5 राज्यों के विधानसभा चुनाव अब खत्म हो चुके हैं. नेताओं को चुनाव परिणाम का इंतजार है. 11 मार्च को मतगणना का काम होगा. 11 मार्च की दोपहर तक मतगणना से यह पता चल जायेगा कि किस पार्टी में कितना दम है जीत का मजा लेने वाले नेता होली में ‘दीवाली’ का मजा लेंगे. उसके बाद होली के रंग खेलेंगे. हारने वाले नेताओं की होली फीकी होगी. उनके लिये होली का मजा नहीं रह जायेगा. नेताओं से अधिक उनके समर्थकों में जोश है. हर तरह होली में ‘दीवाली’ मनाने की तैयारी चल रही है. नेता और उनके समर्थक पूरी तरह से दीवाली मनाने की तैयारी में पहले ही पटाखे और फुलझडी खरीद रहे हैं. नेताओं का दावा है कि 11 मार्च को पहले जीत की खुशी में ‘दीवाली’ मनाई जायेगी इसके बाद होली का रंग और फाग खेला जायेगा.
गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में से सबसे अधिक कड़ा मुकाबला उत्तर प्रदेश में था. यहा 7 चरणों में चले चुनाव ने नेताओं को थका दिया. प्रदेश में एक माह से अधिक केवल चुनाव ही हुआ. बाकी जरूरी काम टाल दिये गये थे. तहसील और थाने तक सूने पड़ गये. चुनाव किसी रोजगार सरीखा दिखने लगा था. चुनाव प्रचार का यह हाल था कि बड़े नेताओं के उतरने से लग ही नहीं रहा था कि यह विधानसभा के चुनाव हैं. राहुल गांधी-अखिलेश यादव को जवाब देने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पूरी कैबिनेट प्रचार में उतार दी थी.
करोडों खर्च करने के बाद भी नेताओं को अपनी जीत का भरोसा नहीं हुआ. चुनाव के प्रचार से लेकर मतगणना के बीच के समय में वह लोग पूजा पाठ से लेकर तंत्रमंत्र तक का सहारा लेने लगे. चुनाव प्रचार के समय मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, मजार, सभी जगह माथा टेकते यह लोग देखे गये. चुनाव के बाद बहुत सारे नेता पंडितों और ज्योतिषयों के चक्कर लगाते देखे गये. कई लोगों ने तो गुप्त स्थानों पर विशेष पूजा अभियान भी शुरू कर रखा है. मीडिया और दूसरों की नजर से बचने के लिये यह लोग बहुत ही गोपनीय तरीके से पूजा करा रहे हैं.