लेखक - जरगाम मियां, मो. अताउल्लाह

वह लड़की है सना नियाज, जो दिल्ली के जामा मसजिद इलाके की तंग गलियों में से एक गली मदरसा हुसैन बख्श में रहने वाले नियाजुद्दीन की बेटी है.नियाजुद्दीन जामा मसजिद के पास ही एक होटल ‘अल जवाहर’ में बावर्ची हैं. सना नियाज 6 भाईबहनों में चौथे नंबर पर है. उस से बड़ी 3 बहनें हैं जिन में पहले नंबर की बहन इलमा दिल्ली के जाकिर हुसैन कालेज से ग्रेजुएशन करने के बाद जामिया मिल्लिया इसलामिया यूनिवर्सिटी से फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कर रही है, वहीं दूसरे नंबर की बहन इकरा भी जाकिर हुसैन कालेज से ग्रेजुएशन के बाद उसी यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट्स में डिगरी कोर्स कर रही है, जबकि तीसरे नंबर की बहन उमेरा, जिस ने साल 2017 में 12वीं जमात पास की थी, इस समय नौर्थ कैंपस के हिंदू कालेज में बीए की छात्रा है.

सना नियाज जामा मसजिद इलाके की उन गलियों में रहती है जहां पर आज से कुछ साल पहले तक लड़कियां अपने घरों में लोकल दुकानदारों के लिए थैलियां बनाती थीं, बुक बाइंडरों के लिए किताबों के फर्मों की मुड़ाई किया करती थीं. उन के लिए स्कूली तालीम बेकार की बात समझी जाती थी.

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ऐसे इलाके के एक घर में 1-2 नहीं, बल्कि 5 लड़कियां तालीम हासिल कर रही हैं. इन में से 3 लड़कियों ने स्कूल में टौप किया है और एक लड़की सना नियाज ने तो दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजों में 97.6 फीसदी अंकों के साथ पहला मुकाम हासिल किया है.

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