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होने लगी नेतागिरी

पुलिस द्वारा गोलू तथा उस के मातापिता को नजरबंद करने की जानकारी लोक जनशक्ति पार्टी के दलित नेता राजीव पासवान को मिली तो वह अपने समर्थकों के साथ बेरूई गांव आए. गांव में उन्होंने पुलिस काररवाई को गलत बताते हुए भड़काऊ बयान दिया.

उन्होंने कहा कि 6 वर्षीय बालक गोलू गरीब दलित का बेटा है इसलिए पुलिस ने उसे व उस के मातापिता को नजरबंद कर दिया है. यही गोलू अगर किसी ब्राह्मण का बेटा होता तो पुलिस किसी पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे तख्त डाल कर बिठा देती और उस की सुरक्षा करती.

राजीव पासवान ने कहा कि वह गोलू व उस के मातापिता को रिहा कराने के लिए डीएम व एसपी से बात करेंगे. फिर भी बात न बनी तो लोक जनशक्ति पार्टी के नेता तथा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मिलेंगे और तीनों को हर हाल में रिहा कराएंगे.

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गोलू को नजरबंद हुए अभी 2 ही दिन बीते थे कि क्षेत्रीय विधायक संजय कुमार गुप्ता अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बेरूई गांव आए. उन्होंने डीएम मनीष कुमार वर्मा तथा एसपी प्रदीप गुप्ता से मोबाइल फोन पर बात की और नजरबंद बालक गोलू तथा उस के मातापिता को बेरूई गांव बुलवा लिया.

बालक गोलू से मिलने और बातचीत करने के बाद विधायक संजय गुप्ता ने अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला बयान दिया, जबकि उन्हें लोगों को अंधविश्वास से दूर रहने की नसीहत देनी चाहिए  थी.

विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि बालक गोलू से बात कर के और उस के हाथों के स्पर्श से उन्हें भी बच्चे के अंदर दैवीय शक्ति की अनुभूति हुई है. गोलू नाम के इस बच्चे के ऊपर वाकई दैवीय कृपा है, जिस के छूने मात्र से असाध्य रोग ठीक हो जाता है.

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