बिहार में मौसम के मिजाज के साथसाथ राजनीतिक चुनावी तापमान भी बढ़ने लगा है और राजनीतिक दलों द्वारा एकदूसरे पर पोस्टर वार जारी है.

साल 2020 में बिहार राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाला है. शहर से ले कर गंवई इलाकों तक में चुनाव की गरमाहट के साथसाथ इस बार किस की सरकार बनेगी यह चर्चा जोरों पर है.

सरकार का पोस्टर वार

सब से पहले जनता दल (यूनाइटेड) के प्रदेश कार्यालय के बाहर होर्डिंग लगाया गया, जिस में यह दिखाया गया, ‘क्या करें विचार ठीके तो हैं नीतीश कुमार’, वहीं एक और होर्डिंग पर लिखा था, ‘चलो नीतीश के साथ चलें’.

देशी अंदाज में पोस्टर के जरीए लोगों को सम झाने की कोशिश की गई कि जब नीतीश कुमार हैं ही, तो दूसरे के नाम पर विचार क्यों करना है.

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चुनावी साल का आगाज दूसरे इस पोस्टर के साथ हुआ. पटना की कई बड़ी सड़कों पर इस तरह के पोस्टर जनता दल (यू) की तरफ से लगाए गए हैं, जिस में ऊपर के हिस्से में लिखा है, ‘हिसाब दो- हिसाब लो’. बडे़ फ्लैक्स पर बने पोस्टर को 2 हिस्सों में बांटा गया है और फिर एक शीर्षक बनाया गया है, ‘पंद्रह साल बनाम पंद्रह साल’.

एक हिस्से में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तसवीर के साथ उन के कार्यालय की हालत दिखाई गई है, वहीं दूसरे हिस्से में नीतीश कुमार के साथ उन के कार्यकाल को दिखाया गया है. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ले कर जद (यू) ने भय और भरोसे को केंद्रित कर नारा गढ़ा है. भय के 15 साल और भरोसे के 15 साल. यह फ्लैक्स भी जद (यू) कार्यालय के बाहर लगाया गया है.

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