पति की बात सुन कर सविता सन्न रह गई, फिर बोली, ‘‘पिताजी ने हमारी शादी में अपनी हैसियत से कहीं ज्यादा खर्च किया था. मेरी शादी के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी थी. अब मैं उन से रुपयों की डिमांड नहीं कर सकती. आप को भी ऐसी डिमांड नहीं करनी चाहिए.’’
सविता की ‘ना’ सुनते ही पवन को गुस्सा आ गया. वह सविता से गालीगलौज करने लगा. इसी बीच पवन की मां दयावती आ गई. उस ने आग में घी का काम किया. उस रोज बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि पवन ने सविता की पिटाई कर दी.
कुछ दिनों बाद दीपावली पर भाईदूज के दिन बड़ा भाई गोविंद सविता से टीका करवाने उस की ससुराल आया. उस ने सविता को दुखी देखा तो उसे अपने साथ ही लिवा ले गया. मायके में सविता ने मातापिता को अपनी व्यथा सुनाई. उस ने बताया कि पवन को नई कार बुक कराने के लिए 2 लाख रुपए चाहिए.
सविता की मां कलावती को यह सुन कर गुस्सा आ गया. उस ने सविता को ससुराल जाने से मना कर दिया. एक सप्ताह बाद पवन सविता को विदा कराने पहुंचा तो कलावती ने उसे भेजने से इनकार कर दिया. साथ ही असमर्थता भी प्रकट कर दी थी, ‘‘दामादजी, हम रुपयों का बंदोबस्त नहीं कर पाएंगे.’’
बाद में पवन के वादा करने पर कि वह आगे कोई मांग नहीं करेगा और सविता को भी ससुराल में कोई परेशानी नहीं होगी, कलावती ने सविता को विदा कर दिया.
दरअसल यह समझौता रिश्तेदार मनोज कुमार ने बीच में पड़ कर कराया था. मनोज की मध्यस्थता से ही पवन और सविता की शादी हुई थी.
कहने को तो पवन इस बात का आश्वासन दे कर सविता को विदा करा कर ले आया कि सविता को आइंदा कोई परेशानी नहीं होने देगा. लेकिन हुआ इस के विपरीत. पवन को सविता द्वारा मायके में शिकायत करना नागवार लगा. वह उसे किसी न किसी बहाने प्रताडि़त करने लगा. बात उस दिन और अधिक बिगड़ जाती, जिस दिन मां दयावती पवन के कान भर देती.
ऐसे ही एक रोज जब पवन हैवान बना तो सविता ने इस की जानकारी फोन से अपनी मां को दे दी. इस पर कलावती ने बेटी की ससुराल कन्नौज आ कर पवन और उस की मां को खूब खरीखोटी सुनाई. यह बात पवन को बहुत बुरी लगी.
वह मां के अपमान से तिलमिला उठा. उस का कलावती से झगड़ा हुआ. कलावती ने धमकी दी कि यदि तुम लोगों ने बेटी को प्रताडि़त करना बंद नहीं किया तो वह पूरे परिवार को फंसा देगी. सब जेल जाओगे.
कलावती की इस धमकी से पूरा परिवार सहम गया. एक ओर जहां सविता की जेठानियों ने उस से किनारा कर लिया, वहीं दयावती भी अपने बड़े बेटे राजीव के साथ रहने लगी. राजीव की पत्नी रोमी से उस की पटरी खाती थी. सविता को उम्मीद थी कि सास जेठानी के साथ रहेगी तो झगड़ा नहीं होगा. पर ऐसा नहीं हुआ. पवन पहले की अपेक्षा उसे और अधिक प्रताडि़त करने लगा.
एक सुबह सविता बाथरूम में नहा रही थी और पवन कमरे में लेटा था तभी सविता के मोबाइल की घंटी बजी. पवन ने स्क्रीन पर नजर डाली तो वीरेंद्र का नाम आ रहा था. पवन ने फोन रिसीव करते हुए हैलो कहा तो काल करने वाले ने फोन डिसकनेक्ट कर दिया.
कुछ देर बाद सविता बाथरूम से नहा कर निकली तो पवन ने पूछा, ‘‘यह वीरेंद्र कौन है? वह तुम्हें फोन कर रहा था.’’
‘‘मुझे पता नहीं कौन है?’’ सविता ने सफाई दी.
‘‘पता नहीं या झूठ बोल रही हो. कहीं तुम्हारे मायके का यार तो नहीं है?’’ पवन ने शक जाहिर किया.
‘‘किसी का गलती से फोन लग गया होगा और तुम मुझ पर बदचलनी का आरोप लगाने लगे. शरम आनी चाहिए तुम्हें.’’ सविता पति पर बिफर पड़ी.
पवन को भी गुस्सा आ गया. वह उसे गरियाते हुए बोला, ‘‘हरामजादी, एक तो बदचलन, दूसरे सिर उठा कर मुझे बेशरम कह रही है.’’ पवन ने उसे लातघूंसों से पीटना शुरू कर दिया. वह चीखतीचिल्लाती रही पर सासजेठानी में से कोई भी उसे बचाने नहीं आया.
दूसरे रोज सविता रूठ कर मायके चली गई. इस बार वह अपनी मासूम बेटी रानू को भी साथ ले गई थी.
घर कलह का असर बेटी पर न पड़े, इसलिए सविता ने उसे मायके में रखने का निर्णय कर लिया था. मायके में वह एक सप्ताह तक रही, फिर जब गुस्सा ठंडा पड़ा तो बेटी को मायके में छोड़ कर ससुराल आ गई.
पवन गुस्से से भरा बैठा था. सविता लौट कर आई तो बोला, ‘‘इतनी जल्दी क्यों लौट आई, मायके के यारों के साथ कुछ दिन और मन बहला लेती. ऐसी मौज हमारे घर कहां मिल पाएगी. यहां तो मर्यादा में ही रहना होगा.’’
पति की बात सुन कर सविता को गुस्सा तो बहुत आया, पर झगड़ा टालने के लिए वह गुस्सा पी गई और पवन को जवाब नहीं दिया.
सविता की चुप्पी का पवन ने गलत अर्थ लगाया. उसे पक्का यकीन हो गया कि सविता बदचलन है. यारों से मिलने के लिए ही वह बारबार मायके जाती है.
पवन के मन में अब पत्नी की बदचलनी का भी भूत सवार हो गया था. वह सविता पर बदचलनी का लांछन लगा कर उसे पीटने लगा. शराब के नशे में कभीकभी वह हैवान भी बन जाता था. पर अब उन दोनों के झगड़े के बीच परिवार का कोई अन्य सदस्य नहीं आता था.
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मार्च, 2020 में देश में कोरोना महामारी के चलते लौकडाउन हो गया, जिस से सारी व्यावसायिक गतिविधियां ठप हो गईं. पवन का धंधा भी बंद हो गया. बुकिंग बंद होने से उसे अपनी कार घर में खड़ी करनी पड़ी.
आमदनी घटी तो घर में झगड़ा और बढ़ गया. सविता खर्च के लिए पैसा मांगती तो पवन मना कर देता. इस बात पर दोनों में झगड़ा होता. ऐसे में सविता दखलअंदाजी करने के लिए अपनी मां कलावती को घर बुला लेती. पवन को अपनी सास कलावती की दखलअंदाजी पसंद नहीं थी.
जब कलावती अपनी बेटी का पक्ष ले कर पवन पर तीखे शब्दों का प्रयोग करती, तो पवन बौखला उठता. उस का सास से भी झगड़ा हो जाता. ऐसे में वह आपा खो बैठता और सविता को सास के सामने ही पीटता.
20 अगस्त, 2020 की सुबह सविता ने घर खर्च की मांग की तो पवन ने मना कर दिया. इस बात को ले कर दोनों में फिर झगड़ा हुआ. सविता ने फोन कर मां कलावती को बुला लिया.
रोजरोज की किचकिच से कलावती भी परेशान हो गई थी. लिहाजा वह बेटी को ले कर सरायमीरा पुलिस चौकी पहुंच गई. वहां पुलिस ने पवन को बुला कर पत्नी और सास के सामने जलील किया. साथ ही हिदायत दे कर समझौता भी करा दिया. इस के बाद सब वापस घर आ गए.
पत्नी व सास का पुलिस चौकी जाना फिर पुलिस द्वारा जलील करना पवन को नागवार लगा. वह अपमान से भर उठा. इसी बात को ले कर 20 अगस्त की रात 12 बजे पवन और सविता में फिर झगड़ा होने लगा. कलावती बेटी का पक्ष ले कर पवन पर हमलावर होने लगी.
पवन पहले ही गुस्से से भरा बैठा था. वह सविता को पीटने लगा. कलावती बेटी को बचाने आई तो पवन कमरे में रखा हंसिया उठा लिया और मांबेटी पर प्रहार करने लगा.
पवन का रौद्र रूप देख कर सविता और कलावती जान बचाकर छत पर भागीं. पवन पीछा करता हुआ छत पर ही आ गया.
वह हैवान बन चुका था. हंसिया से वार पर वार कर उस ने सविता व उस की मां कलावती को मौत की नींद सुला दिया. इस पर भी जब उस का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उस ने मांबेटी को दूसरी मंजिल की छत से नीचे फेंक दिया.
डबल मर्डर करने के बाद पवन छत से उतर कर नीचे आया. उस ने पत्नी व सास के शवों पर नफरत भरी निगाह डाली फिर आलाकत्ल हंसिया सहित कन्नौज कोतवाली की राह पकड़ ली.
कोतवाली पहुंच कर उस ने पुलिस के सामने डबल मर्डर का जुर्म कबूल कर आत्मसमर्पण कर दिया.
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इधर चीखपुकार सुन कर पवन के घर वाले जाग गए थे. पवन के जाते ही वे घर से बाहर निकले तो सामने मांबेटी की लाशें देख कर सन्न रह गए. इस के बाद घर में कोहराम मच गया. 21 अगस्त, 2020 को थाना कोतवाली पुलिस ने अभियुक्त पवन उर्फ मुरारी को कन्नौज कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जिला जेल भेज दिया गया.
– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित