सौजन्य- सत्यकथा
राहुल की मानसिक हालत और भी खराब हो गई थी. जिस कारण परिवार वालों के प्रति उस का व्यवहार काफी बदल गया था. कभीकभी वह अपने पिता की जिंदगी के बारे में सोचता तो परेशान हो उठता था. उस की नजरों में इस सब का कारण उस की मां हीरा देवी थी, जिस के प्रति उसे नफरत पैदा हो गई थी.
अगस्त, 2020 को दोनों बापबेटे दिल्ली से काम छोड़ कर घर आ गए थे. राजेंद्र शाही किराए के मकान के बजाए अपने ही मकान में रहने लगे थे. दिल्ली से आने के बाद से ही राहुल नौकरी की तलाश में लगा था. लेकिन उस की मां उसे हर वक्त बेरोजगारी का ताना मारती रहती थी. जिस से उस का मानसिक संतुलन और भी खराब हो गया था. ऊपर से पारिवारिक विवाद ने घर की शांति छीन रखी थी.
चारों बहनों में जमीनजायदाद को ले कर मनमुटाव होता रहता था. उस वक्त तक राहुल का बड़ा भाई रवींद्र भी मानसिक परेशानी होने के कारण नौकरी छोड़ कर घर आ गया था.
घर के विवाद को देख कर रवींद्र सिंह ने सभी को समझाने की कोशिश की,लेकिन घर में उस की एक न चली. रवींद्र की पत्नी पहले से ही पिथौरागढ़ में रहती थी. जबकि रवींद्र सिंह परिवार के साथ ही रहता था. एक घर में रहते हुए भी परिवार में अलगअलग खाना बनता था. कुल मिला कर राजेंद्र शाही के पास जमीनजायदाद सब कुछ होने के बावजूद परिवार में खुशियां बिलकुल नही थीं.
20 दिसंबर, 2020 को राहुल कुछ ज्यादा ही परेशान था. थोड़ी देर पहले ही वह शहर से आया था. तभी उस की मां ने फिर से वही ताना मारा, ‘‘आ गया आवारागर्दी कर के, तू नौकरी करेगा भी क्यों? तुझे तो मुफ्त की रोटी खाने की आदत पड़ गई है.’’
हीरा देवी न जाने क्याक्या बड़बड़ाए जा रही थी. इस के बावजूद राहुल चुपचाप घर के अंदर चला गया. उस ने कपड़े चेंज किए, फिर मोबाइल खोल कर उसी में लग गया. लेकिन दिमाग में मां के कहे शब्द बारबार गूंज रहे थे.
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शाम तक उस का दिमाग यूं ही घूमता रहा. शाम को पता चला कि उस के पिता आज कहीं गए हुए हैं. वह रात में नहीं आएंगे. राहुल अपने पिता के कमरे में सोता था. उस रात उस ने खाना खाया और फिर अपने ही कमरे में कैद हो गया. रात के 10 बजे ममता ने अपनी मां और भाई रवींद्र को खाना खिलाया और मां हीरा देवी को दवा देने के बाद कमरे में सुला दिया. हीरा देवी बीमार चल रही थी. फिर ममता भी अपने कमरे में जा कर सो गई. लेकिन उस रात राहुल अपनी मां के शब्दों से इतना आहत था कि उसे चाह कर भी नींद नहीं आ रही थी.
तभी उस के दिमाग में तरहतरह की शैतानी खुराफातें पैदा होने लगीं. उस के मन में बैठा शैतान जागा तो उस ने अपनी मां को ही मौत की नींद सुलाने की योजना बना डाली. वह देर रात उठा, फिर अपनी मां के कमरे में जा कर देखा. वह गहरी नींद में सोई पड़ी थीं.
घर के अन्य सदस्य भी अपनेअपने कमरों में सोए हुए थे. अपने कमरे से निकल कर राहुल सीधा किचन में गया. उस ने वहां से चाकू उठाया और उसे हाथ में थामे मां के कमरे की ओर बढ़ गया. हीरा देवी हर रात दवा खा कर सोती थी. उन पर दवाओं का नशा हावी रहता था.
मां को गहरी नींद में सोते देख राहुल शैतान बन गया. उस ने एक हाथ से अपनी मां का मुंह बंद किया और फिर दूसरे हाथ में थामे चाकू से मां के गले पर एक जोरदार वार कर डाला. इस से पहले कि हीरा देवी कुछ समझ पाती, चाकू के एक ही वार से उन के प्राणपखेरू उड़ गए.
मां को मौत की नींद सुलाने के बाद राहुल ने अपनी खून में सनी शर्ट चेंज कर ली. लेकिन खून सने लोअर के ऊपर उस ने पैंट पहन ली थी. उस के बाद उस ने बाहर के शटर का लगा ताला खोला, फिर वह निडर बेखौफ बाहर घूमता रहा.
उसी दौरान बाहर उस की आहट सुन कर ममता की आंखें खुलीं तो उस ने उसे बाहर घूमते हुए देखा. लेकिन वह उस की आदत को पहले से ही जानती थी. जिस के कारण उस ने उसे नहीं टोका.
इस केस के खुलते ही पुलिस ने मौके का मुआयना कर हत्या में प्रयुक्त चाकू, कमरे से राहुल के खून से सने कपड़े तथा वारदात के बाद खून से सने हाथ धोने में प्रयुक्त साबुन भी बरामद कर लिया था. पुलिस ने राहुल को अपनी ही मां की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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जमीनजायदाद के मोह ने एक हंसतेखेलते परिवार को बिखरने पर मजबूर कर दिया था, जिस की परिणति परिवार के सभी लोग रिश्तेनातों को दरकिनार कर कोर्टकचहरी के चक्कर लगा रहे थे.
वहीं घर की अशांति और बेरोजगारी से परेशान राहुल के दिल में परिवार वालों के प्रति इतनी नफरत पैदा हो गई थी कि उस ने अपनी मां को मौत की नींद सुला दिया. हत्या भी ऐसी अकल्पनीय जिसे सुन कर रोंगटे खड़े हो जाएं.