लड़कियां Break Up के बाद कैसे करें मूव औन

Break Up : औफिस के लंचब्रेक में पाखी को अनमना और उदास देख कर मैं ने उस से पूछा, “क्यों, अद्यांत को मिस कर रही है? बेहद दुखी दिख रही है. भूलने की कोशिश कर यार उसे?”

“कैसे भूलूं उसे, पूरे 3 बरसों का साथ था. उस पर बहुत ज़ोरों का गुस्सा आ रहा है कि वह अपनी मां के सामने कोई स्ट्रौंग स्टैंड क्यों नहीं ले सका. हम दोनों की शादी करने की मंशा सुन कर उन के ब्लडप्रैशर हाई होने से ही घबरा गया और मुझ से ब्रेकअप कर लिया. अरे, दवाइयों से ब्लडप्रैशर कम नहीं होता क्या? चलो, एक तरह से अच्छा ही हुआ, शादी से पहले ही उस की असली फितरत समझ आ गई कि वह मम्माज बौय है.”

“बिलकुल सही कह रही है तू, ऐसे कमजोर, बिना रीढ़ की हड्डी वाले इंसान के साथ तू कभी खुश नहीं रहती जो मां की जरा सी बीमारी से अपने पार्टनर से मुंह मोड़ ले. फिर उस के बारे में इतना सोच क्यों रही है तू. परे कर उस की यादों को.”

“मेरे वश में नहीं, अवनी. सच कह रही हूं. बेहद दुखी और कन्फ़्यूज्ड फील कर रही हूं. दुखी हूं उसे खोने पर और कन्फ़्यूज्ड हूं कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ. मैं उसे पहचान क्यों नहीं पाई.”

“चलचल, उस के बारे में ज्यादा सोच मत और औफिस के काम में मन लगा. आई एम श्योर, वक़्त के साथ तू उसे भूलने लगेगी.”

लंचब्रेक के ख़त्म होने के थोड़ी देर बाद मैं उस के पास गई तो देखा, वह अपना काम छोड़ पनीली आंखों से शून्य में ताक रही थी.

“पाखी, डियर, अगर काम में मन न लग रहा हो तो घर जा और रैस्ट कर. तू मुझे ठीक नहीं लग रही.”

शाम को औफिस के बाद मैं उस के फ्लैट पहुंची. मैं ने देखा कि वह बेतहाशा रो रही थी और उस ने रोरो कर आंखें सुजा ली थीं.

उस का यह हाल देख मैं घबरा गई और उसे अपनी एक सहेली की मनोचिकित्सक मां डाक्टर सीमा शर्मा, फाउंडर, यंग इंडिया सायकोलौजिकल सौल्यूशंस के घर ले गई. डाक्टर सीमा ने ब्रेकअप को सक्षमता से हैंडल करने के लिए उसे जो टिप्स दिए उन्हें मैं आप सब के साथ साझा कर रही हूं.

अपना सैल्फकेयर रूटीन बनाएं और उस को फौलो करें: ब्रेकअप के बाद रोजाना कुछ ऐसी गतिविधि करें जो आप को खुशी दे, जैसे कि अपने फ्रैंड्स से मिलनाजुलना, नए खुशनुमा अनुभव लेना जैसे पिकनिक, सिनेमा जाना, दोस्तों के साथ होटल या पार्टी में जाना, अपनी पसंदीदा हौबी में समय बिताना. अपने को शारीरिक अथवा मानसिक पोषण देने वाली गतिविधियां करें, जैसे ऐक्सरसाइज़ करें, कुछ देर मैडिटेशन करें या यदि आप को कुकिंग पसंद हो तो कुछ नया और स्वादिष्ठ पकाएं.

अपनी डायरी में ब्रेकअप के बाद महसूस की गई अपनी फीलिंग्स व्यक्त करें अथवा किसी घनिष्ठ परिचित से उन्हें शेयर करें. किसी मनोचिकित्सक से अपनी भावनाएं साझा करना व उन की सलाह लेना भी ब्रेकअप से उबरने का कारगर उपाय है.

ब्रेकअप के बाद समुचित आराम करना चाहिए. करीब सात से आठ घंटों की नींद लेने का प्रयास करें. लेकिन इस से अधिक सोने से बचें क्योंकि नींद में कमी या ओवरस्लीपिंग आप के मूड को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है.

इस स्थिति में समुचित पोषणयुक्त भोजन करना न भूलें.

अपनी भावनाओं को व्यक्त करें: आप ब्रेकअप के बाद अकेलापन, कन्फ़्यूजन, उदासी, दुख, और क्रोध जैसे स्ट्रौंग इमोशन्स का अनुभव कर सकती हैं. सो, इन्हें सहज और सामान्य भाव से स्वीकार करें. इन्हें अपनी डायरी में लिखें या किसी दोस्त से शेयर करें.

अपनी भावनाओं को खुल कर व्यक्त करें लेकिन उन में डूबे न रहें. नैगेटिव इमोशन्स और विचारों के अंतहीन दुष्चक्र में उलझने से बचें.

गौर करें, अपने ब्रेकअप के बारे निरंतर सोचते रहना आप के दुख और उदासी की अवधि में इजाफा कर सकता है.

यदि आप अपने एक्सप्रेमी को नहीं भूल पा रहीं, तो घर की डीप क्लीनिंग में जुट जाएं, अपना पसंदीदा संगीत सुनें, दोस्तों से मिलेंजुलें या उन से बातें करें.

यदि आप अपने एक्स को याद कर बेहद इमोशनल फील कर रही हैं तो टीवी पर कौमेडी शोज या प्रेरक कार्यक्रम देखें. हलकेफुलके, सुखद अंत वाला रोमांटिक साहित्य पढ़ें. यह आप का अपनी हालत से ध्यान हटाने में बहुत सहायता करेगा.

सोशल मीडिया से कुछ दिनों के लिए हर संभव दूरी बनाएं: सोशल मीडिया, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर बारबार जाने से आप अपने एक्स के फोटो देख कर उसे याद करेंगी जो आप को उसे भूलने नहीं देगा. वहां अपने परिचित जोड़ों की हंसतीमुसकराती फ़ोटोज़ आप का मूड खराब कर सकती हैं.

सोशल मीडिया पर अपने ब्रेकअप को कतई पोस्ट न करें: ऐसा करना आप को लोगों के निरर्थक सवालों से बचाएगा.

सोशल मीडिया पर अपने एक्स को अन-फौलो या म्यूट कर दें: यदि आप के एक्स से ब्रेकअप के बाद भी परस्पर संबंध में बहुत अधिक कड़वाहट नहीं घुली, आप उसे अब भी अपना दोस्त मानती हैं तो उसे अनफ्रैंड करने की आवश्यकता नहीं. उसे बस म्यूट, अनफौलो या हाइड करने से आप उस की पोस्ट देखने से बच जाएंगी.

अपने एक्स का सोशल मीडिया पेज चैक करने से बचें: ब्रेकअप के बाद आप को उस की मनोदशा का पता लगाने के लिए उस के फोटो या स्टेटस देखने की इच्छा हो सकती है कि उस का हाल कैसा है लेकिन यह बिलकुल न करें क्योंकि यह मात्र आप के दुख में बढ़ोतरी करेगा.

उस के उपहारों को किसी अलमारी में ताले में रख दें: उस के गिफ्ट्स, आप के साथ खींचे गए फोटोज़ को अपने सामने से हटा देने से आप को अपने टूटे रिश्ते की याद नहीं आएगी जोकि आप को दुखी करने के अलावा और कुछ नहीं करेंगे.

लेखिका – रेणु गुप्ता

Alcohlic : मेरे पति शराब के अलावा चरस गांजे का भी नशा करते हैं

Alcohlic : अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल –

मेरे शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है और शादी के समय मेरे ससुराल वालों ने मुझसे और मेरे घरवालों से यह बात छिपाई थी कि मेरे होने वाले पति कोई भी नशा नहीं करते और इसी शर्त पर मैं उनके साथ शादी करने के लिए मानी थी. शादी के बाद मेरे कुछ दिन तो बिल्कुल अच्छे निकले लेकिन अब मुझे धीरे धीरे पता चला है कि मेरे पति ना सिर्फ शराब (alcohlic) पीते हैं बल्कि चरस गांजा तक पीते हैं और इसी वजह से वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ देर रात तक बाहर रहते हैं और उनकी इन आदतों के बारे में उनके घरवालों को भी पता था. जब मैंने उनके इस बारे में बात की तो उन्होनें पहले तो मेरी बात का ठीक से जवाब नहीं दिया पर उसके बाद उन्होनें साफ कह दिया कि हां मैं यब सब चीज़ें करता हूं. ऐसे में अब हमारे रोज लड़ाई-झगड़े होते हैं और मैं इस लड़ाई-झगड़ों से परेशान आ चुकी हूं. मेरा अपने पति के साथ रहने का बिल्कुल मन नहीं करता. मुझे क्या करना चाहिए ?

जवाब –

अक्सर मां-बाप शादी के समय अपने बच्चों की खामियां उनके ससुराल वालों से छिपा जाते हैं जो कि बेहद गलत है. हमें सबसे पहले अपने बच्चों की सारी अच्छी बुरी आदतें उनके होने वाले लाइफ पार्टनर से डिस्कस करनी चाहिए क्यूंकि अक्सर घर टूटने और तलाक की वजह यही बातें होती है.

लड़के के मां-बाप को लगता है कि शादी के बाद जिम्मेदारी आने पर लड़का अपने आप सुधर जाएगा या उसकी पत्नी उसे सुधार देगी पर वह इस बात को नहीं समझते कि शादी के बाद भी अगर उनका लड़का नहीं सुधरा तो आने वाली लड़की की जिंदगी भी खराब हो सकती है.

आपके केस में आपसे आपके पति की बुरी आदतें छिपाई गई हैं जो कि बिल्कुल गलत है. आपको सबसे पहले अपने सास-ससुर के पास जाना चाहिए और उन्हें उनके बेटे की सारी आदतों के बारे में बताना चाहिए. हो सकता है कि उन्हें अपने बेटे की सारी आदतों का ना पता हो या फिर उन्हें लगता तो कि अब उनका बेटा सुधर गया है. आप अपने सास-ससुर को बताएं कि आपके समझाने के बावजूद आपके पति नशे नहीं छोड़ रहे.

अगर आपके सास-ससुर के समझाने पर आपके पति समझ जाते हैं तो अच्छी बात है लेकिन अगर आपके पति फिर भी नहीं सुधरते तो आप अपने पति को धमकी दे सकती हैं कि अगर उन्होनें नशों की बुरी आदतें नहीं छोड़ी तो आप उन्हें छोड़ कर चली जाएंगी. ऐसे में उनको डराने के लिए आप 3-4 दिन या एक हफ्ते के लिए अपने मायते रहने चले जाइए जिससे कि आपके पति को एहसास हो कि वे जो कर रहे हैं वे बिल्कुल गलत है और इससे उनका घर कभी नहीं बस सकेगा.

अगर आपके पति नशे छोड़ना चाहते हैं और वे चाह कर भी नशे (alcohlic) नहीं छोड़ पा रहे तो आप उन्हें किसी अच्छे डौक्टर के पास ले कर जाएं ताकि उन्हें नशे छोड़ने में मदद मिल सके.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें.

SEX कबसे करना सही होगा, महीनेभर पहले वाइफ की डिलीवरी हुई है

सवाल

बच्चा होने के कितने महीने बाद सेक्स करना चाहिए?

जवाब

इस का कोई तय नियम नहीं है. बच्चा होने के बाद जब बीवी जिस्मानी तौर पर पूरी तरह से सेहतमंद हो जाए, तभी सेक्स करना चाहिए.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है. मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्टे्रच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं. औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन केबाद टांके भरने में समय लगता है. उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से. अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती. अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

 

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Boyfriend मेरे प्राइवेट पार्ट्स टच करता है. क्या मुझे करने देना चाहिए?

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सवाल –

मेरी उम्र 22 साल है. मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस से मेरा रिलेशन 1 साल से चल रहा है. वह मुझ से बहुत प्यार करता है और मेरा अच्छे से खयाल भी रखता है. लेकिन मेरा बौयफ्रैंड जब भी मुझ से अकेले में मिलता है तो वह मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश करता है. मैं हर बार उसे ऐसा कुछ करने से मना करती हूं लेकिन वह फिर भी नहीं मानता और कहता है कि गर्लफ्रैंड और बौयफ्रेंड में यह सब चलता है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या मुझे उसे यह सब करने देना चाहिए?

जवाब –

आजकल रिलेशनशिप में आना काफी सामान्य सी बात है और कई लोग रिलेशनशिप में न सिर्फ रोमांस बल्कि सैक्स भी कर लेते हैं. हर इंसान को रोमांस करना पसंद होता है. जैसाकि आप ने बताया कि आप का बौयफ्रैंड अकेले में आप के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो ऐसे में आप खुद सोचिए कि क्या आप को अच्छा लगता है जब वह यह सब करता है?

अगर आप को यह सब अच्छा लगता है और आप का बौयफ्रैंड का टच करना पसंद आता है तो बेशक आप को उसशका साथ देना चाहिए और इसे एक ऐंजौय की तरह लेना चाहिए.

रिलेशनशिप में किसिंग, स्मूचिंग या फिर सैक्स संबंध बनाना आम बात है मगर यह जबरन नहीं, रजामंदी से हो तभी ठीक है.

अलबत्ता, आप दोनों पिछले 1 साल से रिलेशनशिप में हैं लेकिन आप हर बार अपने बौयफ्रैंड को रोमांस के लिए मना कर देती हैं पर वह फिर भी आप से प्यार करता है तो ऐसे में उस का प्यार आप के लिए सच्चा है और जिस्मानी नहीं है तो आप को उस के साथ रोमांस जरूर करना चाहिए और उसे भी थोड़ी लिबर्टी लेने दीजिए.

आप को एक अच्छा लड़का मिला हुआ है तो उसे थोड़ी छूट देने में कोई बुराई नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि आप के इस स्वभाव की वजह से आप एक अच्छे लड़के से हाथ धो बैठें.

अगर आप श्योर नहीं हैं कि भविष्य में आप की उस के साथ शादी होगी या नहीं तो ऐसे में सैक्स को ले कर आप सोचसमझ कर कदम उठाएं लेकिन रोमांस का मजा आप खुल कर उठा सकती हैं.

अगर आप को कभी भी ऐसा फील हो कि आप सैक्स करने के लिए भी तैयार हैं तो यह करना भी कोई गुनाह नहीं है बल्कि रोमांस और सैक्स एक ऐसा अनुभव है जिसे हर कोई ऐंजौय करता है.

मगर ध्यान रहे, सैक्स के लिए दोनों की रजामंदी जरूरी है और चूंकि अभी आप दोनों को ही पहले कैरियर बनानी है, तो ऐहतियात जरूर बरतें और बौयफ्रैंड से कहें कि वह सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करे. इस दौरान यह चैक भी करें कि कंडोम फट तो नहीं गया. वैसे, अच्छी क्वालिटी का कंडोम जल्द फटता नहीं और सैक्स को मजेदार बनाता है.

आप एक बात का ध्यान रखना कि आप को अपने बौयफ्रेंड को उतनी ही छूट देनी है जहां तक आप का मन मानता हो या जहां तक आप कंफर्टेबल फील करें. जहां भी आप को लगे कि आप असहज फील कर रही हैं तो उसी समय अपने बौयफ्रैंड को रोक दें.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 8588843415 भेजें.

Winter Romance Special: जोशीला इश्क हर उम्र में

होली की शुरुआत कहां से हुई थी, इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि मथुरावृंदावन या फिर बरसाना से हुई होगी, लेकिन कम ही लोग उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम लेंगे.

धार्मिक किस्सेकहानियों के मुताबिक, होली मनाने की शुरुआत हरदोई से हुई थी, जिस का राजा हिरण्यकश्यप था, जो भगवान विष्णु से बैर रखता था. इसी बिना पर कहा और माना जाता है कि हरदोई का पुराना नाम हरिद्रोही था.

हिरण्यकश्यप का बेटा भक्त प्रहलाद था, जिस की होली की कहानी हर कोई जानता है. यहां का प्रहलाद कुंड होली की कहानी के लिए ही मशहूर है.

मौजूदा समय में हरदोई की गिनती यहां 400 से भी ज्यादा चावल मिलें होने के बाद भी न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि देशभर के पिछड़े जिलों में शुमार होती है. यहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा दलितपिछड़े तबकों का है, जिन में से एक जाति राठौर भी है, जो अपनेआप को राजपूत मानती है. यह और बात है कि राठौरों के पास बहुत ज्यादा जमीनजायदाद नहीं है, वे कामचलाऊ पैसे वाले हैं.

दिल का मामला

प्रहलाद की कहानी की तरह तो नहीं रहेगी, लेकिन हरदोई के लोग इस प्रेमकहानी को मुद्दत तक नहीं भुला पाएंगे, जो दिलचस्प होने के साथसाथ थोड़ी चिंतनीय भी है. यह बढ़ती उम्र के जोशीले इश्क की ताजातरीन दास्तान है.

हरदोई के लखीमपुर खीरी का एक छोटा सा गांव है सुहौना, जहां 50 साला रामनिवास राठौर रहता था. पेशे से ड्राइवर रामनिवास की जिंदगी का एक बड़ा मकसद जवान होती एकलौती बेटी चांदनी के हाथ पीले कर देना था, जिसे उस ने मां बन कर भी पाला था. अब से तकरीबन 15 साल पहले रामनिवास की बीवी की मौत हो गई थी, तब से उस की जिंदगी में एक खालीपन आ गया था.

मासूम चांदनी का मुंह देखदेख कर जी रहे इस शख्स ने दूसरी शादी नहीं की थी, क्योंकि सौतेली मां के जुल्मोसितम के कई किस्से उस ने सुन रखे थे.

रामनिवास ने लंबा वक्त बिना औरत के गुजार दिया, तो सिर्फ बेटी की खातिर जो अपनेआप में बड़ी बात है, नहीं तो आलम तो यह है कि इधर पहली बीवी की चिता की आग ठंडी नहीं होती और उधर मर्द ?ाट से बैंड, बाजा और बरात के साथ दूसरी बीवी ले आता है.

इस काम में समाज और नातेरिश्तेदार न केवल उस की मदद करते हैं, बल्कि औरत के होने के फायदे और जरूरत भी गिनाते हुए एक तरह से उकसाते रहते हैं. लेकिन रामनिवास ने किसी की सलाह पर कान नहीं दिए और अकेला ही चांदनी की परवरिश करता रहा.

बेटी के बालिग होते ही घरवर की तलाश शुरू हो गई, जो इसी साल मई महीने में खत्म भी हो गई. मुबारकपुर गांव के आशाराम राठौर का बेटा शिवम रामनिवास को चांदनी के लिए ठीक लगा. बातचीत शुरू हुई और रिश्ता तय भी हो गया.

आशाराम राठौर राजमिस्त्री था, जिस की आमदनी भी ठीकठाक थी और लड़के पर कोई खास घरेलू जिम्मेदारी भी नहीं थी, सो रामनिवास को लगा कि चांदनी इस घर में रानी की तरह रहेगी. बात पक्की हुई और 29 मई, 2023 को दोनों की शादी भी हो गई.

रिश्ते और लेनदेन समेत शादी से ताल्लुक रखती कई बातों को निभाने के लिए रामनिवास को बारबार मुबारकपुर जाना पड़ता था, जहां समधी आशाराम कम और समधिन आशारानी ज्यादा मिलती थी, क्योंकि आशाराम को अपने काम के सिलसिले में अकसर बाहर रहना पड़ता था.

शादी के बाद भी रामनिवास राठौर का आनाजाना बेटी की ससुराल लगा रहा, तो लोगों ने यही सोचा कि बेटी के बिना अकेले बाप का दिल नहीं लगता होगा. आखिर मां का प्यार भी तो उसी ने दिया है, इसलिए चला आता होगा बेटी को देखने, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी.

रामनिवास का दिल अपनी 45 साला समधिन आशारानी पर ही आ गया था जो देखने में काफी शोख और स्मार्ट थी और बनठन कर रहती थी. सालों से औरत और उस के प्यार समेत जिस्म को भी तरस रहे रामनिवास का दिल अपने

काबू में नहीं रहा और दीनदुनिया, नातेरिश्तेदारी और ऊंचनीच सब भूलभाल कर एक दिन वह आशारानी से अपने प्यार का इजहार कर बैठा.

आग तो इधर भी लगी थी

प्यार का इजहार तो खानापूरी भर थी, क्योंकि आशारानी की हालत भी रामनिवास की हालत से कम जुदा नहीं थी. वह खुद भी अपने समधी को दिल दे बैठी थी. दोनों घंटों बैठ कर न जाने क्याक्या बतियाते रहते थे. अपने दिल का हाल कमउम्र प्रेमियों की तरह सुनाते और सुनते रहते थे. इस से उन के इश्क में और जोश भरता जा रहा था.

इसी जोश में कब वे मन के साथसाथ तन से भी एक हो गए, इस का उन्हें भी पता नहीं चला. लेकिन यह एहसास दोनों को हो गया था कि अब वे एकदूजे के बगैर नहीं रह सकते.

रामनिवास राठौर का तो समझ आता है कि उस का हाल बेहाल इसलिए था कि पत्नी की मौत के बाद कोई औरत उस की न केवल जिंदगी में, बल्कि दिल तक भी शिद्दत से आई थी, लेकिन आशारानी के बारे में इतना ही सोचा और कहा जा सकता है कि पति की अनदेखी ने उसे तनहा सा कर दिया था.

रामनिवास के जिंदगी में आते ही उस के अंदर की जवान लड़की फिर जिंदा हो गई थी और प्यार में भी पड़ गई थी. जब वे दोनों हर लिहाज से एक हो गए, तो आगे की प्लानिंग भी बनाने लगे, जिस में रोड़े ही रोड़े थे.

नातेरिश्ते, समाज, बेटा, बहू, पति, बेटी, दामाद इन सब की अनदेखी कर प्यार की मंजिल शादी तक पहुंच जाना दोनों के लिए आसान नहीं था. हां, इतना जरूर उन्हें सम?ा आ गया था कि प्यार के आगे सबकुछ बेकार है और यों चोरीछिपे से मिलना ज्यादा नहीं चलना, क्योंकि उन की बढ़ती नजदीकियां, मेलमुलाकातें और खिलते चेहरे लोगों को चुभने लगे थे, उंगलियां भी उठने लगी थीं.

ये उठती उंगलियां तो वे मरोड़ नहीं सकते थे. लिहाजा, दोनों ने इन की पहुंच से बहुत दूर जाने का फैसला यह सोचते हुए ले लिया कि अब हम अपनी नई जिंदगी शुरू करेंगे. जिसे जो सोचना हो  सोचे और जिसे जो करना हो करे.

यही फैसला वे कमउम्र जोशीले प्रेमी भी करते हैं, जिन का प्यार घर, परिवार, समाज और दुनिया को रास नहीं आता, पर इस मामले में बात इस माने में अलग थी कि सवाल दोनों की औलादों का भी था, जिस का जवाब इन्होंने यही निकाला कि कहां दुनियाभर की औलादें इश्क में पड़ने के बाद मांबाप की इज्जत का खयाल करती हैं या दुनियाजमाने का लिहाज करती हैं, तो हम क्यों करें.

23 सितंबर, 2023 इस तारीख को दोनों चोरीछिपे, लेकिन पूरा प्लान बना कर बस से दिल्ली भाग गए और वहां रहने लगे. रामनिवास अपनी जमापूंजी साथ लाया था, तो आशारानी भी जेवर साथ ले गई थी. ठीक वैसे ही जैसे हिंदी फिल्मों में दिखाया जाता है कि लड़की आशिक के साथ घर से भागने से पहले जेवर और कपड़ेलत्ते भी समेट ले जाती है.

दोनों साथ भागे हैं, यह अंदाजा किसी को नहीं था, लेकिन इन के बीच प्यार का चक्कर चल रहा है यह बात कइयों को मालूम थी. जबतब दोनों गांवों में चटकारे ले कर इस लवस्टोरी की चर्चा भी होती रहती थी.

आशाराम ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई, लेकिन बाद में उसे मालूम हुआ कि 23 सितंबर से ही समधी रामनिवास भी गायब हैं, तो इस जोशीले इश्क का राज खुला, जिसे दबाए रखने के अलावा किसी के पास कोई और रास्ता नहीं था.

हालांकि रामनिवास के भी 23 सितंबर से गायब होने की खबर आशाराम ने पुलिस को दे दी थी और पुलिस दोनों को ढूंढ़ने में जुट गई थी.

22 अक्तूबर, 2023 इस दिन पुलिस को खबर मिली कि शाहजहांपुरसीतापुर रेलवे ट्रैक पर 2 लाशें पड़ी हैं. जांच में दोनों के नाम और पहचान मोबाइल फोन और आधारकार्ड के जरीए उजागर हुए, तो इस इश्क की दास्तान भी खुल कर सामने आ गई. यह मान लिया गया कि ये दोनों बदनामी से डर गए थे, इसलिए इन्होंने रेल से कट कर खुदकुशी कर ली. बात एक हद तक सच भी थी, लेकिन पूरा सच शायद ही कभी लोगों को समझ आए.

रामनिवास और आशारानी

17 अक्तूबर, 2023 को दिल्ली से वापस आ गए थे. इस के बाद 4 दिन क्याक्या हुआ, इस का अंदाजा यही लगाया गया कि परिवार और समाज ने इन के इश्क पर रजामंदी की मुहर नहीं लगाई, जिस से इन का जोश हवा हो गया और कोई रास्ता न देख दोनों ने साथ मरने की खाई कसम निभा ली.

दोनों चाहते तो साथ जीने का वादा भी निभा सकते थे, लेकिन इस के लिए हिम्मत उन के पास नहीं बची थी, क्योंकि ये समाज के नियम बदल कर जीना चाहते थे. हालांकि दिल्ली में दोनों ने शानदार एक महीना साथ गुजारा और खूब और जानदार प्यार एकदूसरे को किया, पर जब पैसे खत्म होने लगे और सब्र टूटने लगा, तो वापसी ही इन्हें बेहतर रास्ता लगा.

समाज एक बार फिर जीत गया और प्यार हार गया, यह कहते हुए इस कहानी का खात्मा करना अधूरी बात होगी, जिस में प्यार नाम के जज्बे का बारीकी से जिक्र नहीं होगा.

जज्बा भी और जोश भी

आमतौर पर माना यह जाता है कि जोशीला इश्क कमउम्र के कुंआरे लड़कालड़की ही करते हैं, लेकिन रामनिवास और आशारानी जैसे प्रेमी इस सोच को तोड़ देते हैं, जिन से समाज और धर्म के बनाए नियमों और कायदेकानूनों पर अमल करने की उम्मीद जिम्मेदारी की हद तक की जाती है.

‘न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन…’ गाने की तर्ज पर इन का बेपरवाह इश्क भी अपनी मंजिल की तरफ बढ़ता है, लेकिन बीच में दुनिया और उस के उसूल आ जाते हैं तो ये भी नौजवान प्रेमियों की तरह एकसाथ फांसी के

फंदे पर ल जाते हैं, ट्रेन की पटरियों के नीचे बिछ जाते हैं या फिर जहर खा कर एकदूसरे की बांहों में दम तोड़ देते हैं. यह इश्क भी जोश से लबरेज होता है, जिस के लिए तन से तन का मिलन  ही सबकुछ नहीं होता. ये भी एकदूसरे के मन में हमेशा के लिए समा जाना चाहते हैं. प्यार की नई इबारत लिखते ये प्रेमी खुद फना हो जाते हैं और एक मिसाल छोड़ जाते हैं कि कब प्यार के बारे में लोग दरियादिली दिखाते हुए उसे मंजूरी देंगे और जब जवाब हमेशा की तरह न में मिलता है, तो हताश और निराश नाकाम प्रेमी दुनिया ही छोड़ने का रिवाज निभा जाते हैं. शायद ही नहीं, बल्कि तय है कि इन के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.

हरदोई के नाम के मुताबिक रामनिवास और आशारानी ने द्रोह तो किया था, लेकिन हरि से नहीं, बल्कि हर उस दस्तूर के खिलाफ किया था, जो इन के रास्ते में ब्रेकर बन कर खड़ा था. इन के जज्बे और जोश को कोई सलाम करे न करे, लेकिन नजरअंदाज करने की हालत में भी नहीं कहा जा सकता.

Winter Romance Special: कंडोम है तो प्यार है

तकरीबन हर किसी के साथ कभी न कभी यह जरूर हुआ होगा कि अगर कोई गाना हम सुबह गुनगुनाने लगते हैं, तो फिर सारा दिन बेवजह उसे कहीं भी, कभी भी गाने लग जाते हैं. फिर वह गाना दर्द भरा हो या रोमांटिक. हंसीमजाक से लबरेज हो या फूहड़ ही सही.

एक दिन यही 23 साल की नई ब्याहता बिंदिया के साथ हुआ. दिसंबर महीने में दिल्ली के संजय कुमार के साथ उस की शादी हुई थी. हनीमून पीरियड की खुमारी चल रही थी. सुबहसुबह रेडियो पर हिंदी फिल्म ‘राजा बाबू’ का गाना ‘सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे, जाड़े में बलमा प्यारा लगे…’ सुन लिया.

बस, फिर क्या था. बिंदिया पूरे घर में यही गाना गुनगुनाती फिरती रही. बीच में सासससुर का ध्यान आ जाता, तो शरमा कर आवाज थोड़ी मंदी कर लेती, पर रात तक उस की जबान पर यही गाना चढ़ा रहा.

रात को बिंदिया के बलमा संजय कुमार घर आए, तो बिंदिया के गाने को ‘न्योता’ सम?ा कर ठिठुरती रात में उलटे पैर कैमिस्ट की दुकान पर जा पहुंचे और खुशबूदार कंडोम का एक बड़ा पैकेट खरीद लिया. फिर रातभर बलमा ने अपनी बिंदिया को साबित कर दिया कि जाड़े में बलमा क्यों प्यारा लगता है. खुशबूदार कंडोम ने उन दोनों की वह रात महका दी थी.

बिंदिया और संजय तो शादीशुदा हैं, पर अब तो शादी से पहले भी प्रेमीप्रेमिका में सैक्स होना कोई बड़ी बात नहीं है. लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े तो धड़ल्ले से जिस्मानी रिश्ता बनाते हैं, पर अनचाहे पेट से बचने के लिए वे कंडोम का इस्तेमाल बिंदास हो कर करते हैं. चूंकि सर्दियों में बिस्तर की रजाई में प्यार की गरमाहट ज्यादा महसूस होती है, तो कंडोम की खपत भी बढ़ जाती है.

दुनियाभर में प्यार करने वाले कंडोम का इस्तेमाल करने से झिझकते नहीं हैं. जरमन औनलाइन प्लेटफार्म स्टेटिस्टा के एक सर्वे के मुताबिक, साल 2021 में कंडोम के इस्तेमाल में ब्राजील सब से आगे था, जिस के लिए कहा जाता था कि वहां 65 फीसदी लोग कंडोम का इस्तेमाल कर रहे थे. इस के बाद दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों का नाम शामिल था.

वैसे, चीन में सब से ज्यादा कंडोम बिकते हैं. यूरोमौनिटर के मुताबिक, साल 2020 में चीन में तकरीबन 2.3 बिलियन यूनिट कंडोम बेचे गए थे. अमेरिका की एक मार्केटिंग रिसर्च कंपनी एसी नीलसन के मुताबिक, भारत में कंडोम का बाजार साल 2020 में तकरीबन 180 मिलियन डौलर का था. ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत में कंडोम की बिक्री में भी इजाफा हुआ है.

भारत में कंडोम की बिक्री बढ़ने की एक वजह और भी है कि अब कैमिस्ट पर खुशबूदार, डौटेड, पतलेमोटे यानी तरहतरह के कंडोम बिकते दिख जाते हैं. इन में से खुशबूदार और डौटेड कंडोम का बाजार ज्यादा गरम रहता है और सर्दियों में प्यार करने वाले जोड़े ‘रबड़ के इस साथी’ पर पूरा भरोसा जताते हैं.

वैसे तो भारत में सरकारी अस्पतालों या डिस्पैंसरी वगैरह में साधारण कंडोम मुफ्त में भी मिल जाता है, पर ब्रांडेड कंडोम के छोटे पैकेट 10 रुपए से लेकर 50-60 रुपए तक में मिल जाते हैं. ब्रांड के हिसाब से कीमत कमज्यादा हो सकती है. पर कंडोम की कीमत पर मत जाइए, यह जो प्यार का लुत्फ बढ़ा देता है, उस बात को दिमाग में बिठा लीजिए. यह कई तरह की सैक्स बीमारियों जैसे एचआईवी, एड्स, सिफलिस, इंफैक्शन वगैरह से तो बचाता ही है, बच्चा न हो इस में भी प्यार के दौरान दीवार बन कर अड़ जाता है, बस थोड़ी सी सावधानी बरतनी पड़ती है.

इतना ही नहीं, कंडोम का फायदा या खासीयत है कि यह कई प्रकार के फ्लेवर और अलगअलग बनावट का होता है जैसे रिब्ड कंडोम. इस की बाहरी सतह पर उभरी हुई धारियां होती हैं, जो जोश को बढ़ाता है. ऐसे ही कई तरह के अलग तरह के कंडोम हैं, जिन की अपनीअपनी क्वालिटी है.

कंडोम की यह पतली रबड़ पार्टनर के बीच दिलचस्पी बढ़ाने का काम करती है. जैसे कंडोम पार्टनर को एकदूसरे के प्रति संतुष्ट करता है और उन खास यादगार को बनाने में मदद करता है.

कंडोम के बारे में हम आप के कान में एक बात बताना चाहते हैं कि इस को कैमिस्ट से खरीदने के लिए डाक्टर के परचे की जरूरत नहीं पड़ती है. दुकान पर जाइए, शान से कंडोम मांगिए, जेब में रखिए और सीधा अपने पार्टनर के पहलू में जा बैठिए.

और हां, आप के पार्टनर को कैसा कंडोम पसंद है, यह जरूर जान लीजिए. फिर बिस्तर पर प्यार का मजा उठाइए. अच्छा बलमा बनना है कि नहीं?

सैक्स को गंभीरता से लेना है बेहद जरूरी

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें.

अपने सही पार्टनर को कैसे परखें

आप की सगाई पक्की हो चुकी है. शादी में अभी समय है. सपने हैं, इच्छाएं हैं, उमंगें हैं, ललक है… आजकल आप को कोई अच्छा लगने लगा है. वह भी आप को कनखियों से देखता है. मिल्स ऐंड बून का रोमांस किताबों में ही नहीं, असल जीवन में भी होता है, ऐसा आप को लगने लगा है. उस रात पार्टी में जब आप बेहद खूबसूरत लग रही थीं, उस ने प्रपोज कर दिया वह भी आकर्षक अंदाज में. आप हवा में उड़ रही हैं. जिंदगी में इतने अच्छे पल पहले कभी नहीं आए थे. चाहा जाना किसे अच्छा नहीं लगता. फिर चाहने वाला विपरीतलिंगी हो, तो कहना ही क्या.

प्यार करना अच्छा एहसास है पर आज के माहौल को देखते हुए जहां लवजिहाद, फेक मैरिज, एसिड अटैक जैसे केसेज हो रहे हों, वहां थोड़ा सावधान रहना अच्छा है.

आप कैसे जान सकती हैं कि आप का बौयफ्रैंड, मंगेतर या लवर आप को चीट तो नहीं कर रहा? मनोचिकित्सकों, परिवार के परामर्शदाताओं, समाजसेवकों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत के आधार पर कुछ बिंदु उभरे हैं, जिन्हें यदि आप देखपरख लें तो धोखा खाने से बच सकती हैं :

1. दिखावा ज्यादा करता हो

आप का पार्टनर चाहे रईस न हो, पर महंगे शौक रखता हो. उन का हर जगह प्रदर्शन करता हो. खुद को हाइप्रोफाइल कहलाना उसे पसंद हो. उधार ले कर स्टैंडर्ड लाइफ जीने में उसे आनंद आता हो तो सावधान हो जाएं. ऐसा शख्स भविष्य में किसी को भी संकट में डाल सकता है.

पैसों की खातिर गलत काम करने में वह हिचकिचाएगा नहीं. हो सकता है आप को भी उस ने सब्जबाग दिखा रखे हों, जितना आप उसे जानती हो, वह वैसा भी न हो.

ऐसे व्यक्ति को ध्यानपूर्वक नोटिस कीजिए. उस के बाद अपनी धारणा बनाइए.

2. फिजिकल क्लोजनैस चाहता हो

अकसर उस की तारीफ में आप के हुस्न की तारीफ छिपी रहती हो. साथ घूमने जाने या मिलने के लिए वह एकांत स्थल या ऐक्सक्लूसिव प्लेस चुनता हो. मौका पाते ही आप को हाथ लगाने, चूमने या स्पर्शसुख प्राप्त करने से न चूकता हो. रिवीलिंग ड्रैसेज आप को गिफ्ट करता हो और उन्हें पहनने की फरमाइश करता हो. फोन पर सैक्सी मैसेज भेजता हो तो सावधान हो जाइए. जो मजनूं सीमाएं लांघते हैं वे विश्वसनीय नहीं होते. कौन जाने आप से फिजिकल प्लेजर हासिल करने के बाद वह आप को छोड़ दे. बेहतर है लिमिट में रहिए और उस की ऐसी हरकतों पर पैनी नजर रखिए.

4. अकसर पैसे उधार लेता हो

जमाना कामकाजी महिलापुरुष का बेशक है, पर जो पुरुष अपनी गर्लफ्रैंड, प्रेमिका, मंगेतर से पैसे उधार मांगता रहता हो उस से सावधान रहिए. मैरिज के बाद  वह आप पर पूर्णतया आर्थिक रूप से आश्रित नहीं हो जाएगा, इस की क्या गारंटी है. स्वावलंबी व आत्मनिर्भर पुरुष, पति या बौयफ्रैंड हर महिला चाहती है. पत्नियों पर आश्रित पुरुषों के साथ रिश्ते स्थायी तौर पर नहीं टिक पाते.

5. बातें छिपाता हो

लंबे रिश्ते के बाद भी यदि वह आप से बातें छिपाए, टालमटोल करे, दोस्तों से न मिलवाए, मोबाइल को न छूने दे तो सावधान रहिए. दाल में कुछ काला है. यदि मंगेतर या बौयफ्रैंड विदेश में काम करता हो तो उस के स्थानीय मित्रों, घर वालों, रिश्तेदारों से उस की कारगुजारियों पर नजर रखिए.

विदेश में जहां वह काम करता है उस संस्थान और दोस्तों के बारे में खंगालिए. जानकारी जुटाइए. उस के पैतृक गांव या कसबे से भी आप जानकारी जुटा सकती हैं. फेसबुक अकाउंट, व्हाट्सऐप या ईमेल से भी आप पता लगा सकती हैं. बात उसे बुरा लगने की नहीं, बल्कि खुद का भविष्य सुरक्षित रखने की है.

6. अजीबोगरीब व्यवहार करता हो

अचानक यों ही किसी दिन उस ने अपनी सगाई की अंगूठी उतार दी. आप को टाइम दे कर वह निर्धारित स्थल पर पहुंचना भूल गया, सार्वजनिक स्थल पर आप को बेइज्जत कर दिया या आप से ज्यादा अपनी भावनाओं को तवज्जुह देता हो तो चिंता की बात है.

दोहरा चरित्र या व्यवहार खतरे की घंटी है. व्यक्ति का असम्मानजनक व्यवहार या तो आप को डीवैल्यू करने के लिए या स्वयं स्थिर न हो पाने का नतीजा हो सकता है.

7. सामने कुछ, पीठ पीछे कुछ

दोहरापन, चुगलखोरी, छल किसी भी रिश्ते में दरार डाल सकते हैं. आप के सामने अच्छा और पीठ पीछे बुरा कहने वाला आप का अपना कैसे बन सकता है. आप का पार्टनर भी यदि ऐसा करता है तो वह यकीनन इस रिश्ते को ले कर सीरियस नहीं है.

उस के मित्रों के टच में रहिए ताकि फीडबैक मिल सके. यदि वह सामने पौजिटिव और पीठ पीछे नैगेटिव हो तो उसे खतरे की घंटी समझिए.

8. अकाउंट्स के बारे में न बताता हो

पार्टनर यदि वित्तीय मामलों में आप को शामिल नहीं करना चाहता हो, आप से छिपाए या बहाने बनाए, तो पड़ताल कर लीजिए. कोई भी रिलेशन विश्वास के आधार पर ही टिकता है.

9. बातें शेयर न करता हो

यदि पार्टनर अपनी बातें छिपाए और पूछने पर भी न बताए, उलटे, आप ही को टौंट करे और ओवरक्यूरियस कहे तो जाग जाइए. स्पष्टवादिता और सचाई रिश्ते की आधारशिला होती हैं.

10. महिला मित्र बनाम पुरुष सहकर्मी

पार्टनर खुद तो मित्रों के साथ काफी फ्री हो, वैस्टर्न व मौडर्न तरीकों से पेश आता हो पर आप के मेल कलीग्स को शक की दृष्टि से देखता हो तो सावधान हो जाइए. ऐसे पुरुष शादी के बाद भी फ्लर्ट करने की आदत नहीं छोड़ते.

11. बातबात पर झूठ बोलता हो

वजहबेवजह जब आप का पार्टनर छोटीछोटी बातों पर झूठ बोलता हो तो यह इस बात का संकेत है कि कुछ तो संदिग्ध है. उस के साथ रहने वाले, उस के मैसेज, उस के फोन कौल्स, उस के संपर्क…यदि इन बातों पर वह झूठ बोलता हो तो निसंदेह कहीं कुछ गड़बड़ है.

12. अचानक व्यवहार में बदलाव

पार्टनर अचानक सफाईपसंद हो जाए, गाड़ी अपेक्षाकृत साफ रखने लग जाए, अपने पुराने परफ्यूम को छोड़ कर दूसरा लगाने लग जाए, बेहद रूमानी हो जाए या बिलकुल रूखा हो जाए तो किसी महिला मित्र की उपस्थिति अवश्यंभावी है. सावधान हो जाइए. आप से ध्यान हटना, आप को इग्नोर करना, आप में रुचि न लेना किसी अन्य महिला की उपस्थिति का प्रभाव है.

13. जनूनी हो

यदि पार्टनर आप को दिलोजान से चाहता हो. किसी और की आप कभी नहीं हो पाएंगी, यह जताता रहता हो. आप की जुदाई को जीवनमरण का प्रश्न बना लेता हो तो सावधान हो जाइए. किसी कारणवश यदि यह रिश्ता टूट गया तो वह किसी भी सीमा तक जा सकता है. ऐसे प्रेमी से सावधान रहें. ऐसे जनूनी पुरुष असफल होने पर कुछ भी कर सकते हैं.

पार्टनर की कई बातें आप को अजीब लग सकती हैं. दिल से काम मत लीजिए, दिमाग से काम करें. जहां थोड़ा भी संशय हो, तसल्ली कर लीजिए. पार्टनर को बुरा लगेगा यह मत सोचिए. अपना विवेक रखिए. आखिर, थोड़ी सी सावधानी आप को भावी जीवन के दुखों से बचा सकती है.

सैक्स के ये चार राज बड़े काम के हैं

वे आपके इशारों को नहीं समझ रहे हैं और आपने तय कर रखा है कि आप भी उन्हें नहीं बताने वालीं कि आप क्या चाहती हैं. पर कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिनके सहारे सैक्स के दौरान आप बिन कुछ कहे अपनी इच्छाओं को पूरा करवा सकती हैं.

मादकता हमेशा सैक्सी लौन्जरीज, सेंशुअल परफ्यूम या स्मोकी आंखों में ही नहीं छिपी होती. सच है कि ये चीजें निजी पलों में उत्साह का संचार करती हैं, लेकिन कभी-कभी मन की बात मनवाने के लिए छल और चालाकी से भी गुरेज करें.

अक्सर पुरुषों को हल्का-सा इशारा समझ में नहीं आता और आपका शर्मीलापन लंबे इंतजार का कारण बन सकता है, जबकि र्स्माट चालें इस खेल में आपको मनचाहा नतीजा दे सकती हैं.

1. अपने भीतर की युवती को बाहर निकालें

वे मूड में नहीं हैं और आप हैं. हो सकता है कि वे सचमुच थके हुए हों या फिर केवल उन्हें थोड़ा उकसाने की जरूरत हो. ऐसे में समय की कसौटी पर खरे उतरे हथियार इस्तेमाल करें. ‘‘जब मैं सैक्स चाहती हूं और वे बहानेबाजी कर रहे होते हैं तो मैं सैक्स के झटपट सेशन का सुझाव देती हूं,’’ कहती हैं रोहिणी. वहीं नित्या कहती हैं, ‘‘मैं लौन्जरी उतारकर स्नग टी-शर्ट पहन लेती हूं. लेकिन ये नहीं दिखती कि मैं इसकी मांग कर रही हूं. फिर यदि वे किताब पढ़ रहे हैं तो मैं उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फिजूल के सवाल पूछने लगती हूं.’’

2. इंतजार करवाएं

अपने साथी के साथ सेक्स के दौरान हम जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है. सेक्शुअल गतिविधियों का क्रम जैसे पूरी तरह पता होता है-गर्दन पर चुंबन, होंठों पर गहन चुंबन, नाभि पर चुंबन… इस एकरसता से उबरना चाहती हैं? तो इसे चुहलबाजी के साथ करें. खेलें और उन्हें आनंद से वंचित रखें. जहां बात खुद को बेहतर समझने का खेल खेलने की हो तो पुरुष इसे किसी महिला के साथ खेलने से कभी बोर नहीं होते.

3. हिम्मत करें

आप उम्मीद करती हैं कि वे घिसी-पिटी सेक्शुअल गतिविधियों के बजाय आपके शरीर के दाएं हिस्से पर ज्यादा समय बिताएं? तो उन्हें चुनौती देने की कोशिश करें. प्रत्येक पुरुष को चुनौती पसंद होती है. वो पूरी बेशर्मी से उसका सामना करेंगे. उनसे कहें कि आपको नहीं लगता कि आप ‘फलां’ चीज में अच्छे हैं और वे तुरंत आपको गलत साबित करने में जुट जाएंगे. यहां तरकीब ये है कि यह बात उन्हें चुनौती देने की तरह कहिए, व्यंग्य या ताने की तरह नहीं.

4. बाद का प्यार जरूर पाएं

संतुष्टिदायक पलों के बाद उनकी बेरुखी हमेशा ही झगड़े का करण बनता है. इस उन्माद के बाद उन्हें अकेला छोड़ दें, क्योंकि इजेकुलेशन के बाद उनके हार्मोन्स का स्तर उन्हें शिथिल कर देता है और वे आराम करना चाहते हैं. लेकिन कौन-सा पुरुष ये नहीं सुनना चाहता कि निजी पलों के दौरान उसका प्रदर्शन कितना बेहतरीन था? ‘‘जब मैं अपने बौयफ्रेंड को बताती हूं कि कहां-कहां उनका स्पर्श और चुंबन मुझे रोमांचित कर गया और जब उन्होंने कमान संभाली तो मैंने कितनी गर्माहट महसूस की तो वो मुझे अपनी ओर खींचकर आलिंगन में ले लेते हैं. मुझे लगता है जब कोई आपको प्यार करता है और इसका एहसास करता है तो आपको भी उसे ऐसा ही महसूस कराना चाहिए,’’ ये कहना है रानी का.

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शादी के बाद पतिपत्नी के जीवन में एक अलग सी चाहत होती है. एकदूसरे के साथ अधिक से अधिक समय तक करीब रहना, एकदूसरे को छूना, उत्तेजित हो जाना, सैक्स के लिए पोर्न फिल्में देखना, उसी तरह की चाहत रखना सामान्य बातें होती हैं. यही वजह है कि शादी के निजी पलों को खुल कर जीने के लिए लोग हनीमून के लिए जाते हैं.

शादी के बाद का आनंद जीवन में दोबारा तब आता है जब बच्चे होस्टल चले जाते हैं. पतिपत्नी के जीवन में आने वाला यह एकांत उन को बहका देता है. कई कपल्स तो ऐसे मौके का लाभ उठा कर सैकंड हनीमून तक प्लान कर लेते हैं. ऐसे में कई बार वैसी ही गड़बडि़यां हो जाती हैं जैसी शादी के बाद होती हैं. शादी के बाद अबौर्शन संभव हो जाता था पर सैकंड हनीमून के बाद ऐसी गड़बड़ी भारी पड़ सकती है. इसलिए जरूरी है कि गर्भधारण से बचने वाले उपाय व साधनों का प्रयोग करें.

महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टर नमिता चंद्रा कहती हैं, ‘‘कंडोम और पिल्स सब से अहम उपाय हैं. महिलाएं गर्भ रोकने के लिए पिल्स का प्रयोग डाक्टर की राय से करें. गर्भनिरोधक गोलियां कई बार बौडी के हार्मोंस को प्रभावित करती हैं. इन के लगातार प्रयोग से जिस्म में कैल्शियम भी प्रभावित होता है. कुछ औरतों में जल्दी मेनोपौज की शुरुआत हो जाती है. जिस से कई बार मासिकधर्म अनियमित हो जाता है. ऐसे में यह भ्रम हो जाता है कि माहवारी बंद है तो गर्भधारण कैसे हो सकता है?

‘‘कई मामलों में देखा गया कि माहवारी बंद होने के बाद भी गर्भधारण हो गया. कई बार माहवारी न होने का कारण मेनोपौज को समझ लिया जाता है, जबकि माहवारी न होने का कारण गर्भधारण होता है. इस का पता तब चलता है जब पेट में दर्द या दूसरे कारण दिखाई देते हैं. देर से पता चलने के कारण गर्भपात कराना संभव नहीं रह जाता और बच्चा पैदा करने के बाद तमाम तरह की सामाजिक व शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है.’’

भ्रांतियों का शिकार न हों

आज के दौर में 40 से 50 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं का मुकाबला 20 से 30 वर्ष की महिलाओं के साथ किया जा सकता है. दोनों ही उम्र में सैक्स को ले कर कुछ भ्रांतियां होती हैं. आमतौर पर पुरुष इस उम्र में कंडोम का इस्तेमाल पसंद नहीं करते. इस का कारण यह होता है कि कई बार उन में इरैक्शन को ले कर परेशानियां होती हैं. ऐसे में महिला को पिल्स का सेवन करना चाहिए. वैसे गर्भनिरोधक पिल्स के साथ ही साथ इमरजैंसी पिल्स का भी प्रयोग कर सकती हैं. इमरजैंसी पिल्स का प्रयोग सैक्स संबंध बनने के बाद जितनी जल्दी हो सके कर लें.

कई बार इरैक्शन के शिकार व्यक्ति का डिस्चार्ज योनि के बाहर ही हो जाता है. वह सोचता है कि डिस्चार्ज योनि के बाहर होने से गर्भधारण का खतरा नहीं रहता. यह भी एक तरह की भ्रांति है. पुरुष का वीर्य अगर किसी भी तरह से योनि के अंदर पहुंच गया तो गर्भधारण हो सकता है. ऐसे में किसी भी तरह से वीर्यस्खलन होने पर सावधान रहें. अगर ऐसा हो जाता है तो सावधानी बरतें. गर्भधारण से बचने के लिए उचित डाक्टरी सलाह व प्रैग्नैंसी टैस्ट किट की मदद लें.

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