शत्रुघ्न सिन्हा और रीना राय पर फिल्माया गया यह गाना साल 1980 में आई फिल्म ‘ज्वालामुखी’ का है, जो खूब पसंद किया गया था.
प्यार में धोखा खाए आशिक और महबूब ब्रेकअप के बाद इस गाने को गुनगुना कर खुद को तसल्ली दे लिया करते थे, लेकिन इस से सीखते कुछ नहीं थे, बल्कि कुछ दिनों बाद ही नए प्यार और सहारे की तलाश में जुट जाते थे.
आज भी ऐसा ही हो रहा है और पहले से ज्यादा हो रहा है, क्योंकि प्यार के माने बहुत बदल गए हैं. कैसे बदल गए हैं, इस की ताजा मिसाल भोपाल का चर्चित मामला है, जिस के शत्रुघ्न सिन्हा वन मंत्री रह चुके और धार जिले की गंधवानी सीट से युवा कांग्रेसी विधायक उमंग सिंघार और रीना राय सोनिया भारद्वाज हैं.
39 साला सोनिया किसी फिल्म हीरोइन की तरह उम्र को मात देती हुई लगती थी. वह सच में निहायत खूबसूरत औरत थी, जो कम उम्र लड़कियों
जैसी दिखती थी, क्योंकि वह खुद को फिट रखने के सारे गुर जानती थी और हाईप्रोफाइल जिंदगी जीने में भरोसा करती थी.
फैशनेबल सोनिया 20 साल के एक बेटे की मां भी थी, यह उसे देख कर कोई नहीं कह सकता था. उस ने बीती 16 मई को भोपाल में फांसी का फंदा लगा कर खुदकुशी कर ली.
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इन दिनों वह अपने नए आशिक और होने जा रहे तीसरे पति उमंग सिंघार के बंगले 238, बी सैक्टर शाहपुरा, भोपाल में रह रही थी. जाहिर है कि वे दोनों पतिपत्नी की तरह रह रहे थे और लौकडाउन का पूरा लुत्फ उठा रहे थे.
कोरोना के कहर के चलते भोपाल शहर में भी दहशत थी. इलाज और औक्सीजन के लिए तरसते लोग बेमौत मारे जा रहे थे. मारे डर के कोई बेवजह तो क्या वजह होने पर भी घर से बाहर नहीं निकल रहा था. यही वे दोनों कर रहे थे.
रोजमर्रा की जरूरत का सारा सामान एक फोन पर बैठेबिठाए बंगले पर आ जाता था. खाना बनाने और सेवा करने के लिए उमंग के घरेलू भरोसेमंद नौकर गणेश और गायत्री आवाज देते ही हाजिर हो जाते थे.
किस ने किस को फांसा
हरियाणा के अंबाला की रहने वाली सोनिया भारद्वाज उमंग सिंघार के इस प्राइवेट बंगले और उन के बैडरूम से एक पत्नी की तरह ही वाकिफ थी और अपना हक भी उतना ही सम?ाती थी. अगर शादी हो पाती तो यह उस की तीसरी शादी होती, क्योंकि वह पहले भी 2 शादियां कर चुकी थी.
साल 2006 में जब सोनिया 24 साल की थी, तब उस के पहले पति संजीव कुमार ने उसे छोड़ दिया था. वजह थी सोनिया की लक्जरी लाइफ स्टाइल, जिस के खर्चे और नखरे वह नहीं उठा पा रहा था. संजीव से उसे एक बेटा आर्यन भी हुआ था, जो अब 20 साल का हो चुका है और शिमला से होटल मैनेजमैंट का कोर्स कर रहा है.
सोनिया ने दूसरी शादी एक बंगाली नौजवान से की थी, जो जल्द ही उसे छोड़ कर भाग खड़ा हुआ. उस की भी परेशानी वही थी, जो संजीव की थी. गुजरबसर करने और बेटे को कुछ बनाने की ख्वाहिश लिए सोनिया ने एक कौस्मैटिक कंपनी में नौकरी कर ली.
इस में कोई शक नहीं कि सोनिया एक अच्छी मैनेजर थी, लेकिन शक इस में भी नहीं कि खुद अपनी जिंदगी वह मैनेज नहीं कर पाई. शायद वह ऊबने लगी थी, क्योंकि उमंग भी वही तेवर और गुस्सा दिखाने लगे थे, जो पहले के 2 पति दिखा चुके थे.
सोनिया और उमंग की जानपहचान शादी कराने वाली एक एजेंसी के जरीए तकरीबन 3 साल पहले हुई थी. जल्द ही दोनों दिल्ली में मिलनेजुलने लगे और फिर सोनिया उमंग से मिलने भोपाल आने लगी. लगता नहीं कि उन दोनों में कोई परदेदारी रह गई होगी.
बहरहाल, कटी पतंग की तरह लंबा समय काटने वाली सोनिया को उमंग में वह सबकुछ दिखा, जो उस के ख्वाब और ख्वाहिशें पूरा करने का माद्दा रखते थे.
उमंग जैसे अधेड़ आशिक अपनी माशूका पर खुले हाथ से पैसा खर्च करते हैं, उन्हें घुमातेफिराते हैं, जी भर कर खरीदारी कराते हैं, महंगे होटलों में खाना खिलाते हैं, नाजनजरे उठाते हुए वे खुद को जवान आशिक सम?ाने लगते हैं, जिस का अपना अलग ही मजा और एहसास है. इस का हक हर किसी को है भी और यह कोई एतराज की बात नहीं है.
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एतराज और हर्ज की बात है कुछ दिनों बाद ही अनबन होने लगना और एकदूसरे से जी भरने लगना, लेकिन तब तक अलग हो जाना या पल्ला ?ाड़ लेना कोई आसान काम भी नहीं रह जाता. यही इन दोनों के साथ भी हो रहा था.
यह बात सोनिया के छोड़े सुसाइड नोट से साफ भी हुई, जिस में उस ने उमंग की तरफ इशारा करते हुए लिखा कि तुम्हारा गुस्सा बहुत तेज है… अब बरदाश्त नहीं होता… मैं तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा बनना चाहती थी, लेकिन…
यही लेकिन सारे फसाद की जड़ है, जिस का कोई हल नहीं. सोनिया ने ग्रिल पर लटक कर जान दे दी. हादसे के एक दिन पहले वह रात का खाना खा कर इतमीनान से सोई थी, ऐसा नौकरानी गायत्री का कहना है, लेकिन हकीकत में वह सोई नहीं थी, बल्कि सुसाइड नोट लिख रही थी.
जाहिर है कि इस दौरान सोनिया ने यह भी सोचा होगा कि क्यों वह उमंग समेत पहले 2 पतियों की नहीं हो पाई या क्यों इन में से कोई उस का नहीं हो पाया. फिर उस ने ग्रिल पर कपड़ा बांधा और फंदा लगा लिया.
सुसाइड नोट में उस ने अपने बेटे आर्यन को लिखा, ‘मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर पाई. आई लव यू’… जाहिर है कि वह आर्यन को बहुत चाहती थी.
सुबह 11 बजे तक जब सोनिया का कमरा नहीं खुला, तो यह बात गायत्री ने गणेश को और गणेश ने फोन पर उमंग को बताई, जो 4 दिन पहले ही अपने विधानसभा क्षेत्र गंधवानी में कोरोना पीडि़तों की सुध लेने गए थे.
उमंग ने भोपाल में अपनी जानपहचान वालों को माजरा देखने के लिए कहा, तब पता चला कि सोनिया ने खुदकुशी कर ली है.
हंगामा बढ़ा था
47 साला उमंग सिंघार मध्य प्रदेश की राजनीति में कोई मामूली नाम नहीं हैं. लिहाजा, उम्मीद के मुताबिक हंगामा मचा.
कुछ साल पहले तक उमंग की पहचान अपनी बूआ जमुना देवी की वजह से हुआ करती थी, जो आदिवासी समुदाय की धाकड़ कांग्रेसी नेता हुआ करती थीं. वे प्रदेश की उपमुख्यमंत्री भी रही थीं और कांग्रेस आलाकमान ने विधानसभा में उन्हें विपक्ष का नेता भी बनाया था.
शायद यही बात थी, जिस के चलते मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह से उन का छत्तीस का आंकड़ा था. जमुना देवी उन इनेगिने कांग्रेसी नेताओं में से एक थीं, जिन्होंने कभी दिग्विजय सिंह की बादशाहत के आगे सिर नहीं ?ाकाया.
उन की मौत के बाद उमंग ने भी सिर नहीं ?ाकाया, उलटे वे एक कदम आगे चलते हुए दिग्विजय सिंह से पंगा लेने में भी नहीं हिचकिचाए.
जमुना देवी की मौत के बाद उमंग ने अपने दम पर सियासत शुरू की और कामयाब भी रहे. उन्हें अपनी ताकत का एहसास था कि निमाड़ के आदिवासी उन के साथ हैं और कांग्रेस उन की मुहताज है. इसी वजह और युवा होने के चलते उमंग को राहुल गांधी की नजदीकियां भी हासिल थीं.
उमंग की काबिलीयत को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें ?ारखंड विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिस में वे खरे भी उतरे थे.
मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन ने रांची में एक इंटरव्यू के दौरान इस प्रतिनिधि से उमंग की तारीफ की थी और दूसरे दिग्गज कांग्रेसियों ने भी कांग्रेस ?ामुमो के गठबंधन की जीत में उन के रोल को असरदार बताया था.
पिछले साल मार्च के महीने में ही जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे, तब उमंग के भी उन के साथ जाने की चर्चा थी, लेकिन उन के ऐसा न करने की वजह भी है.
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छोड़ेगी नहीं भाजपा
वजह यह है कि उमंग सिंघार हिंदुत्व के कट्टर विरोधी हैं और आदिवासियों को हिंदू नहीं मानते. कुछ दिन पहले तो उन्होंने आदिवासी इलाकों में रामलीला होने का भी विरोध किया था. इस पर भाजपा बुरी तरह भड़की थी, पर उमंग की सेहत पर इस का कोई असर नहीं हुआ था.
अब सोनिया की खुदकुशी के बाद भाजपा नेताओं को मौका मिल गया है. मंत्री रह चुकी रंजना बघेल कहती हैं कि उमंग की पहले से ही 2 पत्नियां हैं और पहले भी वे कई औरतों का शोषण कर चुके हैं. लिहाजा, उन के खिलाफ कड़ी जांच और कार्यवाही होनी चाहिए.
गौरतलब है कि उमंग की पहली शादी विनीता सिंघार से हुई थी, जिस से उन्हें 2 बच्चे भी हैं. इन तीनों के बारे में कोई खास कुछ नहीं जानता.
शाहपुरा पुलिस ने उमंग के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने वाली आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू भी कर दी है. हैरानी नहीं होनी चाहिए, अगर जल्द ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया जाए.
17 मई को जब सोनिया का अंतिम संस्कार उस की मां की मौजूदगी में बेटे आर्यन ने किया, तो उमंग भी श्मशान घाट में मौजूद थे और सोनिया के परिवार वालों को गले लगा कर उन का दुख बांट रहे थे.
यह एक तरह का डर भी था कि कहीं ये लोग ऐसा कोई बयान न दे दें, जो उन्हें और फंसा दे. खुद उन के नौकरों और आर्यन ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि उन दोनों में नोक?ांक होती रहती थी, लेकिन खुदकुशी की वजह क्या है, यह उन्हें नहीं मालूम.
उमंग ने माना कि वे सोनिया से शादी करने वाले थे. वह उन की अच्छी दोस्त थी, लेकिन उस की खुदकुशी पर उन्हें हैरानी हो रही है.
यह ठीक है कि सोनिया ने अपनी खुदकुशी का जिम्मेदार उमंग को नहीं ठहराया है, लेकिन इस से वे बच नहीं सकते कि वह चिट्ठी में उन्हीं का जिक्र कर रही थी.
बेमेल इश्क से बचें
अब भले ही उमंग सिंघार यह कहते रहें कि पुलिस सोनिया के घर वालों के बारबार बयान ले कर उन्हें परेशान कर रही है, लेकिन हकीकत सामने है कि दोनों ने अपनीअपनी जरूरतें एकदूसरे से पूरी कीं और फिर चाह कर भी सीधेसीधे अलग नहीं हो पाए.
आएदिन के ऐसे हादसे बताते हैं कि बेमेल इश्क का अंजाम आमतौर पर अच्छा नहीं होता, इसलिए बहुत सोचसम कर कदम उठाना चाहिए और शादी का फैसला और वादा तभी करना चाहिए, जब इसे निभा सकें.
प्रेमिका अपने प्रेमी से सिक्योरिटी और पैसों समेत हर तरह की बेफिक्री चाहती है, तो प्रेमी को उस के एवज में सैक्स सुख और भावनात्मक सहारा चाहिए रहता है. दोनों ही हर्ज की बात नहीं, बशर्ते यह सौदा न हो कर वाकई प्यार के तहत हो.