लेखक- शंभू शरण सत्यार्थी

जितेंद्र ऊंची जाति वालों के सामने कुरसी पर बैठ कर खाना खा रहा था. यह बात उन लोगों को पसंद नहीं आई और उस की कुरसी पर लात मार दी. इस दौरान जितेंद्र की थाली का भोजन उन लोगों के कपड़ों पर जा गिरा. इस बात पर उस की जम कर पिटाई कर दी गई जिस से उस की मौत हो गई.

मध्य प्रदेश के भिंड जिले के एंडोरी थाने के लोहरी गांव के 60 साला दलित कप्तान की मौत के बाद उस के परिवार वाले जब श्मशान घाट ले गए तो गांव के दबंगों ने उन्हें वहां से भगा दिया. मजबूर हो कर इन लोगों ने अपने घर के सामने कप्तान का दाह संस्कार किया.

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कोतवाली इलाके में एक शादी समारोह में फिल्टर जार वाला पानी मंगवाया गया. जब पानी का जार देने वाला आदमी वहां पहुंचा तो मालूम हुआ कि वह तो दलित है. इस से अगड़ों में पानी के अछूत होने का भयानक डर पैदा हो गया और उस जार वाले को काफी फजीहत झेलनी पड़ी.

इसी तरह जालौन जिले के तहत गिरथान गांव में चंदा इकट्ठा कर के भंडारे का आयोजन किया गया था, जिस में सभी जाति के लोगों ने सहयोग दिया था. भोज चल रहा था कि कुछ दलित नौजवान पूरी और खाने की दूसरी चीजें बांटने लगे. ऊंची जाति वालों ने इस का विरोध किया और खाना खाने से इनकार करते हुए दलितों को अलग बिठाने की मांग करने लगे.

दलितों ने इस का विरोध किया तो उन में झगड़ा हो गया. बाद में दबंगों ने फरमान जारी कर दिया कि दलितों का बहिष्कार किया जाए. इस फरमान को तोड़ने वाले पर 1,000 रुपए जुर्माने के साथ ही सरेआम 5 जूते भी मारे जाएंगे.

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