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उस की आवश्यकता को ध्यान में रख कर वमसी लता ने उसे औफर दिया और बोली, ‘‘मैं तुम्हारे लिए पैसों का इंतजाम कर सकती हूं.’’ यह सुन कर लवकुश बहुत खुश हुआ. उस ने कहा, ‘‘दीदी, मैं आप का यह अहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगा.’’
‘‘मगर तुम्हें मेरा एक काम करना होगा.’’ वमसी लता ने कहा.
‘‘बताइए, एक क्या 2 काम करूंगा.’’
‘‘सोच लो, मैं पैसे काम होने पर दूंगी, पहले एडवांस में भी कुछ नहीं.’’
थोड़ी देर सोच कर लवकुश ने कहा, ‘‘ठीक है, मुझे आप पर पूरा भरोसा है, मैं तैयार हूं.’’
यह सुन वमसी लता ने उसे अपने भाई जैसा होने का वास्ता दे कर अपनी तारतार जिंदगी का रोना रोते हुए कहा, ‘‘भैया, मैं सीमा के पापा से हद दर्जे तक परेशान हूं. तुम चाहो तो मुझे उन से मुक्ति दिला सकते हो.’’
‘‘मैं समझा नहीं,’’ लवकुश ने कहा.
‘‘तुम्हें उन को मेरे रास्ते से हटाना होगा.’’ वमसी लता ने कहा तो लवकुश अंदर ही अंदर कांप कर रह गया. लेकिन उस की आंखों के आगे 5 लाख रुपए नाच रहे थे. उसे अभिनेता बनने का अपना ख्वाब पूरा होता दिखाई दिया. इसलिए वह मान गया.
उस ने वमसी लता के साथ बैठ कर फूलप्रूफ योजना बनानी शुरू कर दी. के. विश्वनाथ को कब और कैसे रास्ते से हटाया जाए, दोनों ने उसी दिन से सोचना शुरू कर दिया. लवकुश यह अच्छी तरह जानता था कि वह अकेले यह काम नहीं कर सकता, क्योंकि के. विश्वनाथ उस से बलिष्ठ थे. उन के सामने वह बहुत कमजोर था.
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इसलिए उस ने इस काम के लिए अपने नौकर अविनाश यादव से बात करने का निश्चय किया. एक दिन अविनाश ने उस से रुपयों की मांग की, क्योंकि उस की बहन रुकमणी का विवाह होना था और इस के लिए उसे मोटी रकम की जरूरत थी.
बहन की शादी के लिए ली सुपारी
अविनाश की जिंदगी अंधेरों से घिरी लौ की तरह टिमटिमा रही थी. नौकरी कर के वह जैसेतैसे परिवार का भरणपोषण करता था. एक बहन थी, रुकमणी जो विवाह योग्य हो चुकी थी. मां को उस की चिंता रहती थी. अविनाश को बहन के ब्याह के लिए डेढ़ लाख रुपयों की जरूरत थी.
एक दिन दुकान पर अच्छा मूड देख कर उसने मालिक लवकुश से अपना दुखड़ा रो कर मदद मांगी. संयोग से लवकुश तैयार हो गया. मगर उस ने कहा, ‘‘अविनाश, इस के बदले तुम्हें एक काम करना होगा. बोलो कर पाओगे?’’ लवकुश ने उसे पूरी योजना बता दी. उस की योजना सुन कर अविनाश घबराया नहीं बल्कि तैयार हो गया.
लवकुश ने उसे आश्वस्त कर कहा, ‘‘सिर्फ एक आदमी को रास्ते से हटाना है. हटाओ और डेढ़ लाख रुपए ले लो.’’
हालात ने बना दिया हत्यारा
अविनाश इस काम के लिए तैयार था. लवकुश ने अविनाश को के. विश्वनाथ शर्मा के संबंध में एकएक कर सारी बातें समझा दीं. इस के बाद दोनों वमसी लता से मिले. बातचीत में तय हुआ कि रात को वे दोनों आएंगे और विश्वनाथ का काम तमाम कर देंगे.
‘‘कैसे किस तरह?’’ लता ने पूछा तो लवकुश ने अविनाश की तरफ देख कर कहा, ‘‘यह जांबाज लड़का है, ऐसे छोटेमोटे काम इस के बाएं हाथ का खेल है. बस दीदी, आप को घर का दरवाजा खुला रखना है. बाकी सब यह देख लेगा.’’
वमसी लता तैयार हो गई. योजनानुसार उस दिन रात को लगभग एक बजे अविनाश और लवकुश को घर के पीछे वाले दरवाजे से प्रवेश करना था. वमसी को केवल पीछे वाला दरवाजा खुला छोड़ देना था. लेकिन योजना में ऐन वक्त पर परिवर्तन हो गया.
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लवकुश ने अविनाश के सामने 2 लाख का औफर रखते हुए कहा, ‘‘अविनाश, यह काम अब तुम अकेले करो, और 2 लाख रुपए ले लो. मैं वहां नहीं जाऊंगा.’’
लवकुश के हाथ खड़े करने पर भी अविनाश पीछे नहीं हटा. बल्कि यह सोच कर खुश हुआ कि अब उसे 2 लाख रुपए मिलेंगे. वह अकेला 5 किलो का लोहे का घन ले कर एक्टिवा से विश्वनाथ शर्मा के घर के पिछवाड़े पहुंच गया.
योजना के मुताबिक वहां दरवाजा खुला होना चाहिए था, लेकिन वह बंद था. अविनाश ने वहीं से लवकुश को मोबाइल पर काल की और दरवाजा बंद होने की जानकारी दी. लवकुश ने कहा, ‘‘तुम वहीं रुको मैं अभी बताता हूं, क्या करना है.’’
लवकुश ने मोबाइल पर वमसी लता से बातचीत की तो उस ने कहा, ‘‘दरवाजा नहीं खुलेगा, अविनाश से कहो, बाउंड्री कूद कर आ जाए.’’ लवकुश ने अविनाश को यह बता दिया.
अविनाश बाउंड्री कूद कर घर में पहुंच गया. फिर वह के. विश्वनाथ के कमरे में घुस गया, जिस का दरवाजा वमसी ने पहले ही खुला छोड़ दिया था.
अविनाश ने देखा के. विश्वनाथ अर्द्धनिद्रा में थे और इधरउधर करवट बदल रहे थे. वह घबरा कर बाहर आ गया तो सामने लता खड़ी मिली, उस ने यथास्थिति बताई. लता ने उसे आश्वस्त किया कि शर्माजी शराब पिए हुए हैं और नशे में हैं. तुम अपना काम कर सकते हो. यह सुन कर अविनाश ने कमरे में घुस कर उन के सिर पर घन से 5-6 वार किए. नींद की वजह से विश्वनाथ अपना बचाव भी नहीं कर सके और चीख कर अचेत हो गए.
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अविनाश ने खून से लथपथ विश्वनाथ को देख सोचा कि वह मर गए हैं. इस के बाद वह वहां से निकल गया. घन वह अपने साथ घन लेता गया.
तहकीकात के बाद पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त घन शहर के बूढ़ापारा तालाब के पास से बरामद कर लिया. वहीं से 5 मोबाइल और एक एक्टिवा जब्त की गई.
पुलिस ने मृतक के. विश्वनाथ की हत्या की आरोपी मृतक की पत्नी के. वमसी लता, किराएदार लवकुश शुक्ला और नौकर अविनाश यादव को गिरफ्तार कर लिया.
तीनों के खिलाफ रायपुर के गुढि़यारी थाने में भादंवि की धारा 302, 34 के तहत केस दर्ज किया गया. लवकुश शुक्ला उत्तर प्रदेश के गांव बड़ी के मोहल्ला शुक्लान का रहने वाला था. अविनाश भी उत्तर प्रदेश का ही रहने वाला था. उस का घर जिला भदोही के गांव लोहारा, दुर्गागंज में था. पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को रायपुर कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
– कथा पुलिस सूत्रों से बातचीत के आधार पर
कहानी सौजन्य-मनोहर कहानियां