व्हाट्सऐप ग्रुप में अश्लील मैसेज आए तो क्या करें

इंटरनैट ने जहां एक तरफ जीवन को आसान बनाया, वहीं दूसरी तरफ इस की खामियां भी सामने आई हैं. पहले जो मनचले लड़के गलीमहल्ले में स्कूलकालेज जाती लड़कियों को आतेजाते परेशान किया करते थे, अब वे सोशल मीडिया में परेशान करने लगे हैं.

लखनऊ के मडियांव थाना क्षेत्र के प्राइवेट स्कूल में औनलाइन पढ़ाई के लिए छात्रों द्वारा बनाए गए व्हाट्सऐप ग्रुप में एक छात्र अश्लील मैसेज भेज रहा था. एडिशनल कमिश्नर औफ पुलिस विवेक रंजन राय बताते हैं, ‘‘व्हाट्सऐप ग्रुप के अलावा यह छात्र स्कूल में ही कक्षा 8 की पढ़ने वाली लड़की के नंबर पर भी अश्लील मैसेज भेज रहा था. लड़की के मोबाइल पर फोन भी कर रहा था.’’

लड़की के परिवारजनों ने पुलिस को इस बात की शिकायत की थी जिस के बाद पुलिस की साइबर सैल ने पूरे मामले की विवेचना करनी शुरू की. विवेचना में पता चला कि इंटरनैट मैसेजिंग ऐप ‘टैक्स्ट नाउ’ के जरिए यह फोन कौल की जा रही थी. इंटरनैट के लिए वाईफाई का प्रयोग किया जा रहा था. जिस नंबर से मोबाइल को कनैक्ट कर के वाईफाई चलाया जा रहा था वह बच्चे की मां के नाम से रजिस्टर्ड था.’’

साइबर सैल ने मां के नंबर को देखा और बातचीत शुरू की तो पता चला कि बीएससी में पढ़ने वाला मोहम्मद सैफ यह काम कर रहा था. मोहम्मद सैफ ने अपने छोटे भाई के गु्रप में ये मैसेज भेजे और वहीं से पीडि़त लड़की का नंबर ले कर उस को भी मैसेज भेजने और कौल करने लगा. इंटरनैट मैसेजिंग ऐप ‘टैक्स्ट नाउ’ के जरिए फोन कौल करने से विदेशी नंबरों से कौल आती दिखती है. पुलिस ने आरोपी मोहम्मद सैफ को गिरफ्तार कर लिया.

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पीडि़त लड़की की मां कहती है, ‘‘औनलाइन पढ़ाई के दौरान व्हाट्सऐप गु्रप से लड़की का नंबर ले कर उस को मैसेज करना, कौल करना एक आम बात हो गई है. इस तरह की दिक्कतें तमाम पेरैंट्स और बच्चों के सामने आ रही हैं. संकोच और परेशानी से बचने के कारण पेरैंट्स इस बात को उठाते नहीं. कई बार बच्चे ही डर के कारण अपनी परेशानी बयान नहीं करते हैं.

‘‘हम ने सब से पहले यह शिकायत स्कूल के प्रबंध तंत्र से की. वहां से कहा गया कि यह मामला स्कूल के बाहर का है, ऐसे में हम कुछ नहीं कर सकते. जब स्कूल वालों ने पल्ला   झाड़ लिया तब हम थाने गए. वहां भी सही समाधान नहीं मिला. इस के बाद हम लखनऊ के पुलिस कमिश्नर के पास गए. वहां से मदद मिली और साइबर सैल को इस की जांच का काम दिया गया. आमतौर पर लोग इस तरह की परेशानी से बचने के लिए ही पुलिस में शिकायत करने से बचते हैं.’’

स्कूल ले जिम्मेदारी

पीडि़त लड़की की मां मोनिका मिश्रा कहती है, ‘‘जब स्कूल की औनलाइन पढ़ाई के दौरान वहां से नंबर ले कर या उसी ग्रुप में अश्लील मैसेज कोई भेज रहा हो तो स्कूल के टीचर और प्रबंधन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. आरोपी लड़के के पिता के दबाव में स्कूल खुद फैसला नहीं ले रहा था. आरोपी पक्ष किसी न किसी तरह से लड़की को ही दोषी ठहराने की कोशिश कर रहा था. जबकि लड़की पूरी तरह से अनजान थी. उस पर मानसिक दबाव पड़ रहा था. वह डिप्रैशन में जा रही थी. उस ने औनलाइन क्लास अटैंड करनी बंद कर दी थी. हम सब घर के लोग परेशान थे. स्कूल और पुलिस टालमटोल कर रहे थे. इस के बाद जब अधिकारियों से मिल कर शिकायत दर्ज कराई तब कहीं पुलिस ने कड़े कदम उठाए.

‘‘पुलिस को ऐसे मसलों में लड़की या उस के परिवार के लोगों की शिकायत पर आरोपी से पूछताछ करनी चाहिए. पुलिस और स्कूल अगर लड़कियों की मदद नहीं कर सकते तो उन को औनलाइन पढ़ाई के लिए ऐसे गु्रप्स नहीं बनाने चाहिए. औनलाइन के साथ ही साथ सोशल मीडिया का दौर बढ़ रहा है. ऐसे में साइबर सैल को और भी ऐक्टिव होना चाहिए ताकि पीडि़त पक्ष को न्याय के लिए दरदर भटकना न पड़े.’’

सोशल मीडिया पर रहें सावधान

सोशल मीडिया से लड़कियों के नंबर ले कर या फिर फेसबुक मैसेंजर पर तमाम तरह के मैसेज और कौल की जाने लगी है. जिन लड़कों के पास नंबर नहीं होते, वे फेसबुक के जरिए भी कौल करने लगते हैं. ऐसी शिकायतें बड़ी संख्या में मिल रही हैं. 108 नंबर की हैल्पलाइन में तैनात अर्चना सिंह बताती हैं, ‘‘लड़कियों और महिलाओं को ऐसे परेशान किया जाने लगा है. पुलिस के पास शिकायतें आ रही हैं. कुछ मामलों में यह ही नहीं पता चलता कि कौल कहां से और किस नंबर से की गई है. जिन मामलों में पुलिस नंबर तलाश लेती है वहां आरोपी पकड़ा जाता है. तमाम ऐप ऐसे आ गए हैं जिन के जरिए कौल करने में सही नंबर का पता करना मुश्किल हो जाता है.’’

अर्चना सिंह बताती हैं, ‘‘ऐसे मसलों से बचने के लिए जरूरी है कि लड़कियां बिना पहचान वाले लोगों को अपनी फ्रैंड लिस्ट में न जोडें़. अनजान लोग पहले फेसबुक और व्हाट्सऐप पर लड़कियों को फ्रैंडशिप रिक्वैस्ट भेजते हैं, फिर उन से जुड़ने के लिए प्रयास करते हैं. इस के बाद परेशान करना शुरू कर देते हैं. ऐसे हालात से बचने का एक ही तरीका है कि अनजान लोगों से दोस्ती न करें.

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लड़कियां डरें नहीं, सजग रहें

साइबर क्राइम में पीएचडी करने वाली डाक्टर दिव्या तंवर बताती हैं, ‘‘आने वाले दिनों में साइबर क्राइम हर तरह से बढ़ेगा. लड़कियों के साथ होने वाली परेशानियां इस का हिस्साभर हैं. फोन कौल और अश्लील मैसेज के साथ ही साथ लड़कियों के फोटो उन के प्रोफाइल से ले कर उन को किसी और के नग्न फोटो के साथ जोड़ने से ले कर पौर्न वीडियो में उन का फेस लगा कर बदनाम करने का काम किया जाता है.

‘‘सामान्यतौर पर किसी को यह पता नहीं चलता कि फोटो या वीडियो एडिट किया हुआ है. अगर कोई लड़की ऐसी हालत की शिकार होती है तो वह अपनी लिखित शिकायत पुलिस में दर्ज कराए. पुलिस मदद करेगी. आजकल इस तरह की शिकायतें औनलाइन भी दर्ज हो रही हैं.

‘‘अगर पुलिस बात नहीं सुनती तो उन पर सोशल मीडिया का दबाव बनने लगता है. बड़े अधिकारी मदद करते हैं. तमाम एनजीओ और मीडिया भी इस तरह से काम करते हैं कि गलत मैसेज या फोन करने वाला डरने लगता है. ऐसे में लड़कियां सजग रहें पर डरें नहीं. अपनी बात पेरैंट्स से कहें. वे बच्चों की मदद करते हैं. जब बच्चे बात को छिपाते हैं तो उन की दिक्ततें बढ़ने लगती हैं. ऐसे में जरूरी है कि लड़कियां डरें नहीं, सजग रहें. उन को परेशान करने वाला कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएगा.’’

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