अमरावती. हाल ही में आंध्र प्रदेश में 3 राजधानी का फार्मूला लाने वाले मुख्यमंत्री जगन  मोहन रेड्डी ने 27 जनवरी को विधानपरिषद को खत्म करने संबंधी प्रस्ताव को विधानसभा में पास कर दिया.

याद रहे कि जगन रेड्डी के ही पिता वाईएस रेड्डी ने साल 2007 में विधानपरिषद को बहाल कराया था, जबकि तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव ने भी इस के 23 साल पहले साल 1985 में विधानपरिषद को खत्म कर दिया था.

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि 3 राजधानी वाले प्रस्ताव को रोकने के लिए विपक्षी दल टीडीपी विधानपरिषद में अपने बहुमत का गलत इस्तेमाल कर रही थी, जबकि विधानसभा में इस पर मुहर लग चुकी थी.

ममता ने भी नकारा

कोलकाता. देशभर में आग लगाने वाले नागरिकता संशोधन कानून को नकराते हुए केरल, पंजाब और राजस्थान ने अपनीअपनी विधानसभा में इस के विरोध में प्रस्ताव पास कर दिया था. इसी कड़ी में एक और नाम पश्चिम बंगाल का भी जुड़ गया और 27 जनवरी को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी प्रस्ताव पास हो गया.

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इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, ‘यह प्रदर्शन केवल अल्पसंख्यकों का नहीं, बल्कि सभी का है. इस आंदोलन का सामने से नेतृत्व करने के लिए मैं हिंदू भाइयों का धन्यवाद करती हूं. पश्चिम बंगाल में हम सीएए, एनआरसी, एनपीआर को लागू नहीं होने देंगे.’

उमर अब्दुल्ला को भेजा रेजर

चेन्नई. भारत के हैंडसम नेताओं में शुमार उमर अब्दुल्ला का श्रीनगर में हाल ज्यादा अच्छा नहीं है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद वहां इंटरनैट सेवाएं बहाल नहीं थीं. अभी हाल ही में उन्हें दोबारा बहाल किया गया तो इस प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके उमर अब्दुल्ला का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिस में उन की दाढ़ी बहुत ज्यादा बढ़ी हुई नजर आ रही थी.

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