क्रिकेट ट्वैंटी20 वर्ल्ड कप: भारत ने सिखाया चैंपियन होने का सबक

30 गेंदों पर 30 रन. हाथ में 6 विकेट. बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी का नाम हेनरिच क्लासेन जो खड़ेखड़े लंबे छक्के मारता है और डेविड मिलर जिसे बेहतरीन मैच फिनिशर कहा जाता है. मुकाबला जब ट्वैंटी20 का हो और ऐसे हालात हों तो कोई भी सोच सकता है कि रिजल्ट क्या होना चाहिए.

ऐसे में कुछ और भी दिलचस्प बात याद आई. साल 2014 और जगह दुबई. क्रिकेट अंडर19 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला. दक्षिण अफ्रीका ने तब पाकिस्तान को हरा कर यह खिताब अपने नाम किया था. कप्तान का नाम था एडेन मार्करम.

अब साल 2024 और जगह बारबाडोस. ट्वैंटी20 क्रिकेट का फाइनल मुकाबला. दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत. कप्तान का नाम फिर एडेन मार्करम. दक्षिण अफ्रीका को 30 गेंद पर महज 30 रन चाहिए थे और तब लगा था कि इस बार जीत का सेहरा दक्षिण अफ्रीका के सिर पर बंधेगा और उस का सीनियर क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना पूरा हो जाएगा.

पर सामने थी रोहित शर्मा की मजबूत इरादों से लबरेज टीम, जिस ने इस फाइनल मुकाबले को फाइनल पलों में दक्षिण अफ्रीका के हलक से छीन लिया और दूसरी बार ट्वैंटी20 वर्ल्ड चैंपियन बन गई. इस से पहले महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई में भारत ने साल 2007 में यह कारनामा किया था.

यह वर्ल्ड कप भारत के 2 खिलाड़ियों के लिए बहुत खास था, रोहित शर्मा और विराट कोहली, क्योंकि वे इस के बाद क्रिकेट के ट्वैंटी20 फौर्मेट को अलविदा कहने वाले थे और उन्होंने ऐसा किया भी.

फाइनल मुकाबले में बल्लेबाजी में एक छोर संभालने वाले ‘किंग कोहली’ विराट कोहली ने नम आंखों से नए खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए इस फौर्मेट में अपने बल्ले को विराम दिया, तो ‘शर्माजी के बेटे’ रोहित शर्मा ने भी थोड़ी देर के बाद ट्वैंटी20 फौर्मेट से संन्यास ले लिया. ‘रोको’ (रोहित और कोहली) की यह जोड़ी अपने आखिरी ट्वैंटी20 मैच में इतिहास रचने के बाद किसी फिल्मी अंदाज में अमर हो गई है.

रोमांच से लबरेज फाइनल मुकाबला

अब बात करते हैं फाइनल मुकाबले की, जिस के लिए हम ने इतनी बड़ी भूमिका बांधी है. 29 जून, 2024 को बारबाडोस में बने किंग्स्टन ओवल के मैदान पर भारत और दक्षिण अफ्रीका आमनेसामने थे, जिन्होंने इस वर्ल्ड कप में अपना एक भी मैच नहीं हारा था.

भारत ने टौस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया, पर शुरुआत में वह फैसला गलत साबित होता दिखा, क्योंकि भारत ने अपने पहले 3 विकेट महज 34 रनों पर गंवा दिए थे, जिन में कप्तान रोहित शर्मा (9 रन ), ऋषभ पंत (0 रन) और सूर्यकुमार यादव (3 रन) शामिल थे.

पर दूसरी तरफ विराट कोहली (76 रन) खड़े थे और उन्होंने अपने मजबूत इरादों और अक्षर पटेल (47 रन) की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से भारतीय टीम की पारी को संभाला. बाद में एक छोटी, पर आतिशी पारी शिवम दुबे (27 रन) के बल्ले से आई और भारत ने 20 ओवर में 7 विकेट खो कर 176 रन बनाए, जो फाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका को टक्कर देने के लिए काफी लग रहे थे.

पर चूंकि दक्षिण अफ्रीका की टीम भी इस खिताब को हासिल करने के लिए मचल रही थी, लिहाजा भारतीय टीम का गेंदबाजी पक्ष मजबूत होने के बावजूद रोहित शर्मा कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे और उन्होंने फील्ड पर किसी खिलाड़ी को भी कोई गलती न करने की प्रेरणा दे कर गेंद अर्शदीप सिंह को थमाई.

भारत ने जल्दी ही मैच पर अपनी पकड़ बना ली थी और दक्षिण अफ्रीका के 2 बल्लेबाजों रीजा हेंड्रिक्स (4 रन) और एडेन मार्करम (4 रन) को सस्ते में आउट कर दिया. पर दूसरी तरफ क्विंटन डी कौक (39 रन) जमे हुए थे. ट्रिस्टन स्टब्स (31 रन) ने उन का अच्छा साथ दिया, पर एक बार को भारत के हाथ से मैच खींचने में कामयाब दिखने वाले बल्लेबाज हेनरिच क्लासेन (52 रन) ने भारतीय गेंदबाजों को निराशा की कगार पर खड़ा कर दिया था, क्योंकि जब वे आउट हुए तब दक्षिण अफ्रीका को 24 गेंद पर महज 26 रन चाहिए थे और उस के हाथ में 5 विकेट थे, जबकि एक छोर पर ‘किलर मिलर’ डेविड मिलर खड़े थे, पर उन आखिरी ओवरों में भारतीय गेंदबाजों ने गजब की गेंदबाजी की और जब हार्दिक पांड्या और मैच के आखिरी ओवर की पहली गेंद पर डेविड मिलर के छक्के को सूर्यकुमार यादव ने एक यादगार कैच में बदला, तो भारत ने तभी जीत सूंघ ली थी और ऐसा हुआ भी. भारत यह मुकाबला 7 रन से जीता और ट्रॉफी भी अपने नाम कर ली.

आंसुओं में डूबा भारतीय खेमा

आप सोचिए कि मैच जीतने के बाद जब रोहित शर्मा ने तिरंगा मैदान में गाड़ दिया था, तब उन ने दिल में भावनाओं का उफान किस हद तक मचल रहा था. भारतीय टीम का हर खिलाड़ी खुशी के आंसुओं से अपने पसीने में और चमक ला रहा था.

भारत के लिए यह टूर्नामैंट इस लिहाज से भी ऐतिहासिक था, क्योंकि राहुल द्रविड़ अब भारतीय कोच का पद छोड़ देंगे और जब उन के हाथ मे चमचमाती ट्रॉफी आई तो वे भी भावुक हो गए. उन्होंने हर खिलाड़ी को किसी अभिभावक की तरह गले से लगाया.

रोहित शर्मा जमीन पर लेट गए थे तो विराट कोहली हाथ में तिरंगा लिए ठुमकते हुए अपनी सैल्फी ले रहे थे. जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या मोहम्मद सिराज के अलावा दूसरे तमाम खिलाड़ियों की आंखों में आई नमी ने बता दिया था कि यह जीत उन के लिए कितनी खास है.

तिकड़ी ने लिया संन्यास

अभी वर्ल्ड कप जीतने की खुशी का एहसास ही हुआ था कि भारतीय टीम के 3 दिग्गज खिलाड़ियों रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा ने ट्वैंटी20 क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया.

विराट कोहली को फाइनल मुकाबले में शानदार बल्लेबाजी करने के चलते ‘मैन औफ द मैच’ का खिताब दिया गया था. वहीं उन्होंने बता दिया था कि यह आखिरी ट्वैंटी20 इंटरनैशनल मैच है.

विराट कोहली ने कहा, ”यह मेरा आखिरी ट्वैंटी20 वर्ल्ड कप था. हम यही अचीव करना चाहते थे. शानदार गेम. रोहित के साथ ओपनिंग पर जाते हुए मैं ने उन से कहा था, किसी दिन आप को लगता है कि अब रन नहीं बनेंगे, फिर आप बैटिंग करने जाते हैं और रन आने लग जाते हैं… मैं शुक्रगुजार हूं कि टीम को जब सब से ज्यादा जरूरत थी, तब मैं परफौर्म कर सका.”

इसी तरह रोहित शर्मा ने भी कहा, ”मेरा भी यह आखिरी ट्वैंटी20 था
इस फौर्मेट को अलविदा कहने का इस से बेहतर समय नहीं हो सकता. मैं ने कैरियर का हर मोमैंट एंजौय किया. मैं ने अपना इंटरनैशनल कैरियर इसी फौर्मेट से शुरू किया. मैं यही चाहता था, मैं कप जीतना चाहता था.

“मेरे पास शब्द नहीं हैं. मेरे लिए यह बहुत इमोशनल मोमैंट है, मैं आईसीसी ट्रॉफी किसी भी हाल में जीतना चाह रहा था. खुश हूं कि हम ने फाइनली यह कर दिखाया.”

आलराउंडर क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने अपने संन्यास पर यह पोस्ट लिखी, ‘कृतज्ञता से भरे दिल के साथ, मैं ट्वैंटी20 इंटरनैशनल को अलविदा कहता हूं. गर्व के साथ दौड़ने वाले एक दृढ़ घोड़े की तरह, मैं ने हमेशा अपने देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और दूसरे फौर्मेट में भी ऐसा करना जारी रखूंगा. ट्वैंटी20 वर्ल्ड कप जीतना एक सपने के सच होने जैसा था, मेरे ट्वैंटी20 इंटरनैशनल कैरियर का शिखर. यादों, उत्साह और अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद. जय हिंद.’

जीत से मिली सीख

भारत ने यह कारनामा कर दिया है. पर इस मील के पत्थर पर बड़ा सा संदेश भी लिखा है कि कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, फिर वह खेल हो या जिंदगी. जब दक्षिण अफ्रीका को 30 गेंद पर सिर्फ 30 रन बनाने थे, तब कंप्यूटर जीतने वाली टीम के ग्राफ में दक्षिण अफ्रीका को ऊपर रख रहा था. उस समय भारत की जीत की उम्मीद 4 फीसदी से भी कम बताई जा रही थी. पर जैसा कि रोहित शर्मा का अपनी टीम को संदेशा था कि आखिरी गेंद तक हार नहीं माननी है, तो पूरी टीम ने वही जज्बा बरकरार रखा और सामने वाले की छोटी सी गलती को भी लपक लिया, जिस में हेनरिच क्लासेन का विकेट के पीछे और डेविड मिलर का बाउंड्री पर पकड़ा गया कैच मैच का रुख भारत की तरफ मोड़ने में मददगार साबित हुआ.

जब हम टीमवर्क के तहत कोई काम करते हैं, तब हमें अपने रोल का बखूबी पता होना चाहिए और साथ ही यह भी ध्यान रखना होता है कि हालात कितने भी उलट क्यों न हों, हमें अपना सौ फीसदी देना है. यही वजह थी कि भारत की जीत का वह 4 फीसदी जीत का ग्राफ एकदम से सौ फीसदी में बदल गया.

किसी भी टीम में यह बदलाव एक दिन में नहीं आता है. इस में टीम लीडर का खास रोल होता है, जो सामने खड़ा हो कर पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेता है और बाकी लोगों को बोलता है कि रिजल्ट की परवाह किए बिना वह सब पूरी शिद्दत से करो, जो तुम मैदान पर कर सकते हो.

यही सब जिंदगी के हर क्षेत्र में भी काम आता है, जब हम अपने लीडर को निडरता से कोई काम करते देखते हैं और वह हमें बिना किसी लागलपेट के हमें सपोर्ट करता है, तो काम के कामयाब होने चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं.

यह जो बदलाव भारतीय क्रिकेट टीम में दिखा है और जीतने के जज्बे को जो नए पंख मिले हैं, वैसा ही कुछ हर किसी की जिंदगी में भी हो, इसी उम्मीद के साथ… फिलहाल तो आप इस जीत का मजा लीजिए और क्रिकेट का लुत्फ उठाइए.

क्रिकेट : बिना मैच खेले कैसे गंवाया भारत ने नंबर-1 का ताज

कोरोना वायरस महामारी की मार खेलों पर भी पड़ा है और चाहे क्रिकेट हो या फुटबौल, हौकी हो या बेसबौल या फिर कोई अन्य खेल, पूरी तरह बंद हैं. इस बीच खबर है कि आईसीसी क्रिकेट रैंकिंग के एक ताजा सर्वे में भारत बिना मैच खेले ही शीर्ष स्थान गंवा चुका है. यह ताज आस्ट्रेलिया ने भारत से छिन लिया है और वह शीर्ष स्थान पर पहुंच चुका है. भारत तीसरे स्थान पर खिसक गया है जबकि न्यूजीलैंड को दूसरा स्थान मिला है.

भारत 1 मई को आईसीसी टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में आस्ट्रेलिया से शीर्ष स्थान गंवा चुका है और अब तीसरे स्थान पर आ गया है. रैंकिंग में गिरावट इसलिए आई है क्योंकि 12 टेस्ट मैचों में भारत की जीत और 2016-2017 में सिर्फ 1 हार वार्षिक अद्यतन से समाप्त हो गई थी.

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नवीनतम अपडेट ने मई 2019 के बाद से खेले गए मैचों को 100% और पिछले 2 वर्षों के मैचों को 50% पर रेट किया है.

आईसीसी ने एक बयान जारी कर कहा,”भारत मोटे तौर पर सीढ़ी में गिरा क्योंकि 12 टेस्ट जीत और 2016-17 में सिर्फ 1 टेस्ट हार का रिकौर्ड हटा दिया गया था.”

कहां है विराट की टीम

कप्तान विराट कोहली की टीम उस अवधि के दौरान आस्ट्रेलिया और इंगलैंड के खिलाफ सभी 5 श्रृंखलाएं जीती थीं. दूसरी ओर आस्ट्रेलिया उसी अवधि में भारत के साथसाथ दक्षिण अफ्रीका से हार गया था.

नवीनतम अपडेट मई 2019 के बाद से खेले गए सभी मैचों को 100% और पिछले 2 सालों के 50% पर रेट करते हैं.

ऑस्ट्रेलिया न केवल टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गया, बल्कि पहली बार टी- 20 आईसीसी सूची में नंबर- 1 पर कब्जा कर लिया, जबकि इंगलैंड ने वार्षिक अद्यतन के बाद पुरुषों की वनडे रैंकिंग का नेतृत्व करना जारी रखा, जो 2016-17 के परिणामों को समाप्त करता है.

आस्ट्रेलिया के अब 116 अंक हैं और उस के बाद न्यूजीलैंड (115) और भारत (114) हैं.

केवल 2 अंकों के साथ उन्हें अलग करने के बाद यह शीर्ष 3 टीमों में से दूसरा निकटतम है, क्योंकि 2003 में टेस्ट रैंकिंग शुरू की गई थी.

दक्षिण अफ्रीका को 8 अंकों की सब से बड़ी रेटिंग में गिरावट का सामना करना पड़ा है, जो उन्हें श्रीलंका से छठे स्थान पर गिराता है.

उन्होंने इस अवधि में 3 सीरीज़ जीतीं, जबकि फरवरी 2019 के बाद श्रीलंका, भारत और इंगलैंड के खिलाफ खेलते हुए 9 में से 8 टेस्ट हारे.

वनडे टीम रैंकिंग में विश्व चैंपियन इंगलैंड (127) ने भारत पर अपनी बढ़त 6 से 8 अंक तक बढ़ा दी है.

भारत से 3 अंक पीछे न्यूजीलैंड तीसरे स्थान पर है. शीर्ष 10 रैंकिंग अपरिवर्तित बनी हुई हैं.

इस के विपरीत अद्यतन T20 टीम रैंकिंग में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं. रैंकिंग पेश किए जाने के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया (278) अंक के साथ शीर्ष पर है.

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पाकिस्तान जोकि जनवरी 2018 में शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड से आगे निकल गया था और फिर वहां 27 महीने बिताए थे, अब 260 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है.

इंगलैंड 268 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है, जबकि भारत 1 तीसरे स्थान पर है यानी सिर्फ 2 अंक पीछे.

अफगानिस्तान 7वें से 10वें स्थान पर है.

यह भी जानिए

  • आस्ट्रेलिया ने टेस्ट रैंकिंग में एक शीर्ष स्थान हासिल किया और साथ ही पहली बार टी 20 सूची में नंबर 1 स्थान हासिल किया.
  • इंगलैंड ने वार्षिक अद्यतन के बाद पुरुषों की एकदिवसीय रैंकिंग में अपनी बढ़त जारी रखी जो 2016-2017 के परिणामों को समाप्त कर दिया.
  • टेस्ट रैंकिंग में आस्ट्रेलिया 116 अंकों के साथ न्यूजीलैंड 115 अंकों के साथ भारत और 114 अंकों के साथ शीर्ष पर है.
  • केवल 2 अंकों के अंतर के साथ यह दूसरा निकटतम है कि शीर्ष टीमों को 2003 में टेस्ट रैंकिंग जारी की गई थी.
  • शीर्ष 3 टीमें जनवरी 2016 में निकटतम थीं जब भारत आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से 1 अंक से आगे चल रहा था
  • टेस्ट रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका को 8 अंकों की सब से बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है और श्रीलंका के नीचे 6ठे स्थान पर छोड़ने का नेतृत्व किया.
  • दक्षिण अफ्रीका ने चयनित अवधि में 3 सीरीज़ जीती हैं और फरवरी 2019 के बाद से भारत, श्रीलंका और इंगलैंड के खिलाफ खेलते हुए 9 में से 8 टेस्ट हारे हैं.

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वनडे टीम रैंकिंग

  • वनडे टीम रैंकिंग में शीर्ष 10 रैंकिंग अपरिवर्तित रहे.
  • इंगलैंड ने वनडे टीम रैंकिंग में भारत पर अपनी बढ़त 6 से 8 अंक तक बढ़ा दी है.
  • न्यूजीलैंड अभी भी तीसरे स्थान पर है और भारत से 3 अंक पीछे है.

T20 टीम रैंकिंग

  • 278 अंक के साथ आस्ट्रेलिया पहली बार सूची में शीर्ष पर है.
  • पाकिस्तान जो जनवरी 2018 में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया था और न्यूजीलैंड से आगे निकल गया था, अब 260 अंकों के साथ चौथे स्थान पर आ गया है.
  • 268 अंकों के साथ इंगलैंड दूसरे स्थान पर आ गया है जबकि भारत 1 स्थान ऊपर तीसरे स्थान पर है, जो सिर्फ 2 अंक पीछे है.
  • अफगानिस्तान 7 वीं से 10वीं रैंकिंग में गिर गया है.

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अलविदा 2019: इस साल क्रिकेट की दुनिया में रहा इन महिला खिलाड़ियों का बोलबाला

भारतीय महिला क्रिकेट टीम के चर्तित युवा महिला क्रिकेटर जो किसी स्तर पर पुरुष क्रिकेटर से कम नहीं है, तो आइये 2019 के कुछ प्रसिद्ध क्रिकेटरों के बारे में जानते है .

* मिताली राज :- भारतीय कप्तान मिताली राज 200 वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई, लेकिन इस धुरंधर खिलाड़ी के लिए 200 वनडे महज एक आंकड़ा है. मिताली ने जनवरी 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था. कप्तानी करने उतरी मिताली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना 20वां साल पूरा किया.

* स्मृति मंधाना :- स्मृति मंधाना को मिली आईसीसी महिला वनडे और टी20 टीम ऑफ द ईयर में बनाया है. वनडे क्रिकेट में स्मृति मंधाना का रिकॉर्ड काफी जबरदस्त है. उन्होंने 51 वनडे मुकाबलों में 43.08 की प्रभावी औसत से 2,025 रन बनाए हैं. इसमें उनके नाम चार शतक और 17 अर्धशतक उनके नाम है.

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All set for the home series against South Africa 😇 See you soon Surat!! 🤩

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*झूलन गोस्वामी :- यह वुमन टीम इंडिया की कपिल देव हैं . पिछले कई सालों से लगातार बेहतरीन गेंदबाजी करके कई रिकौर्ड अपने नाम किया है. 225 वनडे विकेट, 321 इंटरनेशनल विकेट का महान रिकौर्ड भी उन्हें नाम है. इस साल आईसीसी ने महिला वनडे और टी20 टीम ऑफ द ईयर में उन्हें भी स्थान दिया है.

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* पूनम यादव- भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लेग स्पिनर पूनम यादव को इस वर्ष का अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया. वह इस वर्ष आईसीसी महिला वनडे और टी20 टीम ऑफ द ईयर स्थान बनाने में कमयाब हुई है.

* शिखा पांडे :- शिखा पांडे भारतीय महिला सीनियर क्रिकेटर में मशहूर नाम में एक है. . उन्होंने 9 मार्च 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय ट्वेंटी 20 की शुरुआत किया था . कई रिकॉर्ड इनके नाम है. शिखा पांडे ने इस महिला विश्व कप में अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया था. इस वर्ष आईसीसी महिला वनडे और टी20 टीम औफ द ईयर की सूची में इनका भी नाम है.

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* दीप्ति शर्मा: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्पिनर दीप्ति शर्मा ने इस एक अद्भुत रिकॉर्ड अपने अपने नाम किया है. चार ओवर के स्पैल में 8 रन देकर तीन विकेट चटकाए. इसके साथ ही वह एक टी-20 मैच में इतने मेडन डालने वाली पहली भारतीय हैं. इस साल आईसीसी महिला टी20 टीम की सूची में दीप्ति शर्मा इकलौती भारतीय महिला क्रिकेटर हैं.

 

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Feeling energetic after today’s training at NCA

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1954 के बाद पहली बार कोई भारतीय कप्तान बना BCCI का अध्यक्ष, ये होंगी चुनौतियां

आखिरकार सौरव गांगुली विश्व के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए. वैसे तो बीसीसीआई स्वतंत्र संस्था है जिसपर किसी की भी हस्तक्षेप नहीं रहा लेकिन राजनीति से ये कभी अछूती नहीं रही. चाहे हो जगमोहन डालमिया हो या फिर अनुराग ठाकुर हों या श्रीनिवासन.

लेकिन इस बार एक अच्छी बात ये है कि 1954 के बाद पहली बार कोई भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान इस अहम पद पर बैठने जा रहा है. गांगुली पर जिम्मेदारी भी बहुत है क्योंकि अगले साल ही टीम को टी-20 विश्व कप और एशिया कप खेलना है. साथ ही सीओए के साथ तालमेल बैठाना भी बड़ी जिम्मेदारी होगी.

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मुंबई में क्रिकेट संघों की कई राउंड मीटिंग के बाद सौरव गांगुली के नाम पर सहमती बनी थी क्यूंकि उन्होंने साफ तौर पर बता दिया था की अध्यक्ष पद के अलावा उनका किसी और पद में कोई रूचि नहीं है. माना जा रहा है कि गांगुली को भारत सरकार के मंत्री अनुराग ठाकुर का भी समर्थन प्राप्त था. अध्यक्ष पद खोने के बाद बृजेश पटेल ने आईपीएल का चेयरमैन बनने पर सहमति दे दी. गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव जबकि अरुण सिंह ठाकुर, जो अनुराग ठाकुर के छोटे भाई है, को कोषाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.

चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान का कार्यकाल 10 महीने का होगा. फिलहाल गांगुली के लिए ये एक छोटा कार्यकाल होगा क्योंकि नए नियमों के तहत जुलाई 2020 से उनकी कूलिंग ऑफ़ अवधि शुरू हो जाएगी. वह पिछले पांच वर्षों करीब दो महीने से क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल में पद संभाल रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटि के नियमों के मुताबिक एक प्रशासक केवल छह साल के अंतराल पर सेवा दे सकता है.

गांगुली, जिन्होंने अपनी आक्रामक कप्तानी के साथ भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत की, वो बोर्ड के शीर्ष पद संभालने वाले दूसरे भारतीय कप्तान होंगे. बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने वाले एकमात्र अन्य भारतीय कप्तान विजयनग्राम या विज्जी के महाराजकुमार थे, जिन्होंने 1936 में इंग्लैंड दौरे के दौरान 3 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था.

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वे 1954 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे. गांगुली कभी भी नेतृत्व की भूमिका निभाने से कतराते नहीं हैं. विश्व क्रिकेट में सबसे सफल कप्तानों में से एक के रूप में अपना करियर खत्म करने के बाद, उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के संरक्षण में सीएबी में प्रशासन में प्रवेश किया.

जब गांगुली ने 2000 में भारत के कप्तान के रूप में पदभार संभाला था, तो भारतीय क्रिकेट गर्त में था. मैच फिक्सिंग कांड के बाद बोर्ड की आईसीसी में दबदबा काफी कम हो गया था. बतौर कप्तान उन्होंने भारतीय क्रिकेट को विश्वास दिलाया कि भारत विदेशों में भी जीत सकता है.

गांगुली के सामने अब कई चुनौती होंगी. उन्हें सीओए के साथ कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट को भी सुधारना होगा. नामांकन दाखिल करने के बाद गांगुली ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘हितों का टकराव का मुद्दा बड़ा है. और मुझे यह नहीं पता है कि मैं सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों की सेवाएं ले पाऊंगा या नहीं क्योंकि उनके पास दूसरे विकल्प भी मौजूद होंगे.’’

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गांगुली ने साफ किया कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ के मौजूदा नियम क्रिकेट के पूर्व दिग्गजों को प्रशासन में आने से रोकेगा क्योंकि उन्हें अपनी आजीविका कमाने की भी जरूरत होगी. इसके साथ ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट पर भी गांगुली का ध्यान होगा. गांगुली के सामने टी-20 विश्व कप के समय तक टीम को बेहतरीन बनाना भी बड़ा मुद्दा है. क्योंकि टी-20 में अभी भी भारतीय टीम को सुधार करने की बड़ी जरूरत है.

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