिति और भी ज्‍यादा खराब होती है. वहीं 9 घंटे सोने वाले पुरूषों के शुक्राणु ज्‍यादा स्‍वस्‍थ होते हैं. ज्‍यादा देर से सोने और सही तरह आराम नहीं करने से शरीर में एंटीस्पर्म एंटीबौडी का लेवल बढ़ता है, यह एक प्रोटीन है जो इम्यून सिस्टम में बनता है और स्वस्थ शूकाणुओं को खत्म करता है. इस तरह की स्‍टडी पहले भी हो चुकी है जिसमें ये बात हद तक स्‍पष्‍ठ हुई है.

लौकडाउन स्पेशल : पेट की चर्बी करनी हो दूर, तो करें ये काम

मोटापा एक ऐसी समस्या है जिसे लेकर सभी परेशान है. डाइट पर कंट्रोर ना होना, बीजी रूटीन, और आस पास का वातावरण इसकी असल वजह है. हमारे शरीर में पेट की चर्बी घटाता सबसे मुश्किल होता है. बेली फैट बहुत जिद्दी होता है और इसे कम करने में काफी वक्त लगता है. इसे आंत के फैट के रूप में भी जाना जाता है, जो पेट, आंत, लिवर जैसे कुछ महत्वपूर्ण अंगों के पास मौजूद होता है. आपकी बौडी के फैट का करीब 10 फीसदी हिस्सा वास्तव में आंतों का फैट होता है. यह फैट विश्लेषकों या एमआरआई स्कैन जरीए मांपा जाता है और इसका इवोल्यूशन 1 से 59 के पैमाने पर किया जाता है. इंसुलिन प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने से लेकर ब्लड प्रेशर में वृद्धि और कोलोरेक्टल कैंसर के कारण पेट की चर्बी आपके स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है, अगर हम कहे की नींद लेना आपकी चर्बी कम कर सकता है तो क्या आम मानेंगे?

क्यों बढ़ती है पेट की चर्बी

पेट की बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, जिसमें बहुत अधिक शुगर वाले खाद्य पदार्थ, ट्रांस फैट और शराब का सेवन शामिल हैं. इनका सेवन आपके पेट की चर्बी को बढ़ाता है. इतनी ही नहीं खराब जीवनशैली, कम प्रोटीन वाले आहार और रजोनिवृत्ति (Menopause) भी शामिल है.

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बेली फैट घटाने के तरीके…

नींद लें और स्वस्थ रहें

नींद हमारे संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी है. व्यक्ति को दिन में कम से कम सात घंटे की नींद बेहद जरूरी होती है. पर्याप्त नींद नहीं लेने से नींद में सांस लेने की समस्या जैसी स्वास्थ्य दिक्कत होने लगती है, जिसके कारण आपके पेट के आस-पास चर्बी जमा होने लगती है. इसलिए नींद लेना बेहद जरुरी है.

शराब से दूर रहकर करें चर्बी दूर

एक रिसर्च के मुताबिक ज्यादा शराब पीने से आपकी कमर के आस-पास चर्बी में बेतहाशा वृद्धि होती है. इसका मतलब है कि अगर आपको अपना बेली फैट घटाना है तो शराब में कटौती कर आप अपने बेली फैट को कम कर सकते हैं.

टेंशन से रहे दूर

टेंशन किसी भी समस्या का हल नहीं होता पर टेंशन आपको जरुर बहुत सारी बिमारियां दे देता है. लेकिन आप जीवनशैली में कुछ बदलाव कर इसे काफी हद तक कम जरूर कर सकते हैं. ऐसा करने से आप न केवल शांत रहेंगे बल्कि दिन में मिलने वाला तनाव से भी दूर रहेंगे.

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शुगर से रहें दूर

शुगर फ्रुक्टोज से भरपूर होती है, जो पेट की चर्बी में वृद्धि के साथ जुड़ी हई है. आप सोच रहे होंगे कि रिफाइनड शुगर खाने से यह समस्या हो सकती है, लेकिन आप गलत हैं. वास्तव में, अधिक मात्रा में हेल्दी शुगर लेने से पेट की चर्बी बढ़ सकती है.

Dr Pk Jain: यहां मिलेगा सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन

आलोक के सासससुर व मातापिता परेशान हो गए. आलोक की बीवी उसके घर आने को तैयार नहीं थी. उसे बहुत समझाया, मगर वह मानी नहीं. इसकी पूरी पड़ताल की गई. तब सचाई का पता चला कि आलोक को शीघ्रपतन की समस्या है, जिसकी वजह से वो अपनी बीवी को सतुंष्ट नहीं कर पा रहा है, इस कारण उस की बीवी उस के पास रहना नहीं चाहती थी.

आलोक के शब्दों में- मुझे काफी सालों ये समस्या थी. जिसकी वजह से मैं काफी परेशान हुआ. मैंने कई लोगों से संपर्क किया और कई जगह इलाज कराया, लेकिन कोई भी मेरा सही तरीके से इलाज नहीं कर पाया.

 ऐसे मिले डॉक्टर पी के जैन…

मेरे एक दोस्त को मेरी इस समस्या के बारे में पता चला तो उसने मुझे डॉक्टर पीके जैन के बारे में बताया. जो 40 सालों से इन्हीं समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. मेरे दोस्त ने मुझे डॉक्टर पी के जैन के कई सफल केसेस के बारे में बताया, जिसके बाद में बिना देर किए डॉक्टर पी के जैन से मिलने पहुंचा.

डॉक्टर पी के जैन ने की मदद…

डॉक्टर पी के जैन ने मुझे बताया कि मेरी प्रॉब्मल कोई बड़ी बात नहीं है. पहले भी उनके पास ऐसे कई पेशेंट आ चुके हैं. डॉक्टर पी के जैन की देखरेख में कुछ ही वक्त में मेरी बीमारी ठीक हो गई और मुझे अपनी शादीशुदा जिंदगी वापस मिल गई. मैं तो यही कहूंगा कि आपकी सेक्स लाइफ में भी अगर कोई समस्या है तो बिना यहां वहां भटकने के बजाय सीधे डॉक्टर पी के जैन से मिले और अपना इलाज करवाएं.

लखनऊ के डॉक्टर पी. के. जैन, जो पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. पी. के. जैन द्वाराृ.

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19 दिन 19 टिप्स: खाने में शामिल करें ये 4 चीजें और पाएं सिक्स पैक एब्स

जिम  में घटों पसीना बहाने के बाद भी अगर आप सिक्स पैक एब्स नही बना पा रहे है तो  शायद इसकी वजाह है आपका खानपान है. दरअसल बौडी  को शेप में लाना तो ज्यादा मुश्किल नही होता पर अगर शेप के बाद आप एब्स या मसल्स को और बिल्ड करना चाहते है तो आपको खाने पर विषेश ध्यान देने की जरुरत है. आप वर्कआउट तो बिल्कुल सही कर रहे हो लेकिन आपका ध्यान अपनी डाइट पर पूरी तरीके से नही है तो आपको एब्स शायद ना मिले. इसलिए आज हम आपके लिए लाए है खाने के कुछ ऐसे आइटम्स की लिस्ट जिसे ट्राय करने से आप सिक्स पैक एब्स जल्द पा लेंगे.

सेब

आपने यह मशहूर पंक्ति तो सुनी ही होगी कि दिन का एक सेब आपको डॉक्टर से दूर रख सकता है. लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह कैसे आपके पेट के आस-पास वाली चर्बी को भी गायब कर सकता है. जी हां ये बिल्कुल सच है. वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट मेडिकल सेंटर में किए गए एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि प्रत्येक दिन घुलनशील फाइबर में 10 ग्राम वृद्धि करने से पेट के आस-पास की चर्बी पांच वर्षों में 3.7 फीसदी तक कम हो सकती है. एक बड़े सेब में पांच ग्राम फाइबर होता है करीब 85 फीसदी पानी और दोनों ही आपका पेट भरे रखने में मदद करते हैं.

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शकरकंद

शकरकंद का स्वाद वास्तव में काफी अच्छा तो होता ही है साथ ही इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं. इस फूड को  कार्बोहाइड्रेट के किंग के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये धीरे-धीरे पचते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं. शकरकंद विटामिन और मिनरल से भरे होते हैं और हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं. ये आपको लंबे समय तक भूख लगने से छुटकारा देते हैं, जिसके कारण आप अस्वस्थकर भोजन से दूर रहते हैं.

ब्रोकोली

ब्रोकोली विटामिन सी से भरपूर होता है. विटामिन सी एक ऐसा पोषक तत्व है, जो तनावपूर्ण हालात के दौरान कोर्टिसोल स्तर को कम कर सकता है. ब्रोकोली में सल्फोराफेन नाम का फाइटोन्यूट्रिएंट भी होता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और बॉडी फैट को कम करने में मदद करता है. ब्रोकोली फाइबर से भरा एक कम कैलोरी वाला फूड है, जो आपका पेट भरा रखता है और वजन घटाने में मदद करता है.

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अंडे

हाई प्रोटीन के अलावा अंडे एब्स बनाने के लिए सबसे अच्छे फूड में से एक है. अंडे में कोलाइन होता है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और फैट कम करने में मदद करता है. अंडे अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन पाने के लिए सबसे सस्ता और आसान तरीका है. वे लोग, जो सुबह अंडे खाते हैं उनमें अन्य चीजें खाने वालों की तुलना में कम भूख लगती है.’

तो ये है वो कुछ चीजें जो रोजाना आप अपने किचन में देकते तो होंगे पर आपके इसके फायदे के बारे में पाता नहीं होगा. तो देर पत करे और इन सभी खाने को रेगुलर डाइट में फोलों करें.

19 दिन 19 टिप्स: अंडकोश के दर्द को ना करें इग्नोर, हो सकता है कैंसर

अंडकोश के कैंसर पर नई खोज करने वाले अमेरिका के आर्मी मैडिकल सैंटर के यूरोलौजी औंकोलौजिस्ट विभाग के प्रमुख डा. का कहना है कि पुरुष अंडकोश के दर्द को सामान्य रूप में लेते हैं जिस की वजह से वे डाक्टर के पास देर से जाते हैं. कुछ डाक्टर के पास जाते भी हैं तो डाक्टर पहचानने में गलती कर जाते हैं. साधारण बीमारी समझ कर उस का इलाज कर देते हैं. कैंसर विशेषज्ञ का कहना है कि अधिकतर भारतीय पुरुष अंडकोश के कैंसर से अनजान हैं जिस की वजह से वे अपने अंडकोश में आए परिवर्तन की ओर ध्यान नहीं देते हैं.

जब समस्या बढ़ जाती है तब डाक्टर के पास पहुंचते हैं. हर पुरुष को चाहिए कि वह अपने अंडकोश में आए परिवर्तन पर ध्यान रखे. अंडकोश में दर्द, सूजन, आसपास भारीपन, अजीब सा महसूस होना, लगातार हलका दर्द बना रहना, अचानक अंडकोश के साइज में काफी अंतर महसूस करना, अंडकोश पर गांठ, अंडकोश का धंसना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. पुरुषों में यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है.

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अंडकोश कैंसर के कारण

किसी भी व्यक्ति के अंडकोश में कैंसर उत्पन्न हो सकता है. इस के होने की कुछ वजहें ये हैं :

क्रिस्टोरचाइडिज्म : यदि किसी युवक के बचपन से ही अंडकोश शरीर के अंदर धंसे रहें तो उसे अंडकोश कैंसर की समस्या हो सकती है. क्रिप्टोरचाइडिज्म का इलाज बचपन में ही करवा लेना चाहिए ताकि बड़े होने पर उसे खतरनाक समस्या से न जूझना पड़े. सर्जन छोटा सा औपरेशन कर के अंडकोश को बाहर कर देते हैं.

आनुवंशिकता : यदि पिता, चाचा, नाना, भाई आदि किसी को अंडकोश के कैंसर की समस्या हुई हो तो सावधान हो जाना चाहिए. टीएसई यानी टैस्टीक्युलर सैल्फ एक्जामिनेशन द्वारा अंडकोश की जांच करते रहना चाहिए.

बचपन की चोट : बचपन में खेलते वक्त कभी किसी बच्चे को यदि अंडकोश में चोट लगी है तो बड़े होने पर उसे अंडकोश के कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है. बचपन में चोट लगने वाले पुरुषों के अंडकोश में किसी तरह का दर्द, सूजन आदि महसूस होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए.

हर्निया : हर्निया की समस्या की वजह से भी किसीकिसी के अंडकोश में दर्द व सूजन उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में डाक्टर से शीघ्र मिलना चाहिए.

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हाइड्रोसील : हाइड्रोसील की समस्या होने पर अंडकोश की थैली में पानी जैसा द्रव्य जमा हो जाता है. इस में अंडकोश में दर्द भले ही न हो लेकिन थैली के भारीपन से अंडकोश प्रभावित हो जाते हैं जिस की वजह से अंडकोश का कैंसर हो सकता है.

इंपोटैंसी : नई खोज के अनुसार, इंपोटैंसी की वजह से भी अंडकोश के कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है. डा. जूड मोले बताते हैं कि जिन लोगों को अंडकोश कैंसर की समस्या पाई गई है उन में से अधिकतर पुरुष इंपोटैंसी यानी नपुंसकता के शिकार थे.

अंडकोश का इलाज : अंडकोश में असामान्यता दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. डा. राना का कहना है कि ब्लड, यूरिन टैस्ट व अल्ट्रासाउंड द्वारा बीमारी का पता लगा लिया जाता है. बीमारी की स्थिति के मद्देनजर मरीज को दवा, कीमोथेरैपी या सर्जरी की सलाह दी जाती है. जिस तरह से महिला अपने स्तन का सैल्फ टैस्ट करती है उसी प्रकार पुरुष अपने अंडकोश का सैल्फ टैस्ट कर के जोखिम से बच सकते हैं.

सावधानी

विपरीत पोजिशन में संबंध बनाते वक्त ध्यान रखें कि अंडकोश में चोट न लगे.

तेज गति से हस्तमैथुन न करें, इस से अंडकोश को चोट लग सकती है.

किसी भी हालत में शुक्राणुओं को न रोकें. उन्हें बाहर निकल जाने दें नहीं तो यह शुक्रवाहिनियों में मर कर गांठ बना देते हैं. आगे चल कर कैंसर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है.

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क्रिकेट, हौकी, फुटबाल, कुश्ती आदि खेल खेलते समय अपने अंडकोश का ध्यान रखें. उस में चोट न लग जाए. चोट लगने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं.

टाइट अंडरवियर न पहनें, लंगोट बहुत अधिक कस कर न बांधें. इस से अंडकोश पर अधिक दबाव पड़ता है.

सूती और हलके रंग के अंडरवियर पहनें. नायलोन के अंडरवियर पहनने से अंडकोश को हवा नहीं मिल पाती है. गहरे रंग का अंडरवियर अंडकोश को गरमी पहुंचाता है.

हमेशा अंडरवियर पहन कर न रहें. रात के वक्त उसे उतार दें जिस से अंडकोश को हवा लग सके.

अधिक गरम जगह जैसे भट्ठी, कोयला इंजन के ड्राइवर, लंबी दूरी के ट्रक ड्राइवर आदि अपने अंडकोश को तेज गरमी से बचाएं.

अंडकोश पर किसी प्रकार के तेल की तेजी से मालिश न करें. यह नुकसान पहुंचा सकता है.

बहरहाल, अंडकोश में किसी भी प्रकार की तकलीफ या फर्क महसूस करने पर खामोश न रहें. डाक्टर से सलाह लें. अंडकोश की हर तकलीफ कैंसर नहीं होती लेकिन आगे चल कर वह कैंसर को जन्म दे सकती है इसलिए इस से पहले कि कोई तकलीफ गंभीर रूप ले, उस का निदान कर लें.

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