जिस समय कोरोना की दूसरी लहर से पूरे देश में तांडव मचा हुआ है, उसी समय उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. पंचायत चुनाव के प्रचार में न तो लोग मास्क पहन रहे हैं, न ही दो गज की दूरी किसी का पालन नहीं हो रहा है. ऐसे में चुनाव प्रचार के साथसाथ कोरोना का प्रसार भी गांवों में हो रहा है.

जिन जिलों में पंचायत के चुनाव हो चुके हैं, वहां पर कोरोना के मामले ज्यादा निकल रहे हैं. कई जिलों से मतदान में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के कोरोना पौजिटिव होने के मामले भी सामने आए हैं. कर्मचारी संगठन भी इस के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं.

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव 4 चरणों में हो रहे हैं. 15 अप्रैल और 19 अप्रैल के 2 चरणों के मतदान हो चुके हैं. 26 अप्रैल और 29 अप्रैल वाले 2 चरणों में मतदान होेने वाला है. एक गांव में कम से कम 1500 वोटर हैं. ग्राम प्रधान, पंच, ब्लौक सीमित सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के 4 पदों पर मतदान हो रहा है. ऐसे में 4 तरह के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. वे सभी बड़ी संख्या में लोगों के साथ प्रचार कर रहे हैं.

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कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत भी अप्रैल के दूसरे हफ्ते से ही शुरू  हुई. जैसेजैसे चुनाव आगे बढ़ रहे हैं, उसी तरह से कोरोना संक्रमण भी आगे बढ़ रहा है.

प्रचार और मतदान ड्यूटी से कोरोना का खतरा

गांवगांव कोरोना का संकट 2 तरह से फैल रहा है. एक तो चुनावी प्रचार से दूसरा मतदान करने आने वाले वोटर और मतदान में ड्यूटी करने आने वाले कर्मचारी इस संक्रमण को बढ़ा रहे हैं.

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