हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त निर्देशक रानी नागर ने कल सोशल मीडिया के माध्यम से अपना इस्तीफा भेज दिया. सामाजिक न्याय व अधिकार देने वाले विभाग की वरिष्ठ अधिकारी खुद सामाजिक न्याय की जंग हार गई.
रानी नागर ने जिस अधिकारी के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया था उसी के साथ डयूटी दी गई और महिला आयोग में शिकायत की तो उसी मैडम आहूजा को सवाल-जवाब करने की जिम्मेदारी दी गई जो पहले से रानी नागर को मामला दबाने की नसीहत दे रही थी.
पिछले दिनों रानी नागर का पीछा हुआ,धमकियां दी गई तो रानी नागर अपनी बहन रीमा नागर के साथ रहने लगी व सोशल मीडिया के माध्यम से साफ किया कि अगर मेरी हत्या होती है तो आरोपी अधिकारी व सरकार जिम्मेदार होगी.
कल अचानक खबर आई कि रानी नागर ने इस्तीफा भेज दिया और हरियाणा सरकार ने रानी को अपने पैतृक घर गाजियाबाद जाने के लिए गाड़ी उपलब्ध करवाई जिसका खर्चा खुद रानी नागर ने वहन किया है.
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बात साफ है कि रानी नागर को प्रताड़ित किया गया और इतना दबाव बनाया गया कि आईएएस रानी नागर टूट गई और अपना इस्तीफा भेज दिया.शायद सरकार भी यही चाहती थी क्योंकि जिस तरह फटाफट गाड़ी उपलब्ध करवाकर घर पहुंचाया गया उससे तो यही जाहिर हो रहा है.रानी नागर आईएएस है तो नियमों के मुताबिक हरियाणा सरकार को अपनी टिप्पणी के साथ यह इस्तीफा केंद्र सरकार को भेजना है.
रानी नागर एक किसान परिवार से है.लिहाजा नेता व मीडिया बोलेंगे नहीं.किसान परिवारों के बच्चे वैसे भी उच्च पदों पर कम ही पहुंचते है और जो पहुंचते है उनको ऐसी जगह लगाया जाता है जहां जनता का सीधा तालुक कम ही रहता है.पद के श्रेष्ठता क्रम के हिसाब से कहीं ढंग की पोस्टिंग मिल जाती है तो रानी नागर बनाकर घर भेज दिया जाता है.
जो लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के हिंदुओं की प्रताड़ना को लेकर चिंतित है उनको बताना चाहता हूँ कि आरएसएस के हिंदुत्व के हिसाब से रानी नागर हिन्दू है व सुब्रमण्यम स्वामी की वर्ण व्यवस्था के हिसाब से क्षुद्र है मगर किसान के रूप में माना जाता है.यह भारत की हिन्दू महिला आईएएस अधिकारी है जो भारत के हरियाणा राज्य में पदस्थापित थी जहाँ आरएसएस-बीजेपी की हिंदुत्व रक्षक सरकार है.
जिस अधिकारी के ऊपर रानी नागर ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था वो भी हिन्दू है,जिस महिला आयोग में रानी ने शिकायत की उसमे सारे अफसर हिन्दू है.रानी को धमकियां देने वाले,मामला दबाने वाले व महिला आयोग में रानी से सवाल जवाब के नाम पर मामला रफा-दफा करने की नसीहत देने वाली मैडम तक सब हिन्दू ही है.
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रानी को इस्तीफे के लिए मजबूर करने वाली व गाड़ी से गाज़ियाबाद भेजने वाली हरियाणा सरकार का मुख्यमंत्री शाखा से प्रशिक्षित हिन्दू है इसलिए शक की कोई गुंजाइश कहीं नहीं बचती है.रानी का इस्तीफा आज या कल टिप्पणी के साथ केंद्र की हिन्दू हृदय सम्राट की सरकार के पास भेज दिया जाएगा और जाहिर से बात है कि कड़ी से कड़ी जब हिंदुओं की नीचे से लेकर ऊपर तक जुड़ी हुई है तो इस्तीफे की स्वीकारोक्ति को लेकर कोई अड़चन नहीं आनी चाहिए!
दरअसल, ओबीसी/एससी/एसटी के लोगों को खतरा मुसलमानों से नहीं, बल्कि सत्ता-संसाधनों पर काबिज वर्ग विशेष से है तो लोग गंभीरता से नहीं लेते है!ओबीसी/गुर्जर समाज की आईएएस रानी नागर जब मुखर्जी नगर से शाहजहां रोड तक गई तो देश बदलने के बहुत ख्वाब देखे होंगे मगर हिंदुओं के संगठित विशेष वर्ग ने उनके ख्वाबों को उजाड़कर वापिस अपने गांव भेज दिया है.
बहुत से किसानों के बच्चे व बच्चियां अफसर बनकर भी इन हिंदुओं की प्रताड़ना के शिकार होते है और जहर के घूंट पीकर चुप रहते है!रानी नागर की जहर पचाने की ताकत कमजोर रह गई और अपने आत्मसम्मान की रक्षार्थ इस्तीफा दे दिया!यह इस्तीफा उन किसान कौम के नेताओं,समाजसेवियों व गले मे हिंदुत्व का गमच्छा डालकर घूम रहे युवाओं के मुँह पर तमाचा है जो रोज कहते रहे कि हिंदुत्व खतरे में है!असल मे रानी नागर ने आईएएस के पद से इस्तीफा नहीं किसान कौमों के मुर्दा जमीर का पार्सल भेजा है.