Top 15 bedtime stories for adults in Hindi एडल्ट बेडटाइम स्टोरी हिन्दी में

Top 15 bedtime stories for adults in Hindi. आज हम आपके लिए लेकर आए है कुछ ऐसी स्टोरी जिन्हे आप सोते समय पढ़कर कहानियों को लुत्फ उठा पाएंगे. इन कहानियों से जुड़कर आप कई नई जानकारियां भी हासिल कर पाएंगे साथ ही इन कहानियों से खुद को जोड़ पाएंगे. तो पढ़े  Hindi adults bedtime stories.

1. कुंआरी ख्वाहिशें-भाग 1 : हवस के चक्रव्यूह में फंसी गीता

‘‘गीता, ओ गीता. कहां है यार, मैं लेट हो रहा हूं औफिस के लिए. जल्दी चल… तुझे कालेज छोड़ने के चक्कर में मैं रोज लेट हो जाता हूं.’’

‘‘आ रही हूं भाई, तैयार तो होने दो, कितनी आफत मचा कर रखते हो हर रोज सुबह…’’

‘‘और तू… मैं हर रोज तेरी वजह से लेट हो जाता हूं. पता नहीं, क्या लीपापोती करती रहती है. भूतनी बन जाती है.’’

इतने में गीता तैयार हो कर कमरे से बाहर आई, ‘‘देखो न मां, आप की परी जैसी बेटी को एक लंगूर भूतनी कह रहा है… आप ने भी न मां, क्या मेरे गले में मुसीबत डाल दी है. मैं अपनेआप कालेज नहीं जा सकती क्या? मैं अब छोटी बच्ची नहीं हूं, जो मुझे हर वक्त सहारे की जरूरत पड़े.’’

मां ने कहा, ‘‘तू तो मेरी परी है. यह जब तक तेरे साथ न लड़े, इसे खाना हजम नहीं होता. और अब तू बड़ी हो गई है, इसलिए तुझे सहारे की जरूरत है. जमाना बहुत खराब है बच्चे, इसलिए तो कालेज जाते हुए तुझे भाई छोड़ता जाता है और वापसी में पापा लेने आते हैं. अब जा जल्दी से, भाई कब से तेरा इंतजार कर रहा है.’’

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2. अधूरी प्यास – भाग 1: नव्या पर लगा हवस का चसका bedtime adult story

चढ़ती हुई बेल… कैसी दीवानी होती है… नयानया जोबन, अल्हड़पन, बदहवास सी, बस अपनी मस्ती में सरसराती हुई छुईमुई सी हिलोरें लेती है… जिस का सहारा मिल गया, उसी से लिपट जाती है.ऐसा ही तो नव्या के साथ हो रहा था. अभीअभी जवानी की दहलीज पर कदम रखा था मानो एक नशा सा चढ़ने लगा था. एक खुमारी सी…

आईने में खुद को कईकई बार देखना, उभरते अंगों को देख कर मुसकराना और अकेले में उभारों को हलके से छूना और मस्त हो जाना. नहीं संभाल पा रही थी वह अपनी भावनाओं को, अब तो बस वह समा जाना चाहती थी किसी की मजबूत बांहों में, जहां उस के हर अंग पर पा सके वह किसी का चुंबन और सैक्स की गहराई का मजा ले सके.‘‘नव्या, यह क्या तू हर समय आईने के सामने खड़ी रहती है… स्कूल नहीं जाना है क्या? इम्तिहान सिर पर हैं…’’

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3. नाइट फ्लाइट :ऋचा से बात करने में क्यों कतरा रहा था यशbedtime story for adult

मुंबई का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा. अभी शाम के 5 भी  नहीं बजे थे. यश की फ्लाइट रात के 8 बजे की थी. वह लंबी यात्रा में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता था. सो, एयरपोर्ट जल्दी ही आ गया था. उस ने टैक्सी से अपना सामान उतार कर ट्रौली पर रखा. हवाईअड्डे पर काफी भीड़ थी. वह मन ही मन सोच रहा था, आजकल हवाई यात्रा करने वालों की कमी नहीं है. यश ने अपना पासपोर्ट और टिकट दिखा कर अंदर प्रवेश किया.

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4. हुस्न का बदला : कहानी शीला के जज्बात कीbedtime story for adult

शीला की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे और क्या न करे. पिछले एक महीने से वह परेशान थी. कालेज बंद होने वाले थे. प्रदीप सैमेस्टर का इम्तिहान देने के बाद यह कह कर गया था, ‘मैं तुम्हें पैसों का इंतजाम कर के 1-2 दिन बाद दे दूंगा. तुम निश्चिंत रहो. घबराने की कोई बात नहीं.’

‘पर है कहां वह?’ यह सवाल शीला को परेशान कर रहा था. उस की और प्रदीप की पहचान को अभी सालभर भी नहीं हुआ था कि उस ने उस से शादी का वादा कर उस के साथ… ‘शीला, तुम आज भी मेरी हो, कल भी मेरी रहोगी. मुझ से डरने की क्या जरूरत है? क्या मुझ पर तुम्हें भरोसा नहीं है?’ प्रदीप ने ऐसा कहा था.

‘तुम पर तो मुझे पूरा भरोसा है प्रदीप,’ शीला ने जवाब दिया था.

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5. तेरी देहरी : जब अनुभा ने पार की हदbedtime adult story

क्लासरूम से बाहर निकलते ही अनुभा ने अनुभव से कहा, ‘‘अरे अनुभव, कैमिस्ट्री मेरी समझ में नहीं आ रही है. क्या तुम मेरे कमरे पर आ कर मुझे समझा सकते हो?’’

‘‘हां, लेकिन छुट्टी के दिन ही आ पाऊंगा.’’

‘‘ठीक है. तुम मेरा मोबाइल नंबर ले लो और अपना नंबर दे दो. मैं इस रविवार को तुम्हारा इंतजार करूंगी. मेरा कमरा नीलम टौकीज के पास ही है. वहां पहुंच कर मुझे फोन कर देना. मैं तुम्हें ले लूंगी.’’

रविवार को अनुभव अनुभा के घर में पहुंचा. अनुभा ने बताया कि उस के साथ एक लड़की और रहती है. वह कंप्यूटर का कोर्स कर रही है. अभी वह अपने गांव गई है.

अनुभव ने अनुभा से कहा कि वह कैमिस्ट्री की किताब निकाले और जो समझ में न आया है वह पूछ ले. अनुभा ने किताब निकाली और बहुत देर तक दोनों सूत्र हल करते रहे.

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6. प्यार असफल है तुम नहींBedtime adult story

एक हार्ट केयर हौस्पिटल के शुभारंभ का आमंत्रण कार्ड कोरियर से आया था. मानसी ने पढ़ कर उसे काव्य के हाथ में दे दिया. काव्य ने उसे पढना शुरू किया और अतीत में खोता चला गया…

उस ने रक्षित का दरवाजा खटखटाया. वह उस का बचपन का दोस्त था. बाद में दोनों कालेज अलगअलग होने के कारण बहुत ही मुश्किल से मिलते थे. काव्य इंजीनियरिंग कर रहा था और रक्षित डाक्टरी की पढ़ाई. आज काव्य अपने मामा के यहां शादी में अहमदाबाद आया हुआ था, तो सोचा कि अपने खास दोस्त रक्षित से मिल लूं, क्योंकि शादी का फंक्शन शाम को होना था. अभी दोपहर के 3-4 घंटे दोस्त के साथ गुजार लूं. जीभर कर मस्ती करेंगे और ढेर सारी बातें करेंगे. वह रक्षित को सरप्राइज देना चाहता था.

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7. अकेलापन: क्यों दर्द झेल रही थी सरोजbedtime adult story

राजेश पिछले शनिवार को अपने घर गए थे लेकिन तेज बुखार के कारण वह सोमवार को वापस नहीं लौटे. आज का पूरा दिन उन्होंने मेरे साथ गुजारने का वादा किया था. अपने जन्मदिन पर उन से न मिल कर मेरा मन सचमुच बहुत दुखी होता.

राजेश को अपने प्रेमी के रूप में स्वीकार किए मुझे करीब 2 साल बीत चुके हैं. उन के दोनों बेटों सोनू और मोनू व पत्नी सरोज से आज मैं पहली बार मिलूंगी.

राजेश के घर जाने से एक दिन पहले हमारे बीच जो वार्तालाप हुआ था वह रास्ते भर मेरे जेहन में गूंजता रहा.

‘मैं शादी कर के घर बसाना चाहती हूं…मां बनना चाहती हूं,’ उन की बांहों के घेरे में कैद होने के बाद मैं ने भावुक स्वर में अपने दिल की इच्छा उन से जाहिर की थी.

‘कोई उपयुक्त साथी ढूंढ़ लिया है?’ उन्होंने मुझे शरारती अंदाज में मुसकराते हुए छेड़ा.

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8. मेरी डोर कोई खींचे : रचना की कहानीbedtime adult story

ट्रक से सामान उतरवातेउतरवाते रचना थक कर चूर हो गई थी. यों तो यह पैकर्स वालों की जिम्मेदारी थी, फिर भी अपने जीवनभर की बसीबसाई गृहस्थी को यों एक ट्रक में समाते देखना और फिर भागते हुए ट्रक में उस का हिचकोले लेना, यह सब झेलना भी कोईर् कम धैर्य का काम नहीं था. उस का मन तब तक ट्रक में ही अटका रहा था जब तक वह सहीसलामत अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच गया था. खैर, रचना के लिए यह कोई नया तजरबा नहीं था. तबादले का दंश तो वह अपने पिता के साथ बचपन से ही झेलती आ रही थी. हां, इसे दंश कहना ही उचित होगा क्योंकि इस की तकलीफ तो वही जानता है जो इसे भुगतता है. रचना को यह बिलकुल पसंद नहीं था क्योंकि स्थानांतरण से होने वाले दुष्परिणामों से वह भलीभांति परिचित थी.

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9. अनकहा प्यार: एक दूजे के लिएbedtime adult story

मुक्ता और महत्त्व की मुलाकात औफिस जाने के दौरान एक बस में हुई थी, फिर उन का मेलजोल बढ़ने लगा. एक दिन तेज बारिश के समय महत्त्व ने मुक्ता को औफिस न जाने को कहा और अपनी बाइक पर उसे घुमाने ले गया. आगे क्या हुआ? कालेकाले बादलों ने आसमान में डेरा डाल दिया. मुक्ता तेजी से लौन की तरफ दौड़ी सूखे हुए कपड़ों को हटाने के लिए. बूंदों ने झमाझम बरसना शुरू कर दिया.

कपड़े उतारतेउतारते मुक्ता काफी भीग चुकी थी. अंदर आते ही उस ने छींकना शुरू कर दिया.

मां बड़बड़ाते हुए बोलीं, ‘‘मुक्ता, मैं ने तुझ से कितनी बार कहा है कि भीगा मत कर, लेकिन तू मानती ही नहीं.’’ मुक्ता ने शांत भाव से कहा, ‘‘मां, आप सो रही थीं, इसलिए मैं खुद ही चली गई. मां, अगर आप जातीं, तो आप भी तो भीग जातीं न.’’ मां दुलारते हुए बोलीं, ‘‘मेरी बेटी मां को इतना प्यार करती है…’’

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10. सबसे हसीन वह: भाग 1bedtime adult story

इन दिनों अनुजा की स्थिति ‘कहां फंस गई मैं’ वाली थी. कहीं ऐसा भी होता है भला? वह अपनेआप में कसमसा रही थी.

ऊपर से बर्फ का ढेला बनी बैठी थी और भीतर उस के ज्वालामुखी दहक रहा था. ‘क्या मेरे मातापिता तब अंधेबहरे थे? क्या वे इतने निष्ठुर हैं? अगर नहीं, तो बिना परखे ऐसे लड़के से क्यों बांध दिया मु झे जो किसी अन्य की खातिर मु झे छोड़ भागा है, जाने कहां? अभी तो अपनी सुहागरात तक भी नहीं हुई है. जाने कहां भटक रहा होगा. फिर, पता नहीं वह लौटेगा भी या नहीं.’

उस की विचारशृंखला में इसी तरह के सैकड़ों सवाल उमड़तेघुमड़ते रहे थे. और वह इन सवालों को  झेल भी रही थी.  झेल क्या रही थी, तड़प रही थी वह तो.

लेकिन जब उसे उस के घर से भाग जाने के कारण की जानकारी हुई, झटका लगा था उसे. उस की बाट जोहने में 15 दिन कब निकल गए. क्या बीती होगी उस पर, कोई तो पूछे उस से आ कर.

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11. ऊंच नीच की दीवार : दिनेश और सरिता की रिजर्व्ड लवस्टोरीbedtime adult story

‘‘बाबूजी…’’

‘‘क्या बात है सुभाष?’’

‘‘दिनेश उस दलित लड़की से शादी कर रहा है,’’ सुभाष ने धीरे से कहा.

‘‘क्या कहा, दिनेश उसी दलित लड़की से शादी कर रहा है…’’ पिता भवानीराम गुस्से से आगबबूला हो उठे.

वे आगे बोले, ‘‘हमारे समाज में क्या लड़कियों की कमी है, जो वह एक दलित लड़की से शादी करने पर तुला है? अब मेरी समझ में आया कि उसे नौकरी वाली लड़की क्यों चाहिए थी.’’

‘‘यह भी सुना है कि वह दलित परिवार बहुत पैसे वाला है,’’ सुभाष ने जब यह बात कही, तब भवानीराम कुछ सोच कर बोले, ‘‘पैसे वाला हुआ तो क्या हुआ? क्या दिनेश उस के पैसे से शादी कर रहा है? कौन है वह लड़की?’’

‘‘उसी के स्कूल की कोई सरिता है?’’ सुभाष ने जवाब दिया.

‘‘देखो सुभाष, तुम अपने छोटे भाई दिनेश को समझाओ.’’

‘‘बाबूजी, मैं तो समझा चुका हूं, मगर वह तो उसी के साथ शादी करने का मन बना चुका है,’’ सुभाष ने जब यह बात कही, तब भवानीराम सोच में पड़ गए. वे दिनेश को शादी करने से कैसे रोकें? चूंकि उन के लिए यह जाति की लड़ाई है और इस लड़ाई में उन का अहं आड़े आ रहा है.

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12. मर्यादा- स्वाति को फ्लर्टिंग करना क्यों अच्छा लगता थाBedtime adult story

रात के 12 बज रहे थे, लेकिन स्वाति की आंखों में नींद नहीं थी. वह करवटें बदल रही थी. उस की बगल में लेटा पति वरुण गहरी नींद में खर्राटे भर रहा था. स्वाति दिन भर की थकान के बाद भी सो नहीं पा रही थी. आज का घटनाक्रम बारबार उस की आंखों में घूम रहा था. आज ऐसा कुछ हुआ कि वह कांप कर रह गई. जिसे वह सिर्फ खेल समझती थी वह कितना गंभीर हो सकता है, उसे इस बात का भान नहीं था. वह मर्दों से हलकाफुलका मजाक और फ्लर्टिंग को सामान्य बात समझती थी. स्वाति अपनी फ्रैंड्स और रिश्तेदारों से कहती थी कि उस की मार्केट में इतनी जानपहचान है कि कोई भी सामान उसे स्पैशल डिस्काउंट पर मिलता है.

13. छल: आशिक की मारी रोमाbedtime adult story

रोमा सारे घरों का काम जल्दीजल्दी निबटा कर तेज कदमों से भाग ही रही थी कि वनिता ने आवाज लगाई, ‘‘अरी ओ रोमा… नाश्ता तो करती जा. मैं ने तेरे लिए ही निकाल कर रखा है.’’‘‘रख दीजिए बीबीजी, मैं शाम को आ कर खा लूंगी. अभी बहुत जरूरी काम से जा रही हूं,’’ कहते हुए रोमा सरपट दौड़ गई. रोमा यहां सोसाइटी के कुछ घरों में झाड़ूपोंछा, बरतन, साफसफाई का काम करती थी. इस समय वह इतनी तेजी से अपने प्रेमी रौनी से मिलने जा रही थी. रौनी बगल वाली सोसाइटी में मिस्टर मेहरा के यहां ड्राइवर था.

पिछले 2 साल से रोमा और रौनी में गहरी जानपहचान हो गई थी. वे दोनों अगलबगल की सोसाइटी में काम करते थे और एक दिन आतेजाते उन की निगाहें टकरा गईं. फिर देखते ही देखते उन के बीच प्यार की शहनाई बज उठी.जवानी की दहलीज पर अभीअभी कदम रखने वाली रोमा पूर्णमासी के चांद की तरह बेहद ही खूबसूरत और मादक लगती थी.

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14. पराकाष्ठा- भाग 1: एक विज्ञापन ने कैसे बदली साक्षी की जिंदगीbedtime adult story

आज भी मुखपृष्ठ की सुर्खियों पर नजर दौड़ाने के पश्चात वह भीतरी पृष्ठों को देखने लगी. लघु विज्ञापन तथा वर/वधू चाहिए, पढ़ने में साक्षी को सदा से ही आनंद आता है.

कालिज के जमाने में वह ऐसे विज्ञापन पढ़ने के बाद अखबार में से उन्हें काट कर अपनी सहेलियों को दिखाती थी और हंसीठट्ठा करती थी.

शहर के समाचार देखने के बाद साक्षी की नजर वैवाहिक विज्ञापन पर पड़ी जिसे बाक्स में मोटे अक्षरों के साथ प्रकाशित किया गया था, ‘30 वर्षीय नौकरीपेशा, तलाकशुदा, 1 वर्षीय बेटे के पिता के लिए आवश्यकता है सुघड़, सुशील, पढ़ीलिखी कन्या की. गृहकार्य में दक्ष, पति की भावनाओं, संवेदनाओं के प्रति आदर रखने वाली, समझौतावादी व उदार दृष्टिकोण वाली को प्राथमिकता. शीघ्र संपर्र्ककरें…’

साक्षी के पूरे शरीर में झुरझुरी सी होने लगी, ‘कहीं यह विज्ञापन सुदीप ने ही तो नहीं दिया? मजमून पढ़ कर तो यही लगता है. लेकिन वह तलाकशुदा कहां है? अभी तो उन के बीच तलाक हुआ ही नहीं है. हां, तलाक की बात 2-4 बार उठी जरूर है.

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15. वे तीन शब्द: क्या आरोही को अपना हमसफर बना पाया आदित्य ?bedtime adult story

दीवाली की उस रात कुछ ऐसा हुआ कि जितना शोर घर के बाहर मच रहा था उतना ही शोर मेरे मन में भी मच रहा था. मुझे आज खुद पर यकीन नहीं हो रहा था. क्या मैं वही आदित्य हूं, जो कल था… कल तक सब ठीक था… फिर आज क्यों मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था… आज मैं अपनी ही नजरों में गुनाहगार हो गया था. किसी ने सही कहा है, ‘आप दूसरे की नजर में दोषी हो कर जी सकते हैं, लेकिन अपनी नजर में गिर कर कभी नहीं जी सकते.’

मुझे आज भी आरोही से उतना ही प्यार था जितना कल था, लेकिन मैं ने फिर भी उस का दिल तोड़ दिया. मैं आज बहुत बड़ी कशमकश में गुजर रहा हूं.

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Best 7 Young Adult Short Stories in hindi एडल्ट स्टोरी हिन्दी में

Best 7 Young Adult Short stories in hindi of 2023: इन एडल्ट स्टोरी को पढ़कर आप नई-नई जानकारी लें पाएंगे और कुछ हटकर कहानियां का लुफ्त उठा सकेंगे. इन कहानियों को पढ़ने मेें कुछ अलग ही आनंद है. जिनसे आप जनकारी के साथ-साथ स्टोरी पढ़ने का मजा भी उठा पाएंगे. साथ ही इन स्टोरी से जुड़ पाएंगे. तो पढ़े 7 Young Adult Short stories in hindi.

1. सूली ऊपर सेज पिया की

आकृति भाग कर बैडरूम से बाहर निकलने लगी. राठीजी ने उसे दरवाजे पर ही पकड़ लिया और खींच कर दोबारा बिस्तर में ले आए. उस ने छूटने के लिए काफी जोर लगाया, मगर छूट नहीं पाई.

राठीजी अपने शरीर का पूरा भार लिए उस पर चढ़ गए. वह बुरी तरह दब गई. जब उस का तिलमिलाना बंद हुआ, तब वे उस की छाती से शुरू करने लगे.

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2. वर्जिन : कैसे टूटा उन दोनों के सब्र का बांध      adult story

रोहित अमला से मिलने उस के कालेज आया था. दोनों कैंटीन में बैठे चाय पी रहे थे. रोहित एमबीए फाइनल ईयर में था और अमला एमए फाइनल में थी. दोनों ने प्लस टू की पढ़ाई एक ही स्कूल से की थी. इस  के बाद वे कालेज की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए थे. रोहित ग्रेजुएशन के बाद एमबीए करने दूसरे कालेज चला गया था, पर अकसर अमला से मिलने उस के कालेज आता था. उसे कैंपस से अच्छा प्लेसमैंट मिल गया था. दोनों लगभग 6 साल से एकदूसरे को जानते थे और अच्छी तरह परिचित थे.

अमला काफी सुंदर थी और रोहित भी हैंडसम और स्मार्ट था. दोनों पिछले 2 साल से एकदूसरे को चाहने भी लगे थे. दोनों चाय पी रहे थे और टेबल के नीचे अपनी टांगों की जुगलबंदी किए बैठे थे. तभी रोहित का एक दोस्त अशोक भी अपनी गर्लफ्रैंड के साथ वहां आ गया. उस टेबल पर 2 कुरसियां खाली थीं. वे दोनों भी वहीं बैठ गए.

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3. मोहिनी : देह की भूख ने बर्बाद कर दिया परिवारadult story

मनोहरा की पत्नी मोहिनी बड़ी शोख और चुलबुली थी. अपनी अदाओं से वह मनोहरा को हमेशा मदहोश किए रहती थी. उस को पा कर मनोहरा को जैसे पंख लग गए थे और वह हमेशा आकाश में उड़ान भरने को तैयार हो उठता था. मोहिनी उस की इस उड़ान को हमेशा ही सहारा दे कर दुनिया जीतने का सपना देखती रहती थी.

अपने मायके में भी मोहिनी खुली हिरनी की तरह गांवभर में घूमती रहती थी. इस में उसे कोई हिचक नहीं होती थी, क्योंकि उस की मां बचपन में ही मर गई थी और सौतेली मां का उस पर कोई कंट्रोल न था.

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4. संबंध: क्या विधवा औरत दूसरी शादी नहीं कर सकती?adult story

इस औरत को देख रही हो… जिस की गोद में बच्चा है?’’

‘‘हांहां, देख रही हूं… कौन है यह?’’

‘‘अरे, इस को नहीं जानती तू?’’ पहली वाली औरत बोली.

‘‘हांहां, नहीं जानती,’’ दूसरी वाली औरत इनकार करते हुए बोली.

‘‘यह पवन सेठ की दूसरी औरत है. पहली औरत गुजर गई, तब उस ने इस औरत से शादी कर ली.’’

‘‘हाय, कहां पवन सेठ और कहां यह औरत…’’ हैरानी से दूसरी औरत बोली, ‘‘इस की गोद में जो लड़का है, वह पवन सेठ का नहीं है.’’

‘‘तब, फिर किस का है?’’

‘‘पवन सेठ के नौकर रामलाल का,’’ पहली वाली औरत ने जवाब दिया.

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5. प्यासा सावन : जब अमर ने देखी पारो की खूबसूरतीadult story

रात के 2 बजे थे. अमर अपने कमरे में बेसुध सोया हुआ था कि तभी दरवाजे पर ठकठक हुई. ठकठक की आवाज से अमर की नींद खुल गई. लेकिन उस ने सोचा कि शायद यह आवाज उस के मन का भरम है, इसलिए वह करवट बदल कर फिर सो गया.

लेकिन कुछ देर बाद फिर ठकठक की आवाज आई. ‘लगता है कोई है,’ उस ने मन ही मन सोचा, फिर उठ कर लाइट जलाई और दरवाजा खोलने लगा. तभी उस के मन में खयाल आया कि कहीं बाहर कोई चोर तो नहीं है.

यह खयाल आते ही वह थोड़ा सहम सा गया. फिर उस ने धीरे से पूछा, ‘‘कौन है?’’

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6. प्यार का चसका : अमित और रंभा ने की मस्तीadult story

शहर के कालेज में पढ़ने वाला अमित छुट्टियों में अपने गांव आया, तो उस की मां बोली, ‘‘मेरी सहेली चंदा आई थी. वह और उस की बेटी रंभा तुझे बहुत याद कर रही थीं. वह कह गई है कि तू जब गांव आए तो उन से मिलने उन के गांव आ जाए, क्योंकि रंभा अब तेरे साथ रह कर अपनी पढ़ाई करेगी.’’

यह सुन कर दूसरे दिन ही अमित अपनी मां की सहेली चंदा से मिलने उन के गांव चला गया था.

जब अमित वहां पहुंचा, तो चंदा और उन के घर के सभी लोग खेतों पर गए हुए थे. घर पर रंभा अकेली थी. अमित को देख कर वह बहुत खुश हुई थी.

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7. प्यासी नदी : क्या थी नौकरानी की कहानीadult story

मेरे पतिदेव को चलतेफिरते मुझे छेड़ते हुए शरारत करने की आदत है. वे कभी गाल छू लेते हैं, तो कभी कमर पर चुटकी ले लेते हैं. यह भी नहीं देखते कि आसपास कोई है या नहीं. बस, मेरे प्रति अपना ढेर सारे प्यार को सरेआम जता देते हैं.  मेरे मना करने पर या ‘शर्म करो’ कहने पर कहते हैं, ‘अरे यार, अपनी खुद की बाकायदा बीवी को छेड़ रहा हूं, कोई राह चलती लड़की को नहीं और प्यार जता रहा हूं, सता नहीं रहा… समझी जानू…’

बेशक, मुझे भी उन का यों प्यार जताना गुदगुदा जाता है. कभी चुपके से मैं भी इन की पप्पी ले लेती हूं… हम मियांबीवी जो हैं.  पर, 1-2 बार मैं ने नोटिस किया है कि मेरी कामवाली गीता हम पतिपत्नी की ये अठखेलियां दरवाजे के पीछे खड़ी रह कर छिपछिप कर देखती है.

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हाय हैंडसम: प्रेम की दिवानी गौरी का क्या हुआ

Story in hindi

प्रेम और रोमांस एक सिक्के के दो पहलू

रोमांस का मतलब केवल प्यारमुहब्बत और दैहिक सुख प्राप्त करना ही नहीं है, बल्कि रोमांस का अर्थ है दो युवा दिलों का एकसाथ धड़कना, एकदूसरे की भावनाओं को सम झना. जिस प्रेम में निष्ठा हो उस में ही रोमांस प्राप्त होता है. विद्वानों का भी मत है कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए निष्ठा व प्रेम बहुत जरूरी है. कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य में तभी कामयाबी पाता है जब उस के मन में कुछ कर पाने की इच्छा और लगन होगी.

रोमांस यानी अपने प्यार को दिलोजान से पाने की कल्पना. कोई ऐसा साथी मिले जो प्यारी सी मीठी कोई बात या फिर छेड़छाड़ करे जो तनमन में स्पंदन जगा कर रोमरोम को पुलकित कर दे. आज भी इस की मीठी व पुरानी तान मन में जोश और उत्साह भर देती है. यों कहें कि रोमांस एक खूबसूरत एहसास भर देता है.

एक मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत सुजाता का मानना है कि रोमांस के बिना जिंदगी अधूरी होती है. मैं नहीं जानती कि रोमांस की उत्पत्ति कब और कहां हुई, पर मैं इतना जरूर कहूंगी कि रोमांस चाहत के साथसाथ अपने प्यार के प्रति दीवानगी को बढ़ाता है. इसलिए तो रोमांस को एक कल्पना कहा गया है. प्यार की कल्पना करना ही रोमांस से अधिभूत हो जाना होता है.

आकर्षण

महिला सामाजिक संगठन की राष्ट्रीय महासचिव जया की मानें तो रोमांस ऐसा आकर्षण है जो अपने प्रिय को अपनी ओर आकर्षित करता है. जो कम समय में ही, खासकर, अपने प्यार को अपने सम्मोहन में जकड़ लेता है.

अकेलेपन की उदासियों में रोमांस जीवन में रंग भरने का काम करता है. एकदूसरे का सामीप्य रोमांस की संभावनाओं को और बढ़ा देता है या यों कहें कि रोमांस ने बिजी लाइफ स्टाइल को भी मानवीय जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है, क्योंकि रोमांस के बिना सबकुछ अधूराअधूरा सा लगता है.

एक सिक्के के दो पहलू

प्रेम और रोमांस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. एक निजी स्कूल संचालिका गीता का कहना है, ‘‘रोमांस के बिना प्यार संभव ही नहीं है, क्योंकि ये दोनों ही व्यक्ति को प्यार की राह पर आगे बढ़ने को मजबूर कर देते हैं.’’

वे आगे कहती हैं, ‘‘प्यार अगर मंजिल है तो रोमांस उस तक पहुंचाने का रास्ता है. बिना रोमांस के प्यार को परवान तक पहुंचा पाना मुश्किल होता है. रोमांस प्रेम में तभी बदलता है, जब एकदूसरे के प्रति रोमांस के भाव उत्पन्न हों. यहां हम यह कह सकते हैं कि रोमांस दो प्रेमपथिकों को एकदूसरे से जोड़ने का सरल व सुंदर माध्यम है.

उत्साह

रोमांस में उत्साह का होना बहुत जरूरी है. बिना उत्साह के इस का रसपान करना संभव नहीं है. उत्साह ही रोमांस को जोशीला बनाता है. तनमन की गहराइयों का एहसास कराता है. सुरेश और संगीता अपने रोमांस को ले कर काफी उत्साहित थे. इसीलिए आज वे दोनों रोमांस करने के बाद अच्छे साथी बन कर एक सफल गृहस्थ जीवनयापन कर रहे हैं. आज भी दोनों अपनेआप को पहली बार रोमांस करने वाला सम झते हैं. उत्साह ने जोश के साथ जीने की इच्छा बढ़ा दी है.

वास्तविकता

प्रेम और रोमांस में वास्तविकता होनी बहुत जरूरी है. प्रेम में खुशबू है और खुशबू की तरह प्रेम को भी छिपाया नहीं जा सकता है. दो युवा दिल अपने बदन की खुशबू को बखूबी पहचानते हैं, महसूस करते हैं. खुशबूरूपी वास्तविकता प्यार में ताजगी बनाए रखती है, इसलिए प्रेम में वास्तविकता संजीवनी का काम करती है. फिर कहा भी जाता है कि प्रेम में अमीरीगरीबी नहीं देखी जाती.

एहसास

रोमांस एक एहसास है, जिस की गहराई महसूस की जा सकती है. अपने चाहने वाले के लिए जिस प्रकार दिल की धड़कनें रुकने का नाम नहीं लेतीं, ठीक उसी प्रकार प्यार में रोमांस के बिना मजा किरकिरा हो जाता है. किसी अपने चहेते को, जो दिल ही दिल आप को चाहता है, उस से मिलने की इच्छा तीव्र हो जाती है. प्रिय से निगाहें मिलने पर तनमन में स्पंदन सा महसूस होता है और तब प्यार के सागर में डुबकी लगाने को मन करता है. यही तो है रोमांस आप का. मैं तो यही कहूंगा कि रोमांस तभी आनंदित करता है जब उस में एकदूसरे का एहसास हो.

जहां प्रेम में केवल एहसास होता है, रोमांस में कुछ आगे बढ़ कर करना होता है. लव में गिफ्ट्स की नीड नहीं है, रोमांस में है. लव में एकदूसरे का साथ काफी है, रोमांस में हाथ पकड़ना, बांहों में लेना, गोदी में लेटना भी शामिल है. रोमांस में लव का एक्सप्रैशन भी हो.

वैसे, आज जब विवाह पूर्व सैक्स आम है, लव और रोमांस के बीच खिंची अनदिखी लाइन न के बराबर है. रोमांस शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. रोमांस का भाव स्थायी नहीं, संचारी होता है, क्योंकि यह प्रेमियों के तनमन में संचारित होता रहता है. प्रेम और रोमांस की समान महत्ता अपना प्यार पाने में सफल बनाती है.

Top 20 Romantic Story in Hindi: टॉप 20 रोमांटिक कहानियां हिंदी में

Romantic Story in Hindi: ‘प्यार’ एक ऐसा अहसास है जिसे हर कोई जीना चाहता है. जब हम किसी से प्यार करते हैं तो उसमें केवल खूबियां ही नजर आती हैं, चाहे वह हमारे साथ धोखा ही क्यों न कर रहा हो. लेकिन हर प्यार के रिश्ते में ऐसा नहीं होता. कई लोग तो अपने प्यार की खातिर कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. तो इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं सरस सलिल की  Top 20 Romantic Story in Hindi. प्यार और रिश्ते से जुड़ी दिलचस्प कहानियां, जिससे आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा, क्या वाकई में सच्चा प्यार मिल सकता है? तो अगर आपको भी है कहानियां पढ़ने का शौक तो पढ़िए सरस सलिल की Top 20 Romantic Story in Hindi.

1.मुरझाया मन: जब प्यार के बदले मिला दर्द

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‘‘कोई घर अपनी शानदार सजावट खराब होने से नहीं, बल्कि अपने गिनेचुने सदस्यों के दूर चले जाने से खाली होता है,’’ मां उस को फोन करती रहीं और अहसास दिलाती रहीं, ‘‘वह घर से निकला है तो घर खालीखाली सा हो गया है.’’

‘मां, अब मैं 20 साल का हूं, आप ने कहा कि 10 दिन की छुट्टी है तो दुनिया को समझो. अब वही तो कर रहा हूं. कोई भी जीवन यों ही तो खास नहीं होता, उस को संवारना पड़ता है.’

‘‘ठीक है बेबी, तुम अपने दिल की  करो, मगर मां को मत भूल जाना.’’ ‘मां, मैं पिछले 20 साल से सिर्फ आप की ही बात मानता आया हूं. आप जो कहती हो, वही करता हूं न मां.’

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2. अटूट प्यार : यामिनी से क्यों दूर हो गया था रोहित

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‘कितने मस्ती भरे दिन थे वे…’ बीते दिनों को याद कर यामिनी की आंखें भर आईं.

कालेज में उस का पहला दिन था. कैमिस्ट्री की क्लास चल रही थी. प्रोफैसर साहब कुछ भी पूछते तो रोहित फटाफट जवाब दे देता. उस की हाजिरजवाबी और विषय की गहराई से समझ देख यामिनी के दिल में वह उतरता चला गया.

कालेज में दाखिले के बाद पहली बार क्लास शुरू हुई थी. इसीलिए सभी छात्रछात्राओं को एकदूसरे को जाननेसमझने में कुछ दिन लग गए. एक दिन यामिनी कालेज पहुंची तो रोहित कालेज के गेट पर ही मिल गया. उस ने मुसकरा कर हैलो कहा और अपना परिचय दिया. यामिनी तो उस पर पहले दिन से ही मोहित थी. उस का मिलनसार व्यवहार देख वह खुश हो गई.

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3. परख : प्यार व जनून के बीच थी मुग्धा

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मुग्धा कैंटीन में कोल्डड्रिंक और सैंडविच लेने के लिए लाइन में खड़ी थी कि अचानक कंधे पर किसी का स्पर्श पा कर यह चौंक कर पलटी तो पीछे प्रसाद खड़ा मुसकरा रहा था.

‘‘तुम?’’ मुग्धा के मुख से अनायास ही निकला.

‘‘हां मैं, तुम्हारा प्रसाद. पर तुम यहां क्या कर रही हो?’’ प्रसाद ने मुसकराते हुए प्रश्न किया.

‘‘जोर से भूख लगी थी, सोचा एक सैंडविच ले कर कैब में बैठ कर खाऊंगी,’’ मुग्धा हिचकिचाते हुए बोली.

‘‘चलो, मेरे साथ, कहीं बैठ कर चैन से कुछ खाएंगे,’’ प्रसाद ने बड़े अपनेपन से उस का हाथ पकड़ कर खींचा.

‘‘नहीं, मेरी कैब चली जाएगी. फिर कभी,’’ मुग्धा ने पीछा छुड़ाना चाहा.

‘‘कैब चली भी गई तो क्या? मैं छोड़ दूंगा तुम्हें,’’ प्रसाद हंसा.

‘‘नहीं, आज नहीं. मैं जरा जल्दी में हूं. मां के साथ जरूरी काम से जाना है,’’ मुग्धा अपनी बारी आने पर सैंडविच और कोल्डड्रिंक लेते हुए बोली. उसे अचानक ही कुछ याद आ गया था.

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4. लव इन मालगाड़ी: मालगाड़ी में पनपा मंजेश और ममता का प्यार

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देश में लौकडाउन का ऐलान हो गया, सारी फैक्टरियां बंद हो गईं, मजदूर घर पर बैठ गए. जाएं भी तो कहां. दिहाड़ी मजदूरों की शामत आ गई. किराए के कमरों में रहते हैं, कमरे का किराया भी देना है और राशन का इंतजाम भी करना है. फैक्टरियां बंद होने पर मजदूरी भी नहीं मिली.

मंजेश बढ़ई था. उसे एक कोठी में लकड़ी का काम मिला था. लौकडाउन में काम बंद हो गया और जो काम किया, उस की मजदूरी भी नहीं मिली.

मालिक ने बोल दिया, ‘‘लौकडाउन के बाद जब काम शुरू होगा, तभी मजदूरी मिलेगी.’’

एक हफ्ते घर बैठना पड़ा. बस, कुछ रुपए जेब में पड़े थे. उस ने गांव जाने की सोची कि फसल कटाई का समय है, वहीं मजदूरी मिल जाएगी. पर समस्या गांव पहुंचने की थी, दिल्ली से 500 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के सीतापुर के पास गांव है. रेल, बस वगैरह सब बंद हैं.

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5. प्रेम का दूसरा नाम: क्या हो पाई उन दोनों की शादी

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दियाबाती कर अभी उठी ही थी कि सांझ के धुंधलके में दरवाजे पर एक छाया दिखी. इस वक्त कौन आया है यह सोच कर मैं ने जोर से आवाज दी, ‘‘कौन है?’’

‘‘मैं, रोहित, आंटी,’’ कुछ गहरे स्वर में जवाब आया.

रोहित और इस वक्त? अच्छा है जो पूर्वा के पापा घर पर नहीं हैं, यदि होते तो भारी मुश्किल हो जाती, क्योंकि रोहित को देख कर तो उन की त्यौरियां ही चढ़ जाती हैं.

‘‘हां, भीतर आ जाओ बेटा. कहो, कैसे आना हुआ?’’

‘‘कुछ नहीं, आंटी, सिर्फ यह शादी का कार्ड देने आया था.’’

‘‘किस की शादी है?’’

‘‘मेरी ही है,’’ कुछ शरमाते हुए वह बोला, ‘‘अगले रविवार को शादी और सोमवार को रिसेप्शन है, आप और अंकल जरूर आना.’’

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6. इजहार: सीमा के लिए गुलदस्ता भेजने वाले का क्या था राज?

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मनीषा ने सुबह उठते ही जोशीले अंदाज में पूछा, ‘‘पापा, आज आप मम्मी को क्या गिफ्ट दे रहे हो?’’

‘‘आज क्या खास दिन है, बेटी?’’ कपिल ने माथे में बल डाल कर बेटी की तरफ देखा.

‘‘आप भी हद करते हो, पापा. पिछले कई सालों की तरह आप इस बार भी भूल गए कि आज वैलेंटाइनडे है. आप जिसे भी प्यार करते हो, उसे आज के दिन कोई न कोई उपहार देने का रिवाज है.’’

‘‘ये सब बातें मुझे मालूम हैं, पर मैं पूछता हूं कि विदेशियों के ढकोसले हमें क्यों अपनाते हैं?’’

‘‘पापा, बात देशीविदेशी की नहीं, बल्कि अपने प्यार का इजहार करने की है.’’

‘‘मुझे नहीं लगता कि सच्चा प्यार किसी तरह के इजहार का मुहताज होता है. तेरी मां और मेरे बीच तो प्यार का मजबूत बंधन जन्मोंजन्मों पुराना है.’’

‘‘तू भी किन को समझाने की कोशिश कर रही है, मनीषा?’’ मेरी जीवनसंगिनी ने उखड़े मूड के साथ हम बापबेटी के वार्तालाप में हस्तक्षेप किया, ‘‘इन से वह बातें करना बिलकुल बेकार है जिन में खर्चा होने वाला हो, ये न ला कर दें मुझे 5-10 रुपए का गिफ्ट भी.’’

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7. आहत: शालिनी के प्यार में डूबा सौरभ उसके स्वार्थी प्रेम से कैसे था अनजान

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बहुत तड़के ही शालिनी उठ कर नहाने चली गई. अभी वह ड्रैसिंगटेबल के पास पहुंची ही थी कि सौरभ ने उसे पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और चुंबनों की बौछार कर दी.

‘‘अरे छोड़ो न, क्या करते हो? रात भर मस्ती की है, फिर भी मन नहीं भरा तुम्हारा,’’ शालिनी कसमसाई.

‘‘मैं तुम्हें जितना ज्यादा प्यार करता हूं, उतना ही और ज्यादा करने का मन करता है.’’

‘‘अच्छा… तो अगर मैं आज कुछ मांगूं तो दोगे?’’

‘‘जान मांगलो, पर अभी मुझे प्यार करने से न रोको.’’

‘‘उफ, इतनी बेचैनी… अच्छा सुनो मैं ने नौकरी करने का निर्णय लिया है.’’

‘‘अरे, मैं तो खुद ही कह चुका हूं तुम्हें… घर बैठ कर बोर होने से तो अच्छा ही है… अच्छा समझ गया. तुम चाहती हो मैं तुम्हारी नौकरी के लिए किसी से बात करूं.’’

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8. उज्ज्वला: क्या सुनिल ने उज्ज्वला को पत्नी के रूप में स्वीकार किया

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सुनील के जाते ही उज्ज्वला कमरे में आ गई और तकिए में मुंह गड़ा कर थकी सी लेट गई. सुनील के व्यवहार से मन का हर कोना कड़वाहट से भर गया था. जितनी बार उस ने सुनील से जुड़ने का प्रयत्न किया था उतनी बार सुनील ने उसे बेदर्दी से झटक डाला था. उस ने कभी सोचा भी नहीं था कि जीवन में यह मोड़ भी आ सकता है. शादी से पहले कई बार उपहास भरी नजरें और फब्तियां झेली थीं, पर उस समय कभी ऐसा नहीं सोचा था कि स्वयं पति भी उस के प्रति उपेक्षा और घृणा प्रदर्शित करते रहेंगे. बचपन कितना आनंददायी था. स्कूल में बहुत सारी लड़कियां उस की सहेलियां बनने को आतुर थीं. अध्यापिकाएं भी उसे कितना प्यार करती थीं. वह हंसमुख, मिलनसार होने के साथसाथ पढ़ने में अव्वल जो थी. पर ऐसे निश्चिंत जीवन में भी मन कभीकभी कितना खिन्न हो जाया करता था.

उसे बचपन की वह बात आज भी कितनी अच्छी तरह याद है, जब पहली बार उस ने अपनेआप में हीनता की भावना को महसूस किया था. मां की एक सहेली ने स्नेह से गाल थपथपा कर पूछा था, ‘क्या नाम है तुम्हारा, बेटी?’ ‘जी, उज्ज्वला,’ उस ने सरलता से कहा. इस पर सहेली के होंठों पर व्यंग्यात्मक हंसी उभर आई और उस ने पास खड़ी महिला से कहा, ‘लोग न जाने क्यों इतने बेमेल नाम रख देते हैं?’ और वे दोनों हंस पड़ी थीं. वह पूरी बात समझ नहीं सकी थी. फिर भी उस ने खुद को अपमानित महसूस किया था और चुपचाप वहां से खिसक गई थी.

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9. भूलना मत: नम्रता की जिंदगी में क्या था उस फोन कौल का राज?

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नम्रता ने फोन की घंटी सुन कर करवट बदल ली. कंबल ऊपर तक खींच कर कान बंद कर लिए. सोचा कोई और उठ कर फोन उठा लेगा पर सभी सोते रहे और फोन की घंटी बज कर बंद हो गई.

‘चलो अच्छा हुआ, मुसीबत टली. पता नहीं मुंहअंधेरे फोन करने का शौक किसे चर्राया,’ नम्रता ने स्वयं से ही कहा.

पर फोन फिर से बजने लगा तो नम्रता झुंझला गई, ‘‘लगता है घर में मेरे अलावा यह घंटी किसी को सुनाई ही नहीं देती,’’ उस ने उठने का उपक्रम किया पर उस के पहले ही अपने पिता शैलेंद्र बाबू की पदचाप सुन कर वह दोबारा सो गई. पिता ने फोन उठा लिया.

‘‘क्या? क्या कह रहे हो कार्तिक? मुझे तो अपने कानों पर विश्वास ही नहीं होता. पूरे देश में प्रथम स्थान? नहींनहीं, तुम ने कुछ गलत देखा होगा. क्या नैट पर समाचार है?’

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10. सच्ची खुशी: क्या विशाखा को भूलकर खुश रह पाया वसंत?

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वसंत एक जनरल स्टोर के बाहर खड़ा अपने दोस्तों से बातें कर रहा था. उसे आज फिर विशाखा दिखाई दे गई. विशाखा उस के पास से निकली तो उस के दिल में आंधियां उठने लगीं. उस ने पहले भी कई बार आतेजाते विशाखा को देख कर सोचा, ‘धोखेबाज, कहती थी मेरे बिना जी नहीं सकती, अब यही सब अपने दूसरे पति से कहती होगी. बकवास करती हैं ये औरतें.’ फिर अगले ही पल उस के मन से आवाज आई कि तुम ने भी तो अपनी दूसरी पत्नी से यही सब कहा था. बेवफा तुम हो या विशाखा?

वह अपने दोस्तों से विदा ले कर अपनी गाड़ी में आ बैठा और थोड़ी दूर पर ही सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी कर के ड्राइविंग सीट पर सिर टिका कर विशाखा के बारे में सोचने लगा…

वसंत ने विशाखा से प्रेमविवाह किया था. विवाह को 2 साल ही हुए थे कि वसंत की मां उमा देवी को पोतापोती का इंतजार रहने लगा. उन्हें अब विशाखा की हर बात में कमियां दिखने लगी थीं. विशाखा सोचती क्या करे, उस के सिर पर मां का साया था नहीं और पिता अपाहिज थे. बरसों से वे बिस्तर पर पड़े थे. एक ही शहर में होने के कारण वह पिता के पास चक्कर लगाती रहती थी. उस की एक रिश्ते की बूआ और एक नौकर उस के पिता प्रेमशंकर का ध्यान रखते थे.

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11. फौजी का प्यार: क्या हो पाया सफल romantic story

हमारी यह कहानी एक फौजी के प्यार पर बुनी गई है, जिस का नाम रमन था. वह बिलासपुर गांव का रहने वाला था. उस के सपने बहुत बड़े थे. वह अपनी जिंदगी में बहुतकुछ करना चाहता था. एक दिन रमन सो रहा था. उस ने एक सपना देखा कि वह अपने देश के लिए शहीद हो गया. तभी से उस ने फौजी बनने की ठान ली. जब उस ने यह बात अपने मांबाप को बताई, तो वे चिंतित हो गए. उन्हें लगा कि अगर उन का बेटा फौजी बन कर उन से दूर चला गया, तो वे अकेले कैसे रहेंगे?लेकिन रमन का यही कहना था कि उसे अपने देश के लिए फौजी बनना ही है, क्योंकि वह अपने देश से बहुत प्यार करता है.

12.अकेलापन: क्यों दर्द झेल रही थी सरोज romantic story

राजेश पिछले शनिवार को अपने घर गए थे लेकिन तेज बुखार के कारण वह सोमवार को वापस नहीं लौटे. आज का पूरा दिन उन्होंने मेरे साथ गुजारने का वादा किया था. अपने जन्मदिन पर उन से न मिल कर मेरा मन सचमुच बहुत दुखी होता.

राजेश को अपने प्रेमी के रूप में स्वीकार किए मुझे करीब 2 साल बीत चुके हैं. उन के दोनों बेटों सोनू और मोनू व पत्नी सरोज से आज मैं पहली बार मिलूंगी.

राजेश के घर जाने से एक दिन पहले हमारे बीच जो वार्तालाप हुआ था वह रास्ते भर मेरे जेहन में गूंजता रहा.

‘मैं शादी कर के घर बसाना चाहती हूं…मां बनना चाहती हूं,’ उन की बांहों के घेरे में कैद होने के बाद मैं ने भावुक स्वर में अपने दिल की इच्छा उन से जाहिर की थी.

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13. कैलेंडर गर्ल : कैसी हकीकत से रूबरू हुई मोहनाromantic story

‘श्री…मुझे माफ कर दो…’’ श्रीधर के गले लग कर आंखों से आंसुओं की बहती धारा के साथ सिसकियां लेते हुए मोहना बोल रही थी.

मोहना अभी मौरीशस से आई थी. एक महीना पहले वह पूना से ‘स्कायलार्क कलेंडर गर्ल प्रतियोगिता’ में शामिल होने के लिए गई थी. वहां जाने से पहले एक दिन वह श्री को मिली थी.

वही यादें उस की आंखों के सामने चलचित्र की भांति घूम रही थीं.

‘‘श्री, आई एम सो ऐक्साइटेड. इमैजिन, जस्ट इमैजिन, अगर मैं स्कायलार्क कलेंडर के 12 महीने के एक पेज पर रहूंगी दैन आई विल बी सो पौपुलर. फिर क्या, मौडलिंग के औफर्स, लैक्मे और विल्स फैशन वीक में भी शिरकत करूंगी…’’ बस, मोहना सपनों में खोई हुई बातें करती जा रही थी.

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14. प्यार की खातिर: मोहन और गीता की कहानीromantic story

प्यार कभी भी और कहीं भी हो सकता है. प्यार एक ऐसा अहसास है, जो बिन कहे भी सबकुछ कह जाता है. जब किसी को प्यार होता है तो वह यह नहीं सोचता कि इस का अंजाम क्या होगा और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह इनसान किसी के प्यार में इतना खो जाता है कि बस प्यार के अलावा उसे कुछ दिखाई नहीं देता है. तभी तो कहते हैं कि प्यार अंधा होता है. सबकुछ लुटा कर बरबाद हो कर भी नहीं चेतता और गलती पर गलती करता चला जाता है.

मोहन हाईस्कूल में पढ़ने वाला एक 16 साल का लड़का था. वह एक लड़की गीता से बहुत प्यार करने लगा. वह उस के लिए कुछ भी कर सकता था, लेकिन परेशानी की बात यह थी कि वह उसे पा नहीं सकता था, क्योंकि मोहन के पापा गीता के पापा की कंपनी में एक मामूली सी नौकरी करते थे. मोहन बहुत ज्यादा गरीब घर से था, जबकि गीता बहुत ज्यादा अमीर थी. वह सरकारी स्कूल में पढ़ता था और गीता शहर के नामी स्कूल में पढ़ती थी.

15. बेवफा सनम: जब कुंआरी लड़की पर फिसला शादीशुदा अनिलromantic story

कई तरह के पकवान बनाने मे माहिर नीलिमा एक बहुत अच्छी डांसर भी थी. वे दोनों एकदूसरे पर जान छिड़कते थे. दोनों की शादीशुदा जिंदगी पिछले 10 साल से बेहद सुकून और प्यार से चल रही थी.इधर, अनीता ने हाल ही में एमए और कंप्यूटर कोर्स किया था. वह किसी नौकरी की तलाश में थी. वह एक मिडिल क्लास परिवार से थी. पिछले कई दिनों से वह स्कूटी चलाने की प्रैक्टिस कर रही थी.

16. प्यार चढां परवान : हवस के मारे प्रमिला और शंकर romantic story

प्रमिला और शंकर के बीच अवैध संबंध हैं, यह बात रामनगर थाने के लगभग सभी कर्मचारियों को पता था. मगर इन सब से बेखबर प्रमिला और शंकर एकदूसरे के प्यार में इस कदर खो गए थे कि अपने बारे में होने वाली चर्चाओं की तरफ जरा भी ध्यान नहीं जा रहा था.

शंकर थाने के इंचार्ज थे तो प्रमिला एक महिला कौंस्टेबल थी. थाने के सर्वेसर्वा अर्थात इंचार्ज होने के कारण शंकर पर किसी इंस्पैक्टर, हवलदार या स्टाफ की उन के सामने चूं तक करने की हिम्मत नहीं होती थी.

थाने की सब से खूबसूरत महिला कौंस्टेबल प्रमिला थाने में शेरनी बनी हुई थी, क्योंकि थाने का प्रभारी उस पर लट्टू था और वह उसे अपनी उंगलियों पर नचाती थी.

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17. कोने वाली टेबल: क्या सुमित को मिली उसकी चाहतromantic story

ठाणे में सब से बड़ा मौल है, विवियाना मौल. काफी बड़ा और सुंदर. एक से एक ब्रैंडेड शोरूम हैं. जब से यह मौल बना है, ठाणे में रहने वालों को हाई क्लास शौपिंग के लिए बांद्रा नहीं भागना पड़ता. वीकैंड में टाइम पास करने वालों की यह प्रिय जगह है. थर्डफ्लोर पर बढ़िया फ़ूड कोर्ट है. वैसे, हर फ्लोर पर बहुत ही क्लासी रैस्त्रां हैं, उन में से एक है, येलो चिल्ली. यह मशहूर सैलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर की फ़ूडचेन का पार्ट है.

येलो चिल्ली की कोने वाली टेबल पर 30 वर्षीया लकी बहुत देर से बैठी फ्रैश लाइम वाटर पी रही है. उसे इंतज़ार है सुमित का. बस फोटो ही देखी है उस ने सुमित की. अपने घर वालों के कहने पर दोनों आज पहली बार अकेले मिल रहे हैं. सुमित अंदर आया, लकी ध्यान से सुमित को देख रही थी.

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18. प्यार असफल है तुम नहींromantic story

एक हार्ट केयर हौस्पिटल के शुभारंभ का आमंत्रण कार्ड कोरियर से आया था. मानसी ने पढ़ कर उसे काव्य के हाथ में दे दिया. काव्य ने उसे पढना शुरू किया और अतीत में खोता चला गया…

उस ने रक्षित का दरवाजा खटखटाया. वह उस का बचपन का दोस्त था. बाद में दोनों कालेज अलगअलग होने के कारण बहुत ही मुश्किल से मिलते थे. काव्य इंजीनियरिंग कर रहा था और रक्षित डाक्टरी की पढ़ाई. आज काव्य अपने मामा के यहां शादी में अहमदाबाद आया हुआ था, तो सोचा कि अपने खास दोस्त रक्षित से मिल लूं, क्योंकि शादी का फंक्शन शाम को होना था. अभी दोपहर के 3-4 घंटे दोस्त के साथ गुजार लूं. जीभर कर मस्ती करेंगे और ढेर सारी बातें करेंगे. वह रक्षित को सरप्राइज देना चाहता था.

19. यादों के सहारे: क्या प्रकाश और नीलू एक हो पाएromantic story

वह बीते हुए पलों की यादों को भूल जाना चाहता था. और दिनों के बजाय वह आज  ज्यादा गुमसुम था. वह सविता सिनेमा के सामने वाले मैदान में अकेला बैठा था. उस के दोस्त उसे अकेला छोड़ कर जा चुके थे. उस ने घंटों से कुछ खाया तक नहीं था, ताकि भूख से उस लड़की की यादों को भूल जाए. पर यादें जाती ही नहीं दिल से, क्या करे. कैसे भुलाए, उस की समझ में नहीं आया.

उस ने उठने की कोशिश की, तो कमजोरी से पैर लड़खड़ा रहे थे. अगलबगल वाले लोग आपस में बतिया रहे थे, ‘भले घर का लगता है. जरूर किसी से प्यार का चक्कर होगा. लड़की ने इसे धोखा दिया होगा या लड़की के मांबाप ने उस की शादी कहीं और कर दी होगी.

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20. मिलन: क्या थी डॉक्टर की कहानीromantic story

मैं जब सुबहसुबह तैयार हो कर कालेज के लिए निकलती, तो वह मुझे सड़क पर जरूर मिल जाता था. वह गोराचिट्टा और बांका जवान था. उस की हलके रंग की नई मोटरसाइकिल सड़क के एक ओर खड़ी रहती और वह खुद उस पर बैठा या नजदीक ही चहलकदमी करता दिखाई देता.

जब कभी वह उस जगह से गायब मिलता, मैं उसे इधरउधर गरदन घुमा कर ढूंढ़ने को मजबूर हो जाती. तब वह कभी चाय की दुकान में चाय पी रहा होता, तो कभी पान वाले के पास और कभी गुलाब की झाड़ी के पास हाथों में गुलाब लिए खड़ा दिखाई देता. उस की नजर मुझ पर ही लगी होती और जब मैं उस की ओर देखती, तो वह अपनी नजर दूसरी ओर घुमा लेता.

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