32 वर्षीय संदीप सिंह अपने परिवार सहित सतना जिले के कोलगवां थाना क्षेत्र के संतोषी माता मंदिर कालोनी में कैलाश गुप्ता के मकान में किराए पर रहता था. उस के परिवार में पत्नी प्रियंका सिंह और 2 बेटियां थीं. हालांकि संदीप मूलरूप से महादेवा बिहरा क्रमांक-1, सतना का रहने वाला था.
चूंकि वह पेशे से पटवारी था और सगौनी तहसील में पदस्थ था, गांव से नौकरी जानेआने में उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, इसीलिए उस ने शहर में किराए का कमरा ले लिया था ताकि नौकरी पर आराम से आजा सके.
ऐसा नहीं था कि संदीप का पत्नी और बच्चों के अलावा कोई और नहीं था. उस के मांबाप गांव में अपने पुश्तैनी मकान में अन्य बच्चों के परिवार के साथ रहते थे. वह भी सरकारी नौकरी से रिटायर्ड थे. इसलिए गांव में रहते थे. संदीप का जब भी मांबाप से मिलने का मन करता था, वह महीने में एकदो बार गांव जा कर उन से मिल कर उसी दिन वापस लौट आता था. ऐसे में संदीप और उस के परिवार की जिंदगी मजे से कट रही थी.
बात 31 मई, 2020 की है. संदीप और उस का परिवार रात 10 बजे खाना खा कर फारिग हुए तो प्रियंका बरतनों को साफ करने किचन में चली गई. उस ने दोनों बेटियों को खिलापिला कर पहले ही सुला दिया था. संदीप की पुरानी आदत थी कि वह रात का खाना खाने के बाद कम से कम एकडेढ़ घंटे टहलता जरूर था.
उस रात भी खाना खाने के बाद संदीप अपना फोन ले कर मकान की छत पर टहलने गया. वह ग्राउंड फ्लोर पर रहता था. उस समय रात के 11 बज रहे थे. प्रियंका जब किचन की साफसफाई कर के फारिग हुई तो दीवार घड़ी पर नजर दौड़ाई.
घड़ी में उस समय रात के 12 बज रहे थे. अकसर यही समय हो जाया करता था उसे किचन से फारिग होतेहोते.
दिन भर के कामों और 2-2 बच्चों की देखभाल करतेकरते प्रियंका बुरी तरह थक जाती थी. इस रात भी वह बुरी तरह थक गई थी. किचन से फारिग हो कर जैसे ही वह बिस्तर पर लेटी, उस की आंखें लग गईं. दु:स्वप्न देख अचानक प्रियंका की नींद टूटी तो वह बिस्तर पर उठ कर बैठ गई. उस ने दीवार घड़ी पर नजर डाली, उस समय रात के 2 बज चुके थे. पति संदीप बिस्तर पर नहीं था.
पति को बिस्तर पर न पा कर प्रियंका हैरान रह गई. उस ने सोचा इतनी रात गए वह छत पर क्या रह रहे होंगे. वह पति को बुलाने छत पर गई तो देखा, पति छत पर नहीं थे. यह देख कर प्रियंका हैरान रह गई कि पति कमरे में नहीं हैं और छत पर भी नहीं हैं तो कहां चले गए. उस ने सोचा कहीं ऐसा तो नहीं कि टहलतेटहलते छत से नीचे गिर गए हों.
अपनी तसल्ली के लिए उस ने ऊपर छत से नीचे झांक कर देखा, लेकिन नीचे भी कुछ नहीं दिखाई दिया. यह सोच कर प्रियंका और भी हैरान थी कि रहस्यमय ढंग से पति कहां गायब हो गए. उस ने ऊपर से नीचे तक सब जगह देख लिया था. संदीप का कहीं पता नहीं चला तो वह बुरी तरह घबरा गई और मकान मालिक कैलाश गुप्ता को नींद से जगा कर पति के अचानक गायब हो जाने की बात बताई.
प्रियंका की बात सुन क र मकान मालिक गुप्ता की नींद उड़ गई थी कि वह अचानक से घर से कहां गायब हो सकता है? बड़ी हैरान कर देने वाली बात थी यह. मकान मालिक भी प्रियंका के साथ संदीप को ढूंढने में जुट गए.
नीचे से ऊपर तक एक बार फिर से दोनों ने संदीप को तलाशा, लेकिन उस का कहीं पता नहीं चला. फिर दोनों उसे ढूंढते हुए मकान के पीछे यह सोच कर गए कि कहीं ऐसा तो नहीं कि छत के ऊपर से नीचे जा गिरा हो. टौर्च की रोशनी में दीवार से करीब 5-6 फीट दूरी छान मारी, फिर भी संदीप का कहीं पता नहीं चला. उधर प्रियंका पति को ढूंढतेढूंढते कुछ आगे बढ़ गई थी.
तभी अचानक प्रियंका के मुंह से जोर से चिल्लाने की आवाज आई. चिल्लाने की आवाज सुन कर कैलाश गुप्ता डर गए और उसी ओर दौड़े, जिस ओर से आवाज आई थी. देखा जमीन पर संदीप का शव पड़ा था. उस के सिर से खून बह रहा था. उस की लाश के पास खून से सना एक पत्थर पड़ा था. पास में ही उस का मोबाइल पड़ा था. प्रियंका पति के पास बैठ कर विलाप कर रही थी.
मामला बड़ा संदिग्ध लग रहा था. छत से गिर कर संदीप की मौत हुई थी, यही कह कर प्रियंका विलाप करती रही. पटवारी संदीप की छत से गिर कर मौत की खबर सुन कर पासपड़ोस के लोग रात में ही मौके पर जुटने लगे थे. प्रियंका ने ससुर छोटेलाल सिंह को फोन कर के पति के छत से गिर कर मौत हो जाने की सूचना दे दी थी. बेटे के मौत की खबर जैसे ही घर वालों को मिली, घर में कोहराम मच गया. सहसा किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि संदीप अब इस दुनिया में नहीं रहा.
संदीप की मौत की खबर मिलते ही छोटेलाल बेटों के साथ घटनास्थल पहुंचे. उस समय सुबह के 10 बज चुके थे. संदीप की लाश देख कर किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि उस की मौत छत से गिर कर हुई है. इसी बीच किसी ने घटना की सूचना कोलगवां थाने को दे दी.
घटना की सूचना पा कर कोलगवां थाने के इंसपेक्टर मोहित सक्सेना अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे. उन की टीम में एसआई शैलेंद्र सिंह, डी.आर. शर्मा, कांस्टेबल आर. बृजेश सिंह, देवेंद्र सेन और पुष्पेंद्र बागरी शामिल थे.
इंसपेक्टर मोहित सक्सेना ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. लाश के पास एक बड़ा पत्थर खून से सना पड़ा था. वहीं लाश के पास ही मृतक का मोबाइल फोन गिरा पड़ा था. जो बिल्कुल सहीसलामत था. मोबाइल पर खरोंच तक नहीं आई थी.
उस के बाद इंसपेक्टर सक्सेना ने मौके पर मौजूद मृतक की पत्नी प्रियंका, जिस का रोरो कर हाल बुरा हो रहा था और पिता छोटेलाल सिंह के बयान लिए. पत्नी प्रियंका ने छत से गिर कर पति की मौत होना बताया था.
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लाश की पोजिशन और घटनास्थल देख कर पता नहीं क्यों इंसपेक्टर सक्सेना मृतक की पत्नी का बयान पचा नहीं पा रहे थे. सब से आश्चर्य वाली बात तो ये थी मृतक करीब 28-30 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिरा था और उस की मौत हो गई थी. लेकिन उस के मोबाइल फोन पर खरोंच तक नहीं आई थी. ऐसे कैसे हो सकता था? यह बात उन के गले नहीं उतर रही थी.
उसी समय उन्होंने एसपी रियाज इकबाल, एएसपी गौरव सिंह सोलंकी, सीएसपी विजय प्रताप और एफएसएल टीम प्रभारी डा. महेंद्र सिंह को फोन कर के सूचना दे दी थी.
सूचना मिलने के थोड़ी देर बाद मौके पर सारे पुलिस अधिकारी पहुंच चुके थे. पुलिस अधिकारियों ने मौके का बारीकी से मुआयना किया. उन्हें भी पटवारी संदीप सिंह की मौत छत से गिरने से हुई हो, ऐसा नहीं लग रहा था. बल्कि यह हत्या का मामला लग रहा था. लेकिन यह बात पुलिस ने अपने तक ही सीमित रखी ताकि किसी को शक न हो, नहीं तो कातिल मौके का लाभ उठा कर फरार हो सकता था.
बहरहाल, पुलिस ने लाश का पंचनामा भर कर उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया और मौके से मृतक का मोबाइल फोन और खून सना पत्थर बतौर साक्ष्य अपने कब्जे में ले कर पुलिस थाने लौट आई थी.
पुलिस ने पटवारी संदीप सिंह की संदिग्ध मौत की जांच शुरू कर दी. फिलहाल न तो मृतक की पत्नी प्रियंका ने और न ही पिता छोटेलाल सिंह ने हत्या की कोई तहरीर पुलिस को दी.
पुलिस ने घटना को रीक्रिएट किया
2 जून, 2020 को एसपी रियाज इकबाल, एएसपी गौरव सिंह सोलंकी, सीएसपी विजय प्रताप, इंस्पेक्टर मनोज सक्सेना और एफएसएल प्रभारी डा. महेंद्र सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और घटना का रीक्रिएशन किया. पुलिस अधिकारियों ने मृतक संदीप के वजन के बराबर एक डमी तैयार की और वह डमी उसी छत से धक्का दे कर नीचे गिराई. डमी दीवार से 5 फीट की दूरी पर जा कर गिरी. यह क्रिया उन्होंने 3 बार की थी. तीनों बार डमी 5 फीट की दूरी पर जा कर गिरी थी. जबकि संदीप की लाश दीवार से 15 फीट की दूरी पर मिली थी.
यह कैसे संभव हो सकता है. यह सोच कर पुलिस अधिकारियों का माथा ठनक गया. वैज्ञानिक तर्कों से भी यह सिद्ध हो गया कि संदीप की मौत छत से गिरने से नहीं बल्कि एक साजिश के तहत उस की हत्या की गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सिर में गहरी चोट के कारण मौत होने का उल्लेख था.
अब तक की जांचपड़ताल से यह सिद्ध हो चुका था कि पटवारी संदीप सिंह की हत्या की गई थी. पुलिस को आश्चर्य तब हुआ जब मृतक संदीप सिंह और उस की पत्नी प्रियंका के फोन का काल डिटेल्स निकलवा कर अध्ययन किया गया.