जतिन और सुधा की कुछ महीने पहले ही लव मैरिज हुई थी. दोनों के परिवार वाले भी इस रिश्ते से काफी खुश थे. शुरू शुरू में तो सब ठीक रहा. दोनों साथ घूमते, बाहर जाते और घर में भी काफी क्वालिटी टाइम स्पेंड करते. लेकिन जैसे जैसे नई शादी का खुमार उतरने लगा जतिन अपने ऑफिस में और दोस्तों के साथ बिजी रहना लगा. अब सुधा के लिए उसके पास न के बराबर ही समय था.

सुधा खुद भी घर के कामों में काफी व्यस्त रहती लेकिन जब शाम को जतिन वापस आता तो सुधा उससे प्यार के कुछ पलों की उम्मीद करती. मगर घर पर भी जतिन टीवी में या मोबाइल में लगा रहता और बेडरूम में भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही सुधा के साथ होता. नतीजा दोनों के बीच दूरिया बढ़ने लगी और आए दिन झगड़े होने लगे.

जब बात ज्यादा बढ़ गई तो सुधा नाराज होकर मायके चली गई. जतिन ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया उसे लगा कुछ ही दिनों में सुधा वापस लौट आएगी. लेकिन जब एक महीने तक सुधा नहीं लौटी और उसका कोई फोन भी नहीं आता तो जतिन को चिंता हुई. उसने फोन पर सुधा से बात करने की कोशिश की लेकिन सुधा ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही उससे मिलने के लिए तैयार हुई. जतिन अब काफी टूट चुका था और उसे समझ नहीं आ रहा था सुधा को कैसे मनाएं.

इसी दौरान जतिन का कजिन सुमित उससे मिलने आया. दोनों काफी अच्छे दोस्त भी हैं तो जतिन ने जब सुमित को अपनी परेशानी बताई तो पहले तो सुमित ने उसे खूब डांटा फिर उसकी समस्या का हल निकालने की कोशिश करने लगा. सुधा की भाभी भी यहीं चाहती थी इसलिए सुमित ने उनसे संपर्क किया. तब जाकर ये बात सामने आई कि जतिन सुधा को न सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी परेशान कर रहा था.

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