सरस सलिल ने Bhojpuri Cine Awards के छठे संस्करण की घोषणा की

Bhojpuri Cine Awards: लखनऊ, 28 मार्च 2025: भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली हिंदी पत्रिकाओं में से एक सरस सलिल, 10 अप्रैल 2025 को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड्स 2025 के छठे संस्करण का आयोजन लखनऊ में करेगी. भोजपुरी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए इस भव्य समारोह का आयोजन होने जा रहा है.

सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड्स एक ऐसा खास कार्यक्रम बन गया है, जहां फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं, टेक्निशियन और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के अन्य सदस्यों के बेहतरीन काम को सराहा और सम्मानित किया जाता है. इस साल के पुरस्कार समारोह में 50 से ज़्यादा कैटेगरी में भोजपुरी सिनेमा में अवार्ड दिए जाएंगें, जिसमें एक्टिंग, डायरेक्टिंग, संगीत, सिनेमा और अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियों को पुरूस्कृत किया जाएगा. इसके अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष और महिला) शामिल हैं.

इस अवसर पर भोजपुरी सिनेमा के कुछ सबसे बड़े नाम शामिल होंगे, जिनमें दिनेश यादव निरहुआ, अरविंद अकेला कल्लू, आम्रपाली दुबे, अंजना सिंह, संजय पांडे, केके गोस्वामी, समर सिंह, रक्षा गुप्ता, यामिनी सिंह, देव सिंह, विमल पांडे, सीपी भट्ट, विनोद मिश्रा, शुभम तिवारी, पल्लवी गिरी, राधा सिंह, माही खान, ऋचा दीक्षित और विद्या सिंह शामिल हैं. उनकी मौजूदगी भोजपुरी सिनेमा के इस भव्य उत्सव की शोभा को बढ़ाएगी.

ये पुरस्कार न केवल भोजपुरी सिनेमा के सितारों को बल्कि पर्दे के पीछे के उन नायकों को भी पहचान दिलाने का मंच प्रदान करते हैं जो फिल्मों को सफल बनाते हैं. निर्माता और निर्देशक से लेकर टेक्निशियन, कोरियोग्राफर और साउंड इंजीनियर तक, फिल्म की सफलता में योगदान देने वाले हर व्यक्ति को पहचाना और सम्मानित किया जाता है.

परेश नाथ, दिल्ली प्रेस के एडिटर-इन-चीफ और पब्लिशर ने कहा, “सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है; यह भोजपुरी सिनेमा को आकार देने वाले जुनून और रचनात्मकता को पुरूस्कृत करता है. हमें इंडस्ट्री के विकास और सफलता में योगदान देने वाली अविश्वसनीय प्रतिभा को पहचानने और सम्मानित करने पर गर्व है. इस साल का आयोजन और भी शानदार होगा, जिसमें उन सितारों और गुमनाम नायकों को सराहा जाएगा जो सिनेमा को एक बेहतरीन कला के रूप में लोगों के सामने लेकर आते हैं.”

पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया बहुत ही सावधानीपूर्वक होती है. इस साल के पुरस्कारों के लिए 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच रिलीज़ होने वाली सभी फ़िल्में शामिल हैं. इंडस्ट्री के विशेषज्ञों, आलोचकों और सिनेमा जगत की प्रमुख हस्तियों का एक पैनल नामांकितों का मूल्यांकन करेगा और प्रत्येक श्रेणी से विजेताओं का चयन करेगा.

पुरस्कार समारोह में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री, साथ ही सहायक कलाकारों के लिए पुरस्कार दिए जाएंगे. इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग जैसे तकनीकी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले और संगीत जैसे रचनात्मक पुरस्कार भी शामिल होंगे. इनके अलावा, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, उभरती प्रतिभा और साल की सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी फिल्म जैसी खास श्रेणियां भी होंगी, जिसमें इंडस्ट्री के दिग्गजों और नए कलाकारों की उपलब्धियों को सम्मानित किया जाएगा.

सरस सलिल अवार्ड्स के बारे में अधिक जानने और नए समाचारों से अपडेट रहने के लिए, उनकी आधिकारिक वेबसाइट सरस सलिल पुरस्कार पर जाएं.

सरस सलिल के बारे में

सरस सलिल भारत की अग्रणी हिंदी पत्रिकाओं में से एक है, जिसे दिल्ली प्रेस द्वारा प्रकाशित किया जाता है. यह अपनी बेहतर लेख के लिए जानी जाती है, जिसमें सिनेमा, लाइफस्टाइल, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों सहित कई विषयों को शामिल किया जाता है. भारत और उसके बाहर के पाठकों के साथ, सरस सलिल भोजपुरी सिनेमा पर विशेष ध्यान देने के साथ अलग-अलग रीजनल फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और उनका जश्न मनाने में सबसे आगे रहा है. अपने पुरस्कारों के माध्यम से, सरस सलिल प्रतिभा, कड़ी मेहनत और रचनात्मकता के लिए मान्यता का प्रतीक बना हुआ है, जो दर्शकों का मनोरंजन करने और उन्हें प्रेरित करने वाली फिल्में बनाने में जाता है.

मीडिया जानकारी के लिए

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Bhojpuri Interview: भोजपुरी में छोटी और कुंठित फिल्में बन रही हैं – अवधेश मिश्रा

Bhojpuri Interview: भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में खलनायक का किरदार निभाने वाले कई ऐसे चेहरे हैं, जिन को परदे पर देख कर डर लगने लगता है. उन्हीं एक्टरों में से एक हैं अवधेश मिश्र, जो रविकिशन के बाद भोजपुरी के ऐसे ऐक्टर है, जिन्होंने भोजपुरी के साथसाथ तमिल सिनेमा और बौलीवुड में भी अपने दमदार रोल से दर्शकों के ऊपर अमिट छाप छोड़ी है.

अवधेश मिश्रा खलनायक के रूप में जितनी बार भी परदे पर नजर आते हैं, दर्शकों का रोमांच उतना ज्यादा बढ़ता जाता है. भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में खलनायक का किरदार निभाने में उन का कोई सानी नहीं है. उन की खलनायकी से दर्शक स्क्रीन के सामने जोश में भर उठते हैं. भोजपुरिया बैल्ट में विलेन के रूप में अवधेश मिश्र की तुलना बौलीवुड के अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे ऐक्टरों से की जाती है. उन्होंने साल 2014 में तमिल फिल्म ‘पूजाई’ और साल 2015 में बौलीवुड फिल्म ‘डर्टी पौलिटिक्स’ में लीड विलेन के रूप में दर्शकों का मन मोह लिया था. उन के फिल्मी सफर को ले कर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

भोजपुरी फिल्मों में आप का शुरुआती सफर कैसा रहा?

जब मैं ने सिनेमा इंडस्ट्री में कदम रखा, तो शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा. लेकिन उस बुरे वक्त में मेरी पत्नी ने हाथ थाम कर मेरा मनोबल बढ़ाया. फिर समय ने पलटी ली और मुझे भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सहित तमिल और हिंदी फिल्मों में लीड विलेन के तौर पर काम मिलना शुरू हुआ.

आज भोजपुरी सिनेमा केवल टैलीविजन और यूट्यूब तक ही सिमट कर रह गया है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी में पहले जब फिल्में बनती थीं, तो सिनेमाहाल में रिलीज होती थीं. आजकल भोजपुरी में फिल्में ही नहीं, बल्कि टैली फिल्में बन रही हैं, जो टैलीविजन पर प्रसारित और रिलीज होती हैं. इस की 80 फीसदी औडियंस औरतें हैं. जब किसी खास औडियंस को ध्यान में रख कर एक ही ढर्रे पर फिल्में बनेंगी, तो ये फिल्में सिनेमाहाल तक नहीं जा पाती हैं. यही वजह है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से काफी पीछे छूट गई है.

आप ने दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से भोजपुरी के पिछड़ने की बात कही है. भोजपुरी फिल्में कहां पीछे छूट रही है?

भोजपुरी फिल्में साउथ और बौलीवुड की फिल्मों से बहुत पीछे छूट चुकी हैं. दूसरी फिल्म इंडस्ट्री में माहिर डायरैक्टर और कलाकार होते हैं, वहां सिनेमा को बहुत ऊंचा दर्जा दिया जाता है, जबकि भोजपुरी सिनेमा को नाम और पैसा कमाने का जरीया मान लिया गया है. दूसरी फिल्म इंडस्ट्री के लोग सिनेमा के लिए कुछ भी कर सकते हैं, जबकि भोजपुरी वाले खुद के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

आप भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री को किस मुकाम पर देख पा रहे हैं?

पहली बात तो यह कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री नाम की कोई चीज बची ही नहीं है, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे फिल्म इंडस्ट्री से अलबम इंडस्ट्री बना दिया है.

क्या वजह है कि भोजपुरी फिल्मों के मूल दर्शक भोजपुरी सिनेमा से कटते जा रहे हैं?

यहां के सिंगर्स ने भोजपुरी सिनेमा को दर्शक की जगह श्रोता बना दिया है. इसलिए भोजपुरी के लिए अच्छा सोचने और करने वालों को फिर से भोजपुरी सिनेमा के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी. मैं ने भोजपुरी सिनेमा के जीवनकाल में एक भोजपुरी कलाकार, निर्माता और निर्देशक के तौर पर बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन अब लड़ाई और भी गंभीर है.

पिछले कुछ सालों से सासबहू वाले एकजैसे टाइटिल की बाढ़ सी आ गई है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी फिल्मों का टाइटिल जो है, भोजपुरिया बैल्ट की औरतों को देख कर तय किया जा रहा है. भोजपुरिया बैल्ट में सास, बहू, ननद, भौजाई वगैरह के रिश्ते में खटास और कुंठा बढ़ती जा रही है. समाज जिस कुंठा से घिरा हुआ है, भोजपुरी में उसी कुंठा को टारगेट कर के फिल्में बन रही हैं.

महिला दर्शक फिल्मों के कैरेक्टर की जगह खुद को रख कर देखती हैं, इसलिए सासबहू वाली फिल्में ज्यादा पसंद की जा रही हैं. मेरा मानना है कि भोजपुरी में छोटी और कुंठित फिल्में बन रही हैं.

जब फिल्में सिनेमाहाल में रिलीज नहीं हो रही हैं, तो इन की कामयाबी का पैमाना कैसे मापा जाता है?

भोजपुरी फिल्मों की कामयाबी का पैमाना आजकल टैलीविजन के पैमाने पर निर्भर है, जिसे हम टीआरपी और जीआरपी के नाम से जानते हैं. लेकिन फिल्में कामयाबी मापने का यह पैमाना मु?ो मजाक जैसा लगता है.

आप की तुलना अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे दिग्गज विलेन से की जाती है. यह सुन कर आप को कैसा लगता है?

मेरी तुलना जब भी अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे कलाकारों से होती है, तो दुख होता है. क्योंकि यहां एक घटिया से घटिया अलबम भी मिलियन में देखा जाता है और अच्छे विषय, अच्छे कलाकारों व तकनीकी के साथ बनी फिल्म को दर्शक ही नहीं मिलते हैं. टीआरपी, जीआरपी और मिलियन के जमाने में सब मजाक लगने लगा है. इसलिए मेरा मानना है कि मैं अवधेश मिश्र ही रहूं और उसी रूप में मेरी पहचान हो.

उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग न होने की कोई खास वजह?

पिछले कई सालों से बिहार में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग थम सी गई गई है. फिल्मकार बिहार सरकार के असहयोगी रवैए के चलते बिहार का रुख नहीं करते हैं, जबकि बिहार में सब से ज्यादा भोजपुरी फिल्में देखी जाती हैं.

हाल ही में भोजपुरी जगत के कुछ लोगों ने बिहार सरकार से मुलाकात की थी. आशा है, जल्दी ही बिहार में फिर से भोजपुरी शूटिंग की शुरुआत होगी. फिल्म प्रोत्साहन के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार बहुत अच्छी है.

भोजपुरी सिनेमा को पीछे धकेलने में आप किस को दोषी मानते हैं?

भोजपुरी सिनेमा को पीछे धकेलने में केवल दोषी आजकल के सिंगर्स हैं, जिन्होंने भोजपुरी को बहुत पीछे धकेल दिया है.

Bhojpuri Interview : मैं रेप और गालीगलौज के सीन नहीं करना चाहूंगा – देव सिंह

Bhojpuri Interview : भोजपुरी सिनेमा में अपनी संवाद अदायगी और बेहतरीन अदाकारी से अलग पहचान बनाने वाले कलाकार देव सिंह की तुलना हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पंकज त्रिपाठी से की जाती है. भोजपुरिया दर्शकों का मानना है कि देव सिंह की ऐक्टिंग हूबहू पंकज त्रिपाठी जैसी है.

देव सिंह का शुरुआती संघर्ष और छोटेछोटे रोल, फिर विलेन के किरदार और फिर बतौर लीड हीरो के रोल में भोजपुरी सिनेमा देखने वालों को उन का मुरीद बना लेते हैं. देव सिंह ने बीते साल फिल्म ‘सिंह साहब : द राइजिंग’ के जरीए एक बायोपिक में सिंह साहब के रोल में जान फूंक दी थी, जिस के लिए उन्हें 5वें ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में बैस्ट ऐक्टर अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

देव सिंह से एक फिल्म के सैट पर हुई मुलाकात में उन के फिल्म कैरियर पर ढेर सारी बातें हुईं. पेश हैं, उसी के खास अंश :

जिस भोजपुरिया समाज से आप को पहचान मिली, उस सामाजिक कर्ज को चुकाने की दिशा में क्या आप कोई काम कर रहे हैं?

मेरी कोशिश रहेगी कि जिस भोजपुरी समाज ने मु झे इतना प्यार और इज्जत दी है, उस की उम्मीदों पर खरा उतरूं. मैं अपने भोजपुरी समाज के लोगों के काम आ सकूं, ऐसी मेरी पूरी कोशिश रहती है.
किसी भी काम का क्रैडिट लेना अब आप के लिए कितना जरूरी हो गया है?

अगर आप ने अच्छा काम किया है, तो उस का क्रैडिट मिलना भी जरूरी है. अगर आप के अच्छे काम की तारीफ नहीं होती है, तो आप पीछे छूट जाएंगे. मेरा मानना है कि जब भी कोई अच्छा काम करे, तो उस की तारीफ होनी ही चाहिए.

मेरे लिए मेरी अच्छी ऐक्टिंग का क्रैडिट मिलना माने रखता है, इसलिए मैं चाहता हूं कि जब भी मैं किसी फिल्म में अच्छी ऐक्टिंग करूं, मेरी संवाद अदायगी अच्छी हो, मेरे रोल के चलते फिल्में हिट हों, तो उस का क्रैडिट मुझे भी मिले.

बायोपिक फिल्म के कमर्शियल पहलू को देखते हुए क्या आगे भी आप इस तरह की फिल्मों को चुनेंगे?

मैं हमेशा चाहता हूं कि हर बार कुछ नया करूं. लेकिन पिछले कुछ सालों से भोजपुरी सिनेमा में महिला प्रधान फिल्में ज्यादा बन रही हैं. ऐसे में बायोपिक फिल्मों के बनने की उम्मीद कम होती जा रही है.

मैं तो यह भी चाहता हूं कि भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और राजगुरु जैसे देश के ऊपर मरमिटने वाले शूरवीरों की बायोपिक करूं.

विलेन के तौर पर आप का काम काफी पसंद किया गया है. क्या आगे भी इस तरह का कोई काम करने की उम्मीद है?

बतौर विलेन मेरी आने वाली फिल्म ‘बहू की बिदाई’ है. इस के अलावा मैं फिल्म ‘भूत मंडली’ में भी विलेन के रूप में नजर आऊंगा.

न तो सिनेमाघर और न ही डिजिटल प्लेटफार्म, जब आप को फिल्म सीधे टैलीविजन पर रिलीज होने के बारे में पता चलता है, तो आप का क्या रिऐक्शन होता है?

मेरी फिल्मों की ज्यादातर रिलीजिंग सिनेमाघरों में होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से थिएटर में भोजपुरी फिल्मों का प्रदर्शन ठप सा हो गया है. लिहाजा, टैलीविजन पर फिल्मों के रिलीज होने की बात पता चलने पर कोई हैरानी नहीं होती है.

आप अपनी फिटनैस के लिए जाने जाते हैं. उम्र को खुद पर हावी न होने देने का क्या कोई फार्मूला है?

मेरी फिटनैस का मूलमंत्र मौर्निंग वाक और हैल्दी खाना है. मैं जिम जाना पसंद नहीं करता, क्योंकि जिम के लिए हैवी स्टेरौयड, प्रोटीन पाउडर समेत कई आर्टिफिशियल चीजों को अपने खाने में शामिल करना पड़ता है, जो असमय बीमारियों को न्योता देता है.

हम अकसर जिम के दौरान हार्ट अटैक आने की घटनाओं के बारे में सुनते रहते हैं, इसीलिए अगर फिट रहना है तो कसरत कीजिए, अच्छा खाइए और अच्छा सोचिए.

आप की और अवधेश मिश्रा की दोस्ती की मिसाल दी जाती है. फिल्म इंडस्ट्री में दोस्ती बरकरार रखना कितना आसान होता है?

अवधेश मिश्रा को मैं अपना दोस्त नहीं, बल्कि बड़ा भाई मानता हूं. उन्होंने बतौर मैंटर मेरा साथ दिया है. फिल्म इंडस्ट्री में अकसर टांग खींचने वाले ज्यादा होते हैं, लेकिन अवधेशजी ने मु झे हमेशा बड़े भाई की तरह ही सपोर्ट किया है.

आप ने कई भोजपुरी फिल्मों में कई मुश्किल किरदार निभाए हैं. आप की नजर में सब से मुश्किल किरदार कौन सा था?

फिल्म ‘सिंह साहब : द राइजिंग’ में मु झे सिंह साहब के जीवन को परदे पर हूबहू उतारना था. इस के लिए मैं ने उन के परिवार वालों के साथ सिंह साहब के जीवन से जुड़े हर छोटेबड़े पहलू को बड़ी ही बारीकी से सम झा था. यह मेरे लिए काफी चैलेंजिंग रहा था.

जिंदगी में सुखी रहने का आप का फार्मूला क्या है?

जब तक अच्छा काम करने की मन में बेचैनी रहेगी, तब तक संतुष्टि हासिल नहीं हो सकती. इसीलिए मेरी कोशिश रहती है कि मैं हमेशा अच्छे काम करूं. मेरे बरताव से किसी को ठेस न पहुंचे. हम जितना संतुष्ट रहेंगे, उतनी खुशी बनी रहेगी.

कई कलाकार हैं, जो औन स्क्रीन कई चीजें करना पसंद नहीं करते हैं. आप की भी क्या कोई लिस्ट है कि कौन सा काम नहीं करना है?

बिलकुल, मेरी भी सूची है, जिसे मैं औन स्क्रीन नहीं करना चाहता हूं. इस में रेप और गालीगलौज जैसे सीन करने से मैं बचता हूं.

आज की नौजवान पीढ़ी सोशल मीडिया पर रील बनाने से ले कर ऐक्टर बनने तक का सपना देखती है. इस को ले कर आप का क्या नजरिया है?

सोशल मीडिया से ऐक्टर नहीं बना जा सकता है. अगर ऐसा होता, तो घरघर में ऐक्टर ही पैदा होने लगेंगे. ऐक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत और ऐक्टिंग की बारीकियां सीखने की जरूरत होती है.

आप अपने फैंस से क्या कहना चाहेंगे?

मेरा यही मानना है कि कभी झूठ न बोलें, कर्जदार न बनें और किसी की शिकायत या चुगली न करें. ये चीजें आप की कामयाबी में मील का पत्थर साबित होती हैं.

शाहरुख, सलमान को टक्कर देते है टीवी के पार्थ, शाहीर जैसे स्मार्ट एक्टर्स

फिल्मी सितारों के चर्चे तो हर जगह होते हैं टीवी से लेकर रिएलटी शो तक लोग फिल्मी हीरों की तारीफ करते नहीं थकते हैं. लोगों में फिल्मस्टार्स को लेकर एक अलग ही क्रेज नजर आता है. लेकिन इनके अलावा कुछ टीवी स्टार्स ऐसे भी हैं, जो हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं और एक्टिंग में सल्लू भाई यानि सलमान, किंग खान यानि शाहरुख से कम नहीं है.

उनकी पौपुलेरिटी भी किसी हीरो से कम नहीं है. उनके चर्चे मीडिया से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक  होती रहती है.  ऐसे कई टीवी स्टार्स हैं जो अपनी स्मार्टनेस और अच्छी एक्टिंग के चलते लोगों के दिलों दिमाग में छा गए हैं और आज इन्हें  टीवी स्क्रीन पर देखने का इनके फैंस को बेसब्री से इंतजार रहता है. आज कुछ ऐसे ही टीवी स्टार्स के बारे में बताएंगे, जो फिल्म एक्टर को भी टक्कर देते हैं . उनके होने से टीवी इंडस्ट्री एक अलग ही मुकाम पर है. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम पार्थ समथान का आता है.

गुड लुकिंग पार्थ समथान

पार्थ समथान टीवी की दुनिया का एक ऐसा नाम है जो अपनी स्मार्टनेस को लेकर खूब सुर्खियां बटोरते हैं. वे एक ऐसे एक्टर हैं जो फिल्मी सितारों को भी अपनी एक्टिंग के जरिए टक्कर देते हैं . इनको पार्थ लघाटे के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत गुमराह सीरियल से की थी. जिसके बाद उन्होंने कई सीरियल्स में काम किया और उसके बाद कसौटी जिंदगी सीरियल में अनुराग बसु के कैरेक्टर में नजर आएं

पार्थ जितना अपनी एक्टिंग को लेकर फेमस हुए उतना ही अपनी स्मार्टनेस को लेकर खूब सुर्खियों में रहे. पार्थ कि फैनफलोइंग भी अच्छी है. उनके अफेयर्स के चर्चे भी खूब रहे. जी हां, बौलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी और पार्थ समथान की अफेयर्स के चर्चे भी खूब हुए हैं. स्ट्रगल के दिनों में दोनों एक दूसरे के करीब आए थे. अच्छे दोस्त बनें,  इनका अफेयर 3 सालों तक चला. इसके बाद दोनों अलग हो गए. इसके अलावा भी पार्थ का नाम अरिहा अग्रवाल, नीति टेलर, स्कारलेट रोज, एरिका फर्नांडिस के साथ भी जुड़ चुका है.

 शहीर शेख

शहीर शेख एक एक्टर और मौडल हैं जो अपनी एक्टिंग के दम पर इंडस्ट्री पर छाए हुए हैं. उनकी दमदार एक्टिंग महाभारत सीरियल में देखने को भी मिली. शहीर शेख  टीवी इंडस्ट्री के काफी पौपुलर एक्टर हैं . जो अपनी एक्टिंग के अलावा अपनी डेटिंग को लेकर भी खूब सुर्खियों में रहे. शेख ने रुचिका कपूर से साल 2020 में कोर्ट मैरिज की. रुचिका बालाजी मोशन पिक्चर्स की क्रिएटिव हेड हैं.

शेख ने अपनी टेलिविज़न करियर की शुरुआत क्या मस्त है लाइफ नामक शो के साथ किया. शाहीर शेख अपनी एक्टिंग के अलावा अपने स्टाइल के लिए भी काफी मशहूर है. शहीर शेख की खास बात ये है कि वे एक्टर बनने से पहले एक वकील हुआ करते थे. हाल में वे स्टार प्लस के शो ये रिश्ते हैं प्यार के में अबीर का किरदार निभा रहे हैं . शहीर शेख टीवी के हैंडसम हंक बौय है. शहीर को टीवी में पहचान शो नव्या से मिली थी. शहीर की पर्दे पर हिना खान के साथ जोड़ी काफी फेमस हुई. गाना बारिश बन जाना में दोनों को एकसाथ काफी पसंद किया गया था. शहीर शेख इंडियन शो ही नहीं, इंडोनेशियन शो भी कर चुके है.

शहीर के पास लग्जरी गाड़ियों का एक बड़ा कलेक्शन है. शहीर की गाड़ियों के कलेक्शन में बीएमडब्ल्यू, स्कोडा और मर्सिडीज बेंज शामिल है. शर शेख को लेकर यह भी रिपोर्ट है कि उनकी खुद की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी है. इस कंपनी से शहीर तगड़ी कमाई करते हैं.

 धीरज धूपर

धीरज धूपर ने कई सीरियल में काम किया है. धीरज दिल्ली में ही जन्मे हैं . धीरज धूपर ससुराल सिमर का सीरियल से फेमस हुए.  इसके बाद उनकी एक्टिंग का हुनर कुंडली भाग्य में देखने को मिली. धीरज ने कलर्स टीवी से कैरियर की शुरुआत की. धीरज धूपर ने विन्नी अरोड़ा से शादी की है और उनका एक बेटा है जिसका नाम माहिर है. धीरज अपनी एक्टिंग से कई बड़े फिल्म स्टार को टक्कर देते दिखते हैं, साथ ही अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर खूब सुर्खियों में रहे. एक्टर धीरज धूपर अपने स्टाइल को लेकर भी काफी चर्चा में है उनकी फैनफोलोइंग भी अच्छी है.

मोहसिन खान

मोहसिन खान एक इंडियन टीवी के एक्टर है, जो इस लिस्ट में शामिल है कि वे फिल्मी एक्टर को एक्टिंग में टक्कर देने में एक्सपर्ट है. ये पेशे से एक डायरेक्टर भी हैं . इन्होंने स्टार प्लस के निशा और उसके कजन से अपनी एक्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद यह लाइफओके के ड्रीम गर्ल और स्टार प्लस के ये रिश्ता क्या कहलाता है में भी एक्टिंग कर चुके हैं.

शुरु में एक्टर का नाम वसीम रखा गया था, पर इनके पिता ने इनके नाम को बदल कर मोहसीन खान कर दिया. इनका गुजरात से गहरा नाता है. इनका जन्म गुजरात में हुआ था. इनकी एक्टिंग ने सबका दिल जीत लिया था. मोहसिन खान का स्टाइल और फैशन काफी चर्चा में रहता है वे हमेशा ट्रेंडी रहना पसंद करते है. इनका यही अंदाज में लोगों को खूब पसंद आता है. इनका नाम ये रिश्ता क्या कहलाता है कि एक्ट्रैस शिवांगी जोशी के साथ जुड़ चुका है 

‘‘ बचपन में मुझे फिल्म इंडस्ट्री से नफरत थी…’’ – जीवा

सत्तर और अस्सी के दशक के मशहूर खलनायक रंजीत ने छह सौ से भी अधिक फिल्मों में खलनायकी के अपने ऐसे खंूखार अंदाज विखेरे,जिन्हे आज तक कोई अन्य कलाकार नही विखेर पाया.अब उन्ही के बेटे जीवा ने भी बौलीवुड में कदम रख दिया है.जीवा की पहली फिल्म ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’16 दिसंबर को ‘डिज़्नी प्लस हाॅटस्टार’ पर स्ट्ीम होने वाली है.शशांक खेतान निर्देशित इस फिल्म में जीवा के साथ विक्की कौशल, किआरा अडवाणी,भूमि पेडणेकर,रेणुका शहाणे व अमेय वाघ जैसे कलाकार हैं.मजेदार बात यह है कि एक वक्त वह था जब अभिनेता रंजीत के बंगले में जीवा अपने दो दोस्तों टाइगर श्राफ व रिंजिंग के साथ मार्शल आर्ट सीखा करते थे.तभी अनुमान लग गया था कि यह तीनों बौलीवुड से जुड़ेंगे.टाइगर श्राफ ने 2014 में फिल्म ‘हीरोपंती’ से बौलीवुड में कदम रखा और एक्शन स्टार के रूप में उनकी पहचान बन चुकी है.रिन्जिंग डेंजोगपा भी ‘स्क्वाड’ से बौलीवुड मे कदम रख चुके हैं और अब ख्ुाद जीवा ने ‘गोविंदा नाम मेरा’ से बौलीवुड में कदम रखा है.

प्रस्तुत है जीवा से हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश..

सवाल –  आप अभिनेता रंजीत के बेटे हैं.आपके  साथ मार्शल आर्ट सीखने वाले आपके दोनोे खास दोस्त काफी पहले ही अभिनय जगत से जुड़ चुके हैं,तो फिर आपने इतनी देर से बौलीवुड मे कदम क्यो रखा?

जवाब – यह सच है कि टाइगर श्राफ व रिंजिंग मेेरे खास दोस्त हैं.हम तीनों कभी एक साथ मार्शल आर्ट की ट्ेनिंग भी लिया करते थे. मगर यह ट्ेनिंग लेते वक्त हम तीनों मे से किसी के भी मन में बौलीवुड से जुड़ने की इच्छा नही थी.हम तीनों तो स्पोर्टस के शौकीन रहे हैं.हमने मार्शल आर्ट की ट्ेनिंग भी स्पोटर्् समझ कर ही ली थी.

सवाल – आप लोग किस तरह के स्पोर्ट्स खेलते थे?

जवाब – मैने राज्य स्तर पर बैंडमिंटन खेला है.मेरे बहुत खास दोस्त टाइगर श्राफ बहुत बढ़िया फुटबालर था.बास्केटबाल भी बहुत अच्छा खेलता था.वह मुझे फुटबाल व बास्केट बाल सिखाता था और मैं उसे बैडमिंटन व मोटर स्पोर्ट्स सिखाता था.कार रेसिंग करना सिखाता था.स्पोर्टस में हम दोनों एक दूसरे को ‘पुष’ किया करते थे.हम दोनों पढ़ाई से ज्यादा स्पोटर््स में ध्यान दिया करते थे.

सवाल – स्पोर्ट्स से भी पैसा शोहरत बटोरी जा सकती है.तो फिर आपने स्पोर्ट्स को अलविदा कह कर फिल्मो में अभिनय करने का निर्णय क्या सोचकर लिया?

जवाब – सच कहें तो उन दिनों स्पोटर््स में कैरियर बनाना आसान नहीं था.उन दिनों क्रिकेट ही लोकप्रिय था.हम जिस स्पोटर््स के खेलते थे,उसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल नही थी.इसके अलावा माना कि बचपन में मुझे फिल्म इंडस्ट्ी से नफरत थी.क्यांेकि मैं बचपन से देखता आ रहा था कि मेरे पिता जी फिल्मों में मार खा रहे हैं.मैने फिल्में देखनी बंद कर दी थी.उसके बाद 15-16 साल की उम्र से मैने पुनः फिल्में देखनी षुरू की.तब मुझे ‘ओंकारा’, ‘मकबूल’, ‘वास्तव’,‘कई पो चे’ जैसी फिल्में काफी पसंद आयीं.‘कई पो चे’ की कहानी तो मुझे काफी पसंद आयी और इस फिल्म को देखकर मेरे अंदर फिल्म इंडस्ट्ी से जुड़ने की बात आयी.सच कहॅूं तो ‘कई पो चे’ देखने के बाद मुझे लगा कि अब अच्छी कहानियों पर काम हो रहा है,जिससे मेरे अंदर धीरे धीरे फिल्म इंडस्ट्ी के प्रति पैशंन बढ़ता गया.इसके अलावा मुझे समझ में आया कि फिल्मों में काम करने वाला कलाकार कैमरे के सामने एकदम अलग इंसान होता है और कैमरे के सामने से हटने पर वह इंसान अलग होता है.यह बात मुझे बहुत ही ज्यादा फैशिनेटिंग लगी.फिल्मों मंे अभिनय करने पर किसी को पता नहीं होता कि जीवा कौन है? तो स्पोटर््स खेलते हुए भी फिल्म का कीड़ा लग गया था.

सवाल – आप भी टाइगर श्राफ पहले भी बौलीवुड से जुड़ सकते थे?

जवाब -जब मैं और टाइगर श्राफ एक साथ मार्शल आर्ट सीख रहे थे,उस वक्त हम दोनो का अप्रोच अलग था.मुझे कैमरे के पीछे क्या होता है,वह सीखने का शौक था.मुझे बिजनेस का भी शौक है.मैं अपना  स्टार्ट अप शुरू करना चाह रहा था.मैं अभिनय को कैरियर बनाने की दिशा मंे सोचने की बजाय इस बात को सीख रहा था कि फिल्म का व्यवसाय है क्या? यहां फिल्में कैसे बनती हैं.क्या अप्रोच होती है? किसी फिल्म में फलां हीरो या फलां हीरोईन को क्यों लेते हैं,यह समझने पर ध्यान दे रहा था.तो मैने टाइगर श्राफ के साथ अभिनय की तरफ कदम नही बढ़ाए थे.जबकि उसका फोकश अभिनेता बनना ही था.

सवाल – तो फिर अभिनय की तरफ मुड़ना कैसे हुआ?

जवाब – जब मैने अभिनय को कैरियर बनाने का निर्णय लिया,तब मेरा पहला निर्णय यह था कि मैं अपने पिता से मदद नही लॅूंगा.इसलिए मैने अपने माता पिता को भनक लगे बिना अपने तरीके से तैयारी करनी षुरू की.सबसे पहले मैने खुद ही परखना शुरू किया कि क्या मैं कर पाउंगा? इसलिए मैने कुछ वर्ष पहले औडीशन देना शुरू किया था.मैं चाहता था कि मैं अंदर से श्योर हो जाउं कि मैं कर पाउंगा या नहीं…मैं जो कदम उठाने जा रहा था,जिस दिशा में आगे बढ़ना चाहता था,उसके बारे में जानकारी भी लेना चाहता था.वर्किंग मैथड को समझना था.देखिए,संघर्ष का अपना अलग मजा होता है.औडीशन देते हुए मैंने काफी रिजेक्शन सहे.औडीशन के वक्त किसी को पता नहीं चल रहा था कि मैं कौन हॅूं.औडीशन करते हुए मैं सीख रहा था कि मैं क्या गलत कर रहा हॅंू और उसे किस तरह से सुधारना है.फिर मुझे एक्टिंग वर्कशाॅप करने का भी मौका मिला.वर्कशाॅप की वजह से मैने कुछ लघु फिल्मों में भी अभिनय कर लिया.मैने इंटरनेशनल स्टूडियो की एक फिल्म के लिए औडीशन दिया था,वह कुछ वजहो ंसे आगे नहीं बढ़ी.मगर उसी स्टूडियो के लिए मैने ख्ुाद एक लघु फिल्म का निर्माण कर डाला.इस तरह फिल्म निर्माण का अनुभव हासिल हुआ.तो मैने कैमरे के पीछे जमीनी काम करने में काफी समय बिताया और बहुत कुछ सीखा.इसके अलावा मैने अपने पिता जी को अक्सर देखा करता था कि वह अपने किरदार के लिए किस तरह से तैयारी करते हैं.तो जाने अनजाने वह सब मैं सीख ही रहा था.औडीशन देते हुए मेरे अंदर का आत्म विश्वास जागा.आज कल तो सोशल मीडिया पर सभी लोकप्रिय कास्टिंग डायरेक्टरों के बारे में पता चलता रहता है कि वह किस तरह के किरदार के लिए कलाकार ढूंढ रहे हैं,कहंा औडीशन हो रहे है.तो मैं भी औडीशन देने पहुॅच जाता था.

सवाल – बतौर अभिनेता पहली फिल्म ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’ से जुड़ने का अवसर कैसे मिला?

जवाब – तकदीर ने मुझसे इस फिल्म में अभिनय करवा लिया.हकीकत में मुझे लिखने का भी शौक रहा है.मैने दो कहानियां लिखी हैं,जिन पर मैं चाहता हॅंू कि फिल्म बने.इसीलिए मैं शशंाक खेतान से मिला.षंषंाक खेतान ने मुझसे कहा कि वह हमारी कहानियों पर काम करेंगे,पर पहले मैं औडीशन दे दॅूं.तो उनके कहने पर मैने काॅस्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा के यहां जाकर औडीशन दिया. मुझे दो तीन बार औडीशन देना पडा और फिर एक दिन मुझे पता चला कि मुझे फिल्म ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’ में अभिनय करने के लिए चुन लिया गया है.फिल्म की स्क्रिप्ट भी मजेदार थी.स्क्रिप्ट पढ़ते हुए मुझे हंसी आ रही थी.फिर शशंाक खेतान के निर्देषन में काम करना था,तो मना नही कर पाया.मेरी समझ से कोई पागल ही इस फिल्म के करने से मना करता.

सवाल – फिल्म ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’ मंे आपका अपना किरदार क्या है?

जवाब – मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहॅूंगा कि मैने अपनी जिंदगी मंे नहीं सोचा था कि इस तरह के बेहतरीन किरदार के साथ मेरे कैरियर की शुरूआत होगी.मुझे तो यकीन भी नहीं था कि मैं इस किरदार को निभा पाउंगा.पर निर्देशक शशांक खेतान ने मुझ पर विश्वास किया और मुझसे काम करवा लिया.सोलह दिसंबर को जब आप फिल्म देखेंगंे,तो आपकी समझ में आएगा कि मेरा किरदार क्या है.अभी से कुछ कहना ठीक नहीं होगा.

सवाल – आपके पिता रंजीत को कब पता चला कि आप भी बौलीवुड से जुड़ चुके हैं?

जवाब – फिल्म ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’ की षूटिंग षुरू करने से पहले मेरी मम्मी का जन्मदिन था.उस दिन मैने जन्मदिन उपहार के रूप में यह खबर अपने पिता के समाने अपनी मां को दी थी.मगर मेरी मां या पिता जी या बहन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया.मैं काम करता रहा.जब फिल्म का ट्ेलर रिलीज हुआ,तब पहली बार मेरे पिता जी को यकीन हुआ कि मैं अभिनेता बन गया हॅूं.

सवाल – आपने भी कुछ कहानियंा लिखी हैं.ऐसे में किरदारों को समझने की अलग ताकत अपने आप विकसित हो जाती है.इसकी वजह से भी आपके लिए अभिनय करना आसान हो हुआ होगा?

जवाब – आपने एक दम सही कहा.मैंने तीन कहानियां लिखी हैं.यह तीनों एकदम अलग जाॅनर की कहानियंा हंै.कहानियंा लिखते हुए मुझमे किरदार की बैकस्टोरी विकसित करने की कला आ गयी.तो इस किरदार को निभाते हुए मैने किरदार की बैक स्टोरी को समझा, जिससे किरदार में ढलने में मुझे आसानी हुई.

सवाल – लिखने का शौक कब पैदा हुआ?

जवाब – मुझे बचपन से ही लिखने व स्केच बनाने का शौक रहा है.मुझे गाड़ियों /कार का भी शौक है,तो मैं गाड़ियों की स्केच बनाता था.मुझे टेकनोलाॅजी का भी शौक है,तो मैं गाड़ियो के कम्पोनेंट डिजाइन करता था.मेरे कमरे मे भी आपको इस तरह की किताबें बहुत मिल जाएंगी.मुझे पढ़ने का भी बेहद शौक है.फिर जब मेरी रूचि फिल्मों में बढ़ी,तो कहानी लिखने की गति भी बढ़ गयी.मैं हर फिल्म देखते समय उसकी तकनीक व उसके बिजनेस अस्पेक्ट पर ध्यान देता रहता हॅूं.

सच कहॅू तो मैं बचपन मंे पत्र और कविताएं बहुत लिखता था.मेरे खास दोस्त अभिनेता डैनी के बेटे रेंजिल हैं.वह बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे,तो हम उन्हे पत्र लिखा करते थे.फिर मंैं,टाइगर श्राफ व रेंजिल ने कए साथ मार्षल आर्ट की ट्ेनिंग भी ली. उस वक्त हम तीनों मार्षल आर्ट अपने लिए सीख रहे थे.उस वक्त इसे सीखने के पीछे हम तीनो का मकसद फिल्मों से जुड़ना नहीं था.हमारे लिए मार्षल आर्ट सीखना मतलब एक्सरसाइज करना था.

सवाल – शौक?

जवाब – मुझे बिजनेस का शौक है.मैं अपने तीन स्टार्ट अप विकसित कर रहा हॅूं.सब कुछ ठीक ठाक रहा,तो 2023 में घोषणा करुंगा.

सारा के लिए कार्तिक ने किया ऐसा काम, फैंस बोले परफेक्ट बौयफ्रेंड

बौलीवुड इंडस्ट्री के सबसे चहेते एक्टर में से एक कार्तिक आर्यन आज-कल एक पर्फेक्ट बौयफ्रेंड के रूप में सामने आ रहे हैं. कार्तिक आर्यन की रयूमर्ड गर्लफ्रेंड और इस समय की खासा पौपुलर एक्ट्रेस सारा अली खान को उनके डांस क्लास के बाहर देखा गया. इन सब में सबसे खास बात ये रही कि सारा अली खान अकेली नहीं थी बल्कि कार्तिक आर्यन भी उनके साथ नजर आए. इन स्वीट कपल को देख आस-पास मौजूद जनता का ध्यान इन दोनो पर से एक सेकेंड के लिए भी ना हटा.

इस मौके की सबसे खास बात ये रही कि जैसे ही कार्तिक और सारा डांस क्लास से बाहर आए उसी समय तेज बारिश होने लगी और तुरंत कार्तिक ने अपनी छतरी खोल सारा की ओर कर दी. कार्तिक की ये हरकत सबको काफी स्वीट लगी और लगे भी क्यों ना आखिर कार्तिक और सारा अनके फैंस के इतने फेवरेट जो हैं. कार्तिक के इस अंदाज को देख ये कहना बिल्कुल गलत नही होगा कि वे सारा के प्रति काफी केयरिंग है और वे नही चाहते की सारा को कभी कोई तकलीफ हो.

 

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#kartikaaryan and #saraalikhan snapped at dance class today #viralbayani @viralbhayani

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कार्तिक आर्यन सारा अली खान को बारिश से बचाते हुए उनको उनकी गाड़ी तक छोड़ने भी गए. सारा भी इस दौरान आम लड़कियो की तरह शरमाती हुई नजर आईं और उनके चेहरे की शर्माहट से साफ पता चल रहा था कि उनको कार्तिक का ये अंदाज काफी पसंद आ रहा है. कार्तिक आर्यन के इस हरकत से पता चलता है की वे असल जिंदगी में कितने स्वीट और केयरिंग हैं.

बता दें, सारा अली खान ने अपनी फिल्मी करियर की शुरूआत फिल्म केदारनाथ से की थी और अब तक सिर्फ दो फिल्में कर सारा ने अपनी खुद की फैन फौलोविंग इतनी बढ़ा ली है और देखते ही देखते कब वे सबकी इतनी फेवरेट बन गई किसी को पता ना चला तो वहीं दूसरी तरफ कार्तिक आर्यन ने भी काफी जल्दी अपने एक्टिंग के टैलेंट से सबका दिल जीत लिया है. खबरो की माने को कार्तिक आर्यन और सारा अली खान एक साथ इम्तियाज अली की अगली फिल्म में साथ नजर आने वाले हैं जो कि साल 2020 में 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के मौके पर रिलीज की जाएगी.

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Written By: Karan Manchanda

युवराज सिंह की एक्स भाभी ने दिखाया बोल्ड अवतार, फोटोज देख दंग रह गए फैंस

मशहूर इंडियन क्रिकेटर युवराज सिंह की भाभी आकांक्षा शर्मा आए दिन चर्चा का विषय बन ही जाती हैं. आकांक्षा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर फैंस के साथ अपनी फोटोज शेयर करती रहती हैं. जब से आकांक्षा ने बिग बौस सीजन 10 में एंट्री की थी तब से उनके फैंस को उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़े काफी राज पता चलने के साथ-साथ उनकी ज़िदगी में काफी दिलचस्पी रहने लगी थी. खबरो की माने तो हाल ही में आकांक्षा का तलाक युवराज सिंह के भाई जोरावर सिंह से हुआ था.

आकांक्षा शर्मा अक्सर अपनी बोल्ड फोटोज फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं और इसी के साथ उन्होने जोरावर सिंह के साथ हुए तलाक के बाद भी अपनी ये आदत नही बदली. बीते दिनो आकांक्षा ने अपने औफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर काफी बोल्ड फोटोज शेयर की थी जिसे देखने के बाद ये कहना बिल्कुल गलत नही होगा कि उनके तलाक का असर उन पर बिल्कुल नही पड़ा है बल्कि तलाक के बाद से वे अपने आप को काफी फ्री महसूस कर रही हैं.

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”The higher I get, the lesser they get me.”

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आकांक्षा शर्मा की ये फोटोज देखते हुए साफ जाहिर होता है कि वे अब अपनी लाइफ खुलकर एंजौय कर रही हैं और वे फिलहाल अपना वेकेशन मना कर वापस मुंबई लौटी हैं. उनकी ये हौट और बोल्ड फोटोज देख फैंस काफी खुश हुए और साथ ही इन फोटोज पर जमकर लाइक और कमैंट किए. फैंस को उनका ये ग्लैमरस अंदाज काफी पसंद आया है और ये कहना भी गलत नही होगा कि आकांक्षा अपने फैंस को इम्प्रेस करना अच्छे से जानती हैं.

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बता दें, आकांक्षा शर्मा और जोरावर सिंह की शादी 1 मार्च 2014 को हुई थी और तलाक से पहले आकांक्षा ने युवराज सिंह और उनकी मां शबनम सिंह पर अक्टूबर 2017 में घरेलु हिंसा का आरोप भी लगाया था पर बाद में आकांक्षा ने अपना केस वापस ले कर उन सब से माफी भी मांगी.

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‘इश्कबाज’ की ‘अनिका’ को दिया co-stars ने सरप्राइज, देखें वीडियो

‘इश्कबाज’ सीरियल से सबका दिल जीतने वाली एक्ट्रेस सुरभि चंदना ने हाल ही में 11 सितम्बर अपने को-स्टार्स के साथ अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया है. दरअसल उनके को-स्टार्स ने उनके घर आकर उन्हें एक एसा सरप्राइज दिया, जिससे कि वे बेहद खुश हो गई. सुरभि के को-स्टार्स ने उनके घर गुब्बारे लगा कर और एक शानदार केक से उनके घर को बर्थडे के माहौल में बदल दिया.

सुरभि चंदना को उनके को-स्टार्स द्वारा दिया गया ये सरप्राइज काफी पसंद आया और इस दौरान सबने साथ मिलकर काफी मस्ती भी की. उनके केक काटते समय ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि उन्हें इस सरप्राइज का कोई अंदाजा नही था और अपने को-स्टार्स के साथ मनाया गया जन्मदिन उन्हें हमेशा याद रहेगा.

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Via @officialsurbhic Ig story #Surbhichandna #Scians #Drishani #Sanjivani #happybirthdaysurbhichandna ❤

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सुरभि चंदना के बर्थडे के मौके पर श्रेनु पारिख, मानसी श्रीवास्तव, मृणाल देशराज और नेहा लक्ष्मी अय्यर समेत कई लोग दिखाई दिए. सबसे खास बात सुरभि के इस जन्मदिन की ये रही कि, उन्होंने अपना ये बर्थडे सीरियल इश्कबाज और संजीवनी दोनो की टीम के साथ मनाया.

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सीरियल ‘संजीवनी’ में डा. ईशानी का किरदार निभा रहीं सुरभि चंदना का बर्थडे केक काफी शानदार तरीके से सजाया गया. इतना ही नहीं बल्कि अपने जन्मदिन से एक रात पहले सुरभि चंदना गणपति बप्पा जी के दर्शन कर उनसे आशिर्वाद लेने पहुंची और इसके बाद उन्होने अपना बर्थडे एक बहतरीन अंदाज में मनाया.

बता दें, सुरभि चंदना इस समय स्टार प्लस के सीरियल ‘संजीवनी’ में डा. ईशानी का किरदार निभाती दिखाई दे रही हैं और इससे पहले उन्होने काफी सीरियल में काम किया है जैसे कि, ‘इश्कबाज’, ‘कुबूल है’, ‘आहट’, आदि. सुरभि ने साल 2014 में आई फिल्म ‘बौबी जासूस’ में भी अभिनय किया था.

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Written By: Karan Manchanda

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