छुटकारा: क्या ऐसे मिलता है लड़की से छुटकारा

खुला सा आंगन. आंगन में ही है टूटाफूटा सा बड़ा दरवाजा और उस दरवाजे से लग कर 2 कमरे. कमरों से सटे हुए बरामदे में रसोई. यह है गंजोई का घर. 4 बेटियां और पत्नी है गंजोई के परिवार में.

गंजोई की पत्नी सुगना पुरानी साड़ी की फटी पट्टियों से गुंथी रहती. मैली सी चारपाई पर गंजोई पैर फैला कर लेटा रहता और सुगना अपनी बातों से उस का मन बहलाया करती.

सुगना को पति की सेवा से फुरसत मिलती, तो घर की खोजखबर लेती. गंजोई तो अजगर था. दास मलूका का शुक्रिया अदा करता और अपने दाने के इंतजार में पड़ा रहता. गंजोई की बड़ी बेटी अंजू 15 साल से कुछ ऊपर. काली, ठिगनी, सुस्त, थोड़ी मोटी और चुपचुप सी रहती थी. वह लोगों के घरों में झाड़ूबरतन किया करती और धीरेधीरे उस ने अपनी दोनों छोटी बहनों को भी जानपहचान के घरों में काम पर लगवा दिया था.

अंजू के बाद वाली संजू 13 साल की दुबलीपतली, गठी हुई, उम्र के मुताबिक सही कदकाठी. खूबसूरत तो नहीं, पर बदसूरत भी नहीं थी वह. धीमी और मीठी आवाज. जल्दीजल्दी काम निबटाती. जिन घरों में काम करती, वहीं के बच्चों से वह अपना मन बहलाती.

8 साल की रंजू बेहद दुबली. गेहुआं रंग. उलझेउलझे तेल चुपड़े बाल और मैली सी फ्रौक. उस के काम में सब से ज्यादा फुरती थी. उस का मन मचलता था अपने साथ के बच्चों के साथ खेलने और भागनेदौड़ने के लिए, इसलिए वह जल्दीजल्दी काम करने की कोशिश में कुछ न कुछ गड़बड़ करती रहती और डांट सुनती रहती, पर थी धुन की पक्की.

सब से छोटी रीना 6 साल की थी. अंजू के साथ काम पर जाती और उस की मदद करती. बरतन मांजना अभी वह सीख रही थी और झाड़ू ठीकठाक लगा लेती थी  कुलमिला कर सारी बहनें मिल कर दालरोटी का जुगाड़ कर लेती थीं.

एक चीज थी, जो चारों बहनों में एकजैसी थी. उन की खाली आंखों में जिंदगी की चमक. खूब जीना चाहती थीं. वे सब जो भी थीं, जैसे भी थीं, खूब हंसना और कुछ न कुछ गुनगुनाते रहना उन की आदत थी.

महल्ले की औरतें ज्यादातर मजदूर थीं या फिर लोगों के यहां आया, महरी का काम करती थीं. गंजोई जब घर पर नहीं होता था, तो सुगना रेशमी साड़ी पहन कर किसी पड़ोसन के यहां जा बैठती. औरतें भी बातोंबातों मे उसे छेड़तीं, ‘ये चटकमटक के दिन तेरे नहीं तेरी बेटियों के हैं. जवानी में भी उन से अपने ही घर का पानी भरवाएगी क्या?

‘लड़कियां बड़ी हो रही हैं. भेज अपने निठल्ले मरद को बाहर. घरबार देखे. रिश्ताकुनबा देखे. ऐसे घर बैठे तो कोई तुम्हारे दरवाजे चढ़ेगा नहीं.’

सुगना खिसियानी सी हंसी हंसती और बोलती, ‘‘तू ही बता सरोज, हमारे पास न जेवर है, न जमीन. जो थोड़ाबहुत मेरी सास के गांठपल्ले था, वह पहले ही अंजू के बापू ने दारू में घोल कर चढ़ा लिया. अब तो ऐसा है कि चूल्हा भी अनाज देख कर ही गरम होता है.’’ ‘‘अरे तो उसे काम पर क्यों नहीं भेजती? इतनी बड़ी अनाज की मंडी है, बड़ेबड़े आढ़ती बैठते हैं. जाए किसी के पास. कोई न कोई काम मिल ही जाएगा, बेटियों की कमाई से घर चलता है कोई,’’ सरोज की सास ने दोटूक सुनाया.

अब सुगना ने वहां से खिसकने में ही अपनी भलाई समझी. ऐसा नहीं है कि सुगना और गंजोई को अपनी जवान होती बेटियों की फिक्र नहीं थी, पर वे दोनों ठहरे मिजाज के मस्तमौला. उन्हें लगता था कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा.

सुगना और गंजोई का परिवार समय की ताल में ताल मिलाता एकएक कदम उस के साथ चलता चला जा रहा था. समय भी चिकनी सड़क पर सरपट चाल चल रहा था बिना किसी रुकावट के, बिना किसी मुश्किल के. अंजू की ज्यादातर सखियों का ब्याह हो चुका था, पर उसे अपने ब्याह न होने का मलाल न था. न ही उसे जरूरत महसूस होती थी. सुगना और गंजोई को उस के ब्याह की काई आस न थी. इसलिए कोशिश करने का खयाल भी किसी के धकियाने से ही आता था और धक्का हटते ही वे फिर आराम की मुद्रा में टेक लगा लेते और फिर घर चलाने में अंजू का अहम योगदान था.

संजू भी 14 साल की उम्र में ज्यादा तीखी और मुखर हो गई थी. अब वह घर से निकलती, तो उस की उभरती देह पर चुस्त फिटिंग वाला सूट होता. अपनी मालकिनों की उतरन को सजाचमका कर जब वह अपने तन पर डालती, तो उन पुराने कपड़ों से भी ताजगी फूट पड़ती. महल्ले के जवान होते मजदूर बच्चे छिपछिप कर उसे देखते और वह उन्हें देख कर बड़ी अदा से अनदेखा कर देती, मानो सावन को पता ही न हो कि उस की बारिश में सब भीग जाता है.

अब संजू का ध्यान काम में कम लगता, सोचती और मुसकराती रहती. उस के साथ की लड़कियां उस से चिढ़तीं, ‘बड़ी फैशन वाली बन गई है. बरतन मांजने जाती है या थाली में मुंह देखने? ’ अंजू भी पीछे न रहती. वह कहती, ‘‘अरे, बरतन तो मुझे देखते ही चमक जाते हैं. तुम्हारी तरह नहीं कि शक्ल देख कर घूरा भी छींक दे.’’

गंजोई के घर से बाईं तरफ 3 मकान छोड़ कर कमलकिशोर का घर था. वह एक 17 साल का ठीकठाक सी शक्ल वाला लड़का था, जो बाजार में साइकिल की दुकान पर पंचर लगाने का काम करता था.वह जवानी के उस पायदान पर था, जहां सबकुछ खूबसूरत और आसान लगता है. खाली समय में रंगीन चश्मा लगा कर वह फिल्मी गाने गुनगुनाता.उस ने मालिक से बड़ी मिन्नत कर के दुकान से एक पुरानी साइकिल ले ली थी और साइकिल की दुकान पर मंजे हुए अपने हुनर को आजमा कर उस साइकिल को नई जिंदगी दे डाली थी.

एक दिन कमलकिशोर घर के बाहर खड़ा हो कर अपनी साइकिल को साफ कर रहा था और साथ ही कुछ गाना गुनगुना रहा था, ‘‘चोरीचोरी आ जा गोरी पीपल की छांव में, कहीं कोई…’’ तभी उस की नजर संजू पर पड़ी, ‘‘यह कौन है. बड़ी मस्त दिख रही है.’’

इतने में संजू की नजर कमलकिशोर पर पड़ी. आंखें सिकोड़, कमर पर हाथ रख संजू थोड़ा गुस्से और बड़ी अदा से गुर्रा कर बोली, ‘‘आंखें फाड़ कर क्या देख रहा है? बोलूं तेरे बापू को?’’

‘‘भड़क क्यों रही है? देख ही तो रहा हूं. तू सुगना काकी की बेटी है न? चल, नाम बता अपना?’’ कमलकिशोर ने उस की तरफ बढ़ते हुए फिल्मी अंदाज में पूछा.

संजू को हंसी आ गई, ‘‘चल जा अपना काम कर,’’ कह कर वह घर में घुस गई. कमलकिशोर का मन गुदगुदाहट से भर गया. संजू को गए बहुत वक्त बीत चुका था, पर वह वहीं खड़ा अब भी उन पलों को आगेपीछे कर के अपने सपनों में जी रहा था.

‘‘संजू, जरा चूल्हा जला दे और आटे में थोड़ा नमक डाल कर मुझे दे दे. खाने का समय हो गया है. बस, अभी सब खाना मांगने वाले हैं,’’ अंजू ने कहा. इतने में ही सुगना की आवाज आई, ‘‘ऐ अंजू, खाना कब देगी? मुझे जोरों की भूख लगी है.’’

सुगना और गंजोई आंगन में पड़ी खाट पर जमे हुए थे. गंजोई आसमान की ओर मुंह कर के लेटा था और सुगना उस के पैर दबा रही थी. रसोई में जान खपाने से ज्यादा आसान था यह काम. गंजोई के खाते ही सुगना खुद खाने बैठ जाती, फिर बाद में बच्चे आपस में मिलबैठ कर खा लेते.

‘‘हांहां, खाना बन रहा है,’’ संजू ने चिढ़ कर जवाब दिया. अंजू ने संजू की तरफ देखा, पर बोली कुछ भी नहीं. अब उसे संजू के लिए फिक्र होने लगी थी. जब तक उस का खुद का ब्याह न हो जाता, तब तक संजू का ब्याह होना मुश्किल था. अपनी आस उसे थी नहीं, पर संजू…

आज रात संजू को भी नींद नहीं आ रही थी. ‘चल, नाम बता अपना’ उस के कानों में गूंज रहा था. उसे फिर हंसी आने लगी. वह कमलकिशोर ही तो था. कितनी ही बार तो देखा है उसे, फिर आज क्या बात हो गई? संजू समझने की कोशिश कर रही थी.

आज संजू की लाली में कुछ ज्यादा ही चमक थी. शायद सुबह की धूप का असर था या फिर रात को दबे पैर उस की चारपाई में घुस आए खयालों का, पता नहीं. घर से पहला कदम ही निकला था कि नजर बाईं ओर मुड़ गई. हड़बड़ाहट में दूसरा कदम तो बाहर निकला नहीं, पहला भी अंदर चला गया.

दरवाजे की ओट ले कर संजू अपनी घबराहट पर काबू पाने की कोशिश करने लगी. अपने घर के बाहर कमलकिशोर पूरी तरह मुस्तैद खड़ा था. आखिर संजू की चारपाई से निकल कर वह खयाल उस के भी तो बिस्तर में घुसा था.

कमलकिशोर की नजर संजू पर पड़ चुकी थी. वह समझ गया था कि संजू काम पर जाने वाली है. वह पहले ही साइकिल ले कर उस के काम की दिशा की ओर चल पड़ा थाइधर संजू भी संभल चुकी थी. वह तन कर बाहर निकली, बाएं देखा, फिर दाएं देखा, फिर एक निराशा की ढीली सांस, जिस में राहत पाने की भरसक कोशिश की गई थी, छोड़ते हुए अनमनी सी काम पर चल दी.

‘‘संजू, तेरे मांबापू तेरा ब्याह मुझ से तो क्या किसी से भी नहीं होने देंगे,’’ कमलकिशोर संजू से कह रहा था. कमलकिशोर और संजू को एकदूसरे के नजदीक आने में ज्यादा समय नहीं लगा था. दोनों को एकदूसरे का साथ अच्छा लगता. अपना काम खत्म कर दोनों रोज मिलते, एकदूसरे के साथ जीने के सपने देखते. सुगना और गंजोई की बेजारी संजू की चाह को और हवा देती, पर वह अंजू के बारे में सोच कर बेचैन हो जाती. उसे कोई रास्ता नजर नहीं आता था, जो उस घर की बेटियों को ससुराल के दरवाजे तक पहुंचाता हो. मांबाप को अपनी कमाऊ बेटियों को विदा करने की कोई जल्दी न थी.

अंजू को संजू और कमलकिशोर के इश्क की खबर थी, संजू ने ही उसे बताया था एक दिन.

‘‘संजू, भाग कर जाएगी मेरे साथ?’’

‘‘चल हट. बड़ा आया भगा कर ले जाने वाला. कहां रखेगा? क्या खिलाएगा मुझे? और मेरे घर वाले? महल्ले वाले जीने नहीं देंगे. मेरी बहनों की जिंदगी खराब हो जाएगी,’’ संजू ने उसे घुड़का और आखिरी बात कहतेकहते उसे खुद की आवाज सुनाई नहीं दी, आंखें सिकुड़ गईं और चेहरे पर उदासी उभर आई.

कमलकिशोर ने हलके से झिड़क कर कहा, ‘‘तो यहां रह कर तू कौन सा उन का घर भर देगी. भाग चल. तेरे बाप का बोझ कुछ कम हो जाएगा. यहां रह कर जिंदा भूत की तरह बरतन ही तो घिसेगी. मेरे साथ चल, तेरी जिंदगी संवार दूंगा.’’

संजू ने उसे घूर कर देखा, पर बोली कुछ नहीं . गरमी की रात में सभी आंगन और बरामदे में ही सोते थे. आज संजू ने अपना बिस्तर अंजू के साथ जमीन पर ही बिछा लिया था. चारपाइयां कम थीं, सो अंजू जमीन पर ही सोती थी. रीना और रंजू भी एक चारपाई पर वहां बेसुध सो रही थीं. सुगना बरामदे में थी.

संजू और अंजू दोनों चुपचाप सी आसमान को घूर रही थीं. दोनों को नींद नहीं आ रही थी. वे चुप थीं, पर शायद उन के मन के बीच संवाद चल रहा था. संजू जरा बेचैन दिखी, तो अंजू ने अपना हाथ उस के सिर पर रखते हुए पूछा, ‘‘क्या हुआ संजू, नींद नहीं आ रही है?’’

बेहद अपनेपन में भीगे शब्दों की नमी में संजू भी नहा गई, ‘‘हां दीदी, आज तो नींद सचमुच नहीं आ रही.’’

‘‘अच्छा, यह बता कि कमलकिशोर कैसा है? क्या लाया वह आज तेरे लिए? आजकल तो तू कुछ बताती ही नहीं मुझे,’’ अंजू ने बनावटी गुस्से से मुंह फुला कर कहा.

संजू ने अंजू की तरफ देखा और खिलखिला कर हंस दी, ‘‘दीदी, तुम बड़ी चालाक हो. मेरा मुंह खुलवाने के लिए कमलकिशोर का नाम ले दिया.’’

कमलकिशोर का नाम लेते ही संजू जरा संजीदा हो गई. ठंडी सांस छोड़ते हुए उस ने कहा, ‘‘दीदी, आज वह मुझे अपने साथ भाग चलने के लिए कह रहा था.’’

‘‘तो भाग जा. किस के लिए रुकी हुई है?’’ अंजू ने सहज भाव से कहा.

और एक दिन महल्ले में आग लग गई. गंजोई पहली बार हरकत में आया, ‘‘अरी सुगना, संजू आई क्या?’’

‘‘नहीं. अंजू के बापू,’’ कहते हुए सुगना बीच आंगन में बैठ छाती पीटपीट कर रो रही थी.

दिन ढल रहा था. सुबह से निकली संजू का अब तक कुछ पता न था. गंजोई ने हर जगह खबर ले ली थी और यह बात अब पूरे महल्ले को पता थी. पता चला था कि कमलकिशोर भी सुबह से गायब था. दो और दो चार भांपने में किसी ने समय न गंवाया. गंजोई ने अपना सिर पीट लिया.

सुगना रोरो कर बच्चियों को कोस रही थी, ‘‘जाओ, तुम लोग भी भाग जाओ, कोई न कोई मिल ही जाएगा चौक पर. अरे, भागना ही था तो तू ही भाग जाती,’’ उस ने अंजू की तरफ इशारा कर के कहा, ‘‘भगोड़ों का घर नाम धरा जाएगा हमारा. अंजू के बापू कुछ करो. हाय, यह क्या कर दिया? अब तो जिंदगी पत्थर जैसी भारी हो जाएगी. लोग हमें जीने नहीं देंगे, कौन ब्याहेगा इन बेटियों को?’’

गंजोई महल्ले के बड़ेबूढ़ों के आगे रो रहा था. एक बुजुर्ग ने अपनी घरघराती आवाज में लताड़ा, ‘‘देख गंजोई, तू ने तो कभी खबर ली नहीं अपने बच्चों की, अब पछताने से क्या होगा. लड़की भाग गई और धर गई कलंक तेरी सात पुश्तों पर. अब जरा सुध ले और बाकियों को संभाल.’’

‘‘देख, अब तू हमारी बिरादरी से बाहर हो गया है. हमारे भी लड़केलड़कियां हैं. कुछ तो कायदाकानून रखना पड़ेगा,’’ एक ने कहा था.

यह सुन कर गंजोई फफक कर रो पड़ा. वह हाथ जोड़ कर बोला, ‘‘देखिए, आप लोग ऐसा मत कहिए. आप ही साथ छोड़ने की बात करेंगे, तो हम किस से मदद मांगेंगे. मुश्किल में तो अपने ही काम आते हैं.’’

हुमेशा यहां के एक मंदिर के बुजुर्ग थे. वे बहुत ही कांइयां मिजाज के थे. कुछ सोच कर उन्होंने कहा, ‘‘देख गंजोई, जब हम गांव में रहते थे, वहां के नियमकानून अलग थे. या यों कह लो कि बड़ेबुजुर्गों ने बड़ी सूझबूझ के साथ परिवार पर विपत्ति का तोड़ निकाला था. जो तब भी सही थे और अब भी सही ही माने जाएंगे.

‘‘गांव में जब कोई लड़की भाग जाती थी, तो उस परिवार को जाति से बाहर कर दिया जाता था और बच्चे की एक नादानी की वजह से पूरा कुनबा बरबाद हो जाता था.

‘‘तू अपनी लड़की को न खोज, न ही उसे दोबारा घर में घुसने देना. तू उस का श्राद्ध कर दे, ऐसा करने से माना जाता है कि लड़की भागी नहीं मर गई. फिर कोई उंगली नहीं उठाता. यह हमारी जाति का एक रिवाज है, जो गांव में आज भी माना जाता है. गांव वालों को खूब खिलापिला कर खुश कर दिया जाता है. फिर सब उसे मरा मान कर भूल जाते हैं.’’

गंजोई ने संजू का श्राद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उस ने तय भोजन से 2 अतिरिक्त पकवान बनवाए. सुगना ने चाव से सब को परोसा. अंजू ने भी जलेबी खाई. हुमेशा को 2 जोड़ी कपड़े भी दिए गए. कमलकिशोर के परिवार को उस का श्राद्ध करने की जरूरत नहीं थी. वह तो लड़का था न.

कोरोना काल में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं का ‘सहारा’ बनी योगी सरकार

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर यूपी में कुपोषण के खात्मे के लिए पोषण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में कुपोषितों को पोषण युक्त आहार मिल रहा है. वहीं, गांवों में काम कर रही स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार भी मिला है. कोरोना काल में भी कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं का ‘सहारा’ योगी सरकार बनी है.

सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश से कुपोषण के खात्मे के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भी जुटी हैं. प्रदेश के 75 जिलों के सभी विकास खंडों में 63,000 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा कोटेदार के यहां से ड्राई राशन, गेहूं, चावल और नाफेड से मिले चना, दाल, एडिबले आयल का उठान कर उसकी पैकिंग की जा रही है. छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों, तीन से छह साल तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, अति कुपोषित बच्चों और किशोरी बालिकाओं के कुल 1,47,99,150 लाभार्थियों के लिए 1,64,714 आंगनबाड़ी केन्द्रों से ड्राई राशन वितरित किया जा रहा है. सरकार की ओर से शुरू की गई ड्राई राशन परियोजना से करीब 6,30,000 महिलाओं को रोजगार भी मिला है.

राज्य सरकार कोरोना काल में भी कुपोषण की शिकार मां, बच्चे और लड़कियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को इसके लिए सरकार ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को फील्ड में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार वितरण में लगाया गया है. पोषण का लाभार्थियों को वितरण के लिए ऑनलाइन मॉनीटरिंग भी की जा रही है.

3060 महिलाओं को और मिलेगा रोजगार, आय में होगी वृद्धि

रेसिपी बेस्ट टेक होम राशन के लिए प्रदेश के 43 जिलों के 204 विकास खंडों में उत्पादन ईकाई की स्थापना कर 15 से 20 महिलाओं द्वारा रेसिपी तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किया जाना है. प्रथम चरण में फतेहपुर के विकास खंड मलवां और उन्नाव के विकास खंड बीघापुर में उत्पादन ईकाई की स्थापना की गई है. शेष 202 विकास खंडों में भी जल्द उत्पादन ईकाई की स्थापना होने वाली है. हर ईकाई में 15 से 20 महिलाएं काम करेंगी, जिससे करीब 3060 महिलाओं को रोजगार मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी.

सरकार के लगातार प्रयासों से कुपोषण में आ रही कमी

योगी सरकार ने कोरोना काल में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त आहार पहुंचाने के लिए हाल ही में तीन महीने की राशि जारी की है. कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अनाज, दाल, घी और दूध पाउडर बांटा जाता है. सरकार के लगातार किए जा रहे प्रयासों से गांवों में लगातार कुपोषण में कमी आ रही है.

ब्लैक फंगस से निपटने को योगी सरकार ने कसी कमर

लखनऊ . उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण की धीमी होती रफ्तार के बीच पैर-पसारते ब्लैक फंगस नाम की बीमारी से बचाव की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसजीपीजीआई, लखनऊ में ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की दिशा तय करने के लिए 12 सदस्यीय वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम गठित कर दी गई है. इस टीम से अन्य चिकित्सक मार्गदर्शन भी ले सकेंगे.

एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन की अध्यक्षता में विशेष टीम ने प्रदेश के विभिन्न सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों के डॉक्टरों को इलाज के बारे में प्रशिक्षण दिया. ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला में डॉक्टरों को ब्लैक फंगस के रोगियों की पहचान, इलाज, सावधानियों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.

इंतजाम में देरी नहीं: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ब्लैक फंगस की स्थिति की जानकारी लेते हुए इस मामले में ‘प्रो-एक्टिव’ रहने के निर्देश दिए है. सीएम योगी ने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड से उपचारित मरीजों खासकर अनियंत्रित मधुमेह की समस्या से जूझ रहे लोगों में ब्लैक फंगस की समस्या देखने मे आई है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार इसके उपचार में उपयोगी दवाओं की उपलब्धता तत्काल सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा है कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए आवश्यक गाइडलाइन जारी कर दी जाएं. सभी जिलों के जिला अस्पतालों में इसके उपचार की सुविधा दी जाए.

प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुबोध कुमार सिंह बताते हैं कि म्यूकर माइकोसिस अथवा ब्लैक फंगस, चेहरे, नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है. इससे आँख सहित चेहरे का बड़ा भाग नष्ट हो जाता है और जान जाने का भी खतरा रहता है. इसके लक्षण दिखते ही तत्काल उचित चिकित्सकीय परामर्श लेना बेहतर है. लापरवाही भारी पड़ सकती है.

इन मरीजों को बरतनी होगी खास सावधानी:

1- कोविड इलाज के दौरान जिन मरीजों को स्टेरॉयड दवा जैसे, डेक्सामिथाजोन, मिथाइल प्रेड्निसोलोन इत्यादि दी गई हो.

2- कोविड मरीज को इलाज के दौरान ऑक्सीजन पर रखना पड़ा हो या आईसीयू में रखना पड़ा हो.

3.डायबिटीज का अच्छा नियंत्रण ना हो.

4.कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट इत्यादि के लिए दवा चल रही हो.

यह लक्षण दिखें तो तुरंत लें डॉक्टरी सलाह:-

1.बुखार आ रहा हो, सर दर्द हो रहा हो, खांसी हो, सांस फूल रही हो.

2. नाक बंद हो. नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो.

3. आँख में दर्द हो. आँख फूल जाए, एक वस्तु दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए.

4. चेहरे में एक तरफ दर्द हो , सूजन हो या सुन्न हो (छूने पर छूने का अहसास ना हो)

5. दाँत में दर्द हो, दांत हिलने लगें, चबाने में दर्द हो.

6. उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आये.

क्या करें :-

कोई भी लक्षण होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर से तत्काल परामर्श करें. नाक, कान, गले, आँख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ से संपर्क कर तुरंत इलाज शुरू करें.

बरतें यह सावधानियां :-

  1. स्वयं या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टर के, दोस्त मित्र या रिश्तेदार की सलाह पर स्टेरॉयड दवा कतई शुरू ना करें.

2. लक्षण के पहले 05 से 07 दिनों में स्टेरॉयड देने से दुष्परिणाम होते हैं. बीमारी शुरू होते ही स्टेरॉयड शुरू ना करें.

इससे बीमारी बढ़ जाती है.

3. स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 05-10 दिनों के लिए देते हैं, वह भी बीमारी शुरू होने के 05-07 दिनों बाद केवल गंभीर मरीजों को. इसके पहले बहुत सी जांच आवश्यक है.

4. इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें कि इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है. अगर है, तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं?

5. स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें.

6. घर पर अगर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है तो उसकी बोतल में उबाल कर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नार्मल सलाइन डालें. बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों.

लाला रामदेव: कोरोनिल को ना उगल पा रहे, ना निगल

आज बाबा रामदेव का आश्रम कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेकर  देश दुनिया में चर्चा में आ गया है. सौ के आसपास मरीज पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप है. वहीं बाबा रामदेव से  जैसी अपेक्षा थी उनका स्वभाव देश जानता है, उन्होंने साफ कह दिया है कि यह झूठी खबरें हैं, अफवाहबाजी है.

आज यह सवाल है कि क्या बाबा रामदेव अपने ही  बुने हुए कोरोनिल के जाल में तो नहीं फंस गए हैं ? उन्होंने बड़ी ही चालाकी दिखाते हुए जब दुनिया में कोरोना संक्रमण फैला हुआ था 1 वर्ष पूर्व ही कोरोनिल का ईजाद करके अपनी पीठ थपथपाई थी.

अगर देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आती भयावह मंजर देश नहीं देखता तो शायद रामदेव बाबा यह भी कहते कि देखो! मेरी बनाई “कोरोनिल”  से कोरोना भाग गया.

वर्तमान भारत सरकार में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से उनकी गलबहियां सार्वजनिक है. कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में उनका एक बड़ा योगदान देश ने देखा है. ऐसे में बाबा रामदेव “लाला” बन कर कोरोना कोविड 19 जैसी संक्रमण कारी बीमारी का इलाज और दवाई बनाने का दावा करने लगे, यही नहीं दवाई आज पूरे देश में हर शहर मेडिकल दुकानों में उपलब्ध है. जिसे बड़ी शान के साथ यह कह करके बेचा गया कि इसका इस्तेमाल करने से आप सुरक्षित रहेंगे. देश की भोली-भाली जनता आंख बंद करके उन्हें अपना आराध्य पूज्य मानने वाले लोग उन्हें गेरूए कपड़ा पहने हुए और लंबी दाढ़ी के कारण साधु संत त्यागी  समझ कर के लोग उनकी बात का अक्षरश: पालन करने लगे, परिणाम स्वरूप करोड़ों रुपए रामदेव बाबा ने कोरोनील के नाम पर अपनी गांठ में दबा लिए.

अब कोरोना पलट करके उनके ही आश्रम, योगपीठ में दस्तक दे रहा है और बाबा बगले झांकने को मजबूर हैं. ऐसे हालात बन गए हैं कि उन्हें न तो उगलते बन रहा है और न निगलते.

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पतंजलि योगपीठ और कोरोना

आज यह चर्चा का विषय बन गया है कि हरिद्वार में बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ  कोरोना विस्फोट का केंद्र है. यहां 83 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है. सभी संक्रमतों का आइसोलेट कर दिया गया है. कहा जा रहा है अब बाबा रामदेव की भी कोरोना जांच की जा सकती है. मगर समय बीता जा रहा है उनकी जांच की रिपोर्ट इन पंक्तियों के लिखे जाने तक नहीं आई है, जो यह सवाल खड़ा करती है कि क्या रामदेव कोई विशिष्ट प्राणी है जिनकी कोरोना जांच नहीं होगी ? बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद जिला प्रशासन को चाहिए कि संशय को मिटाते हुए आश्रम के सभी लोगों का कोरोना टेस्ट करके जो कोरोना पॉजिटिव हैं उनका इलाज प्रारंभ करें. क्योंकि कोरोना को किसी भी तरह से छुपाना गंभीर परिणाम ला सकता है.

दरअसल, पंतजलि योगपीठ के कई संस्थानों में  कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. हरिद्वार सीएमओ डॉ. शंभू झा के मुताबिक 10 अप्रैल से अब तक पंतजलि योगपीठ आचार्यकुलम और योग ग्राम में  कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. इन संक्रमितों को पतंजलि परिसर में ही आइसोलेट किया गया है.

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बाबा रामदेव अपने कथनी और करनी में हमेशा से अलग अलग दिखाई देते हैं. वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं और करते हैं वैसा कहते नहीं है. आज इस वैश्विक महामारी के समय में जो गंभीरता समझदारी बाबा रामदेव के आचरण में दिखाई देनी चाहिए वह नहीं दिखाई देती. अपने इन्हीं व्यवहार के कारण , जो ऊंचाई रामदेव बाबा ने प्राप्त की थी विगत 10 वर्षों में धराशायी होती दिख रही है.

बाबा रामदेव का सम्मान और प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. आज कोरोना कोविड-19 के इस समय में क़रोनिल ला करके अपनी साख दांव पर लगा दी है , उन्होंने अपने आपको चक्रव्यूह में डाल दिया है जहां से बचकर निकलना अभिमन्यु के लिए भी संभव नहीं हुआ था.

आम्रपाली दुबे के बाद निरहुआ भी हुए कोरोना के शिकार, सरकारी नियमों को तोड़ना पड़ा भारी

Nrahua Tests Covid 19 Positive: बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के बाद कोरोनावायरस ने  भोजपुरी इंडस्ट्री को भी चपेट में ले लिया है. हाल ही में खबर आई थी कि फेमस भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं. आम्रपाली दुबे के बाद अब मशहूर भोजपुरी एक्टर दिनेश लाल यादव यानी निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Niraua) भी कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं.

दो स्टाफ मेंबर्स को भी हुआ कोरोना…

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निरहुआ बांद्र जिले के एक गांव में अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें कोरोना ने अपना शिकार बनाया है. वो अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, जिस दौरान उन्हें और उनके दो स्टाफ मेंबर्स को कोरोना हो गया है.

 

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शूटिंग के दौरान कोरोना नियमों की अनदेखी…

निरहुआ की फिल्म की शूटिंग के दौरान कोरोना के नियमों को भी नजरअंदाज किया जा रहा था. निरहुआ ने फिल्म के सेट से कुछ दिनों पहले ही एक वीडियो जारी किया था, जिसमें सभी कलाकार बिना मास्क के एक-दूसरे के करीब बैठे दिख रहे थे. वीडियो में साफ दिख रहा है कि सेट पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा था.

 

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लोगों ने किए ऐसे कमेंट…

इस वीडियो पर कुछ फैंस ने कमेंट करके उन्हें कोरोना नियमों का पालन करने की सलाह भी दी थी. बता दे कि निरहुआ यहां जिस फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, उसका नाम ‘सबका बाप अंगूठा छाप’ है.

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आम्रपाली दुबे ने किया था ये पोस्ट

इसके पहले आम्रपाली ने अपने कोरोना पॉजिटव होने की बात खुद फैंस के साथ शेयर की थी. आम्रपाली ने अपने इंस्टा अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें एक्ट्रेस ने लिखा, ‘सभी को नमस्ते, मैं आप सबको यह बताना चाहती हूं कि आज सुबह मेरी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मैं और मेरा परिवार पूरी सावधानी बरतते हुए मेडिकल केयर ले रहे हैं.

उन्होंने आगे लिखा, आप लोग चिंता ना करें, हम सब एकदम ठीक हैं. बस केवल मुझे और मेरे परिवार को दुआओं में याद रखिएगा.

एक्ट्रेस के पोस्ट पर मोनालिसा, काजल राघवानी, दिनेश लाल यादव और रानी चटर्जी समेत कई भोजपुरी सेलेब्स ने कमेंट कर स्टार के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की.

अमिताभ बच्चन को सता रहा है अंधेपन का डर, ब्लौग लिख कर जताई चिंता

सदी के महानायक के रूप में पहचान बनाने वाले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) अपने उम्र के 78 वें पड़ाव पर हैं. उसके बाद भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. वह हर साल फिल्मों में दमदार अभिनय के जरिये दर्शकों का मनोरंजन करते रहतें हैं. इन दिनों लॉक डाउन के चलते उनकी फिल्मों की शूटिंग रुकी हुई है इस लिए वह अपना पूरा समय अपने घर में बिता रहें हैं. इसी बीच उन्होंने अपना ब्लौग लिख कर अपनी आंखों को लेकर चिंता जाहिर की है.

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उन्होंने 9 अप्रैल की रात 10 बजकर 48 मिनट पर एक इस ब्लौग को शेयर किया है जिसमें लिखा है “ये आंखें धुंधली तस्वीरें देख रही है. आंखों से दो चीजें नजर आ रही हैं और कुछ दिनों से मुझे महसूस हो रहा है कि अंधापन आने वाला है. पहले से शरीर में इतनी मेडिकल दिक्कतों के साथ एक समस्या शुरू होने वाली है. “The eyes they see blurred images .. the vision reads double and for some days now I reconciled myself to the fact that blindness is on its way , to add to the million other medical problems that invest in me .. उनकी इस चिंता नें परिवार और फैंस की भी चिंताएं बढ़ा दी है.

इस मौके पर उन्होने अपनी मां को भी याद किया है और लिखा है “आज मैं पहले के वर्षों के बारे में सोचता हूं जब मां साड़ी के पल्लू का नरम और गोल गेंद बना कर उसे गर्म कर आंखों पर रखती थी और फिर समस्या खत्म हो जाती थी. But then .. today .. thought of those early years when Ma used to take the edge of the sari, the ‘pallu’ , make a soft round ball with it , blow into it to make it warm and place it on the eye .. and BAM ! problem solved ..

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When you see that the cause is greater than the idea you dreamt of .. there is just immense joy and gratitude for all my colleagues and friends in the making of this historic effort ! WE ARE ONE and WE SHALL OVERCOME ! Jai Hind ! जब विषय देश हित का हो, और आपका संकल्प आपके सपने से भी ज़्यादा विशाल हो ; तब फिर इस ऐतिहासिक प्रयत्न का उल्लहास और कृतज्ञ भाव, अपने फ़िल्म उद्योग के सह कलाकारों और मित्रों के लिए ! हम एक हैं … टल जाएगा, ये संकट का समाँ ! नमस्कार ! जय हिंद !

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लेकिन उन्होंने आगे “डौक्टर से बात की है, उनकी परामर्श का पालन कर रहा हूं, उनका बताया आईड्रॉप हर घंटे आंखों में डाल रहा हूं. उन्होंने मुझे सांत्वना दी है कि मैं अंधा नहीं होउंगा, यानी अभी कंप्यूटर के पास बिताने के लिए मेरे पास और अधिक वक्त हैं. आंखे थक गई हैं, बस और कुछ नहीं. ” So followed that .. hot watered a hand towel and placed it on the eyes .. spoke to the doc and followed his instruction of putting in prescribed eye drops every hour .. reassured me that I was not going blind – that there was far too much time being spent in front of the computer .. the eyes were tired .. thats all ..

लेकिन ब्लौग के अंत में इस बात पर खुशी जताई कि मां का घरेलू नुस्खा काम कर गया और वो देख सकते हैं. And YES .. that old Mother’s technology worked .. YEEAAHHH ..  I can see now  !!

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अमिताभ बच्चन उम्र के इस पड़ाव पर भी सक्रिय रहतें हैं उन्होंने कोरोना पीड़ितों के लिए हाल ही में राशन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है. वह कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं. उन्होंने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के साथ फैमली नाम से एक शार्ट मूवी बना कर जागरूक करने का काम भी किया है.

अमिताभ बच्चन का ब्लौग लिंक-

https://srbachchan.tumblr.com/

Lockdown में लगातार अपनी हौट फोटोज शेयर कर रही हैं Sunny Leone

इस लौकडाउन (Lockdown) के बीच बौलीवुड अभिनेत्रियों में हौट और सेक्सी तस्वीरों को शेयर करनें की होड़ सी लगी हुई है. इनमें तो कुछ इतनी आगे है की हर रोज कोई न कोई फोटो शेयर करती रहती हैं. इन एक्ट्रेसेस मे सनी लियोन (Sunny Leone) और उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) का नाम सबसे ऊपर है. इन दोनों अभिनेत्रियों में तस्वीरों की शेयर करने की होड़ सी मची है.

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सोशल मीडिया पर कर रही हैं हौट फोटोज शेयर…

 

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My Saturday hang !!! 😍 12 days of #Summer 🍀 . . . Shot by @dabbooratnani | @manishadratnani @dabbooratnanistudio

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लौक डाउन के चलते सनी लियोन इन दिनों अपने पति और बच्चों के साथ अपने घर पर समय बिता रही हैं. लेकिन इन सबके बीच वह अपने हौट तस्वीरों के कलेक्शन में से चुनिन्दा तस्वीरों को अपने इन्स्टाग्राम और ट्विटर एकाउंट के जरिये अपने फैन्स के सामने ला रहीं हैं.

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मोनोकिनी पहनी आईं नजर…

उन्होंने जो लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं उनमें वह मोनोकिनी (Monokini) पहनी हुई नजर आ रही है. इसके साथ उन्होंने ईयररिंग्स, ब्रेसलेट और नुकीले हील्स भी पहन रखे हैं. इन तस्वीरों में वह पत्थरों पर लेट कर पोज देती नजर आ रहीं हैं. मोनोकिनी के साथ उन्होंने कई हौट और सेक्सी पोज दिए हैं.

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कैप्शन में लिखा ये…

शेयर किये गए इन तस्वीरों के साथ उन्होंने उसके कैप्सन में लिखा है “रविवार” “कुछ भी नहीं करने का दिन” “ओह रुको” वह “अब तो हर दिन कुछ नहीं हो रहा है” Sunday. The day to do nothing !!! Oh wait, that’s everyday now. एक्ट्रेस की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

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फैंस कर रहे हैं ऐसे कमेंट्स…

शेयर किये एक दूसरे तस्वीर में वह बिकनी में नजर आ रहीं हैं. इन तस्वीरों पर उनके फैंस दिल खोल कर कमेंट्स कर रहें हैं जैसे कि – “वास्तव में सेक्सी लग रहीं है, मैं अपना ध्यान एक पल के लिए भी नहीं हटा सकता (That’s really sexy look, I can’t divert my attention for a second even).” एक यूजर नें मजे लेने वाले अंदाज में कमेंट किया है,- “किसी संस्था से बोल के कपड़े डोनेट करो रे. 4 दिन से बेचारी को देख रहा हूं ऐसी हालत में बस रंग बदल जाता है बाकी सब ऐसा ही रहता है.” एक नें लिखा है की,- “आप बहुत खुबसूरत हो, ऐसा हूर जैसे, चांदनी रात में चांद की रौशनी जैसे फैली हुई है आप की स्माइल और आप की खूबसूरती ऐसी ही रहे यही दुआ है हमारी और आप और आगे जाये.”

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फिलहाल सनी लियोन (Sunny Leone) के फैन्स का लौकडाउन में सनी के चलते बड़े आराम से चल रहा है, क्यों की सनी हर दिन उनके लिए नायाब और चुनिन्दा तस्वीरें जो पोस्ट कर रहीं हैं.

एक्ट्रेस सनी लियोन नें Hot Photos शेयर कर बढ़ा दी फैन्स की धड़कने

अभिनेत्री और पोर्न स्टार सनी लियोन (Sunny Leone) नें इस लॉकडाउन (Lockdown) के बीच अपनी कई तस्वीरों को अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर साझा किया है जिसमें वह हौट लुक्स में कहर ढा रहीं हैं. सनी लियोन हौट और सेक्सी अंदाज के चलते अपने फैन्स के बीच खासा फेमस हैं. वह अक्सर ही अपनी सेक्सी और बोल्ड तस्वीरें अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा करती रहतीं हैं. उसी कड़ी में उन्होंने हाल ही में कुछ तस्वीरें अपने इन्स्टाग्राम और ट्विटर अकाउन्ट पर शेयर की है.

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इन्स्टाग्राम पर शेयर किये एक तस्वीर में वह पूल में लेटी नजर आ रहीं हैं और उन्होंने अपने बदन पर ब्लैक कलर की बिकनी पहन रखी है. इस तस्वीर पर सनी को खूब रियक्शन मिल रहा है. वहीँ एक दूसरी तस्वीर में सनी बहुत ही बोल्ड अंदाज में एक नाव में खड़ीं हैं इसके बैकग्राउंड में पहाड़ और समुद्र का सीन तस्वीर को और भी मादक बना रहा हैं.

तीसरी तस्वीर जिसमें उन्होंने ब्लैक बिकनी के साथ ओलिव ग्रीन कलर का ट्रांस्पेरेंट क्रॉप टॉप पहना हुआ है। इस तस्वीर में बड़े ही मादक अंदाज में जीप से सट कर खड़ी नजर आ रही हैं. एक तस्वीर में सनी नें हल्के कलर की बिकनी पहन रखी है जिसमें उनका एक पैर पूल में है तो एक पैर पूल के ऊपर इस तस्वीर को देख कर फैन्स के दिल की धडकनें बढ़ जाना लाजिमी हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई तस्वीरें साझा की हैं जिसमें वह  कहर ढाती नजर आ रहीं हैं.

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ट्विटर पर की और भी हौट तस्वीरें शेयर

सनी लियोनी नें जितनी भी फोटोज इन्स्टाग्राम पर शेयर की है उन तस्वीरों के साथ उससे जुडी दूसरी हौट तस्वीरें अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर की हैं. इसमें वह जीप के साथ अलग- अलग पोजीशन में नजर आ रहीं हैं. वहीँ ट्विटर पर शेयर किये नीली बिकनी वाले तस्वीर में तो वह विजली ही गिरा रहीं हैं.

सनी नें घोड़े के पीठ पर बैठ कर भी एक तस्वीर शूट कराई है जिसे उन्होंने इस लॉक डाउन के बीच अपने सोशल मिडिया एकाउंट पर भी शेयर किया है. इस तस्वीर पर उनको ढेर सारे लाइक मिले हैं.

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आप को बतातें चलें की Lockdown के चलते एक्ट्रेस सनी लियोनी अपने तीनों बच्चों और पति डेनियल के साथ घर पर ही समय बिता रहीं हैं और खूब इंज्वाय भी कर रहीं हैं.  सनी लियोनी के हौट तस्वीरों के शेयर किये जानें के चलते उनके सोशल मीडिया पर जबरदस्त फालोअर्स भी हैं. जहां उनके इंस्टग्राम पर 33.7 मिलियन फॉलोअर्स हैं वहीँ ट्विटर पर 5.3 मिलियन फालोअर्स की संख्या है.

ट्विटर पर शेयर की फोटोज…

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Lockdown के दौरान भोजपुरी एक्टर पवन सिंह के इस गाने ने मचाया धमाल, देखें VIDEO

भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) के स्टार एक्टर और गायक पवन सिंह (Pawan Singh)  के हाल ही में आये एक गाने नें ‘कमरिया हिला रही है ने रिकार्ड तोड़ सफलता हासिल किया और अब तक इसे 40 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं. इस गाने के बाद पवन सिंह का एक और भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) रिलीज हुआ है जो रिलीज होने के कुछ घंटों में सफलता के झंडे गाड़नें  में कामयाब रहा.

यशी फिल्म के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुए “नंबर ब्‍लॉक चल रहा है’” (Number Block Chal Raha Hai) नाम से रिलीज किये भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) में पवन सिंह (Pawan Singh) के साथ प्रियंका सिंह (Priyanka Singh) नें अपनी आवाज दी है.

एल्बम में साउथ की ऐक्ट्रेस मचा रही धमाल
“नंबर ब्‍लॉक चल रहा है’” (Number Block Chal Raha Hai) नाम से रिलीज हुए इस भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) में भोजपुरी सिने स्टार पवन सिंह (Pawan Singh) के साथ दक्षिण की मशहूर अभिनेत्री संजना गलरानी (Sanjana Galrani) धमाल मचाती नजर आ रहीं हैं. गानें में जहां वह पवन सिंह के साथ रोमांस करती नजर आ रहीं है वहीँ अपने सेक्सी और हॉट लुक से वह दर्शकों पर बिजली गिरा रहीं हैं. इसके पहले वह कलर्स चैनल के चर्चित शो मुझसे शादी करोगी में भी नजर आ चुकी हैं.

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भोजपुरी का पहला एलबम जिसके वीडियो की शूटिंग विदेश में हुई है
पवन सिंह के गाये “नंबर ब्‍लॉक चल रहा है’” (Number Block Chal Raha Hai) भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) की शूटिंग दुबई के विभिन्‍न लोकेशन पर की गई है. इसी के साथ यह भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में पहला ऐसा भोजपुरी एल्बम बन गया है जिसकी शूटिंग विदेश में हुई है.

इसके पहले सभी भोजपुरी गानों से जुड़े वीडियोज की शूटिंग मुंबई सहित देश के तमाम राज्‍यों में होती रही है. इस भोजपुरी वीडियो सॉंग के बैकग्राउंड  में दुबई के खूबसूरत लोकेशंन्स भी दर्शकों का मन मोह लेने वाला हैं.

 

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#Coming_Soon #NumberBlockChalRahaHai #PawanSingh #PriyankaSingh @yashifilms.official

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इस भोजपुरी वीडियो सॉंग में पवन सिंह (Pawan Singh) और संजना गलरानी (Sanjana Galrani) ने बेहद ही निराले अंदाज में रोमांस किया है. जिसके चलते ही रिलीजिंग के कुछ घंटों में ही भोजपुरी के गानों में टॉप ट्रेंड में आ गया है.

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बता दें कि इस गाने के निर्देशक कुमार सौरभ हैं (Director Kumar Saurav Sinha) संगीत निर्देशक साजन मिश्रा व आजाद सिंह(Music Director Azad Singh – Sajan Mishra)  हैं व गीतकार आजाद सिंह (Lyrics Azad Singh हैं). इस वीडियो एल्बम में कोरियोग्राफी संजय कोर्बे (Choreographer Sanjay Korbe) का है.  रिकार्डिंग और मिक्सिंग रवी यादव (Recording & Mixing Ravi Yadav) नें किया है. इस एलबम के छायांकन की जिम्मेदारी निभाई है सरफराज रासिद खान (Dop Sarfaraz Rashid Khan) नें और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं.

#coronavirus: दुनिया कोरोना से जूझ रही है, ये अवैध शराब बेच रहे हैं

नंगी आंखों से न दिखने वाले एक वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई हुई है. हर देश में मातम सा छाया है, लोग अनजाने डर की गिरफ्त में हैं, न जाने कितने अपनी जान गंवा चुके हैं, पूरा संसार ठप हो चुका है, लोग अपने घरों में दुबके हैं, जो बेघर हैं उन्हें भी अपनी जान की फिक्र है, दो वक्त की रोटी का इंतजार है. इस के बावजूद बहुत से ऐसे असामाजिक तत्त्व हैं जो अब भी शराब जैसी सामाजिक बुराई की गैरकानूनी सप्लाई कर रहे हैं.

देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे हरियाणा में ही ,फरीदाबाद जिले को ही देख लें. फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में तिगांव थाना पुलिस ने गांव मंझावली में 28 मार्च की शाम को दबिश दे कर देशी शराब ठेके के एक मुलाजिम और 2 ग्राहकों को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया.

इसी तरह बल्लभगढ़ में ही क्राइम ब्रांच सैक्टर 65 की टीम ने शहर की भूदत्त कालोनी में 29 मार्च को सरेआम कार में गैरकानूनी तरीके से शराब बेच रहे एक नौजवान को गिरफ्तार कर लिया. उस के पास से अंगरेजी शराब की 10 पेटियां बरामद हुईं.

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क्राइम ब्रांच सैक्टर 65 के हैड कांस्टेबल संदीप ने बताया कि वे पुलिस टीम के साथ गश्त कर रहे थे कि एक मुखबिर ने उन्हें बताया कि संदीप नाम का एक आदमी किसी प्राइवेट स्कूल के पास कार में शराब बेच रहा है. पुलिस ने वहां दबिश दी और संदीप को धर दबोचा.

फरीदाबाद से सटे हथीन इलाके में बहीन थाना पुलिस ने निषेधाज्ञा के दौरान एक आदमी को गिरफ्तार कर उस के पास से अवैध देशी शराब पकड़ी. इसी तरह बल्लभगढ़ इलाके के गांव सागरपुर में पुलिस ने शराब की 29 बोतलें बरामद कीं.

इस सिलसिले में एएसआई अजय कुमार ने बताया कि मिली खबर के मुताबिक पुलिस उस दुकान पर पहुंची जहां से यह शराब बेची जा रही थी. वहां एक आदमी शराब लेने आया. दुकानदार ने दुकान के शटर के नीचे से उसे शराब का एक अद्धा पकड़ा दिया.  बस, तभी पुलिस ने उस दुकानदार को पकड़ लिया.

ये तो थे पुलिस की शाबाशी के काम पर बल्लभगढ़ में ही एक वर्दीधारी ने लौकडाउन के दौरान कार में बैठ कर शराब पी और लोगों को डरायाधमकाया भी.

रविवार, 29 मार्च का यह मामला बल्लभगढ़ के मलेरना रोड का था जहां एक पुलिस वाला अपने 3 साथियों के साथ कार में बैठ कर शराब पीता मिला. इतना ही नहीं, वह हंगामा भी कर रहा था. आते जाते लोगों को परेशान कर रहा था.

जब दूसरे पुलिस वाले वहां पहुंचे तो वह उन से भी उलझने लगा. पुलिस की चैकिंग में गाड़ी से शराब की बोतल, गिलास और कुछ फल भी मिले. इतने में वह पुलिस हवलदार वहां से भाग गया.

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लोकल लोग दबी जबान में बोल रहे थे कि वहां गई पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की, जबकि पुलिस बोल रही है कि उस हवलदार की पहचान कर ली गई है और उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.

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