आज बाबा रामदेव का आश्रम कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेकर  देश दुनिया में चर्चा में आ गया है. सौ के आसपास मरीज पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप है. वहीं बाबा रामदेव से  जैसी अपेक्षा थी उनका स्वभाव देश जानता है, उन्होंने साफ कह दिया है कि यह झूठी खबरें हैं, अफवाहबाजी है.

आज यह सवाल है कि क्या बाबा रामदेव अपने ही  बुने हुए कोरोनिल के जाल में तो नहीं फंस गए हैं ? उन्होंने बड़ी ही चालाकी दिखाते हुए जब दुनिया में कोरोना संक्रमण फैला हुआ था 1 वर्ष पूर्व ही कोरोनिल का ईजाद करके अपनी पीठ थपथपाई थी.

अगर देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आती भयावह मंजर देश नहीं देखता तो शायद रामदेव बाबा यह भी कहते कि देखो! मेरी बनाई “कोरोनिल”  से कोरोना भाग गया.

वर्तमान भारत सरकार में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से उनकी गलबहियां सार्वजनिक है. कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में उनका एक बड़ा योगदान देश ने देखा है. ऐसे में बाबा रामदेव “लाला” बन कर कोरोना कोविड 19 जैसी संक्रमण कारी बीमारी का इलाज और दवाई बनाने का दावा करने लगे, यही नहीं दवाई आज पूरे देश में हर शहर मेडिकल दुकानों में उपलब्ध है. जिसे बड़ी शान के साथ यह कह करके बेचा गया कि इसका इस्तेमाल करने से आप सुरक्षित रहेंगे. देश की भोली-भाली जनता आंख बंद करके उन्हें अपना आराध्य पूज्य मानने वाले लोग उन्हें गेरूए कपड़ा पहने हुए और लंबी दाढ़ी के कारण साधु संत त्यागी  समझ कर के लोग उनकी बात का अक्षरश: पालन करने लगे, परिणाम स्वरूप करोड़ों रुपए रामदेव बाबा ने कोरोनील के नाम पर अपनी गांठ में दबा लिए.

अब कोरोना पलट करके उनके ही आश्रम, योगपीठ में दस्तक दे रहा है और बाबा बगले झांकने को मजबूर हैं. ऐसे हालात बन गए हैं कि उन्हें न तो उगलते बन रहा है और न निगलते.

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पतंजलि योगपीठ और कोरोना

आज यह चर्चा का विषय बन गया है कि हरिद्वार में बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ  कोरोना विस्फोट का केंद्र है. यहां 83 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है. सभी संक्रमतों का आइसोलेट कर दिया गया है. कहा जा रहा है अब बाबा रामदेव की भी कोरोना जांच की जा सकती है. मगर समय बीता जा रहा है उनकी जांच की रिपोर्ट इन पंक्तियों के लिखे जाने तक नहीं आई है, जो यह सवाल खड़ा करती है कि क्या रामदेव कोई विशिष्ट प्राणी है जिनकी कोरोना जांच नहीं होगी ? बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद जिला प्रशासन को चाहिए कि संशय को मिटाते हुए आश्रम के सभी लोगों का कोरोना टेस्ट करके जो कोरोना पॉजिटिव हैं उनका इलाज प्रारंभ करें. क्योंकि कोरोना को किसी भी तरह से छुपाना गंभीर परिणाम ला सकता है.

दरअसल, पंतजलि योगपीठ के कई संस्थानों में  कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. हरिद्वार सीएमओ डॉ. शंभू झा के मुताबिक 10 अप्रैल से अब तक पंतजलि योगपीठ आचार्यकुलम और योग ग्राम में  कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. इन संक्रमितों को पतंजलि परिसर में ही आइसोलेट किया गया है.

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बाबा रामदेव अपने कथनी और करनी में हमेशा से अलग अलग दिखाई देते हैं. वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं और करते हैं वैसा कहते नहीं है. आज इस वैश्विक महामारी के समय में जो गंभीरता समझदारी बाबा रामदेव के आचरण में दिखाई देनी चाहिए वह नहीं दिखाई देती. अपने इन्हीं व्यवहार के कारण , जो ऊंचाई रामदेव बाबा ने प्राप्त की थी विगत 10 वर्षों में धराशायी होती दिख रही है.

बाबा रामदेव का सम्मान और प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. आज कोरोना कोविड-19 के इस समय में क़रोनिल ला करके अपनी साख दांव पर लगा दी है , उन्होंने अपने आपको चक्रव्यूह में डाल दिया है जहां से बचकर निकलना अभिमन्यु के लिए भी संभव नहीं हुआ था.

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