(कहानी सौजन्य-मनोहर कहानियां)
उमेश कुछ कह पाता, रिशु पलटी. दरवाजा बंद किया और अंदर से कुंडी भी चढ़ा दी. उमेश समझ गया कि रिशु क्या चाहती है. उस ने भी मन बना लिया. जो होगा, देखा जाएगा.
रिशु आ कर उस के बगल में बैठ गई. उस ने साफ शब्दों में दिल की बात कह दी, ‘‘जब से तुम्हें देखा, मन के साथ तन भी विचलित है. मुझे तुम से प्यार हो गया है.’’
‘‘भाभी, यह क्या कह रही हो. तुम किसी की पत्नी हो और मैं किसी का दोस्त.’’ उमेश ने तर्क दिया.
‘‘उस से पहले मैं एक औरत हूं, जो स्वयं अधूरी है और तुम एक मर्द, जो पराई औरत का आमंत्रण पा कर आए हो.’’
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अपनी बात कहने के साथ रिशु ने उस के सीने पर हाथ रख दिया, ‘‘जरा देखूं तो, तुम घबरा तो नहीं रहे हो.’’
रिशु का स्पर्श पा कर उमेश के बदन में करंट सा दौड़ने लगा. उस ने उसे बांहों में भर लिया. बाहर दोपहर का सन्नाटा था. ऐसे में वासना में डूबी 2 देह एकदूसरे में गुंथ गईं. कमरे में सांसों की सरगम गूंजने लगी. यह सब तभी थमा जब दोनों तृप्त हो गए.
अवैध संबंधों का खेल एक बार शुरू हुआ तो वक्त के साथ बढ़ता ही गया. रिशु थी ही इतनी मादक कि उमेश उसे पाने का लोभ छोड़ नहीं पाता था. जिस दिन अशोक की बोलेरो कार की बुकिंग होती, रिशु फोन कर उमेश को घर बुला लेती और रंगरेलियां मनाती.
अशोक कुमार इस सब से बेखबर था कि बीवी घर में क्या गुल खिला रही है. दरअसल, रिशु को पति से संतुष्टि नहीं मिल पाती थी. वह उन औरतों में से थी जिन्हें हर रात पति का साथ चाहिए होता है. वह पति से निराश हुई तो उस ने उमेश को कामनाओं का साथी बना लिया. उस का मानना था कि वह बदचलन हो कर कोई गुनाह नहीं कर रही है.
लेकिन अवैध रिश्ते को कब तक छिपाए रखा जा सकता है. उमेश का चोरीछिपे अशोक के घर आना, लोगों से छिपा न रह सका. इसे ले कर किसी ने अशोक के कान भर दिए. उस ने बीवी से जवाबतलब किया तो रिशु ने त्रियाचरित्र दिखाते हुए उलटे उस पर ही आक्षेप लगाना शुरू कर दिया कि वह उस पर लांछन लगा रहा है.
अशोक जानता था कि बिना आग धुंआ नहीं उठता है. अत: वह उमेश के घर पहुंच गया. उस ने गहरी नजर से उमेश को देखा, ‘‘आजकल बहुत पर निकल आए हैं तुम्हारे.’’
‘‘मैं ने क्या किया है भाई, जो आप की त्यौरी चढ़ी हुई है.’’ उमेश ने पूछा.
अशोक सख्त लहजे में बोला, ‘‘मेरी गैरहाजिरी में मेरे घर क्यों जाते हो?’’
‘‘नहीं तो, एकदो बार भाभी ने कुछ सामान मंगाया था, सामान देने जरूर गया था.’’
‘‘कान खोल कर सुन लो, आइंदा तुम्हें हमारे घर जाने की कोई जरूरत नहीं है.’’ कह कर अशोक तमतमाया हुआ बाहर निकल गया.
अशोक यही सोच रहा था कि उस ने उमेश को समझा दिया है और अब सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन यह सोचना उस की भूल थी.
उमेश ने रिशु को मोबाइल पर फोन कर के बता दिया कि अशोक ने उसे चेतावनी दी है. अब वह उस से मिलने नहीं आएगा.
कुछ दिन दोनों नहीं मिले. फिर दोनों ने नया रास्ता खोज लिया. दोनों घर के बाहर मिलने लगे. लेकिन एक शाम अशोक ने दोनों को गांव के बाहर प्रमोद की ट्यूबवैल वाली कोठरी में रंगेहाथ पकड़ लिया.
उमेश तो भाग निकला. लेकिन रिशु की उस ने जम कर पिटाई की. रिशु ने गलती के लिए माफी मांग ली.
रिशु ने रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद माफी जरूर मांग ली थी, लेकिन उस ने पति को मिटाने का निश्चय भी कर लिया था. उस ने अपने इरादों से उमेश को भी अवगत करा दिया था.
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एक दिन मौका मिलने पर दोनों ने सिर से सिर जोड़ कर अशोक को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और उचित समय का इंतजार करने लगे.
बन गई भूमिका हत्या की
24 जुलाई, 2020 की शाम अशोक कुमार ने पत्नी रिशु को बताया कि उसे जाफराबाद कस्बा में एक मुसलिम भाई की शादी में शामिल होेने जाना है. रात 11 बजे से पहले लौट आएगा.
रिशु ने इस की जानकारी उमेश को दे दी और कहा अच्छा मौका है, काम तमाम कर दो. इस पर उमेश ने अपनी योजना तैयार कर ली. रात 8 बजे अशोक अपनी बोलेरो कार से जफराबाद जाने के लिए निकला. तभी योजना के तहत उमेश ने तिधरा मोड़ पर हाथ दे कर उसे रोक लिया और बोला, ‘‘भाई जाफराबाद तक छोड़ दो, मुझे एक जरूरी काम है.’’
अशोक की इच्छा उसे गाड़ी पर बिठाने की नहीं थी, पर पुराना दोस्त था सो इनकार भी नहीं कर सका और बिठा लिया.
उमेश ने अपनी लच्छेदार बातों से अशोक को मूड बनाने के लिए राजी कर लिया. उमेश ने जफराबाद के ठेके पर कार रुकवा कर शराब, पानी, गिलास व नमकीन लिया. फिर दोनों ने गाड़ी में बैठ कर शराब पी.
चालाकी से उमेश ने अशोक के गिलास में नशीला पदार्थ मिला दिया, जिस से कुछ देर बाद वह बेहोश हो कर गाड़ी की पिछली सीट पर लुढ़क गया.
उमेश ड्राइवर था ही, सो वह बोलेरो को महमदपुर गांव के पास लाया और सड़क किनारे खेत में खड़ी कर दी. इस के बाद उस ने कार से लोहे की रौड निकाली और अशोक के सिर पर कई प्रहार किए. अशोक का सिर फट गया. अधिक खून बहने से उस की मौत हो गई.
अशोक की हत्या के बाद उस ने गमछे से हाथ व माथे का खून पोंछा. शराब की खाली बोतल, गिलास व नमकीन के खाली पैकेट कार के बाहर फेंके. फिर रौड व गमछे को गन्ने के खेत में छिपा कर फरार हो गया.
25 जुलाई की सुबह कुछ ग्रामीणों ने खेत में खड़ी बोलेरो में लाश देखी, तब पुलिस को सूचना दी. सूचना पाते ही थानाप्रभारी जगदीश कुशवाहा मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले कर जांच शुरू की. जांच में अवैध रिश्तों में हुई हत्या का परदाफाश हुआ.
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27 जुलाई, 2020 को थाना खुटहन पुलिस ने अभियुक्त उमेश तथा रिशु को जौनपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जिला जेल भेज दिया गया.
– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित




