कहने को तो ‘मी टू’ मामूली से 2 शब्द हैं, लेकिन इन्हीं 2 शब्दों के जरीए औरतों ने अपने साथ हुए यौन शोषण की कहानी बेबाकी के साथ सुना दी है.
इस मूवमैंट का मकसद है कि हर वह शख्स जो कभी यौन उत्पीड़न या छेड़खानी का शिकार हुआ है, वह ‘मी टू’ के साथ अपनी स्टोरी शेयर करे. लाखों लोग इस कैंपेन का हिस्सा बन रहे हैं और उन्होंने आगे बढ़ कर सोशल मीडिया पर आपबीती सुनाई है.
पिछले कई सालों से फिल्मों से गायब रही ‘मिस इंडिया’ रह चुकी फिल्म हीरोइन तनुश्री दत्ता ने फिल्म कलाकार नाना पाटेकर पर कई आरोप लगा दिए. उन्होंने बताया कि किस तरह 10 साल पहले एक फिल्म की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उन्हें गलत तरीके से छुआ था.
इस खुलासे ने तो मानो जैसे पीड़ित औरतों को हिम्मत देने का काम किया क्योंकि बहुत सी औरतों या लड़कियों ने ऐसे छिपे आरोपियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अब धड़ल्ले से लिखना शुरू कर दिया है.
बौलीवुड हो या राजनीति, मीडिया हो या आम आदमी ‘मी टू’ मुहिम की लिस्ट में रोजाना कई लोगों के नाम जुड़ रहे हैं. अब तक 100 से भी ज्यादा मामले सोशल मीडिया पर आ चुके हैं. इन मामलों में साजिद खान, एमजे अकबर, सुभाष घई, नाना पाटेकर, चेतन भगत, आलोकनाथ, कैलाश खेर जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं.
‘मीटू’ के साथ निकले बोल
अगर हम सोशल मीडिया पर नजर डालें तो ज्यादातर आरोप कई सालों बाद लगाए जा रहे हैं. सोचने वाली बात यह है कि अगर किसी लड़की या औरत के साथ छेड़खानी हुई थी तो उन्होंने उस वक्त शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराई थी? उन में अचानक जो यह हिम्मत देखने को मिल रही है, क्या वह दिखावा तो नहीं है? ऐसे कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में घूम रहे हैं.