Editorial : अपने लाड़लों के खो जाने का दुख हरेक परिवार को होता है. गांवों में तो अकसर होता है कि 5-7 बच्चों में से जब एक गायब हो जाता है तो लोग इधरउधर ढूंढ़ने में समय बरबाद कर देते हैं और जब तक पुलिस तक पहुंचते हैं, देर हो चुकी होती है. मजेदार बात यह है कि शहरोंकसबों में से भी बच्चे, वे भी लड़के, गायब हो जाते हैं और 15-20 साल तक परिवार इंतजार करते रहते हैं.
राजस्थान के एक छोटे से गांव के एक लड़के ने लोगों की इस अपने खोए बच्चे की तड़प का जम कर फायदा उठाना शुरू किया और किसी घर में 30 साल पहले खोया बच्चा कह कर घुस गया तो किसी घर में 15 साल पहले खोया. उसे आमतौर पर खोया बच्चा, जो अब जवान हो गया है, मान लिया गया. जब एक परिवार के घर 30 साल पहले खोए बच्चे का लौटने पर समाचार छपा तो पुलिस चौकन्नी हुई और उस ने इस जवान की खोजबीन करनी शुरू की.
पुलिस को यह जान कर हैरानी हुई कि वह इस तरह 8 घरों में खोया बच्चा बन कर 5-7 महीने रह कर मौजमस्ती करता था और फिर गायब हो जाता था. पहले कोई समाचार नहीं बनता था इसलिए पुलिस को शक नहीं होता था. इस बार जब दिल्ली के निकट साहिबाबाद के एक गांव के पुलिस स्टेशन में पहुंच कर उस ने 10 साल की उम्र में अपने किडनैप हो जाने की कहानी बताई और मांबाप का नाम बताया था तो मांबाप दौड़े आए और उसे अपना बच्चा जान कर सीने से लगा कर घर ले गए.
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