सवाल

मैं 26 वर्षीय युवक हूं. आजकल जैसी हालत है उस में घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं. लेकिन औफिस खुल गया है, नौकरी करनी भी जरूरी है तो घर से बाहर निकलता हूं.  पर, हमेशा मनमस्तिष्क पर चिंता छाई रहती है कि कहीं मैं भी कोरोना पौजिटिव हो गया और मुझ से घरवालों को हो गया तो क्या होगा. घर छोटा है, तो होम क्वारंटीन भी नहीं हो सकते. अस्पताल जाना ही पड़ेगा और फिर अस्पताल का खर्च भी तो उठाना पड़ेगा. दिमाग बड़ा परेशान रहता है, क्या करूं?

जवाब

सब से पहले तो हम यही कहेंगे कि अपनी सोच पौजिटिव रखें. आप यंग हैं, समझदार हैं, पढ़ेलिखे हैं. इतना पढ़सुन रहे हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सिर्फ सावधानी की जरूरत है. अगर आप जागरूक हैं और सावधानी के साथ आगे कदम बढ़ा रहे हैं तो इस संकट की घड़ी में आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

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कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे घर से बाहर निकलें तो मास्क पहने रहें. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें. यदि जाएं तो मास्क बिलकुल न उतारें, न उसे हाथों से बारबार छुएं. अपने हाथ साफ करते रहें, इसलिए सैनिटाइजर अपने साथ ही कैरी करें. लिफ्ट या गेट खोलने के लिए कुहनी का इस्तेमाल करें. अच्छा यह रहेगा कि अपने साथ टिशूपेपर ले कर चलें. इस्तेमाल हुए टिशू को तुरंत डस्टबिन में डाल दें. छींकते या खांसते समय अपने मुंह को टिशू से ढक लें. बारबार चेहरे पर हाथ लगाने से बचें. सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों को नजरअंदाज न करें. लोगों से उचित दूरी बनाए रखें. इस बात का ध्यान रखें कि अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है.

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