तीन दिन तक तीन युवकों ने लड़की के साथ किया लगातार बलात्कार

पंजाब के फतेहपुर थाना क्षेत्र की युवती को रेलवे स्टेशन से अगवा कर तीन युवकों ने तीन दिन तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया, विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पंजाब के फतेहपुर थाना क्षेत्र निवासी एक युवती तीन दिन पूर्व ट्रेन से कहीं जा रही थी.

सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकने के बाद वह कुछ खरीदने के लिए उतरी, तभी ट्रेन चल दी और वह ट्रेन नहीं पकड़ सकी. काफी देर तक वह रेलवे स्टेशन पर घूमती रही. आरोप है कि इसी दौरान तीन युवक उसके पास आए और उसे बस में बैठाने के बहाने अपने साथ ले गए.

आरोप है कि थाना जनकपुरी क्षेत्र के एक मोहल्ले में ले जाकर उसे एक कमरे में बंद कर दिया और तीन दिन तक उसके साथ दुष्कर्म किया. किसी प्रकार वह उनके चंगुल से छूटकर थाना पहुंची और मामले की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी.

सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर दबिश देकर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है. एसपी सिटी पीपी सिंह का कहना है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है. अभी आरोपी से पूछताछ की जा रही है. युवती को कहां बंधक बनाकर रखा गया और युवती इनके साथ क्यों गई इसकी भी जानकारी की जा रही है.

यहां ठेले पर बिकते हैं मुंह में पानी लाने वाले जायके

क्या खाने के असली स्वाद अमीरों की जिंदगी को ही निहाल करते हैं? बिलकुल भी नहीं. सच कहें तो ठेले पर बिकने वाले रोल्स का कहना ही क्या. अगर वे रोल्स नौनवैज हों तो मजा ही आ जाए. मैदे की गरमागरम रोटी के बीच भरे लच्छेदार प्याज, हरा धनिया, हरी मिर्च, टोमैटो कैचप और हरी चटनी के बीच मटन या चिकेन के पीस जब मुंह में आते हैं तो उस के आगे बड़ेबड़े होटलों के शाही पकवान भी फीके मालूम पड़ते हैं.

भारत की राजधानी नई दिल्ली के किसी बाजार में चले जाइए, आप को 1-2 ठेले तो रोल्स के मिल ही जाएंगे. मैट्रो स्टेशनों के नीचे तो इन की खूब बिक्री होती है. करोलबाग इलाके में जहां आईएएस बनाने के कोचिंग इंस्टीटूट्स की भरमार है, उन के नीचे रोल्स के ठेलों पर लंबी लाइन लगी दिखती है, जिन पर पढ़ाकू बच्चों की ऐसी भीड़ टूटती है कि पूछो मत. सुबह से दोपहर तक एक सब्जैक्ट की कोचिंग की, फिर बाहर निकले, रोल खाया और अगले सब्जैक्ट की कोचिंग के लिए फिर इंस्टीट्यूट में घुस गए. जो बच्चे दूसरे शहरों या गांवदेहात से आ कर यहां कोचिंग कर रहे हैं, वे रात को अपने पीजी में पहुंच कर खाना नहीं बनाते, बल्कि ठेले से 2-3 टेस्टी रोल बंधवा लेते हैं और वही खा कर पढ़ाई में लगे रहते हैं.

दिल्ली के राजौरी गार्डन, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, तिलक नगर के बाजार में खरीदारी के लिए गए हों और भूख लगने पर रोल नहीं खाया तो खरीदारी अधूरी लगती है.

ऐसा नहीं है कि स्ट्रीट फूड का यह जबरदस्त बिकने वाला आइटम सिर्फ नौनवैज खाने वालों के लिए ही है, बल्कि ये तो वैजिटेरियन खाने वालों के लिए भी ऐसा उम्दा रोल्स बनाते हैं कि दिल करता है बनाने वाले के हाथ चूम लें.

मैदे की रोटी के बीच टोमेटो कैचप और हरी चटनी के साथ गरमागरम चटपटी चाऊमीन लिपटी हो तो फिर खाने वाला जब तक उस को पूरा का पूरा चट नहीं कर लेता, नजर उठा कर नहीं देखता है. गरमागरम मलाई सोयाचाप रोल और पनीर रोल के तो कहने ही क्या. नाम सुनते ही मुंह से लार टपकने लगती है. फिर जवान बच्चे तो ऐसी ही चीजों के शौकीन होते हैं. उन से कहां टिफिन में भरी ठंडी रोटीसब्जी खाई जाती है. ऐसे में अगर 60 से 90 रुपए तक में रोल खाने को मिल जाए, तो पूरा खाना हो जाता है.

दिल्ली के मोती नगर बाजार में एक रोल वाला कई तरह के रोल्स बनाता है. नौनवैज रोल के लिए वह 90 से 120 रुपए चार्ज करता है, जबकि वेज के लिए 60 से 80 रुपए. उस के पास रोल्स की बड़ी वैराइटी हैं. सिंगल और डबल मैदा रोटी परांठे में एग रोल… एक अंडे का या ज्यादा अंडों का, चटपटा चाऊमीन रोल, सोया चाप रोल… मलाई वाला, पनीर रोल विद ओनियनकैप्सिकम, चिकेन टिक्का रोल विद प्याजकैप्सिकम, चिकेन सीक कबाब रोल विद ओनियनकैप्सिकम, मटन सीक कबाब रोल विद ओनियन ऐंड चटनी, मटन टिक्का रोल विद ओनियनकैप्सिकम ऐंड चटनी, चिकेन मटन टुकड़ा रोल साथ में हरी चटनी और सौस.

आप को ज्यादा भूख लगी हो तो परांठे डबल करवा लीजिए वरना सिंगल रोल भी काफी हैवी होता है. दिल्ली में जो लोग शाम 6-7 बजे तक औफिस में रहते हैं, वे अकसर औफिस से निकल कर मैट्रो के नीचे से रोल पैक करवाते दिखते हैं और फिर मैट्रो के सफर के दौरान मोबाइल पर रील्स देखते हुए रोल्स का मजा उठाते हुए घर पहुंचते हैं.

दिल्लीमुंबई जैसे बड़े शहरों में बहुतेरे नौजवान लड़केलड़कियां काम की तलाश में छोटे शहरों से आते हैं और यहां किराए के कमरों में या पेईंग गैस्ट के रूप में किसी के घर में रहते हैं. दिल्ली बड़ा शहर है, काम की जगहें दूर हैं तो आने जाने में भी बड़ा समय लगता है. घर पर खाना बनाओ, उस को पैक करो और अपने साथ औफिस लाओ, इस में झमेला बहुत है. ऐसे में नौजवानों की बहुत बड़ी तादाद दोपहर और रात के भोजन के लिए स्ट्रीट फूड पर निर्भर है, इसलिए ठेले वालों की आमदनी भी खूब होती है.

रोल्स बनाने वाले ठेलों की आमदनी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन ठेलों पर कोई एक आदमी काम नहीं करता, बल्कि 3 से 4 लोग काम करते हैं. ये ठेला खड़ा करने के लिए नगरनिगम को भी पैसे देते हैं और पुलिस को भी. इन के पास सोया चाप, चिकनमटन टिक्के और सीक कबाब बनेबनाए आते हैं, मैदे की रोटियां भी हलकी सिंकी हुई बनी बनाई पैकेट्स में आती हैं. सारा सामान सुबह ही इन को सप्लाई कर दिया जाता है.

ऐसे में रोल बनाने के धंधे में ठेले वालों से ले कर कई लोग शामिल होते हैं. खाने वालों की भी कमी नहीं है, इसलिए धंधा खूब मुनाफे का है. बस, हाथों में जरा फुरती चाहिए, क्योंकि ठेले के सामने अपने रोल के इंतजार में खड़े लोग अपना रोल पाने के लिए बेकरार दिखते हैं.

लखनऊ में भी रोल का बढ़ रहा चलन

रोल्स के ठेले लखनऊ में भी हैं. खासकर हजरतगंज, अलीगंज, गोमतीनगर, आलमबाग और 1090 के पास चटोरी गली में रोल्स मिलने लगे हैं. ज्यादातर कोचिंग पढ़ने वाले इन के खरीदार होते हैं. इस की वजह यह होती है कि इन को ले कर खातेखाते वे सड़क पर चलते रहते हैं.

इंजीनरिंग की तैयारी कर रहे दीपक कुमार का कहना है कि इस को पकड़ के खाना आसान होता है. खाने में समय नहीं बरबाद होता. हाथ नहीं गंदे होते और कम कीमत में भूख मिट जाती है.

भोपाल में भी रोल्स के दीवाने

भोपाल के एमपी नगर जैसे दर्जनभर अमीर इलाकों मे रोल्स के ठेलों पर छात्रों का हुजूम उमड़ने लगा है. कोई दर्जनभर हौकर्स कौर्नर पर रोल्स के ठेले अपना अलग आकर्षण रखते हैं. 6 नंबर हौकर्स कौर्नर की एक विक्रेता बताती हैं कि न केवल नौजवान, बल्कि फैमिली वाले भी आमतौर पर वीकैंड पर बतौर चेंज रोल्स ट्राई करने  आते हैं. यही उन का डिनर होता है जो किसी भी होटल के डिनर से काफी सस्ता पड़ता है. नए भोपाल में वैज, तो पुराने भोपाल मे नौनवेज रोल की मांग ज्यादा रहती है.

रांची में भी रोल्स और स्ट्रीट फूड के दीवाने हैं युवा

रांची के शहीद चौक के पास ऐसे ठेले वालों की भरमार होती है. जैवियर कालेज के छात्र हों या आसपास कोचिंग सैंटर से लौटते छात्र, शहीद चौक पर आ कर ठेले वालों से चाट गोलगप्पे या रोल्स खाने का मजा जरूर लेते हैं. कम कीमत में चटपटे स्वाद के आगे बड़े रैस्टोरैंट का खाना भी फीका लगता है. न और्डर करने के बाद ज्यादा इंतजार करना होता है और न ज्यादा जेब ढीली करनी होती है. दोस्तों के साथ यहां भीड़ में खाने का मजा ही अलग होता है. अपर बाजार और फिरायलाल चौक के आसपास भी ऐसे ठेले काफी देखने को मिलते हैं.

शादी से पहले मैंने सेक्स किया है, मैं क्या करूं ?

सवाल

मैं पिछले एक साल से एक युवक से प्यार करती हूं. मैं उसे दिलोजान से चाहती हूं औैर उस की हर गलतसही बात मान लेती हूं, जिस कारण पिछले महीने हमारे बीच वह सब भी हो गया जो शादी के बाद होना चाहिए था. फिर उस ने मुझे यह भी कह दिया कि मैं तुम से प्यार नहीं करता पर मेरा दिल नहीं मानता, क्योंकि जब मैं उस से नहीं मिलती तो वह जबरदस्ती मुझ से मिलता है पर मिलने पर खफा रहता है. मैं क्या करूं?

जवाब
यकीनन आप में स्वाभिमान की कमी है अपना सर्वस्व लुटा कर भी आप ने अपने प्यार को नहीं समझा. अगर प्यार एकतरफा हो तो ऐसा होता है. साथ ही वह युवक आप को छोड़ना भी नहीं चाहता. इस से यही लगता है कि वह आप का इस्तेमाल कर रहा है आप की इमोशंस का फायदा उठा रहा है.

अपने में स्वाभिमान जगाइए. उस के प्यार को स्वार्थ समझिए. खुद को उस के सामने मत परोसिए. कुछ दिन दूरी बनाइए. अगर वाकई उसे आप से प्यार होगा तो दूरी सह न पाएगा और आप से मिलेगा वरना इस चैप्टर को क्लोज कर दीजिए, क्योंकि आखिर में नुकसान में आप ही रहेंगी, न प्रेम मिलेगा न प्रेमी, दिल टूटेगा सो अलग. अत: पहले ही संभल जाइए व अपना मन काम में लगाइए.

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पहले प्यार होता है और फिर सैक्स का रूप ले लेता है. फिर धीरेधीरे प्यार सैक्स आधारित हो जाता है, जिस का मजा प्रेमीप्रेमिका दोनों उठाते हैं, लेकिन इस मजे में हुई जरा सी चूक जीवनभर की सजा में तबदील हो सकती है जिस का खमियाजा ज्यादातर प्रेमी के बजाय प्रेमिका को भुगतना पड़ता है भले ही वह सामाजिक स्तर पर हो या शारीरिक परेशानियों के रूप में. यह प्यार का मजा सजा न बन जाए इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें.

बिना कंडोम न उठाएं सैक्स का मजा

एकदूसरे के प्यार में दीवाने हो कर उसे संपूर्ण रूप से पाने की इच्छा सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी होती है. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे सैक्स तक करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन जोश में होश न खोएं. अगर आप अपने पार्टनर के साथ प्लान कर के सैक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. इस से आप सैक्स का बिना डर मजा उठा पाएंगे. यहां तक कि आप इस के इस्तेमाल से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिसीजिज से भी बच पाएंगे.

अब नहीं चलेगा बहाना

अधिकांश युवकों की यह शिकायत होती है कि संबंध बनाने के दौरान कंडोम फट जाता है या फिर कई बार फिसलता भी है, जिस से वे चाह कर भी इस सेफ्टी टौय का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वैसे तो यह निर्भर करता है कंडोम की क्वालिटी पर लेकिन इस के बावजूद कंडोम की ऐक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए सैक्स टौय बनाने वाली स्वीडन की कंपनी लेलो ने हेक्स ब्रैंड नाम से एक कंडोम बनाया है जिस की खासीयत यह है कि सैक्स के दौरान पड़ने वाले दबाव का इस पर असर नहीं होता और अगर छेद हो भी तो उस की एक परत ही नष्ट होती है बाकी पर कोई असर नहीं पड़ता. जल्द ही कंपनी इसे मार्केट में उतारेगी.

ऐक्स्ट्रा केयर डबल मजा

आप के मन में विचार आ रहा होगा कि इस में डबल मजा कैसे उठाया जा सकता है तो आप को बता दें कि यहां डबल मजा का मतलब डबल प्रोटैक्शन से है, जिस में एक कदम आप का पार्टनर बढ़ाए वहीं दूसरा कदम आप यानी जहां आप का पार्टनर संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करे वहीं आप गर्भनिरोधक गोलियों का. इस से अगर कंडोम फट भी जाएगा तब भी गर्भनिरोधक गोलियां आप को प्रैग्नैंट होने के खतरे से बचाएंगी, जिस से आप सैक्स का सुखद आनंद उठा पाएंगी.

कई बार ऐसी सिचुऐशन भी आती है कि दोनों एकदूसरे पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिना कोई सावधानी बरते एकदूसरे को भोगना शुरू कर देते हैं लेकिन जब होश आता है तब उन के होश उड़ जाते हैं. अगर आप के साथ भी कभी ऐसा हो जाए तो आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लें लेकिन साथ ही डाक्टरी परामर्श भी लें, ताकि इस का आप की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े.

पुलआउट मैथड

पुलआउट मैथड को विदड्रौल मैथड के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रक्रिया में योनि के बाहर लिंग निकाल कर वीर्यपात किया जाता है, जिस से प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता. लेकिन इसे ट्राई करने के लिए आप के अंदर सैल्फ कंट्रोल और खुद पर विश्वास होना जरूरी है.

सैक्स के बजाय करें फोरप्ले

फोरप्ले में एकदूसरे के कामुक अंगों से छेड़छाड़ कर के उन्हें उत्तेजित किया जाता है. इस में एकदूसरे के अंगों को सहलाना, उन्हें प्यार करना, किसिंग आदि आते हैं. लेकिन इस में लिंग का योनि में प्रवेश नहीं कराया जाता. सिर्फ होता है तन से तन का स्पर्श, मदहोश करने वाली बातें जिन में आप को मजा भी मिल जाता है, ऐंजौय भी काफी देर तक करते हैं.

अवौइड करें ओरल सैक्स

ओरल सैक्स नाम से जितना आसान सा लगता है वहीं इस के परिणाम काफी भयंकर होते हैं, क्योंकि इस में यौन क्रिया के दौरान गुप्तांगों से निकलने वाले फ्लूयड के संपर्क में व्यक्ति ज्यादा आता है, जिस से दांतों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ एचआईवी का भी खतरा रहता है.

यदि इन खतरों को जानने के बावजूद आप इसे ट्राई करते हैं तो युवक कंडोम और युवतियां डेम का इस्तेमाल करें जो छोटा व पतला स्क्वेयर शेप में रबड़ या प्लास्टिक का बना होता है जो वैजाइना और मुंह के बीच दीवार की भूमिका अदा करता है जिस से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीजिज का खतरा नहीं रहता.

पौर्न साइट्स को न करें कौपी

युवाओं में सैक्स को जानने की इच्छा प्रबल होती है, जिस के लिए वे पौर्न साइट्स को देख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं. ऐसे में पौर्न साइट्स देख कर उन के मन में उठ रहे सवाल तो शांत हो जाते हैं लेकिन मन में यह बात बैठ जाती है कि जब भी मौका मिला तब पार्टनर के साथ इन स्टैप्स को जरूर ट्राई करेंगे, जिस के चक्कर में कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पौर्न साइट्स पर बहुत से ऐसे स्टैप्स भी दिखाए जाते हैं जिन्हें असल जिंदगी में ट्राई करना संभव नहीं लेकिन इन्हें देख कर ट्राई करने की कोशिश में हर्ट हो जाते हैं. इसलिए जिस बारे में जानकारी हो उसे ही ट्राई करें वरना ऐंजौय करने के बजाय परेशानियों से दोचार होना पड़ेगा.

सस्ते के चक्कर में न करें जगह से समझौता

सैक्स करने की बेताबी में ऐसी जगह का चयन न करें कि बाद में आप को लेने के देने पड़ जाएं. ऐसे किसी होटल में शरण न लें जहां इस संबंध में पहले भी कई बार पुलिस के छापे पड़ चुके हों. भले ही ऐसे होटल्स आप को सस्ते में मिल जाएंगे लेकिन वहां आप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.

हो सकता है कि रूम में पहले से ही कैमरे फिट हों और आप को ब्लैकमैल करने के उद्देश्य से आप के उन अंतरंग पलों को कैमरे में कैद कर लिया जाए. फिर उसी की आड़ में आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

अलकोहल, न बाबा न

कई बार पार्टनर के जबरदस्ती कहने पर कि यार बहुत मजा आएगा अगर दोनों वाइन पी कर रिलेशन बनाएंगे और आप पार्टनर के इतने प्यार से कहने पर झट से मान भी जाती हैं. लेकिन इस में मजा कम खतरा ज्यादा है, क्योंकि एक तो आप होश में नहीं होतीं और दूसरा पार्टनर इस की आड़ में आप के साथ चीटिंग भी कर सकता है. हो सकता है ऐसे में वह वीडियो क्लिपिंग बना ले और बाद में आप को दिखा कर ब्लैकमेल या आप का शोषण करे.

न दिखाएं अपना फोटोमेनिया

भले ही पार्टनर आप पर कितना ही जोर क्यों न डाले कि इन पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि बाद में इन पलों को देख कर और रोमांस जता सकें, लेकिन आप इस के लिए राजी न हों, क्योंकि आप की एक ‘हां’ आप की जिंदगी बरबाद कर सकती है.

ब्लैकमेलिंग का डर

अधिकांश युवकों का इंट्रस्ट युवतियों से ज्यादा उन से संबंध बनाने में होता है और संबंध बनाने के बाद उन्हें पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. कई बार तो ब्लैकमेलिंग तक करते हैं. ऐसे में आप उस की ऐसी नाजायज मांगें न मानें.

बीमारियों से घिरने का डर

ऐंजौयमैंट के लिए आप ने रिलेशन तो बना लिया, लेकिन आप उस के बाद के खतरों से अनजान रहते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि 1981 से पहले यूनाइटेड स्टेट्स में जहां 6 लाख से ज्यादा लोग ऐड्स से प्रभावित थे वहीं 9 लाख अमेरिकन्स एचआईवी से. यह रिपोर्ट शादी से पहले सैक्स के खतरों को दर्शाती है.

मैरिज टूटने का रिस्क भी

हो सकता है कि आप ने जिस के साथ सैक्स रिलेशन बनाया हो, किसी मजबूरी के कारण अब आप उस से शादी न कर पा रही हों और जहां आप की अब मैरिज फिक्स हुई है, आप के मन में यही डर होगा कि कहीं उसे पता लग गया तो मेरी शादी टूट जाएगी. मन में पछतावा भी रहेगा और आप इसी बोझ के साथ अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हो जाएंगी.

डिप्रैशन का शिकार

सैक्स के बाद पार्टनर से जो इमोशनल अटैचमैंट हो जाता है उसे आप चाह कर भी खत्म नहीं कर पातीं. ऐसी स्थिति में अगर आप का पार्टनर से बे्रकअप हो गया फिर तो आप खुद को अकेला महसूस करने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाएंगी, जिस से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होगा.

कहीं प्रैग्नैंट न हो जाएं

आप अगर प्रैग्नैंट हो गईं फिर तो आप कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी. इसलिए जरूरी है कोई भी ऐसावैसा कदम उठाने से पहले एक बार सोचने की, क्योंकि एक गलत कदम आप का भविष्य खराब कर सकता है. ऐसे में आप बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाने में भी देर नहीं करेंगी.

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हकीकत : जब सच आया सामने

‘अभी आया,’ कह कर रमेश गया था. लेकिन जब काफी देर तक न लौटा, तो रागिनी बेचैन हो उठी.

रागिनी की परेशानी उस के चेहरे पर उभर आई, जिसे किशोर भांप गया. वह हौले से बोला, ‘‘क्या बात है रागिनी?’’

‘‘भैया नहीं आया.’’

‘‘वह अब नहीं आएगा.’’

‘‘क्या मतलब?’’ रागिनी ने हैरानी से पूछा.

‘‘रमेश अब नहीं आएगा… तुम्हें अकेले ही जाना पड़ेगा…

‘‘रमेश का परसों इंटरव्यू है. उस का इंटरव्यू मैं ही लूंगा. रमेश उस में कामयाबी पाने के लिए तुम्हें मेरे पास छोड़ गया है,’’ किशोर ने कहा.

‘‘इंटरव्यू में कामयाबी पाने के लिए मुझे आप के पास छोड़ गया है… मैं कुछ समझ नहीं?’’ रागिनी ने पूछा.

‘‘रमेश का खयाल है कि मैं तुम्हारे जिस्म से खेल कर उसे पास कर दूंगा, इसीलिए वह तुम्हें मेरे पास छोड़ गया है.’’

‘‘नहीं… ऐसा नहीं हो सकता. आप झठ बोल रहे हैं.’’

‘‘मैं सच कह रहा हूं. वह तुम्हें इसीलिए छोड़ गया है.’’

‘‘ऐसा आप कैसे कह सकते हैं?’’

‘‘क्योंकि मैं ने भी एक दिन ऐसा ही किया था.’’

‘‘क्या…’’ किशोर की बात सुन कर रागिनी चौंकी.

‘‘जो गलती आज रमेश कर गया है, वैसी मैं ने भी एक दिन की थी,’’ कहते हुए किशोर बीते दिनों में खो गया…

किशोर के पिता ठेकेदार थे. बचपन के कुछ साल हंसीखुशी में गुजरे थे. मातापिता दोनों ही उसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन साधना के घर में कदम रखते ही उस के दिन बदल गए थे.

साधना जवान और खूबसूरत थी. वह किशोर के पिता भूषण की स्टैनो थी. भूषण को साधना से प्यार हो गया, फिर उन दोनों ने शादी कर ली.

साधना के घर में आते ही किशोर की मां लता के बुरे दिन आ गए. साधना ने अपने रूप और जवानी के बल पर भूषण को अपनी मुट्ठी में कर लिया. वह उन के दिल की रानी बनने के साथसाथ घर की मालकिन भी बन गई.

भूषण को पहली पत्नी लता की अब जरा भी परवाह न थी. उस की हालत नौकरानी जैसी हो गई.

तकरीबन एक साल बाद साधना ने एक बेटी को जन्म दिया. वह रिश्ते में किशोर की बहन लगती थी, लेकिन उस ने दिल से कभी भी उसे अपनी बहन नहीं माना था. वह उस से नफरत करता था.

लता ने पति की दूसरी शादी का विरोध न किया, पर अंदर ही अंदर वह घुटती रही. इस से उस के शरीर को रोग लग गया, जो धीरेधीरे बढ़ता रहा. आखिरकार उस की मौत हो गई.

किशोर अपनी मां की मौत की जिम्मेदार साधना को ही समझता था. मां उसे बहुत प्यार करती थी. लेकिन जब वह ही न रही, तो उस घर में क्या रखा था? आखिर किशोर ने पिता का घर छोड़ दिया.

किशोर ने जल्दी ही प्राइवेट नौकरी कर ली. साथ ही, वह सरकारी नौकरी के लिए भी कोशिश करता रहा. कुछ समय बाद उसे रेलवे में नौकरी मिल गई.

तकरीबन 3 साल बाद नौकरी में तरक्की हासिल करने के लिए किशोर ने इम्तिहान दिया, जिस में वह पास हो गया. अब इंटरव्यू की बारी थी. उसे पता चला कि मदनलाल इंटरव्यू लेने वाला है. वह अधेड़ उम्र का कुंआरा और ऐयाश आदमी था.

किशोर ने जब मदनलाल के बारे में 3-4 लोगों से पूछताछ की, तो पता चला कि वह बहुत रसीला है. एक जानकार ने कहा, ‘जो मदनलाल के पास औरत भेजेगा, वही इंटरव्यू में पास होगा.’

किशोर की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? कामयाबी पाने के लिए किसी औरत को मदनलाल के पास भेजे या शराफत के रास्ते पर चल कर फेल हो जाए? इसी उधेड़बुन में वह एक दिन मुंबई सैंट्रल रेलवे स्टेशन पर खड़ा था कि तभी उसे अपनी सौतेली बहन रश्मि मिल गई.

किशोर घर छोड़ने के बाद कभी भी अपने पिता से मिलने नहीं गया था. कभीकभार वे कहीं दिख भी जाते, तो किशोर उन के सामने पड़ने से बच जाता.

लेकिन रश्मि को देखते ही उसे लगा कि उस की मुश्किल का हल मिल गया?है. वह एक तीर से दो शिकार कर सकता है. रश्मि को मदनलाल के पास पहुंचा कर इम्तिहान में कामयाबी भी हासिल कर सकता है और इस के साथ ही अपनी मां की मौत का बदला भी ले सकता है.

यह विचार मन में आते ही उस की आंखों में चमक आ गई. वह मुसकराते हुए बोला, ‘रश्मि, कहां जा रही हो?’

‘घर.’

‘समय हो तो चलो, तुम्हें एक जगह ले चलता हूं.’

किशोर की बात सुन कर रश्मि की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

रश्मि ने न कुछ सोचा, न ही उस के दिल में कोई शक हुआ और न ही यह विचार मन में आया कि वह आज क्यों उसे साथ ले जाना चाहता है. वह उस के साथ जाने को तुरंत तैयार हो गई.

किशोर रश्मि को बिना समय गंवाए मदनलाल की कोठी पर ले गया.

‘सर, यह मेरी बहन है,’ किशोर ने मुसकराते हुए कहा.

मदनलाल ने उन का स्वागत किया. काफी देर तक इधरउधर की बातें होती रहीं, फिर किशोर बोला, ‘सर, मैं अभी लौट कर आया.’

वह रश्मि को बहाने से मदनलाल की कोठी पर छोड़ कर चला गया. उस ने अपनी मां की सौतन की बेटी को वासना के पुजारी के पास पहुंचा कर अपनी मां की मौत का बदला ले लिया था.

उस दिन मदनलाल ने रश्मि की इज्जत लूट ली थी. इस बात को रश्मि सहन न कर सकी और कुछ दिनों बाद उस ने खुदकुशी कर ली.

मरने से पहले उस ने किशोर को चिट्ठी लिखी, ‘बहन व भाई का रिश्ता बहुत पवित्र होता है. भाई के ऊपर बहन की हिफाजत की भी जिम्मेदारी होती?है. मैं ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था, जो तुम ने मेरी इज्जत ही लुटवा दी?’

रश्मि की मौत से किशोर को गहरा सदमा लगा था. जीतेजी उस ने रश्मि को बहन नहीं माना था, लेकिन मरने के बाद उस की याद उसे हमेशा तड़पाती रहती.

‘‘तो क्या आप भी मेरे साथ…’’ अचानक रागिनी की आवाज सुन कर किशोर चौंक उठा. फिर हौले से वह बोला, ‘‘क्या रमेश तुम्हारा सगा भाई है?’’

‘‘नहीं…’’ रागिनी बोली, ‘‘रमेश की मां को तलाक दे कर पिताजी ने मेरी मां से शादी कर ली थी.’’

‘‘तो यह बात है… तुम्हारी भी मेरी जैसी ही कहानी है. मैं भी अपनी मां की मौत का बदला लेना चाहता था और रमेश भी तुम्हें इसीलिए छोड़ कर गया है.’’

‘‘तो क्या आप भी?’’

‘‘नहीं, मैं ने आज तक किसी औरत के जिस्म से खिलवाड़ नहीं किया है,’’ किशोर बोला, ‘‘मैं ने तब जो जुर्म किया था, अब मैं उस का प्रायश्चित्त करना चाहता हूं.’’

‘‘वह कैसे?’’

‘‘तुम्हें अपनी बहन बना कर…’’

‘‘सच?’’

‘‘हां, एकदम सच. क्या तुम बनोगी मेरी बहन?’’

‘‘भैया,’’ रागिनी दौड़ कर किशोर के गले से लग गई, तो उस की आंखों से झरझर आंसू बहने लगे.

मैनोपौज : किस उम्र में होते हैं और क्या हैं लक्षण, रहें सावधान

तकरीबन 12 साल की उम्र के आसपास किसी लड़की को माहवारी शुरू होती है. इस का सीधा सा मतलब होता है कि अब वह धीरेधीरे जवानी की दहलीज पर आने वाली है और पूरी तरह जवान होने पर शादी के बाद मां बन सकेगी. इसी तरह उम्र के 45 से 50 साल के पड़ाव पर मैनोपौज की शुरुआत होती है, जिस में बच्चा जनने से जुड़े हार्मोन में बदलाव होते हैं और फिर बच्चा जनने की गुंजाइश खत्म होती जाती है.

शहर की हो या गांव की, किसी भी औरत के लिए यह समय बड़ा ही तनाव भरा होता है, क्योंकि हार्मोन में बदलाव के चलते उन का चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है. इस के 3 चरण होते हैं, प्री मैनोपौज, मैनोपौज और पोस्ट मैनोपौज.

मैनोपौज के लक्षण

– शरीर में अचानक से गरमी का एहसास होता है. रात को गरमी लगने के साथ पसीना आता है या फिर अचानक ठंड भी लग सकती है.

-योनि में सूखापन आने लगता है, जिस से सैक्स संबंध बनाते समय दर्द होता है या बनाने की इच्छा ही नहीं रहती है.

-बारबार पेशाब करने की इच्छा होती है और रात को नींद न आने की समस्या बढ़ने लगती है.

-जितना ज्यादा चिड़चिड़ापन बढ़ता है, तनाव भी उतना ही हावी होने लगता है.

-शरीर, आंखों और बालों में सूखेपन की शुरुआत होने लगती है. बाल झड़ने की समस्या भी पैदा हो सकती है.

-हड्डियां कमजोर हो सकती हैं.

-पेशाब संबंधित इंफैक्शन हो सकता है.

-दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

कंट्रोल करने के तरीके

-डाक्टर की सलाह पर दवाएं ली जा सकती हैं, पर चूंकि यह कुदरती प्रक्रिया है, तो अपने रहनसहन और खानपान पर ध्यान देना चाहिए.

-इस के अलावा जितना हो सके अपने शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें.

-रात को अगर गरमी लगने से बहुत ज्यादा पसीना आता है तो नहा कर सोने जाएं. सूती और आरामदायक कपड़े पहनें.

-रोजाना कसरत करें और वजन को कंट्रोल में रखें. तलाभुना खाना कम ही खाएं. इस से पेट सही रहता है और रात को नींद भी अच्छी आती है.

-अगर मानसिक तनाव बहुत ज्यादा रहने लगा है, तो किसी माहिर साइकोलौजिस्ट या थैरेपिस्ट से बात की जा सकती है. समाज के डर से ऐसा करने में झिझके नहीं. साथ ही, अपनों से दिल की बात कहें. इस से मन हलका होता है.

-डाक्टर से सलाह लें और उस के मुताबिक कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्निशियम वगैरह के सप्लीमैंट ले सकते हैं.

-बीड़ीसिगरेट और शराब का सेवन न करें.

हवस : कौन कर रहा था बेवफाई

लोकनायक जयप्रकाश नारायण सैंट्रल जेल, हजारीबाग में बंद विवेक सोच रहा था कि अपनी जिम्मेदारी से भागना ठीक नहीं था. शादी करने के बाद ही उसे अपनी प्रेमिका रश्मि के साथ सैक्स संबंध बनाना चाहिए था. उसे समोसे में सल्फर की गोलियां मिला कर नहीं देनी चाहिए थी, जिस के खाने से उस की जान चली गई.

बड़ेबड़े शातिर अपराधी को जेल की आबोहवा नागवार गुजरती है. विवेक ने तो अपनी छोटी सी जिंदगी में पहली बार गुनाह किया था, लेकिन सोचसमझ कर.

उसे फांसी की सजा भी हो सकती है. पर अब वह सोच रहा था कि प्यार तो सिर्फ देने का नाम है. प्यार में लेने की सोचना तो प्यार को कारोबार बना देता है और उस ने यही तो किया.

दरअसल, दिल्ली में पढ़ने के दौरान विवेक अपने दोस्तों के साथ गंदी फिल्में देख कर जल्दी ही जवान हो गया था. हालांकि उस की उम्र अभी महज 18 साल थी.

विवेक को इतनी समझ तो थी कि अगर दिल्ली में गलत तरीके से सैक्सुअल जिंदगी शुरू की, तो वह एड्स जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो जाएगा.

विवेक छुट्टियों में झारखंड के हजारीबाग जिले में रह रही अपनी प्रेमिका रश्मि से मिलने आता रहता था. अब वह जब भी रश्मि से मिलता, तब उस की आंखों के सामने ब्लू फिल्मों का नजारा घूम जाता, जो उसे बेकाबू कर देता था.

धीरेधीरे उस ने हिम्मत जुटाना शुरू किया और रश्मि को दिमागी तौर पर सैक्स करने के लिए समझ ने बुझने लगा, ‘आजकल तो लिव इन रिलेशनशिप का जमाना है. लड़का और लड़की बिना शादी किए आराम से एकसाथ रहते हैं. इतना ही नहीं, अगर इस संबंध से कोई बच्चा हो भी जाता है, तो उसे पिता की जायदाद में से हिस्सा भी मिल जाता है.’

भोलीभाली रश्मि ने कभी यह नहीं पूछा था कि इस संबंध में बच्चा हो जाने के बाद लड़की की हैसियत क्या होती है? क्या उसे भी पति की जायदाद में कोई हिस्सा मिलता है? अगर पति उसे छोड़ कर दूसरी लड़की के साथ लिव इन रिलेशनशिप बनाता है, तो…

रश्मि अकसर उसे समझाती, ‘देखो, हम लोगों को उस परंपरा को नहीं छोड़ना चाहिए, जो हमारे बड़ेबुजुर्ग मानते आ रहे हैं. हम लोगों और समाज के लिए शादी के बाद ही जिस्मानी संबंध बनाना बेहतर है, इसलिए जब तक शादी न हो जाए, तब तक सब्र रखना होगा.’

जोश में आ कर विवेक झट से तैयार हो गया और बोला, ‘ठीक है, हम जल्दी ही शादी कर लेंगे. अब तो खुश हो तुम?’

इतना कहते हुए उस ने रश्मि को धीरेधीरे अपनी बांहों में ले लिया.

रश्मि ने शादी के वादे पर भरोसा कर के कुछ नहीं कहा और दोनों ने जिस्मानी संबंध बना लिए.

रश्मि उस रात अपने कमरे में बैठी सोच रही थी कि आज जो हुआ, क्या वह सही था? फिर वह आगे सोचने लगी कि जिस्मानी संबंध बनाने से विवेक और ज्यादा संजीदगी से हमारे रिश्ते के बारे में सोचेगा और हम लोग जल्दी ही एक हो जाएंगे.

उधर विवेक यह सोच रहा था कि आसानी से संबंध बनाने के लिए एक लड़की तो मिल गई, जिस से कोई खतरा भी नहीं. न ही समाज के लोगों से और न ही एड्स जैसी बीमारी से.

विवेक अब खुश था और रश्मि को किसी से न कहने की सख्त हिदायत दे कर वह दिल्ली चला जाता और फिर जब लौट कर आता, तो रश्मि के साथ वही पुराना देहसुख का खेल खेलता.

इस बार जब विवेक आया, तो वह रश्मि को एक सुनसान जगह पर ले गया और अपनी जिस्मानी भूख मिटाने के बाद विवेक ने पूछा, ‘रश्मि, आज मजा नहीं आया खेल में. क्यों जिंदा लाश बनी रही तुम पूरे खेल के दौरान?’

रश्मि को डर लग रहा था कि कहीं वह बिनब्याहे पेट से न हो जाए. उस ने मन ही मन तय किया कि अब आगे वह ऐसा नहीं करेगी.

जब दूसरे दिन विवेक फिर रश्मि को देहसुख का खेल खेलने का न्योता देने आया, तो उस ने दोटूक कहा, ‘विवेक, जब तक हम लोग शादी नहीं कर लेते, तब तक हम यह खेल नहीं खेलेंगे.’

विवेक ने रश्मि को समझते हुए कहा, ‘ठीक है, हम लोग जल्द ही शादी कर लेंगे.’

दूसरे दिन उस ने रश्मि को फिर मिलने के लिए बुलाया, पर वह नहीं गई. विवेक का पागलपन हद तक बढ़ गया था. वह रश्मि को ढूंढ़ रहा था.

रश्मि उस शाम को विवेक को मिलने गई, तो वह उसे देखते ही फट पड़ा. उस ने सड़क पर ही उसे गोद में उठा लिया और भागने लगा, मानो किसी सुनसान जगह पर जल्दी से पहुंच जाना चाहता हो.

रश्मि को अंदाजा हो गया था कि अब क्या होने वाला है. वह समझ रही थी कि अगर खिलाफत नहीं करेगी, तो विवेक उसे अपनी हवस का शिकार बना लेगा. उस ने अपनेआप को उस की गोद से झटक दिया और दोनों एकदूसरे पर गिर पड़े.

विवेक ने मौका देख कर अपने होंठों को रश्मि के होंठों पर रख दिया. रश्मि उसे झटकते हुए अलग हो गई और बोली, ‘बस, अब और नहीं.’

हवस में अंधा विवेक यह सुन कर तिलमिला गया था. लड़की सामने है, पर वह कुछ नहीं कर सकता है.

उस ने तुरंत रश्मि को बहलाने के अंदाज में कहा, ‘ऐसा करो, तुम मेरे साथ दिल्ली चलो. वहां हम दोनों शादी कर लेंगे.’

यह सुन कर मासूम रश्मि खुश हो गई और दूसरे दिन अपने मातापिता को बिना बताए वह शहर से दूर रेलवे स्टेशन पर विवेक की बताई गई जगह पर पहुंच गई.

वहां विवेक उस का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. दिल्ली ले जाने के लिए नहीं, बल्कि उसे दूसरी दुनिया में पहुंचाने के लिए.

रेलवे स्टेशन पर विवेक ने रश्मि को जहर मिला समोसा खिला दिया. इस तरह सैक्स संबंध से रश्मि का मना करना विवेक के मन में हवस के उस सैलाब को जन्म दे गया, जो उसे बहा कर आज जेल की कालकोठरी में ले आया.

फिल्मों में एकसाथ काम करने का मतलब इश्क का चक्कर नहीं

कभी मांसल बदन वाली हीरोइनों के लिए पहचानी जाने वाली भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अब छरहरे बदन की हीरोइनों का बोलबाला है. इन छरहरे बदन वाली हीरोइनों को दर्शक खूब प्यार भी दे रहे हैं. इसी में एक नाम है भोजपुरी हीरोइन पल्लवी गिरि का, जिन्हें हाल ही में आयोजित हुए ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ शो में बैस्ट अलबम ऐक्ट्रैस अवार्ड से नवाजा गया है.

Saras salil awards

पल्लवी गिरि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की उन गिनीचुनी हीरोइनों में शुमार हैं, जो फिल्मों के साथसाथ भोजपुरी अलबम में भी खूब पसंद की जाती हैं. यही वजह है कि वे अकसर बड़े ऐक्टरों के साथ बनने वाले अलबम में स्क्रीन शेयर करती हुई नजर आती हैं.

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ शो में शिरकत करने आईं पल्लवी गिरि से उन के फिल्मी कैरियर को ले कर ढेर सारी बातें हुईं. पेश हैं, उसी के खास अंश :

आप के फिल्मी कैरियर पर बात करें, उस से पहले अपने खूबसरत बदन और फिट रहने का राज बताएं?

-मेरे खूबसूरत बदन और फिट रहने का राज यह है कि मैं खुद को तनाव से दूर रखने की कोशिश करती हूं. मैं खुद पर स्ट्रैस को हावी नहीं होने देती हूं, क्योंकि आप की बौडी जितनी ऐक्टिव रहेगी, उतने ही आप चुस्त और दुरूस्त रहेंगे.

इस के अलावा सुबह उठने के बाद मैं सब से पहले पानी पीने पीती हूं.
इस के अलावा कार्डियो ऐक्सरसाइज, डांस, साइकिलिंग और रनिंग मेरे डेली रूटीन का हिस्सा है. डाइट में ढेर सारी हरी सब्जियां, फल और अंकुरित अनाज लेने के साथ ही नाश्ते में बादाम और अखरोट भी लेती हूं.

आप के फिल्मों की तरफ कदम कैसे बढे?

-मुझे बचपन से ही डांसिंग और ऐक्टिंग का खूब शौक था, तो पहले मैं ने डांस इंस्टिट्यूट खोला और बच्चों को डांस सिखाने लगी. इस के बाद मैं ने मौडलिंग करना भी शुरू कर दिया था. चूंकि मेरे बदन की बनावट ही ऐसी थी की लोग मुझे हीरोइन और मौडल कह कर बुलाते थे, इसलिए मैं ने मौडलिंग की दुनिया में भी कदम बढ़ा दिया और इसी दौरान दौरान ‘मिस दिल्ली’ का खिताब भी जीता.

मेरे इस कामयाबी ने फिल्म मेकरों ध्यान मेरी तरफ खींचा और मुझे भोजपुरी फिल्मों के औफर आने लगे. मुझे भी लगा कि अच्छा मौका है और मैं ने फिल्मों में ऐक्टिंग की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए.

आप दर्जनों फिल्मों में अलगअलग किरदार निभा चुकी हैं फिर आप को बैस्ट अलबम ऐक्ट्रैस का अवार्ड क्यों मिला?

-यह तो फिल्म अवार्ड से जुड़ी जूरी तय करती है कि कौन बैस्ट ऐक्ट्रैस होगा और कौन बैस्ट अलबम ऐक्ट्रैस. मैं ने अपना नौमिनेशन ही बैस्ट अलबम ऐक्ट्रैस कैटेगरी के लिए किया था, क्योंकि मेरे कई अलबम ऐसे हैं, जिन्हें फिल्मों से ज्यादा प्यार मिला है. बैस्ट ऐक्ट्रैस के लिए मेरी पूरी फिल्मी लाइफ पड़ी है. मुझे जब लगेगा कि मुझे अब बैस्ट फिल्म ऐक्ट्रैस के लिए नौमिनेशन करना चाहिए, तो मैं नौमिनेशन भेजूंगी.

कागज पर शब्दों में लिखी कहानियों को पढ़ कर उसे खुद में ढाल कर ऐक्टिंग करना कितना मुश्किल है?

-आप ने सही कहा कि अगर हम फिल्म की कथा, पटकथा और संवाद को कागज में पढ़े शब्दों के जरीए पढ़ें तो उस में इमोशंस नहीं जुड़े होते हैं. लेकिन जब उसी कागज पर लिखे शब्दों को हमें संवाद के रूप में बोलते हुए ऐक्टिंग के जरीए दिखाना हो, तो वह चरित्र जिंदा हो जाता है, जिस का किरदार हम निभा रहे हैं.

ऐक्टरों का बड़ा बिजी शैड्यूल होता है. ऐसे में वे खुद को भी समय नहीं दे पाते हैं. ऐसे में क्या ऐक्टर की भी सैल्फ लाइफ होती है?

-आम लोगों की तरह ऐक्टरों की भी सैल्फ लाइफ होती है, लेकिन फिल्में उन्हें छीन लेती हैं. अगर आप एक कामयाब कलाकार हैं, तो फिल्मों की मसरूफियत आप की सैल्फ लाइफ छीन लेती है, इसीलिए मैं खुद और परिवार को समय देने के लिए बीच में थोड़े दिनों का ब्रेक जरूर लेती हूं.

आप यह कैसे तय करती हैं कि जिस फिल्म या अलबम में काम कर रही हैं, वह हिट ही होगा?

आज के दौर में फिल्मों के हिट होने का पैमाना बदल चुका है, क्योंकि बीते सालों में सामान्य से विषयों पर बनने वाली फिल्में भी हिट रहीं और कमाई का रिकौर्ड तोड़ा, इसलिए हम यह तय नहीं कर सकते हैं कि दर्शक किन फिल्मों को पसंद करेंगे और किसे नकार देंगे.

आप ने सैकड़ों अलबम और दर्जनों फिल्मों में काम किया है. आप को अलबम के लिए अवार्ड मिला है. आप के सब से करीब कौन सा अलबम है?

मेरे सारे अलबम सुपरहिट रहे हैं, फिर भी रितेश पांडेय के साथ आया अलबम ‘आज जेल होई काल्ह बेल होई ने’ कामयाबी के सारे रिकौर्ड तोड़े और उसे 10 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने देखा. पवन सिंह के साथ ‘मजनुआ पिटाता’ तकरीबन 8 करोड़ लोगों ने देखा. इस के अलावा अंकुश राजा के साथ ‘हम के दुल्हिन बनालस’ हिट रहा.

आप की और विमल पांडेय की जोड़ी खूब पसंद की जा रही है. इस के पीछे कहीं प्यार और रोमांस का चक्कर तो नहीं है?

फिल्मों में ऐक्टर और ऐक्ट्रैस एकसाथ ज्यादा काम करें या एकसाथ दिखें, तो इस का मतलब यह नहीं हैं कि दोनों में प्यार और रोमांस का चक्कर ही होगा. इस के पीछे की एक वजह यह भी होता है कि इन जोड़ियों को दर्शक ज्यादा प्यार करते हैं और पसंद करते हैं, इसीलिए फिल्म बनाने वाले कुछ खास जोड़ियों के साथ फिल्में ज्यादा बनाते हैं. दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे, खेसारी और मेघाश्री, देव सिंह और अंजना सिंह, कल्लू और यामिनी जैसी तमाम जोड़ियां रही हैं, जिन्हें हम साथ देखते रहे हैं. इन सब की जोड़ियां केवल फिल्मों तक सीमित हैं. और हां, ऐक्ट्रैस को छोड़ दें, तो इन में से सभी ऐक्टर शादीशुदा भी हैं.

मेरी और विमल की जोड़ी भी केवल फिल्मी जोड़ी ही है. अभी मैं केवल फिल्मों पर फोकस कर रही हूं, इसीलिए मै सभी से गुजारिश करूंगी कि बेसिरपैर की बातों पर ध्यान न दें.

आयशा खान ने मन्नारा चोपड़ा की बजाई बैंड, कभी मिर्च तो कभी पानी से किया टॉर्चर

बिग बौस 17 (Bigg Boss 17) का हाल ही में नया प्रोमो वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में घरवाले एक-दूसरे के साथ टास्क करते हुए नजर आ रहे है. टास्क के दौरान सभी एक दूसरे पर भड़ास निकालते हुए दिख रहे है. इसी बीच आयशा खान (Ayesha Khan) ने मन्नारा चोपड़ा (Mannara Chopra) को सताने का मौका नहीं छोड़ा और टास्क में उनकी बैंड बजाती हुई नजर आई.  जी हां, नया प्रोमो देख आपकी आंखे फटी की फटी रह जाएंगी.

 

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आपको बता दें कि शो को खत्म होने में अब महज दो हफ्ते बचे हैं और 28 जनवरी की रात इस सीजन का विनर हम सबके सामने होगा. मेकर्स ने इस सीजन में कई बड़े बदलाव किए, जिस वजह से दर्शकों को बहुत अच्छे टास्क देखने के लिए नहीं मिले थे. अब मेकर्स आखिरी समय में दर्शकों का फेवरेट टास्क यानी टॉर्चर टास्क लेकर आ गए हैं. इस हफ्ते नॉमिनेशन से बचने के लिए कंटेस्टेंट्स को टॉर्चर टास्क दिया गया, जिसमें घरवालों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली. जिसमे सभी पानी और मिर्च का इस्तेमाल करते हुए नजर आएं.


बिग बॉस 17 का लेटेस्ट प्रोमो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में घरवालों को दो टीम में बांट दिया गया है, जिसमें कंटेस्टेंट्स अपने आपको बचाने के लिए हर हद तक जाते हुए नजर आएंगे. टास्क में एक टीम में पिंजरे में बंद कर दिया गया है. प्रोमो में दिखाया गया है कि मन्नारा चोपड़ा, मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) और अभिषेक कुमार (Abhishek Kumar) एक पिंजरे में बंद हैं और एक-एक बजर दबाएं हुए खड़े हैं. घरवाले उन्हें खूब टॉर्चर कर रहे हैं. मन्नारा चोपड़ा के पीछे आयशा खान बुरी तरह पड़ जाती हैं.

सबसे पहले विकी मन्नारा के चेहरे पर पानी डालते हैं और फिर मन्नारा के चेहरे पर आयशा की तरफ से लाल मिर्च डाली जाती है. इसके बाद अभिषेक का नंबर आता है और अंकिता लोखंडे अभिषेक के चेहरे के बाल वैक्स स्ट्रिप से हटा देती हैं. इस दौरान अभिषेक ये जरूर बोलते दिख रहे हैं, ‘अंकिता जी विक्की भाई का नंबर जरूर आएगा.’ दूसरी तरफ मन्नारा चोपड़ा भी रोते हुए छोड़ देने की बात करती हैं. हालांकि, किसी को मन्नारा की बातें पर तरस नहीं आता. इस मौके पर आयशा उन्हें बार-बार बजर छोड़ने के लिए जरूर बोल देती हैं.

 

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बता दें कि इस हफ्ते सभी घरवालों को बिग बॉस ने इविक्ट कर दिया है. सोशल मीडिया पर सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस टॉर्चर टास्क को घर का कोई भी सदस्य नहीं कर पाएगा. इस प्रोमो में अभिषेक और मन्नारा टॉर्चर हो रहे हैं, लेकिन वह बजर छोड़ देंगे. इसी तरह एक-एक करके सभी कंटेस्टेंट्स टास्क में पीछे हट जाएंगे और फिर कंटेस्टेंट्स नॉमिनेट हो जाएंगे.

खेसारी लाल यादव और नम्रता मल्ला का नया गाना हुआ हिट, कमेस्ट्री ने मचाया धमाल

भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार कहे जाने वाले खेसारी लाल यादव (Khesari lal Yadav) अपने गानों और एक्टिंग के लिए खूब जाने जाते है. जिस वजह से वे हमेशा सुर्खियों में बने रहते है. यूट्यूब (Youtube) पर खेसारी लाल यादव का सिक्का चलता है. इसी बीच खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर से इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है. उनका एक गाना सामने आया है, जिसमें वो भोजपुरी इंडस्ट्री (Bhojpuri Industry) की बोल्डनेस क्वीन नम्रता मल्ला (Namrata Malla) के साथ दिल खोलकर रोमांस करते नजर आ रहे हैं.

 

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खेसारी लाल यादव और नम्रता मल्ला की जोड़ी को तो लोग खूब पहचानते है. दोनों की जोड़ी पर्दे पर खूब धमाल मचाती है. ऐसे में एक बार फिर दोनों कमाल दिखाते हुए नजर आ रहे है. जो कि उनके एक नए वीडियो सॉन्ग में कर रहे है. जी हां, ‘कमर के कमाई’ गाना  हाल ही में रिलीज हुआ है. इस गाने में नम्रता मल्ला अपने लटके-झटके दिखा रही हैं. दोनों इस गाने में जमकर डांस कर रहे है. लोगों को इन दोनों का अंदाज काफी पसंद आ रहा है. यही वजह है कि खेसारी और नम्रता के इस गाने को काफी कम समय में 1 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.

आपको बता दें कि भोजपुरी स्टार पवन सिंह और नम्रता मल्ला का गाना हथियार रिलीज हुआ था, जिसे लोगों ने काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया था. इस गाने में पवन सिंह और नम्रता मल्ला की केमिस्ट्री देखने लायक थी. पवन सिंह और नम्रता मल्ला ने इससे पहले लाल घाघरा सॉन्ग में काम किया था. बताते चलें कि नम्रता मल्ला का अंदाज इतना कातिलाना है कि हर कोई घायल हो जाता है. नम्रता सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपने फैंस को विजुअल ट्रीट देती हैं.

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