रजनी पहली पत्नी थी और उस से नीटू का कानूनी तलाक भी नहीं हुआ था, इसलिए जब वह उस के साथ शारीरिक संबध भी बनाता रहता था. रजनी भी कभी इनकार नहीं कर पाती थी. इसी दौरान लीलू ने अपनी निजी जरूरत के लिए नीटू से 12 लाख रुपए लिए और कुछ समय बाद वापस करने का वादा कर दिया. लेकिन काफी दिन बीत जाने पर भी जब वह पैसे वापस नहीं कर पाया तो नीटू ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया.
आखिर एक दिन ऐसी नौबत आई कि नीटू व लीलू में इस बात को ले कर खटपट इतनी बढ़ गई कि नीटू ने उस का हिसाबकिताब चुकता कर उसे पार्टनरशिप से हटा दिया. लेकिन इस के बावजूद नीटू के उस पर 10 लाख रुपए बकाया रह गए.
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अब नीटू जब भी बच्चों से मिलने के लिए गांव जाता तो लीलू पर अपनी रकम वापस करने का दबाव डालता था.
कुछ इंसान गलतियों से भी सीख नहीं लेते. नीटू भी ऐसा ही इंसान था. दौलत की चमक ने उस में अय्याशी की जो भूख पैदा कर दी थी, उसे पूरा करने के बावजूद वह अय्याशियों से बाज नहीं आया.
लिहाजा 2019 आतेआते नीटू का अपने ही दफ्तर में काम करने वाली एक लड़की ज्योति पर दिल आ गया और उस ने ज्योति से आर्यसमाज मंदिर में शादी कर के उसे किराए के एक मकान में रख दिया.
वह कभी शिखा के पास चला जाता तो कभी ज्योति की बाहों का हार बन जाता. लेकिन एक दिन शिखा पर उस की तीसरी शादी का राज खुल गया तो शिखा से उस का झगड़ा शुरू हो गया.
आखिर एक दिन शिखा ने पुलिस बुला ली. जिस के बाद शिखा ने 4 लाख रुपए ले कर नीटू को तलाक दे दिया. जब ज्योति को इस बात का पता चला कि उस से पहले नीटू 2 शादी कर चुका है और इस के अलावा भी कई लड़कियों के साथ उस के संबंध हैं तो 2019 खत्म होतेहोते उस ने भी नीटू से नाता तोड़ लिया और तलाक का आवेदन कर दिया.
उधर लीलू नीटू के कर्ज को ले कर परेशान था. वह नीटू की पत्नी रजनी के लगातार संपर्क में था और नीटू की तीनों शादियों के बारे में उसे भी बता दिया था.
इसी बीच जब ज्योति नीटू को छोड़ कर चली गई तो एक बार फिर उसे औरत की जरूरत महसूस होने लगी. इस बार उस ने शादी डौट कौम पर जीवनसाथी की तलाश कर एक ऐसी लड़की के साथ शादी करने का फैसला किया जो उस के दोनों बच्चों को भी अपना सके.
नीटू की तलाश जल्द ही पूरी हो गई. गुरुग्राम में रहने वाली कविता भी जीवनसाथी खोज रही थी, जिस ने एक बच्चा होने के बाद अपने पति की शराब की लत से परेशान हो कर उसे तलाक दे दिया था. कविता संपन्न परिवार की लड़की थी.
कविता के साथ बात आगे बढ़ी तो उस ने नीटू के दोनों बच्चों को अपनाने की सहमति दे दी. नीटू ने भी कविता की बेटी को पिता का नाम देने और उसे अपनाने की अनुमति दे दी.
सपना, सपना ही रह गया
लौकडाउन के दौरान 20 मई को परिवार वालों की मौजूदगी में नीटू ने कविता से शादी कर ली. शादी के बाद नीटू कविता को ले कर अपने गांव भी गया और उसे दोनों बच्चों से भी मिलाया.
नीटू ने फैसला कर लिया था कि कोरोना का चक्कर खत्म होने के बाद जब लौकडाउन पूरी तरह खत्म हो जाएगा तो दोनों बच्चों व कविता को उस की बेटी के साथ दिल्ली के मकान में ले आएगा. फिलहाल कविता अपनी बेटी के साथ अपने मायके में ही रह रही थी.
इस दौरान सुधीर उर्फ लीलू के जरिए रजनी को यह बात पता चल गई कि नीटू ने फिर से चौथी शादी कर ली है. इस बार उस ने जिस लड़की से शादी की है वो नीटू के परिवार को भी काफी पसंद आई है तो रजनी अपने भविष्य को ले कर चिंता में पड़ गई.
क्योंकि नीटू ने एक तो उसे छोड़ दिया था, ऊपर से उसे खर्चा भी नहीं देता था. अगर कविता से उस के संबध सही रहे तो उस के दोनों बच्चे भी उस के हाथ से चले जाएंगे. ऐसे में न तो उसे नीटू की प्रौपर्टी में से कोई हिस्सा मिलेगा न ही उसे बच्चे मिलेंगे.
लिहाजा उस ने लीलू को दिल्ली बुला कर कोई ऐसा उपाय करने को कहा जिस से उसे नीटू की प्रौपर्टी में हिस्सा मिल जाए. लीलू तो पहले ही नीटू से छुटकारा पाने की सोच रहा था. लिहाजा उस ने रजनी से कहा कि अगर नीटू की हत्या करा दी जाए तो न सिर्फ उस से छुटकारा मिल जाएगा बल्कि उस की प्रौपर्टी भी उसे ही मिल जाएगी.
एक बार इंसान के दिमाग में खुराफात समा जाए तो फिर अपने लालच को पूरा करने के लिए वह उसे अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेता है. रजनी ने लीलू से कहा कि अगर वह किसी कौंट्रेक्ट किलर से नीटू की हत्या करवा दे तो वह केवल नीटू का दिया कर्ज माफ कर देगी बल्कि नीटू का निहाल विहार वाला दूसरा मकान जिस की कीमत करीब एक करोड़ रुपए है, उस के नाम कर देगी. साथ ही उस ने ये भी कहा कि हत्या कराने के लिए जो भी खर्च आएगा वो उस का भी आधा खर्च उसे दे देगी.
लीलू तो पहले ही अपने कर्ज से मुक्ति और नीटू से बदला लेने के लिए किसी ऐसे ही मौके की तलाश में था, अब तो उसे बड़ा फायदा होने की भी उम्मीद थी, लिहाजा उस ने रजनी की बात मान ली.
सुधीर उर्फ लीलू ने विकास की हत्या करने के लिए कौन्ट्रैक्ट किलर से संपर्क किया. बागपत के ही रोहित उर्फ पुष्पेंद्र, सचिन और रवि से उस की पुरानी जानपहचान थी.
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उस ने इस काम के लिए उन तीनों को 6 लाख की सुपारी देना तय किया. 3 लाख रुपए एडवांस दे दिए. लीलू ने उन्हें बता दिया था कि नीटू दिल्ली से अपने गांव आने वाला है, गांव में उस की हत्या को अंजाम देना है.
19 जून को दिन में ही लीलू ने हत्यारों को फोन कर के बता दिया था कि नीटू अपने घेर में बोरिंग करवा रहा है. घेर में उसे मारना बेहद आसान है, इसलिए आज ही मौका देख कर उस का खात्मा कर दें. शाम को रोहित नाम का बदमाश गांव में आया और लीलू से मिला. लीलू ने उसे नीटू का घेर दिखा दिया और अपने साथ ले जा कर रोहित को नीटू की शक्ल भी दिखा दी. उस के बाद वे लोग चले गए.
रात को करीब साढे़ 8 बजे जब पूरी तरह अंधेरा छा गया तो रोहित अपने दोनों साथियों रवि और सचिन के साथ स्पलेंडर बाइक पर गमछे बांध कर घेर पर पहुंचा और विकास उर्फ नीटू की गोली मार कर हत्या कर दी.
पुलिस ने पूछताछ के बाद अभियुक्त रोहित के कब्जे से 1 लाख 20 हजार रुपए, घटना में प्रयुक्त एक स्पलेंडर बाइक, एक तमंचा 315 बोर और 2 जिंदा कारतूस बरामद कर लिए, जबकि नीटू की हत्या की सुपारी देने वाले आरोपी सुधीर उर्फ लीलू से 2 लाख रुपए नकद और स्कोडा कार बरामद हुई.
रजनी से 4 हजार रुपए बरामद किए गए. रोहित से पूछताछ में पता चला कि 12 जून, 2020 को उस ने अपने 2 साथियों के साथ अब्दुल रहमान उर्फ मोनू पुत्र बाबू खान, निवासी बावली जोकि खल मंडी में एक आढ़ती के पास पल्लेदार का काम करता है, से 93,500 रुपए लूट लिए थे, इन्हीं पैसों से उन्होंने नीटू की हत्या के लिए हथियार खरीदे थे क्योंकि घटना को अंजाम देने के लिए हथियारों की व्यवस्था करने का काम शूटर्स का ही था.
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नीटू हत्याकांड के तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. 2 फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास कर रही थी.
– कथा पुलिस व पीडि़त परिवार से मिली जानकारी पर आधारित