शादी से पहले प्रोटैक्शन है जरूरी

अगर आप भी सुगंधा और अश्विनी जैसी परेशानी से दोचार नहीं होना चाहते तो जरूरी है कि आप सुरक्षित सैक्स के बारे में सबकुछ जानें खासतौर से उस वक्त जब आप शादीशुदा नहीं हैं. लिवइन में रह रहे सुगंधा और अश्विनी दोनों नए जमाने के युवा हैं जो इन सड़ेगले सवालों और प्रवचनों में सिर नहीं खपाते कि शादी के पहले सैक्स संबंध क्यों नहीं बनाना चाहिए. वे 2 व्यस्कों के बीच सहमति से बने सैक्स संबंधों को कतई अनैतिक या पाप नहीं मानते. उन की नजर में कोई भी जरूरत जिस से किसी को कोई तकलीफ न होती हो और कानूनी अपराध न होता हो उसे पूरा करने में हिचकना नहीं चाहिए और न ही किसी और का लिहाज करना चाहिए.

लौकडाउन के दिनों में सिर्फ एक बार दोनों कंडोम का इस्तेमाल करना भूल गए थे, तब उन्हें लगा था कि कुछ गड़बड़ नहीं होगी. लेकिन गड़बड़ भी शायद उन की इसी तरह की किसी लापरवाही का इंतजार कर रही थी, सो हो ही गई. सुगंधा को समय पर पीरियड नहीं आया तो शुरू के चारपांच दिन तो उस ने यह सोच कर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया कि ऐसा तो हर कभी हो जाता है लेकिन इस बार बात कुछ और थी और चारपांच दिनों बाद उसे खटका हुआ कि कहीं ऐसा तो नहीं कि….

ऐसा ही हुआ

…..आशंका सच निकली जब उस ने स्ट्रिप टैकस्ट किया तो लाल रंग की धारियों ने उसे टैंशन में डाल दिया. अश्विनी को बताया तो पहले तो वह भी घबराया लेकिन फिर हिम्मत बंधाते बोला, ‘ झं झट तो हो गई है यार, पर निबट लेंगे. मैं किसी लेडी डाक्टर से बात करता हूं.’ दोनों दूसरे दिन ही शहर की नामी डाक्टर से मिले और बिना कुछ छिपाए परेशानी बताई तो वे बोलीं, ‘अकसर युवाओं से असावधानी और लापरवाही में यह चूक हो जाती है, आइंदा ध्यान रखें.’ अगले दिन एबौर्शन हो गया जिस में न वक्त ज्यादा लगा और न ही पैसा. 5 हजार रुपए में दोनों आने वाली परेशानी से बच गए.

इस घटना से उन्हें जिंदगीभर के लिए सबक मिल गया कि शादी के पहले सैक्स प्रोटैक्शन बहुत जरूरी है, नहीं तो लेने के देने पड़ जाते हैं और ऐसी स्थिति में अगर समय पर एबौर्शन न कराया जाए तो फिर तरहतरह की ऐसी परेशानियां खड़ी हो जाती हैं जिन के बारे में पहले कभी सुना व सोचा नहीं होता.

डिस्चार्ज करते वक्त डाक्टर ने उन्हें मशवरा दिया था कि शुरू के दोतीन महीने तक तो अबौर्शन में कोई दिक्कत नहीं होती पर इस के बाद कई कौम्लिकेशंस आने लगते हैं- शारीरिक भी मानसिक भी, सामाजिक भी और कानूनी भी. सुगंधा को उन्होंने सलाह दी कि इस का जिक्र वह कभी किसी से न करे, यह गैरजरूरी है जो भविष्य में दिक्कतें खड़ी कर सकता है.

सुगंधा डाक्टर से यह सुन कर और बेफिक्र थी कि इस अबौर्शन से उस की हैल्थ पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा और उसे कभी इसे ले कर गिल्ट नहीं पालना चाहिए. अश्विनी ने भी बेफिक्री की सांस ली क्योंकि वह सुगंधा से बहुत प्यार करता है और शादी उस से हो न हो, इस से उस के प्यार पर कोई फर्क नहीं पड़ना. अस्पताल से आने के बाद उस ने सुगंधा को सौरी भी बोला. बड़े सदमे से बाहर आई सुगंधा ने कहा, ‘कोई बात नहीं. उस दिन मु झे भी ध्यान रखना चाहिए था कि बिना कंडोम के सैक्स करना कितना रिस्की होता है.’

और भी रिस्क हैं सैक्स में

सैक्स बिलाशक कुदरती जरूरत और मजा है लेकिन पर्याप्त जानकारियां न हों तो यह रिस्की भी हो जाता है. आज का युवा आजादी से जीना चाहता है और जी भी रहा है लेकिन आजादी का आनंद कुछ जरूरी सावधानियों को जानने व उन्हें अमल में लाने के बाद वह और भी बढ़ जाता है. शादी के पहले सैक्स इन्हीं आजादियों में से एक है. इस के खतरे पहले भांप और जांच लिए जाएं तो कोई अड़चन पेश नहीं आती. फिलौसफी की तरह सैक्स भी एक ऐसा विषय है जिस के बारे में कोई भी सबकुछ नहीं जान सकता. फिर भी इतना जान लेना तो जरूरी है कि रिस्क न के बराबर हो.

हर युवा जानता है कि बगैर कंडोम के सैक्स संबंध बनाना सैक्स के लिए सब से बड़ा रिस्क है. इसलिए सैक्स संबंध बनाने के पहले बहुतकुछ जान लेना जरूरी है खासतौर से उन युवाओं के लिए जिन की शादी नहीं हुई है. कंडोम अनचाहे गर्भ से तो बचाता ही है, साथ ही, इस के इस्तेमाल से सैक्स संबंधी सैकड़ों बीमारियों से भी बचाव होता है जिन्हें एसआईडी यानी सैक्सुअल ट्रांस्मिटेड डिजीज कहते हैं.

एचआईवी, एड्स, सिफलिस और गोनोरिया जैसी गंभीर बीमारियों के अलावा मामूली इन्फैक्शन से भी कंडोम आप को बचाता है. 62 साल के इतिहास में कंडोम के कई दिलचस्प पड़ाव देखने में आते हैं. अब तो ये कई फ्लेवर्स में भी मिलने लगे हैं जिन से ओरल सैक्स में सहूलियत रहती है.

ओरल सैक्स का चलन तेजी से युवाओं में बढ़ रहा है जो हर्ज की बात नहीं लेकिन इसे करने से पहले प्राइवेट पार्ट्स की साफसफाई और हाइजीन का खास खयाल रखा जाना चाहिए, नहीं तो इन्फैक्शन का जोखिम बढ़ जाता है. ओरल सैक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम इस्तेमाल करना ज्यादा आनंददायक रहता है. किसी भी तरह के सैक्स में एक कंडोम को एक बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

दबाएं नहीं, सहलाएं

शादी के पहले सैक्स में युवाओं में बेताबी ज्यादा और तजरबा कम रहता है, इसलिए वे कई बार वे अपने पाटनर्स की फीलिंग्स और डिमांड को सम झ नहीं पाते. इन में से एक है प्राइवेट पार्ट्स को बेरहमी से दबाना. युवक सोचते हैं कि जोरजोर से अपनी पार्टनर के स्तन दबाएंगे तो वे ज्यादा एंजौय करेगी. लेकिन, हकीकत उलट है कि युवतियों को स्तन व निपिल सहलाए जाने में ज्यादा मजा आता है. जोर से दबाने और काटने से ये पार्ट दर्द करते हैं जिस के चलते युवतियां ऐसे युवकों से सैक्स करने में कतराने लगती हैं. इसलिए इस से बचना चाहिए. नाजुक युवकों का प्राइवेट पार्ट भी होता है, इसे भी जोर से दबाया जाए तो दर्द तो होता ही है, साथ ही, अंदरूनी नुकसान और चोट वगैरह का डर बना रहता है.

संबंधों को छिपाना सीखें

सैक्स संबंध आम होते हैं तो कई फसाद भी उठ खड़े होते हैं. इसलिए इन्हें छिपा कर रखना चाहिए जिसे सोशल प्रोटैक्शन कहा जा सकता है. आएदिन की खबरों में यह बहुत आम होती है कि चूंकि लड़का लड़की को बहलाफुसला कर सैक्स संबंध बना रहा था, इसलिए लड़की के घर वालों ने न केवल उस की मारकुटाई की, बल्कि उस के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी कि वह शोषण कर रहा था. जबकि, ज्यादातर मामलों में ऐसा होता नहीं है. सैक्स संबंध आमतौर पर दोनों की सहमति से ही बनते हैं. इसलिए सैक्स सुरक्षित जगह पर करना चाहिए जहां पकड़े जाने का डर न हो. इस के अलावा खुद भी अपने सैक्स संबंधों का ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए इस से, खासतौर से, लड़कियों की शादी में अड़चन पेश आती है. सोशल मीडिया पर भी अपने सैक्स संबंध की चर्चा से बचना चाहिए. शादी भले ही न हुई हो लेकिन परस्पर विश्वास दोनों को एक बेफिक्री देता है.

सैक्स पावर मैडिसिन

युवाओं को हमेशा से ही यह वहम रहा है कि सैक्स पावर की दवाएं लेने से वे अपनी पार्टनर को ज्यादा और इतना संतुष्ट कर पाएंगे कि वह बारबार उन से सैक्स करना चाहेगी. आजकल के युवा इस के लिए नीमहकीमों के चक्कर लगाने के अलावा वियाग्रा का सेवन भी बहुत कर रहे हैं. नीमहकीम तो सैक्स पावर की दवाओं के नाम पर जड़ीबूटियां बेच कर उन की जेब और सेहत पर डाका ही डालते हैं. कई बार तो यह सब जानलेवा हो जाता है.

वियाग्रा कारगर है लेकिन इस को बिना डाक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए, जो मुख्यतया ईडी यानी इरैक्टाइल डिसफंक्शन के लिए दी जाती है. यह बीमारी कम, एक बड़ी गलतफहमी ज्यादा है कि वियाग्रा लेने से वे ज्यादा देर टिकेंगे.

शादी के पहले इस को लेना नुकसानदेह भी होता है क्योंकि इसे से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. हर कभी या हर बार सैक्स में इस का सेवन डायबिटीज, दिल की बीमारी और ब्लडप्रैशर जैसी बीमारियों की वजह बन सकता है. इसलिए इसे ईडी होने पर ही, वह भी डाक्टर की सलाह पर, लेना चाहिए. रही बात ज्यादा देर सैक्स करने की तो इस से आप की पार्टनर को भी नुकसान हो सकता है. उसे दर्द की शिकायत हो सकती है और आप को भी इस से दोचार होना पड़ सकता है. सैक्स में सब से बड़ा रोल आत्मविश्वास का और इस के बाद फोरप्ले का होता है, इसलिए सैक्स पावर बढ़ाने वाली दवाइयों से बचें. इन की आदत सैक्स में कमजोर बनाती है.

नशे से भी बचें

शादी के पहले का सैक्स टेम्परेरी होता है, जल्दबाजी में होता है. इसलिए इस का लुत्फ उठाने के लिए नशे से बचें. आजकल युवतियां भी यह मानने लगी हैं कि हलका नशा करने के बाद सैक्स करना ज्यादा मजा देता है, जोकि गलत है. नशे में सैक्स संबंध बनाने से, दरअसल, आप सैक्स को कम एंजौय कर पाते हैं, नशे की धुन में ज्यादा रहते हैं. अलावा इस के, नशे के दूसरे नुकसान जगजाहिर हैं. बीती 31 दिसंबर को एक कपल भोपाल के एक अस्पताल में आया था क्योंकि युवती को शराब और ड्रग का इतना ओवरडोज हो गया था कि वह बेहोश हो गई थी.

रात को 2 बजे डाक्टरों ने उसे देखा तो बिना मांबाप की सहमति के इलाज करने तैयार नहीं हुए जिस से घबराया उस का प्रेमी अस्पताल से भाग गया. लड़की ने  झख मार कर पेरैंट्स को बुलाया जिन्होंने आ कर उस का इलाज तो कराया लेकिन बाद में उस पर कई बंदिशें लगा दीं क्योंकि बात अगर आम होती तो उन की जो बदनामी होती उसे वे बरदाश्त न कर पाते.

यह  झमेला इसलिए हुआ क्योंकि युवती शादी के पहले गलत ढंग से यानी नशे में सैक्स संबंध बना रही थी. इसलिए इस से बचना चाहिए. कई बार नशे की आदी युवतियों का लड़के अश्लील वीडियो भी बना लेते हैं और बाद में उसे वायरल करने की धमकी दे कर युवती का तरहतरह से गलत फायदा भी उठाते हैं.

सैक्सी चैट : न बाबा न

ब्लैकमेलिंग का एक बड़ा जरिया सैक्सी चैट भी है जिसे शादी से पहले करना आ बैल मुझे मार जैसी बात है. अधिकतर युवा अपने अंतरंग क्षणों की बातें तो व्हाट्सऐप पर करते ही हैं, साथ ही, फोटो और वीडियो भी एकदूसरे से शेयर करते हैं. शादी में यह चैट अड़ंगा बन जाती है.

ऋचा की शादी इसलिए रुक गई थी क्योंकि उस के प्रेमी ने ये चैट उस के होने वाले पति और ससुराल वालों को भेज दी थीं. शादी के पहले सैक्स संबंध गुनाह नहीं, गुनाह है इन संबंधों के सुबूतों को जिंदा रखना. इसलिए इन्हें वक्त रहते नष्ट कर देना चाहिए और उस से भी बेहतर है कि इन्हें बनने ही नहीं देना चाहिए.

युवतियां इन्हें आजमाएं

सुगंधा पर जो गुजरी उसे वह जिंदगीभर नहीं भूल पाएगी. उस वक्त अगर अश्विनी उस का साथ न देता तो उस का हाल क्या होता, सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. अगर कभी कंडोम का इस्तेमाल करना भूल जाएं तो युवतियों के लिए एक बेहतर विकल्प इमरजैंसी कांट्रा सैप्टिक पिल्स हैं जिन्हें सहवास के 72 घंटे बाद तक लेने से प्रैग्नैंसी का डर काफी हद तक कम हो जाता है. बेहतर तो यह होता है कि इन गोलियों के सेवन के पहले डाक्टर से सलाह ले ली जाए.

शादी से पहले सेक्स

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं.

विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

पिछला प्रेम और सेक्स

‘लव, सैक्स और धोखा’ यह सिर्फ फिल्मी लफ्फाजी नहीं, आजकल युवाओं की जिंदगी इन्हीं 3 शब्दों के इर्दगिर्द है. रिश्तों की जरूरत को न समझने की आदत अब हमारे जीवन का हिस्सा बन रही है, जिस से रिश्ते कमजोर हो रहे हैं.

प्रेम, विछोह और पुनर्मिलन के परंपरागत कौन्सैप्ट से दूर रंगीन परदे पर अब लव, सैक्स और धोखे का तड़का ही ज्यादा नजर आता है. आजकल इंस्टैंट लव और उस के बाद इंस्टैंट सैक्स नैटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो के जरखरीद प्लेटफौर्मों का ट्रैंड बन गया है.

प्रेम आधारित शो में वासना, कामुकता, स्वार्थ और धोखे का रंग ज्यादा नजर आता है. उन में समर्पण, विश्वास, संयम, प्रेम जैसी भावनाएं नहीं बल्कि बिंदासपन हावी है.

हिंदी सिनेमा ने प्यार पर आधारित बेहतरीन फिल्में दी हैं. ‘मुगलेआजम’, ‘पाकीजा’, ‘लैला मजनू’, ‘सोनी महिवाल’ जैसी फिल्मों को याद करिए. उस परंपरा से बिलकुल अलहदा आज की फिल्में या धारावाहिक प्यार और सैक्स की सीमाओं को तोड़ते नजर आते हैं.

प्यार का अर्थ है सैक्स और तृप्ति, जो बैडरूम की सीमा से बाहर भी कहीं भी हो सकता है. अब हर शो में कन्फ्यूज्ड प्रेमियों की कहानी परोसी जा रही है, जो तार्किक रूप से रिश्तों के साथ इंसाफ नहीं कर पाती. असलियत यह है कि आज की फिल्में व शो रिश्तों को ज्यादा छिछला बना रहे हैं. ये प्यार और सैक्स जैसी बेशकीमती भावना को बहुत हलका कर रहे हैं.

‘मनमरजियां’ ऐसी हिंदी फिल्म थी जिस में प्यार की कहानी टिंडर और फेसबुक से शुरू हुई थी. उस के बाद प्रेमीप्रेमिका छिपछिप कर मिलने लगते हैं. उन का मिलन अपनी सारी हदें लांघ जाता है. विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों पर दोनों को कोई एतराज नहीं, बल्कि वे इसे ही प्यार समझते हैं. लड़की के परिवार वाले उसे रंगेहाथों पकड़ भी लेते हैं, लेकिन प्यार को हलके में लेने वाले, गैरजिम्मेदार और लापरवाह लड़के के लिए शादी कर के जिम्मेदारी लेना एक आफत होती है. इस तरह के लड़के कहते हैं कि प्यार के लिए शादी की क्या जरूरत. मगर लड़कियां आज भी प्रेमी से कमिटमैंट चाहती हैं. कमिटमैंट पर वे उस के साथ भागने को भी तैयार हो जाती हैं.

लड़कियों को जब एहसास होता है कि प्रेमी जिम्मेदार साथी बनने के लायक नहीं है क्योंकि उस की जेब खाली है और भविष्य में उसे जीवनयापन के लिए क्या करना है, इस की भी कोई रूपरेखा उस ने तैयार नहीं की है, तो उसे छोड़ कर उन्हें वापस लौटना पड़ता है.

इस के बाद उन के जीवन पर काला धब्बा पड़ा रहता है. उन्हें अपनी गलती का एहसास रहता है. उन्हें किसी भी नए जने से मिलने में हिचकिचाहट होती है. जिस रिश्ते में सीमाओं की गरिमा और परिवार की इज्जत की कोई परवा न हो और लड़की बिंदास जीवन जीने की आदी हो तो वह हमेशा उसी मोल्ड में वापस जाने को बेचैन रहती है जिस में पहला प्रेमी मिला था. परिवार तो साथ देते ही हैं चाहे उन की संतान कैसी भी हो.

शारीरिक सुख पाने की हवस में लड़की की आंखों पर ऐसा परदा पड़ जाता है कि वह अपने प्रेमी की असलियत नहीं समझ पाती.उस में इंसान की परख करने की क्षमता नहीं रहती है. वह बारबार नए आदमी के साथ हमबिस्तर होती है, वह भी खुलेआम. जबकि, लड़का उस से शादी कर के परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं है और जो व्यक्ति उस से शादी कर के जिम्मेदारी उठाने को तैयार है, यानी पुराने साथी के प्रति भी वह वफादार नहीं रह पाती है.

हालांकि उस की और उस के प्रेमी के बीच शारीरिक संबंधों की जानकारी होने पर ‘कोई बात नहीं’ कह कर वह स्वीकार कर ले मगर जिस वफादारी की उसे अपने साथी से उम्मीद हो, वह उस पर भी खरा न उतरे तो जिंदगी फिर एक बो  झ बन जाती है.

लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि जिस के लिए प्यार का मतलब सिर्फ सैक्स है, वह उन के मतलब का नहीं. जिम्मेदारी लेना, रिश्तों को निभाना उस के बस में होना चाहिए. ऐसे लड़के कम होते हैं जो बेवफाई देख कर भी खामोशी ओढ़े रहें, उस के खून में जैसे कोई गरमी ही न हो, जैसे उस की रीढ़ की हड्डी न हो. दब्बू और कायर प्रेमी, जो अपनी प्रेमिका की तमाम गलत हरकतें देखते हुए भी खामोशी ओढ़े रहें, कम ही होते हैं. हर हाल में माफ करने और उस के साथ रहने को लालायित प्रेमी भी नहीं मिलते, याद रखें.

हमारे पुराण ऐसी कहानियों से भरे हैं जिन में ऋषिमुनि शारीरिक मिलन की बेताबी के आगे जगह और वक्त भी नहीं देखते, पर उस का खमियाजा ही लड़कियां भोगती रही हैं. आज भी वह बात बेटों में मौजूद है और ऐसे लड़कों की कमी नहीं. उन का प्रेम शारीरिक संबंध बनाने भर पर खत्म होता है.

प्रेमी महज डीजे है, जिस की कोई स्थायी कमाई नहीं है. बस ‘खाओ, खेलो’ के सिद्धांत पर चलने वाले लक्ष्यहीन और लापरवाह प्रेमी बहुत हैं. फिर भी उन्हें प्रेमिकाएं मिल जाती हैं. यहां तक कि उन्हें अपनी दूसरी प्रेमी के सामने प्यार का इजहार करने में कोई डर,  ि झ  झक या शर्मिंदगी नहीं होती. ऐसी लड़कियां भी कम नहीं हैं जो स्वार्थी हों और सिर्फ अपने मन की करने में विश्वास रखती हों, जिन्हें अपने परिवार की इज्जत की कोई परवा न हो. उन के आगे लौजिक की कोई लाइन नहीं खिंची है. उन्हें, दरअसल, लड़कों की परख नहीं है. यही वजह है कि वे बारबार अपने प्रेमियों से धोखा खाती हैं पर बारबार उन के साथ हमबिस्तर भी होती हैं क्योंकि उन्हें वही मोमैंट अच्छे लगते हैं.

कितनी ही लड़कियां प्रेमी के चक्कर से नहीं छूटना चाहतीं. वे चोरीछिपे मिलती रहती हैं और शारीरिक संबंध बनाती रहती हैं चाहे दूसरा प्रेमी भी हो या शादी हो गई हो. दरअसल, उन्हें ट्रौफी गर्ल, जो ड्राइंगरूम की शोभा बनती है, रैस्तरां में दूसरे लड़कों में ईर्ष्या पैदा करती हैं, बनना अच्छा लगता है और वे इसे मानती हैं कि जीवन सफल हो गया. प्यार की जटिलताओं को सम  झने में सैक्स का तड़का ठीक नहीं, इस से जीवन स्थिर नहीं होता.

आज ऐसे परिवारों की गिनती बढ़ती जा रही है जहां परिवार के बुजुर्ग अपनी मनमरजी करने वाली बेटी या बेटे के कारण बारबार निराश व अपमानित होते हैं. अनिश्चितता से घिरी एक लड़की, जो सैक्स और प्रेम में विभेद न जाने, जिस के लिए परिवार की इज्जत और जिम्मेदारी कोई माने नहीं रखती है,  कितनी दूर तक जीवन के पक्के रिश्ते को निभा पाएगी, यह सवाल उठ खड़ा हो जाता है.

एक नए समाज की शुरुआत तो हो गई है. पर न मर्ज पता है, न इलाज. अब यह आम है, बस इसे स्वीकार कर लो. इस के परिणाम की चिंता न करो. पतिपत्नी बन जाओ तो कैसे तनाव से दिन गुजरेंगे, तलाक होंगे, बच्चे भटकेंगे आदि की चिंता युवाओं को नहीं है. यह गलती है, भटकाव है क्योंकि आज की थोड़ी सेफ जिंदगी में भी जवानी 40-50 में ढलने लगेगी ही. उस के बाद के सालों में क्या होगा, यह 15-20 साल वालों को आज एहसास नहीं है.

गांव की लड़की और शादी से पहले सेक्स

‘‘तुझे कुछ पता है कि नहीं, डौली और सुरेश का काफी दिनों से चक्कर चल रहा है.’’

‘‘सच में…?’’

‘‘हां, सच में. और उन दोनों के बीच बहुतकुछ हो चुका है. समझ रही है न तू? वह सब भी हो चुका है दोनों के बीच.’’

‘‘हायहाय, शर्म नाम की तो चीज ही नहीं रही है आजकल. यह सब, वह भी शादी से पहले. बिलकुल बदचलन लड़की है वह.’’

‘‘हां, पर हमें क्या करना है. मैं तो जो करूंगी शादी के बाद ही करूंगी. वैसे भी मुझ में आग नहीं लगी है उस डौली की तरह.’’

सेक्स को ले कर अकसर हमारे आसपास कुछ इस तरह की ही बातें होती हैं. वह लड़की जिस ने शादी से पहले सेक्स किया हुआ हो, समाज की नजर में कुलटा से ज्यादा कुछ नहीं होती. हां, शादी के 2 महीने बाद ही पेट से हो जाए तो उस में कोई शर्म नहीं है, क्योंकि शादी तो एक तरह से सेक्स करने का परमिट है. जितना करना है, जैसे करना है, करते रहो, लेकिन शादी से पहले न बाबा न.

बिहार के गांवों में एम्स, पटना के डाक्टरों द्वारा मई, 2019 में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि कम से कम 30 फीसदी लड़कों और 15 फीसदी लड़कियों ने माना कि उन्होंने शादी से पहले सेक्स किया था.

सर्वे में यह भी पता चला कि बहुत से लड़के-लड़कियां गांव से बाहर जा कर सेक्स का मजा लेते हैं.

उन सर्वे करने वालों में आलोक रंजन, प्रज्ञा कुमार, शमशाद अहमद, संजय पांडे, रोजर शामिल थे.

सर्वे करने वालों को यह भी पता चला कि बहुत सी बड़ी उम्र वाली औरतें किशोर लड़कों के साथ सेक्स करती हैं.

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शादी से पहले सेक्स को ले कर समाज की सोच और इस सोच से पैदा हुआ डर ही उन मुश्किलों की वजह बनता है, जिन से लड़कियों को गुजरना पड़ता है.

छत्तीसगढ़ के एक गांव पुलना की 16 साल की एक लड़की को जब पेट में तेज दर्द उठने लगा तो उसे डाक्टर के पास ले जाया गया. वहां उसे बताया गया कि वह मां बनने वाली है.

यह जान कर उस के मांबाप की आंखें फटी रह गईं. घर वालों ने मारमार कर उस का हाल तो बुरा किया ही, साथ ही, उस की पढ़ाईलिखाई छुड़वा कर घर बैठा दिया.

वैसे तो गांवदेहात में आज भी 18 साल की उम्र होते ही लड़की को ससुराल विदा कर दिया जाता है. लड़कों के लिए शादी की उम्र कम से कम 21 साल मानी जाती है, लेकिन जब मोबाइल फोन और टैलीविजन पर इतनी हौट लड़कियों को ये लड़के देखते हैं तो इन का मन सेक्स करने के लिए मचलने लगता है.

चेन्नई के ‘हिंदू’ अखबार की साल 2010 की एक रिपोर्ट में कहा गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि 6 में से एक लड़के और एक लड़की का शादी से पहले सेक्स हुआ था. ज्यादातर की उम्र सेक्स के समय 18 साल से कम थी.

देश में 25 करोड़ लड़के लड़कियों का सेक्स की चाहत से इनकार करना मुश्किल है, लेकिन कट्टरपंथी सरकारें सेक्स के बारे में कुछ भी स्कूलों में बताने की इजाजत नहीं देतीं कि कहीं पंडेपुजारी नाराज न हो जाएं. वे सेक्स करते हैं, पर मानना नहीं चाहते हैं.

‘लड़के तो होते ही ऐसे हैं’ की तर्ज पर ‘तुझे शर्म नहीं आई ऐसा करते हुए’, ‘मुंह काला कर के आ गई’, ‘तुझ जैसी लड़की को तो पैदा होते ही मार देना चाहिए था’ जैसी बातें लड़की को ही सुनाई जाती हैं. सेक्स करते तो लड़का लड़की दोनों हैं, लेकिन ठीकरा लड़की के सिर फूटता है, इसलिए शादी से पहले अगर लड़कियां सेक्स करना चाहती हैं, तो कुछ बातें अच्छे से जान और समझ लें.

लड़के की सोच क्या

जिस लड़के के साथ सेक्स करने जा रही हैं, उस की सोच असल में सेक्स खासकर लड़कियों के साथ शादी से पहले सेक्स करने को ले कर क्या है, जान लें. कहने को तो वह यही कहेगा कि ‘डार्लिंग, सब करते हैं, हम भी कर लेते हैं. आखिर शादी के बाद भी तो करना ही है’, लेकिन यही लड़का अपनी बहन का गला काटने के लिए भी तैयार हो जाएगा, अगर उसे पता चलेगा कि उस ने शादी से पहले सेक्स किया है.

साथ ही, सेक्स करते समय लड़के को यह उम्मीद रहती है कि जिस लड़की के साथ वह सेक्स करने जा रहा है, वह कुंआरी ही होनी चाहिए. कुंआरी मतलब, जिस की हाइमन झिल्ली फटी न हो, जो भारतीय संस्कृति के मुताबिक पाकसाफ हो, जिसे उस के अलावा पहले किसी ने छुआ न हो.

जिस लड़के के साथ आप सेक्स कर रही हैं, वह यह देखे कि बिस्तर पर खून नहीं है और आप कुंआरी नहीं हैं, चाहे आप कुंआरी हों, पर फिर भी अगर उसे ऐसा लगा और उस ने आप की बदनामी की तो आप जानती हैं कि घरपरिवार आप का न जाने क्या हाल करेगा.

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जगह का ध्यान रखें

शादी से पहले सेक्स घर में तो कर नहीं सकते और न ही आसपास ऐसा कोई बड़ा होटल है, जिस में आप जा सकें और न इतने पैसे हैं तो जगह क्या बची? खेत? स्कूल? तबेला? आधी रात में घर के पीछे? पर इस का अंजाम बहुत बुरा हो सकता है.

तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में छुट्टी होने के बाद वहां के टीचर को आंगनबाड़ी की एक औरत के साथ सेक्स करते पकड़े जाने पर लोगों ने उन दोनों की पिटाई की और साथ ही उन्हें पूरे गांव के आगे शर्मसार किया गया.

गांवदेहात में लड़की चाहे पढ़ीलिखी ही क्यों न हो, शहर की लड़की जितनी खुली नहीं होती, कम से कम सेक्स के मामले में तो नहीं. शादी से पहले सेक्स करते अगर वह पकड़ी जाती है तो शायद वह खुद भी नहीं जानती है कि उस के साथ क्या हो सकता है, इसलिए यह समझ लेना जरूरी है कि सेक्स की जगह ऐसी हो, जहां पकड़े जाने की नौबत ही न आए.

मुसीबत में न डालें

जिस लड़के के साथ लड़की सेक्स कर रही है, वह उस का बौयफ्रेंड भी हो सकता है, रिश्तेदार या पड़ोसी हो सकता है, बहन का देवर हो सकता है या भाई का दोस्त भी हो सकता है. लड़की सेक्स प्यार में भी कर सकती है और सिर्फ मजे के लिए भी. लेकिन, हमारे समाज में सेक्स को ले कर मजा करने की छूट सिर्फ लड़कों को मिली हुई है, लड़कियों के हिस्से में सजा ही आती है.

सेक्स करते समय अगर लड़का कहे कि कुछ नया ट्राई करते हैं, बिलकुल वैसे ही जैसे कि ब्लू फिल्मों में होता है, तो लड़की को कुछ भी करने से पहले सोच लेना चाहिए.

पौपुलेशन काउंसिल के 2,500 लोगों के सर्वे से साफ है कि सिर्फ 7 फीसदी लोग ही कंडोम का इस्तेमाल करते हैं, जबकि वे शादी से पहले जाने अनजाने के साथ सेक्स करते हैं.

अगर लड़के के कहने पर लड़की बिना कंडोम के सेक्स करती है तो मां भी बन सकती है, उसे कोई इंफैक्शन या एड्स जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है, नए पोज ट्राई करने के चक्कर में अंग पर चोटें भी आ सकती हैं.

किसी को न बताएं

सेक्स करने पर खुशी तो होती ही है और लड़कियां अकसर आपस में सेक्स को ले कर खूब बातें भी करती हैं. शादी के बाद तो सब लड़कियां ग्रुप बना कर बैठ जाती हैं और एकदूसरे को छेड़ती भी हैं, ‘बता न कल रात क्या हुआ’, ‘कितनी बार किया’, ‘तू ने वह भी किया था क्या, मैं तो नहीं करती’ वगैरह.

लेकिन, शादी से पहले सेक्स करने पर शायद ही कोई लड़की चाहेगी कि उस के परिवार या किसी और को भी इस बात का पता चले. लेकिन पेट में बात पचती नहीं है और लड़की अपनी करीबी सहेली या किसी पड़ोस की भाभी को यह बात बता देती है कि उस ने सेक्स कर लिया है.

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पर, जैसे सेक्स करने वाले के पेट में यह बात नहीं रखी गई तो भला सुनने वाले के पेट में कैसे रखी जाएगी. वह आज नहीं तो कल यह बात किसी न किसी को जरूर बताएगी.

तो अगर आप नहीं चाहती हैं कि सभी को आप के सेक्स के बारे में पता चले, तो बेहतर रहेगा कि इसे अपने और अपने प्रेमी तक ही रखें.

लड़के ध्यान दें

लड़कों की सोच साफतौर पर सेक्स को ले कर बहुत अलग होती है. सेक्स करने के लिए वह झूठ का सहारा भी ले लेते हैं और अपनी प्रेमिका पर दबाव भी डालते हैं.

कई बार बात बिलकुल उलट होती है, जिस में लड़की लड़के को सेक्स के लिए उकसाती है. लेकिन, इन सब में लड़के की सोच बहुत माने रखती है.

सोहन ने अपने पड़ोस में रहने वाली पिंकी को बहुत मनाया. वह उसे ‘बस एक बार कर ले न, एक बार में कुछ नहीं होता और किसी को पता भी नहीं चलेगा’ कहा करता था. पिंकी ने हां कर दी. दोनों ने छिप कर सेक्स कर लिया.

सेक्स करने के बाद से ही सोहन पिंकी से दोबारा सेक्स करने के लिए कहने लगा. वे दोनों एकदूसरे से मोबाइल फोन पर चैट करते थे.

एक दिन सोहन ने पिंकी से कहा कि क्या वह उस से पहले भी किसी के साथ सेक्स कर चुकी है?

पिंकी के इनकार करने पर सोहन का कहना था कि कोई भी लड़की पहली बार सेक्स करने पर इतनी ‘मस्त’ नहीं होती.

यह सुन कर पिंकी ने फिर कभी भी सोहन के साथ सेक्स करने से मना कर दिया. इस पर सोहन अपने हर एक दोस्त को यह बताने लगा कि पिंकी बड़ी चालू लड़की है.

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जो सोहन ने किया, वह कोई भी लड़का कर सकता है, लेकिन लड़कों को यह समझने की जरूरत है कि लड़कियां भी खुशी से सेक्स कर सकती हैं और इस के प्रति खुलापन रख सकती हैं. जरूरी नहीं कि लड़की डरेसहमे, घबराए या फिर डरनेघबराने का नाटक करे. उसे भी खुशी से सेक्स करने का हक है और इस बाबत वह बदनामी की हकदार नहीं हो जाती.

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