#coronavirus: हमारा कसूर क्या है साहब

एमपी में स्वास्थ महकमे के चार IAS अफसर कोरोना पौजिटिव है. भोपाल में 142 कोरोना पौजिटिव में स्वास्थ्य विभाग के ही 75 अधिकारी और कर्मचारी है.

इन बड़े IAS अफ़सरों की लापरवाही की सजा उनके नीचे के कर्मचारी और उनके परिवार वाले भुगत रहे हैं. इनमें क्लर्क, चपरासी और ड्राइवर भी हैं. यदि स्वास्थ्य विभाग के लोग इस क़दर संक्रमित नहीं होते तो भोपाल के रहवासी भी इतने सख्त लौकडाउन को  झेलने मजबूर न होते.

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कोरोना के लिए अब किसी गरीब और किसी क़ौम को दोष नहीं दिया जा सकता साहब .जब ये पढ़े लिखे अफ़सर ही कोरोना की भयावहता नहीं समझ पाए . अपने साहबजादों के‌ विदेश से लौटने की बात छिपाने वाले ये अफसर अपने मातहत अधिकारियों और घरेलू काम करने वाले नौकर चाकरों को  वायरस बाँटते रहे . अपने परिवार का पेट भरने के लिए लौकडाउन को तोड़ने वालेआम आदमी, मजदूर ,किसान और किसी कौम को जिम्मेदार ठहराने के पहले साहब यह भी सोच लो कि कसूर किसका है..

इन दिनों पुलिस छोटी छोटी जगहों पर कोरोना पीड़ितों के खिलाफ मामले दर्ज कर रही है. नरसिंहपुर जिले की चैक पोस्ट पर  एक तेरह साल के किशोर के शव वाहन को केवल इसलिए भोपाल वापस भेज दिया गया कि उस पर कोरोनावायरस के संक्रमित होने का संदेह था. एक छोटे से गांव के दलित युवक पर फेसबुक के माध्यम से कोरोना से संबंधित फर्जी पोस्ट करने पर एफ आई आर दर्ज कर ली गई .भोपाल और आगर के एक एक पत्रकार पर बीमारी फैलाने का आरोप लगाते हुए FIR हुयी है ,मगर इन अफसरों की लापरवाही पर सरकार की चुप्पी समझ से परे है.

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इस Lockdown में आखिर क्या कर रहीं हैं FIR की चंद्रमुखी चौटाला, देखें Video

सब टीवी के चर्चित शो एफ. आई. आर (FIR) की सब-इंस्पेक्टर (Sub Inspector) चन्द्रमुखी चौटाला (Chandramukhi Chautala) को आप जानते ही होंगे. इस रोल को निभानें वाली ऐक्ट्रेस कविता कौशिक (Kavita Kaushik) दर्शकों के बीच छा गई थीं. उन्होंने धारावाहिक एफ. आई. आर. (FIR) में चन्द्रमुखी चौटाला के रूप में दबंग पुलिस वाली का किरदार निभाया था. इस धारावाहिक  में उनके साथ दो हवलदार, मुलायम सिंह गु्लगुले और गोपीनाथ गंडोत्रा  के अलावा  बजरंग पांडे नाम के पुलिस इंस्पेक्टर भी थे जो सब इंस्पेक्टर चन्द्रमुखी चौटाला का अधिकारी होता है, दर्शकों को हंसाने में कामयाब रहे थे.

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इसके अलावा कविता कौशिक (Kavita Kaushik) नें धारावाहिक अरे दीवानों मुझे पहचानो, दिल क्या चाहता है, कुमकुम – एक प्यारा सा बंधन, कहानी घर घर की, रीमिक्स, तुम्हारी दिशा, नच बलिए – 3, केसर, घर एक सपना, कुटुंब में भी दमदार दमदार भूमिकाएं निभाई थी.

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अब जब देश में कोरोना के चलते लौकडाउन (Lockdown) लगा है तो लोगों ने अपनी बोरियत दूर करने के लिए अलग – अलग तरीके अपना लिए हैं. कविता कौशिक (Kavita Kaushik) उन्हीं में से एक है. वह इन दिनों अपने घर में हैं और खुद को व्यस्त रखने के लिए तमाम तरीके अपना रहीं है और अपने रूटीन से जुड़ी तस्वीरें फैंस के साथ शेयर कर रहीं हैं. इन तस्वीरों में वह अपने पति रोनित विश्वास के साथ बेहद रोमांटिक अंदाज में एक्सरसाइज करती नजर आ रहीं है. इस लौकडाउन के बीच इन्स्टाग्राम पर शेयर किये गए कुछ तस्वीरों और वीडियोज में उन्होनें अपने पति के साथ बहुत ही सेक्सी अंदाज में पोज दिए है.

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कविता कौशिक नें हाल ही में एक्सरसाइज के लिए सर्टिफिकेट भी हासिल किया है. शेयर किये गए फोटोज में वह एक योगा एक्सपर्ट के रूप में एक्सरसाइज करती  नजर आयीं. कविता कौशिक नें अलग अलग तरीके से एक्सरसाइज करते हुए का वीडियो और फोटोज शेयर किया है. किसी में वह सर के बल योगा करती नजर आ रहीं है तो किसी में वह पति के साथ योगा पोजीशन में हैं.

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हाल ही में दर्शकों नें दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत का पुनः प्रसारण की मांग की थी. जिसको लेकर कविता नें अपने विचार साझा किये थे. इसके बाद इनके ऊपर FIR कराये जाने की मांग तक होने लगी थी. उन्होंने लेकिन इन सबसे दूर कविता ने उन ट्रोलर्स को अपनी तस्वीरें शेयक कर करारा जबाब दिया है.

इन्स्टाग्राम पर शेयर किये गए कुछ तस्वीरों पर यूजर्स नें कमेन्ट भी किये और उनका मजाक भी बनाया है. योगा करने वाले वीडियो को लेकर एक यूजर नें मजे लेते हुए लिखा है “ध्यान रखियो पाँव पंखें में ना आ जाए चौटाला” वहीं एक नें लिखा है “इन्साफ की देवी चंद्रमुखी चौटाला”. एक और यूजर नें लिखा है “घर से बाहर निकलनें के जुर्म में चालान काट रहा हूं प्लीज Paytm करवा दीजिये.”

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ई-नाम पोर्टल पर तीन नई सुविधाएं, किसान भाई निभाएंगे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम

कोरोना (कोविड-19) वायरस से किसानों को कोई नुकसान नहीं हो, इसके लिए सरकार नई-नई योजनाओं और राहतों की घोषणाएं कर ही है. अब केंद्र सरकार ने देश के करोड़ों लघु और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल पर तीन सुविधाएं लांच की है. तो आइये जानते है इसके बारे में….

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बीते सप्ताह कोरोना वायरस के संक्रमण काल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का ख्याल रखते  हुए , किसान भाईयों के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार के ई- प्लेटफ़ॉर्म की प्रभावशीलता बनाने के लिए तीन उपयोगकर्ता के अनुकूल सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को लॉन्च किया. इससे किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए खुद थोक मंडियों में आने की जरूरत कम हो जाएगी. वे उपज  वेयरहाउस  में रखकर वहीं से बेच सकेंगे.

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कोरोना वाय़रस के संक्रमण के इस दौर में इसकी आवश्यकता है. साथ ही एफपीओ अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार कर सकते हैं व लॉजिस्टिक मॉड्यूल के नए संस्करण को भी जारी किया गया है, जिससे देशभर के पौने चार लाख ट्रक जुड़ सकेंगे. परिवहन के इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपयोगकर्ताओं तक कृषि उपज सुविधापूर्वक शीघ्रता से पहुंचाई जा सकेगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अनाज, फल और सब्जियों की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में मंडियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. नई सुविधाओं से छोटे और सीमांत किसानों को काफी सहूलियत होगी. वे अपनी उपज मान्यता प्राप्त गोदामों में रख पाएंगे, लॉजिस्टिक्स खर्चों को बचा सकेंगे और बेहतर आय अर्जित करते हुए देशभर में उपज को अच्छे तरीके से बेचकर खुद को परेशानी से बचा सकते हैं. मूल्य स्थिरीकरण समय और स्थान उपयोगिता के आधार पर किसान आपूर्ति और मांग की तुलना करते हुए फायदे में रहेंगे.

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एफपीओ को बोली के लिए अपने आधार/संग्रह केंद्रों से अपनी उपज अपलोड करने में सक्षम बनाया जा सकेगा. वे बोली लगाने से पहले उपज की कल्पना करने में मदद के लिए आधार केंद्रों से उपज और गुणवत्ता मापदंडों की तस्वीर अपलोड कर सकते हैं. एफपीओ के पास सफल बोली लगाने के बाद मंडी के आधार पर या अपने स्तर से उपज वितरण का विकल्प रहेगा. इन सबसे मंडियों में आवागमन कम होने से सभी को सुविधा होगी, परिवहन की लागत कम होगी. साथ ही ऑनलाइन भुगतान की सुविधा मिलेगी.

आपको बता दे कि ‘ ई-नाम’ पोर्टल 14 अप्रैल 2016 को शुरू किया गया था, जिसे अपडेट कर काफी सुविधाजनक बनाया गया है. इसमें पहले से ही 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल पर एकीकृत किया गया है इसके अतिरिक्त 415 मंडियों को भी ई-नाम से जल्द ही जोड़ा जाएगा, जिससे इस पोर्टल पर मंडियों की कुल संख्या एक हजार हो जाएगी. ई-नाम पर इन सुविधाओं के कारण किसानों, व्यापारियों व अन्य को मंडियों का चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी.

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इस Lockdown देखिए भोजपुरी की ये सबसे बड़ी कौमेडी फिल्म

बौलीवुड की तरह भोजपुरी में फुल कौमेडी वाली फिल्में अभी काफी कम बन रहीं हैं. जब की भोजपुरी फिल्मों में भी अब स्तरीय कौमेडी देखनें को मिल रही है. इस कड़ी में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में “बताशा चाचा” (Batasha Chacha) के नाम से मशहूर अभिनेता मनोज टाइगर (Manoj Singh Tiger) के लीड रोल वाली फिल्‍म ‘लागल रहा बताशा’ (Lagal Raha Batasha) को एसआरके म्यूजिक के औफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज कर दिया गया है. यह फिल्म साल 2019 के जनवरी महीनें में प्रदर्शित की गई थी. ‘लागल रहा बताशा’ भोजपुरी सिनेमा की मात्र फुल कौमेडी फिल्म है.

इस फिल्म की की खास बात यह है की इसे पूरे परिवार के साथ बैठ कर देखा जा सकता है. अश्‍लीलता से परे इस फिल्म में प्यार और इमोशन्स का भी जबरदस्त तड़का देखनें को मिलता है.

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इस फिल्म की कहानी फिल्म के लीड एक्टर मनोज सिंह टाइगर “बतासा चाचा” ने लिखी है. मनोज सिंह टाइगर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के हरफनमौला कलाकारों में शुमार हैं. भोजपुरी में वह बतौर कौमेडियन, विलेन, और गंभीर रोल के जरिये अपनी अलग ही पहचान बनानें में कामयाब रहें हैं.

फिल्म की कहानी गांव में नौटंकी मण्डली चलाने वाले एक ऐसे युवक की है जिसे भोजपुरी सीखने आई नामचीन अभिनेत्री आम्रपाली दूबे (Amrapali Dubey) से हुए प्यार हो जाता है. फिल्म में आम्रपाली दूबे को उनके असली नाम से किरदार में दिखाया गया है जो बहुत बड़ी फिल्म ऐक्ट्रेस है. फिल्म में नौटंकी मंडली के अगुआ बतासा यानी मनोज सिंह टाइगर ने इस फिल्म में अपने रोल को बड़ी सिद्दत से निभाया है, फिल्म की कहानी में नवीनता तो है ही साथ ही फिल्मांकन में भी भव्यता देखने को मिलती है. इस फिल्‍म की सबसे खास बात ये है कि फिल्म के सभी अभिनेता रंगमंच से जुड़े हैं. फिल्म में अश्‍लीलता से परहेज किया है.

इन दिग्गज कलाकारों से सजी है यह फिल्म

इस फिल्म को फुल इंटरटेनमेन्ट्स के नजरिये से देखा जा सकता है क्यों की इस फिल्म में भोजपुरी के सभी दिग्गज कौमेडियन्स नें काम किया है इस फिल्म में भोजपुरी सनसनी आम्रपाली दूबे और मनोज टाइगर के साथ अविनाश द्विवेदी, प्रकाश जैस, संजय पांडे, के के गोस्वामी, सीपी भट्ट, आनंद मोहन, विनोद मिश्रा, महेश आचार्य, संतोष श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, किरण यादव, धामा वर्मा, दिलीप वर्मा, लल्लन सिंह, सोनू पांडेय, जे के, सम्भावना सेठ एवं सुशील सिंह नें जबरदस्त अभिनय किया है.

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फिल्म का निर्देशन आलोक विसेन नें किया है निर्माता संजीव कुशवाहा और आलोक ने. फ़िल्म के संगीतकार ओम झा हैं, गीतकार हैं प्यारेलाल कवि व आज़ाद सिंह है और सिनेमेटोग्राफी फ़िरोज़ खान नें की है.क्रिएटिव प्रोड्यूसर की जिम्मेदारी रजनीश कुमार नें निभाई है तो संपादन संतोष मंडल नें किया है. फिल्म की कोरियोग्राफी रिक्की गुप्ता और महेश आचार्य नें की है इस फिल्म के पीआरओ उदय भगत और रंजन सिंह है. फिल्‍म का निर्माण वी क्लासिक मूवीज़ प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले हुआ है.

फिल्म का लिंक-

#coronavirus: दैनिक मजदूरों की स्थिति चिंताजनक

ग्रामीण क्षेत्रों में लौक डाउन की वजह से दैनिक मजदूरों की हालत अत्यंत चिंताजनक हो गयी है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर कृषि कार्य, भवन निर्माण, सरकारी योजना या बड़े बड़े ठीकेदारों द्वारा बनाये जा रहे सड़क, पुल पुलिया निर्माण में कार्य करने वाले लोगों का  काम पूर्णतः ठप्प है. इनके घरों में चूल्हा तभी जलता है जब दिन भर काम करते हैं. शाम को मजदूरी मिलती है. इनके घरों में महीने भर का राशन पानी नहीं रहता.

सुरेश राम भवन निर्माण के कार्यों में दैनिक मजदूरी का काम करते हैं. मजदूरी के रूप में 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है. पत्नी बच्चों के साथ साथ बृद्ध माता पिता हैं. कुल सात परिवार हैं. लॉक डाउन की वजह से काम धंधा बन्द है.

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मुन्नी एक आदमी के घर में खाना बनाने,बर्तन धोने और झाड़ू पोछा का काम करती है. लॉक डाउन की वजह से उसके मालिक ने काम छोडवा दिया है. इनके घरों में चूल्हा जुटना मुश्किल हो गया है.मुन्नी ने दिल्ली प्रेस को बतायी की भारतीय युवा मंच के कुछ युवा लोग मेरे घर पर आकर राशन और जरूरी सामान पन्द्रह दिन के लिए देकर गए हैं जिससे तत्काल में काम चल रहा है. अधिकांशतः घरों में काम करने वाली कामकाजी महिलाओं को उसके मालिक ने काम से हटा दिया है. इन महिलाओं के साथ भुखमरी की समस्या पैदा हो गयी है

.राजू पासवान राजमिस्त्री का काम करता है. काम धंधा बन्द होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.घर में जमा किये हुवे पैसा पत्नी की बीमारी में समाप्त हो गए .

लोगों के द्वारा मालूम हुआ कि सरकार के तरफ से प्रति परिवार पाँच किलो अनाज फ्री में दिया जाएगा.लेकिन अभी तक नहीं मिला है.जनवितरण प्रणाली विक्रेता से पूछने पर बताता है कि आएगा तब न देंगे.अपना जमीन बेचकर थोड़े देंगे.इसी तरह महानगरों से किसी तरह पैदल मालगाड़ी या कोई माध्यम से अपने घरों तक पहुँचे कुछ मजदूरों को स्कूल या सामुदायिक भवन में रखा गया है. जो मजदूर अपने घरों में भी हैं. उन्हें कृषि कार्यों में भी किसान नहीं लगा रहे हैं. यहाँ तक कि उनसे लोग इतना घृणा कर रहे हैं कि वह एक ब्यक्ति नहीं बल्कि कोरोना वायरस है.

अगर यही हालात रह गए और लॉक डाउन अधिक दिनों तक खींच गया तो कोरोना वायरस से क्या भूख और कुपोषण से इन मजदूरों के परिवार वाले दम तोड़ने लगेंगे.

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गाँव में बहुत सारे सुखी सम्पन्न लोग हैं जिनके पास गरीबी रेखा वाला राशन कार्ड है. बहुत सारे ऐसे गरीब और मजबूर लोग हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. टेलीविजन अखबार और रेडियो पर सरकार द्वारा घोषणाओं का अंबार है. देख सुनकर येसा लगता है कि लोगों तक पैसों और हर तरह की सामग्री भरपूर मात्रा में पहुँच रही है. कहीं किसी चीज की कोई कमी नहीं है. लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ अलग ही है. घोषणाओं का सिर्फ ढोल पीटा जा रहा है. लोगों तक वे चीजें पहुँच नहीं पा रही है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए गए अरबों रुपये इन बेसहारा भूखों नंगों तक नहीं पहुँच पा रहा है. दुष्यंत कुमार की गजल की पंक्ति है – सारी नदियां सुख जाती है, मेरे गांव के आते आते.

Bold अंदाज में कहर ढा रही हैं ऐक्ट्रेस उर्वशी रौतेला, देखें Photos

इन दिनों लोग कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते घरों में बंद हैं जिसके चलते लोग बोरियत का शिकार भी हो रहें हैं. ऐसे में बौलीवुड जगत की हौट अभिनेत्रियों में शुमार उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) आये दिन अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर तस्वीरें शेयर कर घर में बैठे हुए अपने फैन्स का दिल बहला रहीं है. यही कारण है की सोशल मीडिया पर उनके फालोअर्स भी बहुत है. हाल ही में उर्वशी के इन्स्टाग्राम एकाउंट पर 25 मिलियन की संख्या पूरी हुई है. इसका एक बड़ा कारण उर्वशी द्वारा आये दिन शेयर की जाने वाली बोल्ड तस्वीरें भी हैं.

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इसी कड़ी में उर्वशी रौतेला नें फिर अपनी हौट और बोल्ड तस्वीरें शेयर की हैं. जिसे देख कर फैन्स की धडकनें बढ़ना लाजमी हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम (Instagram) अकाउंट पर जो तस्वीरें शेयर की हैं उसमें वह काफी हौट लुक्स में नजर आ रहीं है. उर्वशी अपने इस नए लुक में ब्लैक कलर का काफी टाइट (Black Outfit) ड्रेस पहना हुआ है. उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) द्वारा शेयर किये गए इस हौट तस्वीर को अब तक लाखों लाइक्स मिल चुके हैं.

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इसके पहले भी उर्वशी नें कई तस्वीरें शेयर की थीं जिस पर फैन्स की काफी प्रतिक्रियाएं देखनें को मिली थी. अपने शेयर किये एक तस्वीर में उर्वशी नें रेड टौप पहन रखा है जिसमें बेहद खूबसूरत नजर आया रहीं हैं. वहीं एक दूसरी तस्वीर में इसके अलावा उर्वशी ने बेड पर पोज देनें की तस्वीरें भी शेयर की हैं जिसमें उनका सेक्सी अंदाज लोगों को बेहद भा रहा है. शेयर किये गए एक दूसरी तस्वीर उर्वशी रौतेला बैकलेस टौप और फ्लोरल पैंट्स पहन रखा है. यह तस्वीर भी  सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.

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उर्वशी नें तस्वीरों को शेयर करने के पहले भी कई ऐसे वीडियोज और फोटोज शेयर किये थे, जो खूब वायरल हुई थी. जिसमें वह बिकनी पहनें हुए पूल में मस्ती करती नजर आई थी. इन वीडियोज और फोटोज में उर्वशी नें आसमानी कलर व गुलाबी कलर की बिकनी पहन खूब कहर ढाया था.

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फैन्स नें दिया ये रियक्शन…

उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) द्वारा इन्स्टाग्राम पर शेयर किये गए तस्वीरों पर उनके फैन्स की मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखनें को मिल रहीं हैं. एक यूजर ने लिखा, ‘हौट’. वहीं अन्य ने लिखा “इनका सही लौक डाउन बीत रहा है” एक प्रशंसक ने लिखा है “सो सेक्सी” एक प्रशंसक ने लिखा है “ओफ्फ मेरी जान”. कुछ प्रशंसको ने इन तस्वीरों को लेकर गालियां भी दीं हैं तो कुछ नें भद्दे कमेंट्स भी किये हैं.

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Lockdown में गुटखा नहीं दिया तो दुकानदार को मार दी गोली

कोरोना के कहर से जहां पूरे देश में लौकडाऊन है, वहीं कुछ असामाजिक तत्व भी हैं जो न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, संगीन अपराध करने से भी बाज नहीं आ रहे.

घटना उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के विंध्याचल की है. लौकडाउन के कारण वहां जरूरी दुकानें ही खुली थीं. इसी दौरान कुछ असामाजिक लोग एक दुकान में गुटखा लेने पहुंचे. दुकानदार ने कहा कि हमारे दुकान पर नहीं बिकता. इस बात को ले कर बदमाशों का दुकानदार से झगङा हो गया. दुकानदार ने इस बीच बदमाशों से कहा भी कि अभी लौकडाऊन में सब बंद है और दुकान में जरूरी सामनों की ही किल्लत है तो फिर गुटखा तो दूर. इस पर बदमाश कहने लगे कि दुकान के अंदर जा कर देखेंगे. दुकानदार ने इस का विरोध किया. बात काफी बढ गई. बदमाशों ने पहले तो दुकानदार को गंदीगंदी गालियां दीं और फिर उन में से एक ने उस की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद सभी बदमाश फरार हो गए.

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घटना ने खोली सतर्कता की पोल

यह सनसनी घटना अमरावती चौराहा पैट्रोल टंकी के पास रात 9:00 बजे की है. घटना की जानकारी मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली, मगर इस वारदात ने पुलिस की सतर्कता की भी पोल खोल कर रख दी है कि अपराधी कैसे लौकडाउन की चौकसी के बीच ही असलहा ले कर घूम रहे थे और पुलिस को इस की भनक तक नहीं लगी थी?

वारदात के बाद अब पुलिस अधिकारी आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से सुराग की कोशिश में जुटी है.

पिस्तौल लहराते भागे बदमाश

जानकारी के मुताबिक, अमरावती चौराहा पैट्रोल टंकी के पास राधेश्याम मौर्य की दुकान है और यह इलाका काफी चहलपहल वाला है. गोली की आवाज लोगों ने सुनी तो आसपास के लोग जुटने लगे. मगर इस से पहले कि लोग जुटते बदमाश पिस्तौल लहराते भाग गए.

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आननफानन में घटना की सूचना पुलिस को दी गई और 108 नंबर पर काल कर ऐंबुलेंस बुलाया गया.तत्काल दुकानदार को अस्पताल के लिए भेजा गया लेकिन रास्ते में ही उस की मौत हो गई.

वारदात के वक्त पहुंचे एसपी सिटी प्रकाश स्वरूप पांडेय और थानाध्यक्ष वेद प्रकश राय ने परिजनों और अन्य लोगों से घटना के बारे में पूछताछ की. वायरलेस से सूचना प्रसारित कर बाइक सवारों को देखते ही पकड़ने के लिए बोला गया, लेकिन काफी देर बाद भी सफलता नहीं मिली.

खुद भी रहें सावधान

इस घटना से आसपास के लोग सकते में हैं और पुलिस पर सवाल भी खङे कर रहे हैं कि लौकडाऊन में इतनी सतर्कता के बावजूद भी अगर बदमाश पिस्तौल ले कर चल रहे हैं तो जाहिर है वे बङीबङी वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं. जगहजगह पुलिस बेरिकेड के बावजूद कोई असलहा ले कर घूमे तो जाहिर है लोगों का पुलिसप्रशासन से विश्वास भी डगमगाएगा ही.

ऐसे में पहली बात तो यह कि लोगों को चाहिए कि वे घरों में रहें और किसी अनजान व्यक्ति को घर में कतई न आने दें. लौकडाऊन में अपराधी किस्म के लोग इस का फायदा उठा कर गंभीर वारदात को अंजाम दे सकते हैं.

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लत है गलत

दूसरा, नशा चाहे शराब की हो या गुटखा अथवा सिगरेट की, लत लग गई तो छोङे नहीं छूटती. परिवार के लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें खासकर लड़कों पर कि उन की किनकिन से दोस्ती है और वे कहांकहां आतेजाते हैं. पुलिसप्रशासन से जरूरी यह भी है कि अभिभावक अपने बच्चे पर भी कङी नजर रखें ताकि बेहतर परवरिश से उन को शिक्षित बना सकें, उन्हें अपने पैरों पर खङे कर सकें. लत अगर बुरी लग गई तो इस की जद में आरोपी के साथ परिवार वाले भी आ जाते हैं.

पुलिस आज न कल बदमाशों को गिरफ्तार जरूर कर लेगी. वे सालों जेलों में सङेंगे पर सवाल अब भी और तब भी वही होगा कि बुरी लत को मन पर हावी करने का हस्र हमेशा गलत और खतरनाक ही होता है.

#coronavirus: मानवता हुवी शर्मसार, एम्बुलेंस के अभाव में बच्चे ने तोड़ा दम

बिहार राज्य अंतर्गत जहानाबाद जिला से एक दिल दहलाने वाली घटना प्रकाश में आयी है.जहानाबाद सदर अस्पताल ने एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया इसकी वजह से एक तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. बताया जाता है कि उक्त बच्चे का ईलाज पहले कुर्था स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया.लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो सका.सदर अस्पताल जहानाबाद के लिए यहाँ से रेफर किया गया .जब एम्बुलेंस की मांग की गयी तो नहीं मिल सका. बच्चे के माता पिता किसी तरह औटो रिक्शा से सदर अस्पताल जहानाबाद ले गए.वहाँ से इस बच्चे को पटना पी एम सी एच के लिए रेफर कर दिया गया.

बच्चे के माता पिता ने एम्बुलेंस के लिए बहुत आग्रह किया लेकिन पदाधिकारियों द्वारा मुहैया नहीं कराया गया.थक हारकर माता पिता बच्चे को गोद में लेकर पैदल चल दिये.उम्मीद थी कि शायद कहीं प्राइवेट गाड़ी मिल जाय लेकिन गाड़ी नहीं मिल सकी. सड़क पर चलते चलते माँ के गोद में ही बच्चा ने दम तोड़ दिया.माँ बाप चीख चीख कर सड़क पर ही बैठकर रोने लगे. बच्चे के मृत्यु के बाद सदर अस्पताल पुनः आकर एम्बुलेंस की माँग की लेकिन नहीं मिल सका. मजबूर होकर बच्चे के शव को गोद में उठाये पैदल ही रोते बिलखते चल दिये.एक आदमी को दया आयी उसने अपने निजी गाड़ी से इनलोगों को घर तक पहुँचाया .

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बच्चे के पिता गिरजेश कुमार ने बताया कि अगर मुझे एम्बुलेंस उपलब्ध कराया जाता तो मेरे बच्चे की जान नहीं जाती.जब यह मामला तूल पकड़ा तो डी एम नवीन कुमार ने हॉस्पिटल मैनेजर को सस्पेंड कर दिया और सिविल सर्जन से जवाब तलब किया है.दो डाक्टर और चार नर्स पर कार्यवाई हेतु स्वास्थ्य विभाग को डी एम ने पत्र लिखा है.

कोरोना वायरस के बीच बढ़ते संक्रमण के बीच यह मामला बिहार सरकार की तैयारी का पोल खोलकर रख दिया है.

बिहार के सभी प्रखण्ड स्तरीय अस्पतालों में ओ पी डी सेवा बन्द कर दी गयी है.सर्दी खाँसी और बुखार अगर किसी को है तो उसे बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा है.लेकिन उसे एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.लॉक डाउन की वजह से प्राइवेट गाड़ी नहीं मिल पा रहा है.लोग मजबूर हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे ऐसे मरीज हैं जिनका ईलाज राजधानी के अस्पतालों से चलता है.उनलोगों के पास दवा समाप्त हो गयी है.लोकल बाजारों में वे दवाएँ उपलब्ध नहीं है.नवल सिंह ने बताया कि मेरा हर्ट की दवा पटना के डॉक्टर के देख रेख में चलता है.दवा समाप्त हो गयी है.गाड़ी पटना नहीं आ जा रही है.उन्होंने बताया कि सिर्फ मेरे बस्ती के आठ लोगों का ईलाज पटना से चलता है.लगभग सभी लोगों के पास दवा समाप्ति के कगार पर है.

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लोगों के बचाव और सुरक्षा के लिए लौक डाउन रखा जाय लेकिन इस तरह के मरीजों का ख्याल भी रखा जाय कि जिनका जीवन दवा पर ही आधारित है.उनका जीवन कैसे चलेगा.

लौक डाउन की वजह से वे कोरोना से नहीं पहले से चल रहे दूसरे बीमारी के ईलाज और दवा के अभाव में लोग दम तोडने लगेंगे.

Lockdown में भोजपुरी क्वीन रानी चटर्जी ने शेयर की सालों पुरानी फोटोज, पहचानना हुआ मुश्किल

भोजपुरी इंडस्ट्री की एक्ट्रेसस का जलवा अपने आप में सबसे अलग हैं, फिर चाहे उनके गाने हो या एक्टिंग स्टाइल, भोजपुरी स्टार्स ने सब के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाई हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते पूरे विश्व को एक मुश्किल समय का सामना पड़ रहा है और इस बिमारी की वजह से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को कुछ दिनों के लिए पूरे भारत को लौकडाउन (Lockdown) करना पड़ा जिसका मतलब ये है कि कोई भी बिना वजह अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकता.

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रानी चटर्जी ने शेयर की पुरानी फोटोज…

ऐसे समय में सभी सेलेब्रिटीज अपने अपने घरों से ही कुछ क्रिएटिव कर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं और साथ ही अपने फैंस को टिप्स भी दे रहे कि उन्हें इस लौकडाउन के समय में क्या-क्या करना चाहिए. ऐसे में भोजपुरी इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने फैंस के लिए कुछ फोटोज शेयर की हैं जो कि काफी पुरानी हैं.

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फैंस को बेहद पसंद आईं रानी की ये तस्वीरें…

इन फोटोज के साथ रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) ने कैप्शन में लिखा कि,- “#throwback #10yearsold #picture बैठे बैठे पुरानी तस्वीरों का पिटारा खोला बहुत सारी तस्वीरें मिली जो आप सभी के साझा करुगी.” इन फोटोज को देख ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि रानी चटर्जी अपने शुरूआती दिनों से ही काफी सुंदर थी. रानी के फैंस उन्हें काफी पसंद करते हैं और उनकी हर फोटो और वीडियो पर जमकर लाइक्स और कमेंट्स की बरसात करते हैं.

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फोटोज देख कोई भी हो जाएगा हैरान…

एक बार को तो रानी चटर्जी की पुरानी फोटोज देख कोई भी धोखा खा जाएगा कि क्या ये वोही रानी चटर्जी है कि आज के समय में भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे हौट और ग्लैमरस एक्ट्रेस है. रानी की पुरानी फोटोज काफी सिंपल है और सिंपल होने के साथ साथ वे अपनी हर फोटो में काफी क्यूट लग रही हैं.

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Lockdown में सहारा बने ग्रामीण चिकित्सक

लेखक- शम्भू शरण सत्यार्थी

कोरोना कोविड 19 बीमारी को लेकर सरकारी  जिला अस्पताल से लेकर प्रखण्ड स्तर पर स्थापित अस्पतालों में आउट डोर बन्द हैं. यहाँ अन्य किसी प्रकार की बीमारी का ईलाज नहीं किया जा रहा है. सिर्फ कोरोना से संदिग्ध मरीजों के ईलाज के लिए तामझाम के साथ ब्यवस्था की गयी है. ब्लॉक स्तर पर स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कहीं कहीं रेफरल अस्पताल में स्टाफ चौबीस घण्टे तैनात हैं.ग्रामीण

क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बन्द कर दिए गए हैं.उन स्टाफों को ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या रेफरल अस्पताल और सदर अस्पताल में ड्यूटी लगा दी गयी है. लेकिन ब्लॉक स्तरीय सरकारी अस्पतालों में विशेष काम नहीं है. इसलिए कि जब आउट डोर बन्द कर दिया गया है तो मरीजों की संख्या नहीं के बराबर है.महानगरों से आये जिन मजदूरों को अगर सर्दी खाँसी है तो उन्हें तत्काल रेफर कर दिया जा रहा है. रेफर करना लोग इसलिए चाह रहे हैं कि हमलोग जहमत मोल क्यों लें ?

मौसम में बदलाव की वजह से सर्दी खाँसी और वायरल बुखार से बहुत लोग परेशान हैं.सरकारी अस्पतालों में आउट डोर की ब्यवस्था बन्द कर दी गयी है.

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अब लोग जायें तो जाएँ कहाँ कोई उपाय नहीं ? जिसे सरकार और बड़े लोग हेय दृष्टि से देखते हैं. लोग जिन्हें झोला छाप डॉक्टर बोलते हैं.

ये झोला छाप और क्वैक के नाम से जाने जाने वाले डॉक्टर लोगों की सेवा में चौबीस घण्टा हाजिर हैं.अपना निजी क्लिनिक चलाने वाले डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि मेरा अस्पताल रेफरल अस्पताल के ठीक बगल में है.वहाँ ओ पी डी बन्द रहने की वजह से लोग ईलाज कराने के लिए मेरे पास आ रहे हैं.मैं गरीब मरीजों का निःशुल्क ईलाज करा रहा हूँ. हमें जितनी जानकारी है उस हिसाब से मैं लोगों का ईलाज कर रहा हूँ. इन्हीं के पास ईलाज करा रही प्रमिला देवी ने बतायी की मुझे कई दिनों से बुखार लग रहा था.ठीक नहीं हो रहा था.यहाँ जब डॉक्टर साहब के पास आये तो इन्होंने जाँच कराया तो टायफायड बुखार निकला अब तीन चार दिन से बिल्कुल ठीक हैं.

घर के लोग चिंतित थे और दूरी भी बनाने लगे थे.किसी को सर्दी बुखार या खाँसी हो रहा है तो लोग उसे सन्देह की निगाह से देख रहे हैं. हमारे लिए तो डॉ अरविंद बाबू भगवान के समान हैं.निजी क्लिनिक और साथ में लैब टेक्नीशियन संजय कुमार लोगों का तो इलाज अपने क्लिनिक में कर ही रहे हैं. अपने तरफ से  मास्क गरीब मुहल्ले में जाकर बाँट रहे हैं और लोगों को कोरोना जैसी बीमारी से बचने के लिए उपाय भी बता रहे हैं. सुदूर देहात में रहने वाले अरुण कुमार रंजन ने बताया कि मैं अपने गाँव में लोगों का निःशुल्क ईलाज करता हूँ.सुई देता हूँ.मैं कोई डॉक्टर तो नहीं हूँ लेकिन मुझे जो जानकारी है. एक डॉक्टर के साथ में रहकर मैंने जो सीखा है. उस आधार पर मैं लोगों का ईलाज करता हूँ.इस समय सरकारी अस्पतालों में आम बीमारियों का ईलाज नहीं हो रहा है. लोग मेरे पास आ रहे हैं.

ग्रामीण मोहन सिंह ने बताया कि अगर हमारे गाँव मे अरुण जैसा आदमी नहीं होता तो हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता.इसी तरह राजेश विचारक ने बताया कि मैं हड्डी से सम्बंधित ईलाज करता हूँ लेकिन इस समय लोग अन्य बीमारियों से सम्बंधित मरीज मेरे पास आ रहे हैं. मुझे जितनी जानकारी है. उस हिसाब से मैं लोगों का ईलाज कर रहा हूँ.मरीजों का ईलाज करने वाले शिक्षक सन्तोष कुमार ने बताया कि मैं पहले ईलाज करता था उसके बाद सरकारी शिक्षक बन गया लेकिन ईलाज करने का सिलसिला सुबह शाम और रात्रि में जारी रहा.आज लॉक डाउन के दौरान मेरे पास लोग ईलाज कराने के लिए आ रहे हैं और उनका मैं अपने जानकारी के हिसाब से ईलाज कर रहा हूँ.

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वास्तव में अगर ये ग्रामीण क्षेत्रों में ये इलाज करने वाले ग्रामीण चिकित्सक नहीं होते तो इस लॉक डाउन की वजह से लोगों को और परेशानियों का सामना करना पड़ता.महानगर के बड़े अस्पतालों में ईलाज कराने वाले लोगों की दवा ग्रामीण क्षेत्र के बहुत लोगों के पास समाप्त हो गयी है.आवागमन बन्द है.लाचार होकर वैसे लोग भी इन ग्रामीण चिकित्सकों से राय सलाह कर तत्कालिक दवाB लेकर सेवन कर रहे हैं.कोरोना जैसी बीमारी के बढ़ते प्रभाव को देखकर बिहार में इन प्राइवेट डॉक्टरों को भी तत्कालिक प्रशिक्षण देकर सेवा लेने की कवायद चल रही है.लेकिन अभी तक यह कागजों तक ही सीमित है.

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