छत्तीसगढ़ अपने वनांचल  एवं आदिवासी बाहुल्य होने के कारण दुनिया में पिछड़ेपन का एक नजीर माना जाता है. यहां अंधविश्वास, पिछड़ापन लिए हुए परंपराएं शराब के कारण होती हत्याएं कुछ ऐसी बातें हैं जो छत्तीसगढ़ को एक ऐसी छवि के रूप में प्रस्तुत करती है मानो यह विकास के, आधुनिकता के बहुत पीछे पीछे चल रहा है. कुछ मायने में यह सच भी है, यहां के अनेक जिले ऐसे हैं जो आदिवासी बाहुल्य हैं यहां जंगल हैं और लोग बेहद  गरीबी में जी रहे हैं. शिक्षा से कोसों दूर, विकास से कोसों दूर. ऐसे में सरकार कि जो जिम्मेदारी बनती है उससे वह कोसों दूर है. यहां घर-घर शराब बनती है और लोग शराब पीकर अपनी जिंदगी बर्बाद करते दिखाई देते हैं यही कारण है कि यहां अपराध बढ़ते चले जा रहे हैं और सरकार इसे रोक पाने में नाकाम सिद्ध हुई है.

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हाल ही में छत्तीसगढ़ के जशपुर में बहुपत्नी  के फेर में फंसे एक शख्स ने शराब के नशे में छोटी सी बात पर अपनी एक पत्नी की हत्या कर दी और बचाव के लिए उसे फांसी पर लटका दिया. अपने आप को चतुर समझने वाले इस शख्स के गिरेबान पर अंततः कानून की पकड़ यह एहसास कराती है कि कानून से बड़ा कोई नहीं और कोई कितनी ही चालाकी कर ले अपराध करके  बच नहीं सकता.

जशपुर जिले के थाना बगीचा में दिनांक 26 अगस्त 2020 को प्रार्थी कपिल राम निवासी हेठ गम्हरिया के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसकी पत्नी  ने 25-26 अगस्त के रात्रि  फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. पुलिस ने इस शिकायत पर जिस पर से मर्ग इंटिमेशन कायम कर जांच में लिया गया. मगर आगे चलकर डॉ के द्वारा पीएम रिपोर्ट में मृतिका विमला बाई का मृत्यु होमीसायडल ओर नाक मुंह को दबाकर हत्या करना लेख किया तो पुलिस ने जांच को गति दी  गवाहों का कथन लिया गया जिसमें मृतिका विमला कपिल की दूसरी पत्नी थी दोनों शराब पीकर आए दिन लड़ाई झगडा करते रहते थे. कपिल अपनी दूसरी पत्नी के चरित्र पर शंका करता था.

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