सौजन्य: मनोहर कहानियां
दरअसल, नितेश व मोहित एक ही जिम में व्यायाम करने के लिए जाते थे. इसीलिए दोनों के बीच दोस्ती थी. नितेश इंश्योरेंस कराने का काम करता था. इंश्योरेंस के साथ वह लोगों के बैंक में खाते खुलवाने से ले कर उन्हें लोन दिलाने का काम करता था. इसीलिए फरजी आईडी से ले कर जाली आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाने में उसे महारथ हासिल थी.
मोहित ने उसे मोटी रकम मिलने का सब्जबाग दिखा कर अपहरण की इस वारदात में अपने साथ मिला लिया. इस के बाद नितेश ने 3 आईडी तैयार कीं और उन्हीं आईडी के आधार पर उस ने 3 सिमकार्ड खरीदे. फरजी आईडी से खरीदे गए तीनों सिम कार्ड डा. प्रीति मेहरा, डा. अभिषेक व मोहित ने अपने पास रख लिए.
डा. प्रीति ने तो अपने सिम कार्ड का इस्तेमाल गौरव हलधर से दोस्ती करने के लिए शुरू कर दिया. लेकिन अभिषेक व मोहित ने अपहरण करने से चंद रोज पहले ही अपने सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था.
प्रीति मेहरा ने गौरव को अपने प्रेमजाल में इस तरह फंसा लिया कि वह उस के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार था. जब सब ने यह देख लिया कि शिकार जाल में फंसने का तैयार है तो प्रीति ने गौरव को वाट्सऐप मैसेज दिया कि वह 18 जनवरी को उस से मिलने गोंडा आ रही है.
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रोहित भी उस समय दिल्ली आया हुआ था. दिल्ली से स्विफ्ट डिजायर कार ले कर डा. अभिषेक, डा. प्रीति मेहरा, मोहित, रोहित व नितेश गोंडा पहुंच गए.
गोंडा पहुंचने से पहले रोहित बहराइच में ही उतर गया. इधर गोंडा पहुंच कर डा. प्रीति ने एक राहगीर से किसी बहाने फोन ले कर गौरव को मिलने के लिए फोन किया और उस के कालेज से एक किलोमीटर दूर एक जगह पर बुलाया.
प्रीति मेहरा का रंगीन वार
प्रीति के मोहपाश में फंसा गौरव वहां चला आया. गौरव को प्रीति ने अपने साथ कार में बैठा लिया, जहां बैठे बाकी अन्य लोगों ने उसे दबोच कर नशे का इंजेक्शन दे दिया. इस के बाद वे गोंडा से चल दिए. उन की योजना गौरव को संतकबीर नगर के खलीलाबाद में रहने वाले सतीश के घर पर छिपाने की थी. वे वहां पहुंच भी गए, लेकिन बाद में इरादा बदल दिया और कुछ ही देर में कार से दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
18 जनवरी की रात को ही दिल्ली पहुंच गए. रास्ते में गाजियाबाद के पास उन्होंने गौरव के फोन से गौरव के पिता निखिल को फिरौती के लिए पहला फोन कर 70 लाख की फिरौती की मांग की.
इसके बाद उन्होंने गौरव को अभिषेक के बक्करवाला स्थित डीडीए फ्लैट में छिपा दिया. नितेश या मोहित उसे खाना देने जाते थे और डा. अभिषेक व प्रीति उसे लगातार नशे के इंजेक्शन देते थे ताकि वह होश में आ कर शोर न मचा दे. उन लोगों ने कई बार गौरव के साथ मारपीट भी की.
इधर रोहित ने जब गोंडा व बहराइच में गौरव के अपहरण कांड को ले कर छप रही खबरों के बारे में अभिषेक को बताया कि पुलिस की एक टीम दिल्ली में गौरव की तलाश कर रही है तो अभिषेक ने गौरव को अपने फ्लैट से कहीं दूसरी जगह रखने की योजना बनाई.
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इसीलिए डा. अभिषेक मोहित व नितेश के साथ 21 जनवरी की रात को गौरव को बेहोशी का इंजेक्शन दे कर उसे कार से ले कर ग्रेटर नोएडा जा रहा था, तभी पुलिस ने सर्विलांस के जरिए उन की लोकेशन का पता लगा कर उन्हें दबोच लिया.
नितेश के पिता व गोंडा पुलिस के नोएडा पहुंचने के बाद एसटीएफ ने उन्हें गोंडा पुलिस के हवाले कर दिया. इधर पुलिस को जब इस में रोहित व सतीश नाम के 2 और लोगों के शामिल होने की खबर लगी तो गोंडा पुलिस की टीम ने दबिश दे कर उसी रात रोहित व सतीश को भी गिरफ्तार कर लिया.
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की खबर पा कर डा. प्रीति फरार हो चुकी थी. उस की तलाश में एसटीएफ और गोंडा पुलिस ने कई जगह छापे मारे, लेकिन वह पुलिस की पकड़ में नहीं आई.
गोंडा पुलिस ने प्रीति की गिरफ्तारी पर 25 हजार के इनाम की घोषणा की थी. जिस के बाद गोंडा पुलिस ने 1 फरवरी को प्रीति को उस के गांव धौर जिला झज्जर, हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया.
मूलरूप से हरियाणा की प्रीति मेहरा वर्तमान में दिल्ली के प्रेमनगर में रहती थी. फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. कैसी विडंबना है कि सालों की मेहनत के बाद डाक्टर बनने वाले अभिषेक व प्रीति अपने अधूरे ख्वाब को पूरा करने के लिए शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए.
डीजीपी ने फिरौती के लिए हुए अपहरण कांड का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली गोंडा पुलिस की टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है.
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—कथा पुलिस की जांच, पीडि़त व अभियुक्तों के बयान पर आधारित