हमारे समाज में एलजीबीटी समुदाय के लोगों को हमेशा एक अलग ही नजरिये से देखा जाता है. जैसे की वह इस समाज का हिस्सा ही नहीं हों. अधिकार की लड़ाई लड़ते लड़ते आज इनके लिए कानून तो बन गया है लेकिन कई अधिकारों से यह अभी भी वंचित है. हमारे समाज में समलैंगिक रिश्तों का मजाक बनाया जाता क्योंकि वह समाज के विरुद्ध है अलग है. इसलिए ऐसे रिश्ते समाज के सामने नहीं आते. लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी वाराणसी में दो मौसेरी बहनों ने हिम्मतभरा फैसला लेते हुए अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ एक-दूसरे के साथ शादी के बंधन में बंध गई.

शादी के लिए दोनों मंदिर पहुंचीं जहां पुजारी ने दोनों के शादी के लिए साफ मना कर दिया. लेकिन दोनों पंडित के मानने तक वहीं मंदिर में बैठ गई. दबाव के कारण पंडित को हां कहना पड़ा.

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मंदिर में रचाई शादी
मंदिर के पुजारी ने दोनों की रस्में पूरी करवाई. दोनों ने एक दूसरे को माला पहना कर जयमाला की रस्म पूरी की. इसके बाद दोनों ने एक दूसरे को मंगलसूत्र पहनाया और फिर एक दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर दोनों शादी के बंधन में बंध गए. शादी के बाद दोनों वहां से चले गए. लेकिन मंदिर के बाहर भीड़ लग गई. जिसके बाद वहां के लोगों ने पुजारी को सुनाना शुरू कर दिया.

कैसे बना इनके बीच संबंध
मंदिर के पुजारी ने मीडिया को बताया कि इन दोनों युवतियों में से एक कानपुर की तो दूसरी वाराणसी की रहने वाली है. कानपुर वाली युवती अपनी मौसी के यहां रहकर पढ़ाई करती थी. इसी दौरान उसका और उसकी मौसेरी बहन के बीच प्रेम संबंध बन गया और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया.

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