बिहार राज्य अंतर्गत जहानाबाद जिला से एक दिल दहलाने वाली घटना प्रकाश में आयी है.जहानाबाद सदर अस्पताल ने एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया इसकी वजह से एक तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. बताया जाता है कि उक्त बच्चे का ईलाज पहले कुर्था स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया.लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो सका.सदर अस्पताल जहानाबाद के लिए यहाँ से रेफर किया गया .जब एम्बुलेंस की मांग की गयी तो नहीं मिल सका. बच्चे के माता पिता किसी तरह औटो रिक्शा से सदर अस्पताल जहानाबाद ले गए.वहाँ से इस बच्चे को पटना पी एम सी एच के लिए रेफर कर दिया गया.

बच्चे के माता पिता ने एम्बुलेंस के लिए बहुत आग्रह किया लेकिन पदाधिकारियों द्वारा मुहैया नहीं कराया गया.थक हारकर माता पिता बच्चे को गोद में लेकर पैदल चल दिये.उम्मीद थी कि शायद कहीं प्राइवेट गाड़ी मिल जाय लेकिन गाड़ी नहीं मिल सकी. सड़क पर चलते चलते माँ के गोद में ही बच्चा ने दम तोड़ दिया.माँ बाप चीख चीख कर सड़क पर ही बैठकर रोने लगे. बच्चे के मृत्यु के बाद सदर अस्पताल पुनः आकर एम्बुलेंस की माँग की लेकिन नहीं मिल सका. मजबूर होकर बच्चे के शव को गोद में उठाये पैदल ही रोते बिलखते चल दिये.एक आदमी को दया आयी उसने अपने निजी गाड़ी से इनलोगों को घर तक पहुँचाया .

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बच्चे के पिता गिरजेश कुमार ने बताया कि अगर मुझे एम्बुलेंस उपलब्ध कराया जाता तो मेरे बच्चे की जान नहीं जाती.जब यह मामला तूल पकड़ा तो डी एम नवीन कुमार ने हॉस्पिटल मैनेजर को सस्पेंड कर दिया और सिविल सर्जन से जवाब तलब किया है.दो डाक्टर और चार नर्स पर कार्यवाई हेतु स्वास्थ्य विभाग को डी एम ने पत्र लिखा है.

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