मैं इन दिनों घर से बाहर निकलता हूं तो चिंता छाई रहती है कि कहीं मैं भी कोरोना पॉजिटिव हो गया?

सवाल

मैं 26 वर्षीय युवक हूं. आजकल जैसी हालत है उस में घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं. लेकिन औफिस खुल गया है, नौकरी करनी भी जरूरी है तो घर से बाहर निकलता हूं.  पर, हमेशा मनमस्तिष्क पर चिंता छाई रहती है कि कहीं मैं भी कोरोना पौजिटिव हो गया और मुझ से घरवालों को हो गया तो क्या होगा. घर छोटा है, तो होम क्वारंटीन भी नहीं हो सकते. अस्पताल जाना ही पड़ेगा और फिर अस्पताल का खर्च भी तो उठाना पड़ेगा. दिमाग बड़ा परेशान रहता है, क्या करूं?

जवाब

सब से पहले तो हम यही कहेंगे कि अपनी सोच पौजिटिव रखें. आप यंग हैं, समझदार हैं, पढ़ेलिखे हैं. इतना पढ़सुन रहे हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सिर्फ सावधानी की जरूरत है. अगर आप जागरूक हैं और सावधानी के साथ आगे कदम बढ़ा रहे हैं तो इस संकट की घड़ी में आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

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कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे घर से बाहर निकलें तो मास्क पहने रहें. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें. यदि जाएं तो मास्क बिलकुल न उतारें, न उसे हाथों से बारबार छुएं. अपने हाथ साफ करते रहें, इसलिए सैनिटाइजर अपने साथ ही कैरी करें. लिफ्ट या गेट खोलने के लिए कुहनी का इस्तेमाल करें. अच्छा यह रहेगा कि अपने साथ टिशूपेपर ले कर चलें. इस्तेमाल हुए टिशू को तुरंत डस्टबिन में डाल दें. छींकते या खांसते समय अपने मुंह को टिशू से ढक लें. बारबार चेहरे पर हाथ लगाने से बचें. सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों को नजरअंदाज न करें. लोगों से उचित दूरी बनाए रखें. इस बात का ध्यान रखें कि अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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यूपी में कोरोना कर्फ्यू खत्म होने टीकाकरण और ट्रेसिंग पर जोर

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ श्री नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी नेतृत्व में प्रदेश में 3 टी के अभियान से प्रदेश में अन्य प्रदेशों की तुलना में कोविड संक्रमण सबसे कम समय में नियत्रण में आया है. देश में सबसे कम समय में प्रतिदिन आने वाले सक्रिय मामलों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का 3 टी अभियान अन्य प्रदेशों के लिए एक माॅडल के रूप में सामने आया है.

सर्विलांस से ट्रेसिंग :

सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ 05 मई, 2021 से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है. अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है, इसके साथ-साथ उनको 11 लाख से अधिक मेडिकल किट भी बांटी गयी है.

प्रदेश में संक्रमण कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके. उन्होंने बताया कि 31 मार्च से अब तक 70 प्रतिशत टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये है.

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 600 से कम होने पर जनपदों में आंशिक कोरोना कफ्र्यू हटाकर पूर्व की तरह साप्ताहिक बंदी लागू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि साप्ताहिक बंदी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों मंे फोगिंग, सैनेटाइजेशन व साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में लगभग 1.50 लाख से अधिक कर्मचारी लगाये गये है. प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है.

टीकाकरण पर जोर :

माह जून में 01 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. अगले माह से प्रतिदिन 10 लाख से अधिक टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है. बड़े औद्योगिक ईकाइयों को कहा गया है कि वे अपनी ईकाइयों में कार्य कर रहे कर्मचारियों का टीकाकरण करायें सरकार द्वारा आवश्यक सहयोग दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में आॅक्सीजन युक्त बेडों की संख्या मंे निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है. जिसके क्रम में कल 106 बेडों की बढ़ोत्तरी की गयी है. कोविड-19 संक्रमण से बच्चों के उपचार के लिए पीकू/नीकू बेड भी तैयार किये जा रहे है.

श्री सहगल ने बताया कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी औद्योगिक गतिविधियां में तेजी से कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में आने वाले नये निवेशकों के प्रस्तावों पर सहमति अथवा अनुमति तत्काल दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये हैं. लगभग 66,000 करोड़ के नये प्रस्ताव पर कार्यवाही चल रही है.

उन्होंने बताया कि एमएसएमई एक्ट में संसोधन करते हुए नये उद्योगों को लगाने को सरल किया गया है, जिसमें 1000 दिन तक किसी प्रकार के कागज की आवश्यकता नहीं है. जो एमओयू किये गये हैं उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 15 लाख मजदूर मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी द्वारा मनरेगा के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के कार्यों का और तेजी से अमल में लाने के निर्देश दिये गये हैं.

कमजोर वर्गों पर नजर :

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कल संगठित और असंगठित श्रमिकों को 1000 रुपये भत्ता दिया जा रहा है, जिसके तहत डीबीटी के माध्यम से 30 लाख से अधिक लोगों को सीधे उनके खातों में भत्ता दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 17 लाख पात्र लोगों को खाद्यान्न वितरित किया गया है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 20 लाख से अधिक पात्र लोगों को खाद्यान्न वितरण किया जाना है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा भी पात्र लोगों को खाद्यान्न वितरण किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से कोविड संक्रमित मरीजों का हालचाल जानने के साथ-साथ खाद्यान्न योजना का भी फीडबैक लिया जा रहा है. सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से 41 हजार लोगों से वार्ता की गई है.

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है. 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा. गेहँू क्रय अभियान में 10 लाख से अधिक किसानों से 46,96,521.87 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है, जो विगत वर्ष से डेढ़ गुना अधिक है.

जनप्रतिनिधि लें गांव के अस्पताल गोद

लखनऊ . कोविड के संक्रमण से ठीक हुए लोगों की सेहत को लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिक्रमंद हैं. करीब तीन हफ्ते पहले ही उन्होंने हर जिला हॉस्पिटल में पोस्ट कोविड केयर सेंटर बनाने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में अपने बस्ती दौरे के दौरान उन्होंने सभी जिलों में सौ बेड का पोस्ट कोविड वॉर्ड शुरू करने का निर्देश दिया.

बस्ती मंडल की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलो में 01 जून से 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा . 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावको, न्यायिक अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों तथा मीडिया के प्रतिनिधियों को टीका लगाने के लिए अलग से काउंटर खोले जायेंगे. उन्होने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे एक-एक सीएचसी/पीएचसी गोद लें और वहां नियमित रूप से विजिट करें. अधिकारियों को निर्देश दिया कि टीकाकरण, सैनिटाइजेशन तथा फागिंग की सूचना जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराएं जिससे वे इसका सत्यापन कर सके.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि   कि प्रत्येक जिले में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फागिंग, निगरानी समिति द्वारा स्क्रीनिंग एंव दवा किट वितरण, कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर द्वारा फील्ड में किए जा रहे कार्य का सत्यापन तथा कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए अस्पतालों की तैयारी को  प्राथमिकता दें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात को देखते हुए इंसेफेलाइटिस डेंगू, चिकुनगुनियां आदि बीमारियों से सुरक्षा के लिए भी समुचित प्रबन्ध किए जाएं. इसके लिए हर गांव एवं वार्ड में दिन में सैनिटाइजेशन तथा रात में फागिंग किया जाय.

मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. उन्होंने ग्रामीणों को खुले में शौच न करने तथा शौचालय का उपयोग करने को लेकर जागरूकता बढाने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में सभी ने अच्छा कार्य किया है, लेकिन तब भी हमें सर्तक रहना होगा. यह एक महामारी है इसलिए सामान्य बीमारी से इसकी तुलना करना उचित नहीं है.

प्रदेश के सभी जिलों को आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर जिले में प्लांट स्वीकृत किया गया है, उस पर काम भी चल रहा है. उन्होने निर्देश दिया कि प्रत्येक आक्सीजन प्लांट के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें, जो कार्यदायी संस्था से समन्वय स्थापित करके इसको शीघ्र स्थापित कराए . सरकार ब्लैक फंगस से निपटने के लिए विशेष प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि सीएचसी/पीएचसी पर अभी ओपीडी शुरू नही की जाएगी, लेकिन जिला अस्पताल में नानकोविड अस्पताल संचालित करके गंभीर रोगों के मरीजो का इलाज किया जायेगा .

अन्य लोग टेली कन्सल्टेन्सी के माध्यम से डाक्टरों से परामर्श कर सकते हैं . साथ ही महिला एवं बच्चों के लिए अलग से अस्पताल संचालित किए जाने पर उन्होंने जोर दिया . सभी सीएचसी/पीएचसी में साफ-सफाई, रंगाई-पोताई अगले एक सप्ताह में कराने और सभी उपकरण एंव मशीन सही कराने के निर्देश दिए . उन्होंने जिले के अस्पतालों में जिलाधिकारी तथा मेडिकल कालेज में वहां के प्रधानाचार्य, पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई शुरू करने को कहा .

पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स को मेडिकल कालेज से सम्पर्क करके टेनिंग दिलाए जाने की बात भी कही. उन्होंने वेंटीलेटर संचालित करने के लिए आईटीआई के छात्रों को ट्रेंड करने के निर्देश दिए.

जिले में कोई भूखा न रहे लिहाजा कम्युनिटी किचन का संचालन हो जिससे अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन, मजदूर, स्ट्रीट वेंडर, पल्लेदार एवं फुटपाथ पर रह कर गुजारा करने वालों को दो वक्त का शुद्ध ताजा भोजन मिल सके.

उन्होने कोरोना कर्फ्यू के नियमों का कड़ाई से पालन कराने को कहा. साथ ही कंटेनमेंट जोन में कड़ाई बरते जाने को लेकर निर्देश दिए . उन्होंने कहा कि उद्योग, कृषि, सब्जी मण्डी खोलने की अनुमति दी गयी है, लेकिन वहां बेवजह की भीड़ एकत्र न होने दें. शादी-विवाह में 25 से अधिक लोगों को जाने की अनुमति न दें और इसका कड़ाई से पालन भी कराएं. जून माह में फ्री खाद्यान्न वितरित किया जाएगा. ऐसी व्यवस्था बनाये की पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न मिल सके .

नरेंद्र दामोदरदास मोदी के “आंसू”

आने वाले समय में शायद हमारे देश में एक कहावत प्रचलित हो जाएगी-” नरेंद्र मोदी के आंसू…”

बीते दिनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉक्टरों से संवाद कर रहे थे इसी दरमियान एक बार पुनः आंसू बहाने लगे . मोदी के साथ विसंगति यह है कि अपने आप को चट्टान की तरह कठोर भी साबित करना चाहते हैं और खुद को 56 इंच का सीने वाला बताने में गर्व महसूस करते थे और आजकल उन्होंने आंसू बहा कर संवेदना का चोला पहन कर देश की जनता को यह बताने का प्रयास किया है कि वे बहुत ही नरम हृदय के स्वामी है.

कोरोना कोविड-19 के इस संक्रमण काल में देश के प्रधानमंत्री को मजबूती के साथ खड़े होने की आवश्यकता है जैसे देश के हालात बन गए हैं उसके लिए एक मजबूत और विवेकशील नेतृत्व की आवश्यकता है.

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मगर, दो नावों की सवारी से मोदी अपनी छवि जो देश के जनमानस पर गढ़ना चाहते हैं, उसमें स्वयं ही अपनी भद पिटवा कर देशभर में कौतुक और हास्य का विषय बन गए हैं.

प्रधानमंत्री कैसा हो?

सीधी सी बात है कि हर आदमी, देश का हर एक नागरिक चाहता है कि उसका नेतृत्व करने वाला प्रधानमंत्री विवेकशील और संवेदनशील हो. वह आम जनता के दुख, दर्द समस्या को महसूस करें और उसे दूर करने का ईमानदारी से प्रयास करें.

मगर आज कोरोना वायरस के इस समय में हमारे देश के प्रधानमंत्री की गतिविधि और व्यवहार से आम जनता संतुष्ट नजर नहीं आती. जिस तरीके से देश में ऑक्सीजन की कमी हुई क्या वह जायज है ? जिस तरीके से हॉस्पिटलों में लोगों के लिए बेड और चिकित्सा की व्यवस्था नहीं थी क्या वह जायज है? जिस तरीके से डॉक्टरों, प्रशासन का व्यवहार आम जनता के साथ देखा गया क्या वह जायज है? ऐसे ही कुछ और भी महत्वपूर्ण पहलू हैं जिन्हें देखकर के आम जनमानस में यह धारणा बनी है कि हमारे देश के नेतृत्व था प्रधानमंत्री आज पूरी तरीके से असफल हो गए हैं. दुनिया के लगभग 40 से ज्यादा देशों ने हमें ऑक्सीजन भेजा, हमें मदद की, छोटे-छोटे देशों ने आगे आकर मदद का आह्वान किया और बिना मांगे चिकित्सा रसद भेजी इन सब बातों से यह संदेश गया कि हमारा देश और हमारा नेतृत्व कितना कमजोर है. आज हमें हाथ पसारना पड़ रहा है हम विश्व गुरु बनने की दौड़ में है हम बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं, हमारे प्रधानमंत्री इतना ऊंचा ऊंचा हांकते हैं कि लोग उनके मुरीद हो गए, लेकिन जमीनी हकीकत को देख कर के मानो धरती का सीना है फट गया.

अगर मोदी एक प्रधानमंत्री और मुखिया होने के नाते अपने आप को असहाय बताएंगे आंसू बहाने लगेंगे तो देश की जनता का क्या होगा… हमें अखिर कैसा प्रधानमंत्री चाहिए? 56 इंच के सीने के झूठे वादे के साथ चुनाव के दंगल में आप ने बाजी मार ली. मगर हकीकत यह है कि आप एक बहुत ही कमजोर प्रधानमंत्री के रूप में याद किए जाएंगे एक सीधा सा उदाहरण यह है कि संकट आने पर अगर घर का मुखिया आंसू बहाने लगेगा तो घर के दूसरे सदस्यों पर क्या बीतेगी. शायद इसीलिए कहा जाता है कहावत है कि घर के मुखिया को मजबूत होना चाहिए उसे आंसू नहीं बहाना चाहिए . मगर यह एक छोटी सी बात प्रधानमंत्री जी को शायद पता नहीं है.क्योंकि आप के आंसू आपकी कमजोरी भारत देश के इस परिवार को कमजोर बनाने वाली है.

आंसू, प्रधानमंत्री और प्रोटोकॉल!

शायद आने वाले समय में इतिहास में नरेंद्र दामोदरदास मोदी को एक आंसू बहाने वाले प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाएगा. शायद ही देश में कोई ऐसा प्रधानमंत्री हुआ हो जो इस तरह बात बेबात आंसू बहाने लगा हो. अभी तक जाने कितनी बार में अपने आंसू देश की जनता को दिखा चुके हैं और अब शायद आगे इस पर शोध भी होने लगेगा.

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एक महत्वपूर्ण तथ्य हमें नहीं भूलना चाहिए कि एक बैठक में अभी हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रोटोकॉल बताया गया था. याद दिला कर कहा गया था कि प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए! तो क्या देश के प्रधानमंत्री के लिए प्रोटोकॉल का कोई नियम नहीं है, उन्हें भी तो स्वप्रेरणा से इस बात को महसूस करना चाहिए कि वह इस महान देश के एक प्रधानमंत्री हैं और उनका भी कुछ धर्म है, एक प्रोटोकॉल है. छोटी-छोटी बात पर उन्हें आंसू नहीं बहाना चाहिए इसका गलत संदेश देश की जनता में जाता है.

मगर, नरेंद्र दामोदरदास मोदी बारंबार अपने आप जनता की सपोर्ट प्राप्त करने के लिए देश की जनता की संवेदना और प्यार पाने के लिए आंसू बहाने लगते हैं.

जिस तरह एक अभिनेता का व्यवहार होता है आंसू बहाने के दृश्य को जीवंत बना करके तालियां बटोर लेता है, अपने आप को एक अच्छा महान अभिनेता सिद्ध करना चाहता है वैसे ही प्रधानमंत्री मोदी भी बड़ी ही चतुराई के साथ देश की जनता को भ्रमित करना चाहते हैं यही कारण है कि उनके आंसुओं को मगरमच्छ के आंसू जैसा बता करके उनका देश भर में खूब मजाक उड़ा है.

बंदर और मगरमच्छ की कहानी को याद किया है – शायद आपको भी मगरमच्छ और बंदर कहानी याद होगी. मगरमच्छ की पत्नी बंदर का मीठा कलेजा खाना चाहती है क्योंकि जिस पेड़ पर बंदर रहता है और जामुन खाता है तो उसका हृदय कितना मीठा होगा ? और पत्नी के दबाव दबाव में बंदर का कलेजा लेकर मगरमच्छ जब पानी में आगे बढ़ता है और बंदर चतुराई के साथ कहता है मेरा हृदय तो जामुन के पेड़ पर‌ ही रह गया. मगरमच्छ बंदर को वापिस पेड़ पर छोड़ देता है तो बंदर कहता है कि अरे मूर्ख तेरी मेरी दोस्ती आज से खत्म….!

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अब सवाल लाख टके का यह है कि देश की जनता को क्या कोरोंना संक्रमण काल की पीड़ा, त्रासदी से सबक सीखा है या फिर आंसुओं में बह जाती है.

कोरोना काल में बिखरते परिवारों को जोड़ेगा राज्य महिला आयोग

लखनऊ. कोरोना महामारी के बीच राज्य महिला आयोग यूपी के विभिन्न जनपदों से आने वाले दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुराचार के मामलों का निस्तारण करा रहा है. कोरोना काल में ही ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें पारिवारिक कलह से टूटते परिवारों को वापास जोड़ने का काम आयोग की सदस्यों ने पूरी संजीदगी के साथ किया है. राज्य महिला आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पीड़ित महिलाओं की शिकायतों के निस्तारण के लिये ऑनलाइन सेवा की शुरुआत की है. तो पति-पत्नी, बेटा-बहू के बीच रिश्तों में आई कड़वाहट को भी दूर करने का काम निरंतर जारी है.

कोरोना काल में 15 मार्च  से 17 मई  तक राज्य महिला आयोग ने यूपी के विभिन्न जनपदों से आई 6258 शिकायतों पर सुनवाई की है. इनमें से 3204 महिलाओं को न्याय दिलाया जा चुका है. जबकि 3054 शिकायतों पर कार्रवाई कर जल्द निस्तारित करने में आयोग के सदस्य जुटे हैं. इसके अलावा लखनऊ और अन्य जिलों से सदस्यों के मोबाइल पर आने वाली शिकायतों का रोज संज्ञान लिया जा रहा है. जिन जिलों से शिकायतें आयोग की सदस्यों के पास आ रही हैं वहां के संबंधित अधिकारियों से बात कर मामलों का निस्तारित कराया जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल बताती हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर कोरोना काल में यूपी में पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल रहा है. आयोग की सभी 25 सदस्य इस काम में दिन- रात जुटीं हैं. गौरतलब है कि योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें समाज में बराबरी का दर्ज दिलाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है. इनसे निरंतर पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलना संभव हुआ है.

यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आ रही कमी

कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की महिलाओं को घर बैठे न्याय दिलाने की पहल राज्य महिला आयोग ने की है. पीड़ित महिलाओं को मिल रहे न्याय के कारण उनपर होने वाले अपराधों की संख्या काफी घटी है. महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्य जमीनी स्तर पर ठोस कार्ययोजना बनाकर महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटी हैं.

पीड़ित महिलाएं व्हाट्सएप नम्बर 6306511708 पर भेज रही शिकायतें

प्रदेश के 75 जिलों में महिला आयोग की ओर से व्हाट्सएप नम्बर 6306511708 जारी किया गया है. उत्पीड़न की शिकार महिलाएं इसपर अपनी शिकायतें भेज रहीं है. अध्यक्ष और सदस्य अपने निजी ई-मेल पर भी शिकायत पत्र मंगा रहे हैं. जिससे पीड़ित महिलाओं की सुनवाई और शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सके.

न्याय के साथ बीमार महिलाओं को इलाज दिलाने में भी आयोग की सदस्य आगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाना और अपराधों पर अंकुश लगाना है. उन्होंने राज्य महिला आयोग को अपनी भूमिका बढ़ाते हुए महिलाओं को अपने अधिकारों व सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर टीम बनाकर काम करने के निर्देश दिये हैं . कोरोना काल में पीड़ित महिलाओं को न्याय ही नहीं, बीमार महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराने के लेकर उनको इलाज दिलाने की मदद भी आयोग की महिला सदस्यों की ओर से किया जा रहा है.

राशन वितरण अभियान से मिलेगा उत्तर प्रदेश के लोगों को राशन

लखनऊ . योगी सरकार गुरुवार को देश का सबसे बड़ा मुफ्त राशन वितरण अभियान शुरू करने जा रही है. प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाएगा . सरकारी राशन दुकानों से पात्रों को 3 महीने मुफ्त राशन दिया जाएगा.

हर कार्ड धारक को 3 किलो गेहूं के साथ 2 किलो चावल दिया जाएगा . कम्‍युनिटी किचन और फूड पैकेट के जरिये रोज हजारों गरीबों तक भोजन पहुंचा रही योगी सरकार ने देश के सबसे बड़े राशन वितरण अभियान के लिए चाक चौबंद तैयारी की है. योगी सरकार ने अपने  मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को मुफ्त राशन वितरण अभियान की निगरानी के लिए जिलों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं.

प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायक अलग अलग जिलों में मौजूद रह कर राशन वितरण अभियान की शुरुआत करेंगे.

राशन वितरण की निगरानी के लिए सरकारी दुकानों पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है. पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्‍टाचार मुक्‍त बनाने के लिए राशन वितरण ई पॉस मशीनों के जरिये किया जाएगा.

पात्र गृहस्‍थी योजना के 13,41,77,983 लोगों के साथ अंत्‍योदय अन्‍न योजना के 1,30,07,969 पात्रों को भी मुफ्त राशन वितरण योजना का लाभ मिलेगा . यूपी के कार्ड धारकों के अलावा पोर्टबिलिटी के आधार पर कोई भी पात्र कार्ड धारक प्रदेश की सरकारी राशन दुकानों से मुफ्त राशन प्राप्‍त कर सकेगा. मई महीने का राशन वितरण गुरुवार से शुरू हो कर 31 मई तक चलेगा.

29 से 31 मई तक पोर्टबिलिटी के आधार पर पात्र लोगों को राशन वितरण किया जाएगा.  कम्‍युनिटी किचन और फूड पैकेट के जरिये पहले ही गरीबों तक भोजन पहुंचा रही योगी सरकार ने अब मुफ्त राशन वितरण अभियान के लिए बड़े स्‍तर पर तैयारी की है. प्रदेश की लगभग 80 हजार सरकारी राशन दुकानों तक खाद्यान्‍न पहुंचाने के साथ कोविड प्रोटोकाल के पालन के भी निर्देश जारी किए गए हैं .

खाद्यान्‍न वितरण में सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ टोकन सिस्‍टम लागू किया जा रहा है, ताकि भीड़ जुटने से रोका जा सके . राज्‍य सरकार ने हर राशन दुकान पर सेनिटाइर, साबुन और पानी की उपलब्‍धता अनिवार्य की है. ई पास मशीनों के इस्‍तेमाल से पहले सेनिटाइजेशन जरूरी होगा. एक दुकान पर एक समय में अधिकतम 5 उपभोक्‍ता ही मौजूद रह सकेंगे .

गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार ने पात्र कार्ड धारकों को 8 महीने तक मुफ्त राशन वितरण किया था. 5 किलो खाद्यान्‍न प्रति यूनिट की दर से राज्‍य सरकार ने सरकारी दुकानों से पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक 60 लाख मी टन खाद्यान्‍न का मुफ्त वितरण किया था, जो कि देश में एक रिकार्ड है .

योगी सरकार के कोविड प्रबंधन का कायल हुआ डब्‍ल्‍यूएचओ

लखनऊ- योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन पर एक बार फिर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने मुहर लगा दी है. ग्रामीण इलाकों में राज्‍य सरकार के कोरोना के माइक्रो मैनेजमेंट का डब्‍ल्‍यूएचओ भी कायल‍ है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुल कर तारीफ की है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने के लिए  चलाए जा रहे महा अभियान की चर्चा करते हुए अपनी रिपोर्ट में बताया  है कि राज्‍य सरकार ने किस तरह से 75 जिलों के 97941 गांवों में घर घर संपर्क कर कोरोना की जांच करने के साथ आइसोलेशन और मेडिकल किट की सुविधा उपलब्‍ध कराई.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट को धरातल पर परखने के लिए यूपी के ग्रामीण इलाकों में 10 हजार घरों का दौरा किया . डब्‍ल्‍यू एचओ की टीम ने खुद गांवों में कोविड मैनेजमेंट का हाल जाना. कोरोना मरीजों से उनको मिल रही चिकित्‍सीय सुविधाओं के बारे में पूछताछ की. इतना ही नहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के विशेषज्ञों ने फील्‍ड में काम कर रही 2 हजार सरकारी टीमों के काम काज की गहन समीक्षा भी की है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में  बताया है कि किस तरह यूपी के ग्रामीण इलाकों में किस तरह योगी सरकार ने सामुदायिक केंद्रों, पंचायत भवनों और स्‍कूलों में कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा दे रही है. जिले के हर ब्‍लाक में कोविड जांच के लिए राज्‍य सरकार की ओर से दो मोबाइल वैन तैनात की गई है. कोरोना के खिलाफ महाअभियान के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की 141610 टीमें दिन रात काम कर रही हैं.

कोविड मैनेजमेंट की इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए योगी सरकार ने 21242 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है.

ग्रामीण इलाकों में कोविड समेत अन्‍य संक्रामक बीमारियों की  रोकथाम के लिए योगी सरकार ने बड़े स्‍तर पर स्‍वच्‍छता अभियान चला रखा है. 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्‍य गांवों में घर घर पहुंच कर न सिर्फ कोविड के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं बल्कि साफ, सफाई और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं से भी जोड़ रहे हैं. राज्‍य में इस तरह का अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्‍य है.  गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्‍ल्‍यूएचओ समेत देश और दुनिया में जम कर तारीफ हुई थी.

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के मंत्र से प्रदेश सरकार कर रही कोरोना का मुकाबला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दूसरी लहर का मुकाबला पूरा देश कर रहा है. ‘ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट’ का जो मंत्र कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सभी राज्यों को दिया गया है, उसको अपना कर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को राहत पहुंचाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 30 अप्रैल, 2021 की अपेक्षा 77,000 एक्टिव केस कम हुए हैं. पॉजिटिविटी घटी है और रिकवरी दर बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वाराणसी मंडल में एक सप्ताह में 9285 एक्टिव केस आए हैं, जिसमें वाराणसी जनपद में 4500 से अधिक केस हैं. कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर काफी तीव्र व संक्रामक रही है.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे देश में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस व इंडियन एयर फोर्स के विमान का इस्तेमाल ऑक्सीजन आपूर्ति में किया गया. इससे कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सभी राज्यों को सुगमता हुई.

उन्होंने कहा कि जिस तेजी से कोरोना को संक्रमण बढ़ा, उसी तेजी से ऑक्सीजन की भी डिमांड बढ़ी. वर्तमान में लगभग 1000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है. महामारी का मुकाबला सभी के सहयोग से किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार महामारी का मुकाबला मजबूती से कर रही है. इसके लिए हर स्तर पर संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं. टीकाकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दो स्वदेशी वैक्सीन अभी फिलहाल लग रही है और तीसरी वैक्सीन के लिए भी सहमति मिल गई है.

उन्होंने कहा कि सभी को टीके के लिए आगे आना चाहिए. आसानी से टीकाकरण किया जा सके, इसके लिए टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी चिकित्सा के क्षेत्र का हब है. पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित बिहार के लोग चिकित्सा सुविधा यहां प्राप्त करते हैं. 750 बेड के डी0आर0डी0ओ0 की मदद से बनाये गए अस्थायी अस्पताल जिसमें 250 बेड वेंटीलेटर के हंै, से वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के लोगों को बड़ी राहत होगी. यहां आर्मी मेडिकल कोर के साथ ही बी0एच0यू0, स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा अन्य संसाधनों को समन्वय स्थापित कर मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से पर्याप्त वैक्सीन मिल रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के सेकंड वेव को रोकने के लिए किये गये कार्यों की सार्थकता दिखाई दे रही है. पॉजिटिविटी घटी है और रिकवरी दर बढ़ी है. लेकिन अभी सतर्कता की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने जन सामान्य से अपील की कि वह बिना वजह अपने घरों से बाहर न निकलें और अपने घरों में ही सुरक्षित रहें. जरूरत पड़ने पर घरों से बाहर निकलने पर हर व्यक्ति कोविड नियम का पालन करे. चेहरे पर मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हर हालत में करें. हाई रिस्क कैटेगरी के लोग घरों से बाहर कतई न निकलें. वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएं और वैक्सीन अवश्य लगवाएं. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि ‘कोरोना हारेगा और देश जीतेगा’.

कोरोना: साधु संत, ओझाओं के चक्कर में!

कोरोना कोविड 19 का भयावह रूप आज देश देख रहा है. आज वैज्ञानिक भी इस संक्रमण के सामने असहाय हैं‌ और एक गाइडलाइन जारी कर दी गई है. ऐसे में देश में कुछ साधु, संत, ओझा, गुनिया ज्ञान बघार रहे हैं. और एक तरह से कानून को चैलेंज करते हुए बकायदा सोशल मीडिया में वीडियो वायरल करके अपनी बात प्रसारित कर रहे हैं.

जिससे यह सिद्ध हो जाता है कि आज भी हमारे देश में किस तरह साधु संत और ओझाओं की तूती बोल रही है. होना यह चाहिए कि ऐसे लोगों पर शासन प्रशासन तत्काल लगाम लगाए, ताकि कोई भी कुछ मनगढ़ंत ज्ञान बघार करके लोगों की जान का दुश्मन न बन सके.

आज हालात इतने गम्भीर हो रहे हैं कि यह साधु संत झूठे ही कोरोना से बचाव के दावे करके, एक तरह से लोगों की जान सांसत में डालने का काम कर रहे हैं.

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छत्तीसगढ़ में इन दिनों एक अनाम तिलकधारी साधु का वीडियो वायरल है, जो बड़े ही धीरे गंभीर वाणी में नींबू के दो चार रस के प्रयोग की सलाह दे रहा है, यह वीडियो बड़ी तेजी से गांव गांव पहुंच रहा है. लोग इस गेरुआ वस्त्र धारी के बताए हुए बातों में विश्वास भी कर रहे हैं जो कि सौ फीसदी झूठ के अलावा कुछ भी नहीं है.

वायरल वीडियो में कथित साधु! कि दावा है – ‘एक नींबू लो और उसके रस की दो-तीन बूंदें अपनी नाक में डालें…. इसे डालने के महज 5 सेकेंड के बाद आप देखेंगे कि आपका नाक, कान, गला और हृदय का सारा हिस्सा शुद्ध हो जाएगा.’
वीडियो में गेरूए कपड़ा पहने साधु कह रहा है- ‘आपका गला जाम है, नाक जाम है, गले में दर्द है या फिर इनफेक्शन की वजह से बुखार है, ये नुस्खा सारी चीजें दूर कर देगा. आप इसका प्रयोग जरूर कीजिए, मैंने आज तक इस घरेलू नुस्खे का उपयोग करना वालों को मरते हुए नहीं देखा है. यह नुस्खा नाक, कान, गला और हृदय के लिए रामबाण है. बाकी आपको जो करना है कीजिए लेकिन एक बार इसे जरूर आजमाइए.

यह साधु इतने भोलेपन से अपनी बात कह रहा है कि लोग सहज ही इसे मान सकते हैं. क्योंकि सोशल मीडिया में प्रसारित ऐसे लोगों के झूठे वायरल वीडियो की कोई काट सरकार के पास नहीं है और न ही प्रशासन कोई सख्त कार्रवाई कर पाता है.

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झूठ फैलाने का माध्यम बना सोशल मीडिया….!

जैसा कि हम जानते हैं सोशल मीडिया आज लोगों तक बात पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम मंच बन चुका है.

मगर जैसा की कहावत है किसी भी चीज की अच्छाई और बुराई दोनों होती है सोशल मीडिया की भी यही सच्चाई है इसका प्रयोग कई जगह नकारात्मक ढंग से भी किया जाता है. प्रणाम स्वरूप झूठ बड़ी तेजी से फैलता है और यह लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसे में नींबू की चार बूंद से कोरोना के इलाज का दवा यह बता जाता है कि किस तरह सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसलिए जहां सरकार को इसके लिए कुछ कठोर नियम बनाने चाहिए वहीं लोगों में भी यह समझ होनी चाहिए कि सोशल मीडिया में प्रसारित हर बात का तथ्य सही नहीं होता उसे हम अपने नीर क्षीर बुद्धि से समझे कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तो नहीं है. दरअसल कई संदर्भ आ चुके हैं जब सोशल मीडिया में प्रसारित नुस्खों के कारण लोगों की जान पर बन आई.

एक्शन और जागृति जरूरी

सोशल मीडिया में कुछ भी अपने अधकचरे ज्ञान से परोस देना समझदारी नहीं है. वस्तुत: लोगों का हित सोचते सोचते लोग बुरा कर बैठते हैं. इसकी प्रमुख वजह है हमारे देश ने बहुतायत लोग अशिक्षित हैं और अफवाह बाजी में सिद्धहस्त हैं. ऐसे लोग अपने आप को परम ज्ञानी समझते हैं. और साथ ही कुछ लोग अपने प्रचार प्रसार के लिए और इसे एक धंधा बनाने के लिए भी झूठे अध कचरे ज्ञान को प्रसारित करने की चेष्टा करते है. देश में बहुसंख्यक लोग आज भी गांव में रहते हैं, वही शहरों में भी साधु संत के चोले में आकर के कुछ भी कहने वाले लोगों के लिए बड़ी श्रद्धा और अंधविश्वास है, परिणाम स्वरूप इसका नुकसान भी लोग उठाते हैं.ऐसे में यही कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया में आ रहे किसी जानकारी को आंख बंद करके कभी भी स्वीकार ना करें. इसके लिए वैज्ञानिक सच्चाई को जानने समझने और मानने में ही आपका भला है.

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Anjana Singh ने कोरोन वायरस का कहर देखते हुए सरकार से की रिक्वेस्ट, कहीं ये बात

देशभर में कोरोना के वायरस का कहर देखते हुए लोग केन्द्र सरकार से सम्पूर्ण लॉकडाउन का मांग कर रहे हैं. अब खबर यह आ रही है कि भोजपुरी इंडस्ट्री की फेमस एक्ट्रेस अंजना सिंह ने भी सरकार से एक बार फिर पूर्ण लॉकडाउन लगाने की रिक्वेस्ट की है.

अंजना सिंह ने अपने सभी फैंस से घर पर रहने का आग्रह किया है. एक्ट्रेस ने यह भी बताया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखने के बाद फिल्मों की शूटिंग एक बार फिर रद्द कर दी गई हैं. कई चीजें पेंडिंग रहेगा.

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खबर यह आ रही है कि अंजना सिंह ने सभी से कहा है कि वो जितना हो सके अपने घरों में ही रहें. एक्ट्रेस ने कहा, ‘मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि घर पर रहें और अगर कोई वास्तविक कारण नहीं है तो बाहर कदम ना रखें.

एक्ट्रेस ने फैंस से ये भी बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर अधिक खतरनाक है. इसलिए मैं सभी से घर पर रहने का अनुरोध करती हूं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को लोगों की सुरक्षा के लिए फिर से लॉकडाउन लागू करना चाहिए.

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