रूपए पैसे ऐसी आकर्षक चीज है जिस के खातिर इंसान की नियत डोल जाती है. जाने कितने किस्से और हकीकत हमारी आंखों के आगे गुजरते जाते हैं. मगर हम उन्हें उन्हें भूल बिसार कर अपने दैनंदिन कार्यों में लग जाते हैं... अक्सर धोखा खा जाते हैं.क्योंकि  रूपए की सार संभाल के संदर्भ में यही कहा जा सकता है कि इस मामले में कभी भी किसी  दूसरे पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता. थोड़ी भी चूक हुई या फिर नियत बद हुई की रूपया गायब!

आइए.. आज आपको ऐसे ही कुछ घटनाओं से रूबरू कराएं. जिन्हें पढ़ समझ कर आप शायद जीवन में आगे कभी धोखा ना खाएं.

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पहली घटना-

राजधानी रायपुर में एक बड़े शोरूम के विश्वस्त कर्मचारी सदैव बैंक जाकर पैसे जमा करता था. एक दिन  मिलीभगत कर लूट की घटना अंजाम दी गई और पुलिस विवेचना में अंतत: शख्स को जेल जाना पड़ा.

दूसरी घटना-

न्यायधानी बिलासपुर में एक वकील का कंप्यूटर ऑपरेटर जो कि पैसों की भी देख रेख, लेनदेन किया करता था. एक दिन लूट की बात कह कर लाखों रुपए के  लूट  जाने की कहानी गढ़ी और अंततः जेल गया.

तीसरी घटना-

कोरबा जिला के कटघोरा में जनपद पंचायत के एक बाबू ने  अधिकारी का लाखों रुपया ठगने के बहाने लूट की घटना की रिपोर्ट लिखाई. विवेचना के पश्चात अंततः वही दोषी सिद्ध हुआ और जेल गया.

15 घंटे में हो गया खुलासा

छत्तीसगढ़ के कोरबा में प्राइवेट कोल कंपनी में हुई लूट को पुलिस ने 15 घंटे में खुलासा कर  पुलिस ने बताया यह एक मनगढ़ंत घटना थी. 4 अक्टूबर को देर रात पुलिस ने कंपनी के ही असिस्टेंट कैशियर को गिरफ्तार कर उसके घर से 10.5 लाख रुपए बरामद कर लिए. पुलिस इस मामले में अन्य दो आरोपियों की तलाश कर रही है. वस्तुत: असिस्टेंट कैशियर ने ही लूट की झूठी साजिश रची थी.

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