‘‘तुम्हारा नाम है क्या बेटा?’’ ‘‘श्रवण कुमार सिंह,’’ श्रवण ने छोटा सा जवाब दिया. ‘‘ओहो, श्रवण कुमारजी. वाह, आप तो अपने मातापिता को कंधों पर उठा कर भारत दर्शन कराएंगे. वैसे, कौन गांव से आए हो भैया श्रवण कुमार?’’ पास खड़ा दूसरा लड़का श्रवण का मजाक बनाता हुआ बोला. ‘‘उज्जैन से,’’ श्रवण ने उसी तरह से छोटा सा जवाब दिया. जवाब सुनते ही श्रवण के गालों पर सटाक कर के एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया गया. ‘‘यह एक प्रोफैशनल कालेज है,

तुम्हारे बाप का घर नहीं, जो तुम सपाट जवाब दिए जा रहे हो. हम तुम्हारे सीनियर हैं और सीनियर को जवाब देते समय ‘सर’ जरूर लगाया जाता है. समझे कि नहीं?’’ थप्पड़ मारने वाला एक सीनियर अमिताभ बच्चन के अंदाज में बोला. ‘‘जी सर, समझ गया,’’ श्रवण अपने गालों पर थप्पड़ की जलन महसूस करता हुआ बोला. उस की नजरें जमीन पर झुकी हुई थीं. नीची नजरों के बावजूद उस ने यह महसूस कर लिया था कि दूसरे सीनियर उस मारने वाले सीनियर को इशारे से ऐसा करने से मना कर रहे थे. श्रवण ने भी अखबारों में पढ़ा था कि कालेजों में रैगिंग पर पूरी तरह से बैन है और ऐसा करते हुए पाए जाने पर रैगिंग लेने वालों को कालेज से निकाला भी जा सकता है. थप्पड़ मारने वाला सीनियर भी शायद श्रवण को डराना ही चाहता था और वह अपने इस मिशन में कामयाब भी रहा, क्योंकि थप्पड़ खाने के बाद श्रवण मारे डर के कांपे जा रहा था. ‘

बेटा, इस थप्पड़ को रैगिंग का नाम मत देना. यह तो जस्ट इंट्रोडक्शन है. अगर रैगिंग लेने पर आ गए तो खड़ेखड़े कांपने लगोगे. और हां, हम सिर्फ तुम्हें डरानेधमकाने के लिए नहीं हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर नोट्स और बाकी गाइडलाइन भी हम ही तुम्हें समझाएंगे. समझे?’’ साथ खड़ा दूसरा सीनियर उस थप्पड़ को जस्टिफाई करते हुए बोला. ‘‘यस सर,’’ श्रवण दबी सी आवाज में बोला. ‘‘अच्छा यह बताओ कि हाल ही में कौन सी मूवी देखी है तुम ने?’’ एक और सीनियर माहौल बदलने के नजरिए से बोला. ‘‘सर, मैं ने अभी यूट्यूब पर फिल्म ‘मुझे जीने दो’ देखी है,’’ श्रवण ने जवाब दिया. ‘‘हाहाहा...’’ एक सीनियर जोर से ठहाका लगा कर बोला, ‘‘यह कौन सी मूवी है भाई? मैं तो जब से पैदा हुआ हूं, तब से ऐसी किसी मूवी का नाम सुना ही नहीं. ‘‘अरे, जब इंटरनैट पर ही मूवी देखनी है, तो कुछ ढंग की मूवी देखो, जो जवानी में जोश भर दे.’’ ‘‘अरे, बच्चा है बेचारा. मांबाप ने श्रवण कुमार नाम ऐसे ही तो थोड़े रखा है. उन्होंने बोला होगा कि ‘मुझे जीने दो’

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