जब रेखा की तबीयत खराब होने लगी तो उस के घर वाले उसे डाक्टर के पास ले कर गए. डाक्टर ने रेखा की जांच की तब पता चला कि वह तो पेट से है.

यह बात जब रेखा के घर वालों को पता चली तो उन लोगों ने उसे मारनापीटना शुरू कर दिया. डाक्टर ने घर वालों को यह सब करने से मना किया और उस का पेट साफ कराने यानी गर्भपात के बारे में बताया. रेखा 12वीं में पढ़ती थी. वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. घर के लोग भी उस पर पूरा भरोसा करते थे. इस वजह से उसे कहीं भी आनेजाने की छूट थी.

उम्र के इस नाजुक मोड़ पर रेखा की दोस्ती अपने ही गांव के रहने वाले एक ऐसे लड़के से हुई जो उसे कैरियर में आगे बढ़ाने में मदद करता था. प्रमोद नाम के इस नौजवान के साथ रेखा का साथ बहुत अच्छा बीतने लगा. दोनों के बीच बना यह रिश्ता कब गहराने लगा, पता ही नहीं चला. प्रमोद ने रेखा को इस बात का भरोसा दिलाया कि वह उस के साथ शादी करेगा. रेखा ने यह नहीं सोचा कि गांव में उन दोनों का जो रिश्ता है उस के चलते उन की शादी होना मुश्किल है.

प्रमोद ने प्यार का बहाना बना कर रेखा के साथ जिस्मानी संबंध बना लिए. रेखा ने जब प्रमोद से कहा कि इस संबंध से उन को बच्चा हो सकता है तो प्रमोद ने जवाब दिया कि बिना शादी किए बच्चा नहीं होता है. रेखा को लगा कि प्रमोद सच कह रहा होगा, पर नतीजा उलटा ही निकला.

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