बौयफ्रैंड को ले कर समाज में एक गलत धारणा बन गई है कि बौयफ्रैंड लड़की के लिए अच्छा नहीं होता है. बौयफ्रैंड रखने वाली लड़कियों को गलत नजर से देखा जाता है. ऐसे में जिन लड़कियों के बौयफ्रैंड होते हैं वे अपराधबोध की भावना में रहती हैं, अपने बौयफ्रैंड को समाज के सामने लाने से कतराती हैं. इस की वजह यह होती है कि घरपरिवार और समाज को लगता है कि बौयफ्रैंड का मतलब यह होता है कि लड़की उस के साथ सैक्स संबंध बना सकती है.

समाज में शादी के पहले सैक्स की आजादी नहीं है. जरूरत इस बात की है कि सैक्स संबंध को बौयफ्रैंड से जोड़ कर न देखा जाए. बौयफ्रैंड को भी उसी नजर से देखा जाए जैसे 2 लड़कियों या 2 लड़कों की दोस्ती को देखा जाता है. बौयफ्रैंड का मतलब यह नहीं होता कि लड़कालड़की सैक्स संबंध बनाने को आजाद हो गए हैं.

समाज जब बौयफ्रैंड को सैक्स संबंधों के साथ जोड़ कर देखने लगता है तो लड़की के बारे में गलत धारणा बन जाती है. इसलिए लड़की में अपराधबोध हो जाता है और वह अपने बौयफ्रैंड को छिपाने लगती है. लड़की जब अपने बौयफ्रैंड को छिपाने लगती है तो कई तरह के अपराध हो जाते हैं. कुछ लड़कियों ने इस संबंध में अपने साथ हुई घटनाओं को बताया है, जिन के जरिए इस परेशानी को आसानी से सम  झा जा सकता है.

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दीपा आज बैंक में जौब करती है. वह बताती है, ‘‘मैं पहले गर्ल्स स्कूल में पढ़ती थी. मैं जब स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी कर के कालेज में पढ़ने के लिए गई तो पहली बार लड़कों को अपने क्लास में पढ़ते देखा. वहीं मेरी दोस्ती प्रताप के साथ हुई, जिसे आप मेरा बौयफ्रैंड कह सकते हैं. मेरी दोस्ती कई लड़कों से थी पर प्रताप कुछ खास था जिस से मैं निजी बातें शेयर करती थी.

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