कैसे कैसे बेतुके वर्ल्ड रिकौर्ड

लेखक- रामकिशोर पंवार

इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के राजेंद्र कुमार तिवारी उर्फ दुकानजीमकानजी की ही हरकतों को ले लीजिए. उन्होंने अपनी मूंछों पर जलती हुई मोमबत्तियों को नचा कर एक नया वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है.

हरियाणा के चंडीगढ़ शहर के रहने वाले गुप्ता बंधुओं ने किसी सामान के साथ मिलने वाली मुफ्त की चीजों को जमा करने का नया और अनोखा वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है.

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गुप्ता बंधुओं के पास मौजूदा समय में एक लाख रुपए से ज्यादा के गिफ्ट आइटम भरे पड़े हैं. इन गिफ्ट आइटमों को इकट्ठा करने में विश्व गुप्ता व विजय गुप्ता नामक इन दोनों भाइयों ने अपनी नौकरी की ज्यादातर तनख्वाह अपने इस शौक में फूंक डाली है.

नवां शहर, पंजाब के महल्ला सेरिया के बाशिंदे द्रविंद्र भिंडी ने अपने मुंह में सूई रखने का एक नया रिकौर्ड बनाने का दावा किया है. उन का कहना है कि वे 50 से भी ज्यादा सूइयों को हमेशा अपने मुंह में रखते हैं. खाना खाते, नहाते व सोते समय भी उन के मुंह में सूइयां रहती हैं.

अहमदाबाद, गुजरात के एक रैस्टोरैंट के मालिक ने 25 फुट लंबा डोसा बनाने का रिकौर्ड बनाया है. 15 रसोइयों की मदद से 25 फुट डोसा बनाने वाले कैलाश गोयल का नाम गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड में दर्ज है.

कुरुक्षेत्र, हरियाणा की मल्लिका सेठ ने अपने शरीर को मधुमक्खियों के हवाले कर के एक नया रिकौर्ड बनाया है.

संजय कुलकर्णी को ही ले लीजिए. पूना, महाराष्ट्र के संजय कुलकर्णी ने 2.6 किलोग्राम कांच खा कर वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है. यह नौजवान मजे के साथ बल्ब और कांच की बोतलों को ऐसे चबा जाता है, जैसे पापड़ खा रहा हो.

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पढ़ेलिखे नौजवान वकील महेंद्र सिंह चौहान ने लगातार 18 घंटे तक सिक्का घुमाने का एक नया रिकौर्ड बनाया है.

मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले गिरीश शर्मा ने 55 घंटे, 35 मिनट खड़े रह कर एक नया वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है. इस नौजवान को बाद में पता चला कि लगातार 55 घंटे खड़े होने की वजह से उस के पैर की नस फट गई और खून बहने लगा.

इसी तरह का एक रिकौर्ड मंदसौर, मध्य प्रदेश के राधेश्याम प्रजापति ने बनाया है. यह नौजवान लगातार एक मुद्रा में 18 घंटे तक खड़ा रहा, जिस के चलते उस का नाम गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड में दर्ज किया गया.

इस वर्ल्ड रिकौर्ड में राधेश्याम प्रजापति को जितना समय खड़े रहने में लगा, अगर उतना समय वह अपनी नौकरी को ढूंढ़ने में लगाता, तो शायद उस के परिवार की दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाता.

वर्ल्ड रिकौर्ड बनाने के चक्कर में महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर के एक बालक ने अपने दोनों हाथों में हथकड़ी लगा कर तैरने का वर्ल्ड रिकौर्ड बना डाला.

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पंजाब के फरीदकोट के तेलिया महल्ले के एक बाशिंदे पीके सेठी के पास भारत सरकार के ऐसे दुर्लभ नोट हैं जिन्हें नियमानुसार बैंकों में जमा कर देना चाहिए, पर इन सज्जन ने अपना रिकौर्ड बनाने के चक्कर में भारत के उन नोटों को जमा कर के रखा हुआ है, जो गलत छपे हुए हैं.

दुनिया में सब से लंबा और वजनी कलैंडर बनाने का रिकौर्ड वीरेंद्र सिंह बिरदी के नाम दर्ज है. उन्होंने इतना लंबा कलैंडर बनाया है कि 40,000 लोग उस पर एकसाथ खड़े हो सकते हैं.

तकरीबन 10,475 मीटर लंबे इस कलैंडर को उठाने में 3 लोगों की जरूरत पड़ती है.

गायत्री मंत्र सहित 23 भाषाओं में लिखा गया वीरेंद्र सिंह बिरदी का यह कलैंडर दुनिया का सब से लंबा कलैंडर भारत को क्या फायदा पहुंचा सकता है, इस बात से तो वीरेंद्र सिंह बिरदी भी अनजान हैं.

इन वर्ल्ड रिकौर्ड धारकों से अच्छे तो भोपाल के वे 2 साइकिल चालक हैं, जो अपंग होने के बावजूद बैंगलुरु से दिल्ली और दिल्ली से कन्याकुमारी तक देश में सांप्रदायिक एकता, भाईचारे को कायम करने के मकसद से 3,000 किलोमीटर की यात्रा पर निकले थे.

ऐसे वर्ल्ड रिकौर्ड धारकों में डाक्टर एमसी मोदी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने काम ही ऐसा किया था. उन्होंने मोतियाबिंद के 833  आपरेशन कर के सैकड़ों लोगों को आंखों की रोशनी दी.

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अब इंदौर, मध्य प्रदेश के ही अरविंद कुमार आगार को ले लीजिए. इन्होंने रक्तदान कर के वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है. दुनिया में सब से ज्यादा बार लोगों को खून दे कर उन की जान बचाने वाले अरविंद कुमार पर भारत को गर्व है.

केजी हनुमंत रेड्डी ने आज तक भारत सरकार के खिलाफ सब से ज्यादा मुकदमे दर्ज करने का एक अजीबोगरीब वर्ल्ड रिकौर्ड बना डाला है.

सरकार के खिलाफ जनहित के मामले दर्ज करना तो अच्छी बात है, पर सरकार को परेशान करने के लिए या फिर अपना नाम रिकौर्ड बुक में दर्ज कराने के लिए ऐसे मुकदमे दर्ज करने से क्या हनुमंत रेड्डी ने कोई नया तीर मारा है?

मिलिंद देशमुख की चर्चा करते हैं तो हमें पता चलता है कि उन्होंने 65 किलोमीटर की दूरी अपने सिर पर दूध की भरी बालटी रख कर तय कर के रिकौर्ड बुक में अपने नाम दर्ज कराया है.

मिलिंद देशमुख की तरह एक सज्जन अरविंद पंड्या भी हैं, जिन्होंने लौस एंजिल्स से न्यूयौर्क तक की दूरी पीछे की ओर दौड़ कर पूरी की है.

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यहां पर बाबा महेंद्र पाल की तारीफ करना बहुत जरूरी है, क्योंकि उन्होंने शारीरिक रूप से अपंग होने के बावजूद 7,360 मीटर ऊंची माउंट आबू की गामिन चोटी पर चढ़ाई कर के लोगों को प्रेरित किया है कि अपंगता किसी भी काम में बाधक साबित नहीं हो सकती.

जगदीश चंद्र नामक आदमी द्वारा 15 महीने तक रेंगते हुए 1,400 किलोमीटर की दूरी तय कर के बनाया गया रिकौर्ड समय की बरबादी ही कहा जा सकता है.

इसी तरह 9 साल के बालक चिराग शाह ने 72 घंटे तक 2 सीट वाले विमान को चला कर अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज करवा लिया.

नागौर, राजस्थान के महेश प्रसाद ने एक साधारण साइकिल पर 21 छात्रों को 381 किलोमीटर का सफर करा कर वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है.

महेश प्रसाद का यह रिकौर्ड उन के दोस्तों के लिए प्रेरणादायी हो सकता है, पर इन रिकौर्डों से देश की जनता को क्या मिला, यह नहीं पता है.

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पश्चिम बंगाल के सुकुमार दास ने रिकौर्ड बनाने के लिए एक दिन में 50 किलो भोजन करने के 2 दिन बाद 62 किलो सब्जियां खा कर अपना

नाम शामिल कराने का दावा किया है.

सुकुमार दास ईंट, ट्यूबलाइट, नाई की दुकान से इकट्ठे किए गए बाल, फटेपुराने कपड़े तक खा जाते हैं.

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