कृषि कानून के मसले पर शिरोमणि अकाली दल के बाद अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ दिया है. पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में इस की आधिकारिक घोषणा की थी.

घोषणा के बाद मीडिया से बात करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, "केंद्र सरकार कृषि बिलों को वापस न लेने पर अड़ी हुई है. ये तीनों बिल किसानों के खिलाफ हैं, इसीलिए मैंने राजग छोड़ दी है, पर कांग्रेस के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करूंगा."

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इस से पहले 19 दिसंबर, 2020 को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में 3 संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा था.

इस के बाद हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में 2 लाख किसानों को ले कर राजस्थान से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था. दिल्लीजयपुर हाईवे 48 पर धरने पर बैठे किसानों ने राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल को अपना मंच साझा करने से रोक दिया था, जिस पर हनुमान बेनीवाल ने राजग से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया.

किसानों के मुद्दे पर ही राजग के सहयोगी अकाली दल ने भी भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया था. तब मोदी सरकार में कृषि मंत्री रहीं शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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हरियाणा में भाजपा सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाए हुए है. इस सिलसिले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक भी कर चुके हैं.

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