भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे और दिनेश की ‘मंडप’ का पोस्टर रिलीज, शादी के जोड़े में आए नजर

भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे ने अपनी अदाकारी से भोजपुरी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई हुई है जो कि अपनी अदाओं के लिए जानी जाती है आम्रपाली सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव है समय-समय पर पोस्ट अपडेट करती रहती है. जिसे लेकर वो अक्सर सुर्खियों में रहती है अब हाल ही में आम्रपाली ने एक पोस्टर पोस्ट किया है जिसमें वह दिनेश लाल यादव के साथ शादी के जोड़े में नजर आ रही है इस फोटो को देख हर कोई हैरान है तो आखिर क्या है पोस्टर का मामला आइए बातते है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by sujeet_lal_yadav (@sujeet_lalyadav)

आपको बता दें, कि आम्रपाली एक ऐसी एक्ट्रेस है जिन्होने कई स्टार के साथ काम किया है आम्रपाली दुबे ने दिनेश लाल यादव से लेकर पवन सिंह के साथ तक काम किया है. जिसमें सबसे ज्यादा फैंस को उनकी दिनेश लाल यादव के साथ पसंद किया जाता है अब हाल में दोनों की फिल्म मंडप आ रही है जिसका पहला पोस्टर रिलीज हुआ है. जिसमें दोनों शादी के जोड़े में नजर आ रहे है.

दोनों की इस फोटो को फैंस खूब पसंद कर रहे है और पोस्ट को वायरल कर रहे है. इस पोस्टर को पहली बार देखने पर कई लोग कंफ्यूज हो गए थे. लोगों को पहली नजर में ये लगा कि कहीं दोनों ने सच में शादी तो नहीं कर ली. हालांकि बाद में गौर करने पर पता चला कि ये आम्रपाली और दिनेश लाल यादव की अपकमिंग फिल्म का पोस्टर है. मंडप के फर्स्ट लुक को दखकर ऐसा लग रहा है कि इसमें आम्रपाली और निरहुआ पति-पत्नी का किरदार निभाने वाले हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Aamrapali Dubey (@aamrapali1101)

आम्रपाली और दिनेश लाल यादव की जोड़ी को पर्दे पर काफी पसंद किया जाता है जिससे लेकर कई बार ये बातें भी सामने आई है कि दोनों एक -दूसरे को डेट कर रहे है, लेकिन दोनों ने कई बार कहा कि वह सिर्फ अच्छे दोस्त है और कुछ नहीं. बता दें, आम्रपाली को कई फिल्मों में शादी के लिबास में देखा गया है लेकिन असल जिंदगी में आम्रपाली आज भी सिंगल है.

 

SDM ज्योति मौर्य-अलोक पर बना भोजपुरी सॉन्ग, मिले 10 लाख से ज्यादा व्यूज

इन दिनों भोजपुरी गाने हिट चल रहे है भोजपुरी गानों में नए क्रिएटिव गाने सुनने को मिल रहे है जी हां, इन दिनों भोजपुरी सिंगर एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति अलोक मौर्य के विवादों पर गाने बना रहे है अबतक 10 से ज्यादा गाने आलोक के स्पोर्ट में गाए जा चुके है तो कही, ज्योति के खिलाफ गाए जा चुके है. जिनपर अच्छे व्यूज देखने को भी मिल रहे है.

आपको बता दें, कि भोजपुरी गाने अब ऐसे आ रहे है जिसे सुनकर आप ये जान पाएंगे कि आस-पास क्या हो रहा है ऐसे में ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य के रिश्ते में जो विवाद चल रहा है उसे भी भोजपुरी गाने पर बनाया गया है. कुछ गानों पर अलोक मोर्य को स्पोर्ट किया गया है तो, कुछ गानों पर उनके बीच की दूरियों पर बनाया गया है. एसडीएम ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य के ऊपर चालीसा बनाई गई है. जिसे चंदा शर्मा ने अपना अवाज दी है. ये गाना 5 जुलाई को रिलीज हुआ था. जिसे अबतक 12 लाख बार देखा जा चुका है.

दूसरे नंबर पर ‘एसडीएम बनते ही भूलगईलु’ गाना चल रहा है जिसे अबतक 6 लाख व्यूज मिल चुके है बता दें, इस गाने को रितीका पांडे ने गाया है. गाने के लिरिक्स गुरु देव ने लिखे है, तो वही म्यूजिक अमन रॉक ने दिया है. इंटरनेट पर ‘बेवफा एसडीएम ज्योति उर्फ आलोक मौर्या को इंसाफ’ गाने की भी काफी चर्चा है. इसे ओम प्रकाश ने गाया है.भोजपुरी ट्रेंडिंग सॉन्ग में ‘राजा एसडीएम बना दा धोखा ना देहम’ का खुमार भी लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. इस गाने को शिवानी सिंह ने अपनी आवाज दी है.

क्या है ज्योति मौर्य- अलोक मौर्य का विवाद

ज्योति मौर्य उत्तर प्रदेश, बरेली की एसडीएम हैं. वहीं उनके पति आलोक पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं. एक तरफ जहां ज्योति ग्रेड-ए की अफसर हैं. वहीं उनके पति सफाई कर्मचारी हैं. इस वजह से दोनों के बीच दूरियां बढ़ी और ज्योति कोर्ट में तलाक की अर्जी लेकर पहुंच गईं. ज्योति के पति का कहना है कि उन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखा कर SDM बनाया. जब वो अच्छे पद पर पहुंच गईं. ज्योति के पति का कहना है कि उन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखा कर SDM बनाया. जब वो अच्छे पद पर पहुंच गईं,  तो उनका  होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ अफयेर हो गया. यही वजह है कि उनकी पत्नि ने उन्हें धोखा दिया.

वहीं ज्योति मौर्य का कहना है कि आलोक उनके परिवार से फॉर्च्यूनर कार की मांग कर रहे थे. SDM ने पति के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की शिकायत भी दर्ज कराई है.  इस कहानी में हर रोज एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है, जिस पर तेजी से भोजपुरी गाने बनाए जा रहे हैं.

लाइव शो के दौरान भोजपुरी सिंगर को लगी गोली, अस्पताल में हुई भर्ती

इन दिनों भोजपुरी स्टार को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है. इस बुरी खबर में सिंर के साथ एक घटना घटी है जिसके बाद उनके फैंस हैरान है जी हां, हम बात कर रहे है भोजपुरी सिंगर निशा उपाध्याय की बात जो, अक्सर अपने लाइव पर्फोमेंस देती रहती है लेकिन इस बार उनके साथ कुछ हादसा हो गया है जो कि अब अस्पताल में भर्ती है. बता दें, निशा उपाध्याय के पैर में गोली लग गई है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sandeep Rangwa (@rangwa_sandeep)

आपको बता दें, कि निशा उपाध्याय भोजपुरी सिंगर है जो कि अपने लाइव पर्फोमेंस देती रहती है लेकिन इस बार उनको परफोम करना भारी पड़ गया है गनीमत है कि उनका जान को खतरा  नहीं हुआ है. निशा उपाध्याय बिहार के सारण जिले में परफोम कर रही थी. जहां वो हर बार की तरह स्टेज पर गाना गा रही है औऱ हर बार की तरह उन्हे देखने लोगों की भीड़ उमड़ रखी थी,ऐसे में किसी फैन ने हवा में फाइरिंग शुरु कर दी. जिसके बाद य गोली निशा उपाध्याय के पैर में जा लगी. जिसके बाद उन्हे पटना के अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि गोली किसे चली.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by 💫ãløk💫 (@aloksinghrajput_23)


निशा उपाध्याय की हेल्थ को लेकर अपडेट भी सामने आया है.बताया जा रहा है अस्पताल में डॉक्टर्स ने निशा उपाध्याय के पैर का ऑपरेशन करके गोली को बाहर निकाल दिया है. अब निशा उपाध्याय पहले से बेहतर हालत में हैं और अपने करीबियों से मुलाकात भी कर रही हैं. बताते चलें कि भोजपुरी स्टार्स के साथ ये इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, अक्षरा सिंह सहित तमाम भोजपुरी स्टार्स को फैंस की एक्साइटमेंट का खामियाजा भुगतना पड़ा है.

बिग बॉस 16 में आ सकती हैं ये भोजपुरी सिंगर, जाने क्या है नाम

बिग बॉस 16 को लेकर कई सारी बातें हो रही हैं, जिसमें हर दिन नए- नए कंटेस्टेंट का  नाम बाहर आ रहा है. अब इस सीरियल में भोजपुरी  की सिंगर निशा सिंह का नाम बाहर आ रहा है, जो इस शो का हिस्सा बन सकती हैं. हालांकि ये अभी कंफर्म नहीं है.

भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय सिंगर निशा हैं, जिसे खूब पसंद किया जाता है, इस सिंगर का नाम कई सारे गानों के लिए जाना जाता है. रिपोर्ट की मानें तो निशा पांडे को शो का हिस्सा बनने के लिए अप्रोच किया गया है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Nisha Pandey (@nishapandey08)

निशा का नाम भोजपुरी के जाने माने सिंगरों में लिया जाता है, वह हमेशा से अपने गाने को लेकर लोगों के दिलों में छाई रहती हैं. निशा अपना गाना खुद सजेस्ट करके गाती हैं.

वहीं इस शो के मेकर्स को पूरा यकिन है कि वह शो में आकर जमकर तड़का लगाएंगी, हाल ही में मेकर्स के साथ उनकी मीटिंग भी हुई थी, जिसमें वह सब कुछ क्लीयर करती नजर आ रही थी.

जल्द ही वह बिहार से मुंबई आएंगी, अगर चीजें निशा पांडे के मुताबिक रहती हैं तो वह जरुर आएंगी इस शो में . निशा पांडे ने भोजपुरी फिल्म के लिए कई सारे गाने गाएं हैं, जैसे रजउ तहार हो जइब. कुछ दिनों पहले निशा पांडे ने गाया था यूपी के अखिलेश यादव के लिए कि जब उनका गाना लहरेगा. इसके अलावा अगर बात करें दर्शकों की तो उन्हें इस शो इंतजार है.

बंगाली एक्ट्रेस मणि भट्टाचार्य कर रही हैं संजीव मिश्रा संग Bhojpuri Film

एक तरफ लोग भोजपुरी फिल्मों पर फूहड़ता व अश्लीलता परोसने का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी तरफ हर दिन नई फिल्मों का निर्माण शुरू होता रहता है. अब कुछ लोग स्वस्थ मनोरंजन के अच्छा सामाजिक संदेश देने वाली भोजपुरी फिल्मों का निर्माण करने लगे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को सीमा की जन्मभूमि सीतामढ़ी में ‘‘आयुष मोशन पिक्चर्स’’के बैनर तले निर्माण की जा रही भोजपुरी फिल्म ‘‘प्रोडक्शन न.1’’की शूटिंग शुरू हुई .

शूटिंग  के बीच कामिनी विवाह भवन पुनैरा में फिल्म के कलाकार संजीव मिश्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा-‘‘मैं बड़ा ही भाग्यशाली हूँ कि मुझे अपनी जन्म धरती पर फिल्म की शूटिंग करने का अवसर मिला है. मेरे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात हो ही नही सकती है.एक तो यह एक पवित्र धरती है,यहां पर किसी फिल्म का शूटिंग होना मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात होती है. मैं अपने किरदार को अभी ज्यादा खुद नहीं बता सकता.मगर इस फिल्म में मैं अति सशक्त किरदार निभा रहा हूं.’’

ये भी पढ़ें- पवन सिंह का गाना ‘नजरिया ना लागे’ को मिले 31 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज, देखें Video

जबकि इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा रही अभिनेत्री मणि भट्टाचार्य ने कहा-‘‘मैं तो मूलतः बंगाली हुई. मेरी मातृभाषा बंगला है. लेकिन मुझे भोजपुरी फिल्में करने में आनंद आता है.सीतामढ़ी की धरती पर मैं पहली बार आई हूं.यहाँ शूटिंग करके अच्छा लग रहा है.’’

फिल्म के निर्देशक सतेंद्र तिवारी ने कहा-‘‘माना कि ‘प्रोडक्शन न.1’मेरे निर्देशन की पहली फिल्म है,पर मैं इसे एक सर्वश्रेष्ठ फिल्म बनाने में अपनी तरफ से कोई कसर नही छोड़ूंँगा. दर्शको को फूल एंटरटेन करूँगा.फिल्म की कहानी पूरी तरह से पारिवारिक परिवेश पर केंद्रित है.जिसमे एक्शन,इमोशन,रोमांस और कॉमेडी का तड़का भी है.फिल्म की शूटिंग सीतामढ़ी जिले के रमणीय जगहों पर की जा रही है.’’

ये भी पढ़ें- भोजपुरी फिल्मों में होगी Sapna Choudhary की धमाकेदार एंट्री, निरहुआ के साथ करेंगी रोमांस

फिल्म का निर्माण ‘आयुष मोशन पिक्चर्स’के बैनर तले किया जा रहा है.इसके लेखक कृष्णा झा, संगीतकार संतोष कुमार(सोनू आनंद),गीतकार वीरेंद्र पांडेय,हरेराम डेंजर,कैमरामैन चन्द्रिका प्रसाद,एक्शन डायरेक्टर दिनेश यादव हैं.फिल्म के मुख्य कलाकार हैं-संजीव मिश्रा,मणि भट्टाचार्य,आयुषी तिवारी,अनूप अरोड़ा,विनोद मिश्रा ,नीलम पांडेय,दिनेश सिंह बागड़ी, शिखा चौबे,रत्नेश वर्णवाल, भूताली मैन, आशीष सिंह(मंटू)सन्नी कुमार व अन्य.

अब BOLLYWOOD में एंट्री करेंगे ‘लॉलीपॉप लागेलु’ गाने वाले भोजपुरी सिंगर पवन सिंह

गायक पवन सिंह भोजपुरी संगीत में धमाका करने के बाद अब हिंदी संगीत में भी बड़ा धमाका करने के लिए तैयार है. जैकी भगनानी का म्यूजिक लेबल जे जस्ट म्यूजिक के जरिये पवन सिंह अपना डेब्यू हिंदी गाने में कर रहे है, यह गाना होली पर आधारित है तथा पवन सिंह के साथ इस गाने को पायल देव ने अपनी आवाज से पिरोया है.

लॉलीपॉप लागेलु से हुए थे फेमस…

पवन सिंह हिंदी संगीत में अपनी शुरुआत को लेकर उत्साहित हैं और उन्हें लगता है कि इससे अच्छा कोई दूसरा गीत नहीं हो सकता. पवन सिंह भोजपुरी इंडस्ट्री में पहले से ही लॉलीपॉप लागेलु और बदनाम कर दोगी जैसे गानों से हिट हैं लेकिन होली पर यह गाना उनका पहला हिंदी गाना है और उन्हें लगता है कि जे जस्ट म्यूजिक ने उन्हें हिंदी म्यूजिक में परफेक्ट लॉन्च दिया है.

pwan-singh

ये भी पढ़ें- शूटिंग के दौरान गुस्से में आई ये बोल्ड भोजपुरी एक्ट्रेस, जानें क्यों

हिंदी डेब्यू से खुश हैं पवन सिंह…

पवन सिंह ने कहा “मैं अपने हिंदी डेब्यू के लिए बहुत उत्साहित हूं. मुझे इतना बड़ा मौका देने के लिए जैकी भगनानी और जे जस्ट म्यूजिक को धन्यवाद देना चाहता हूं और मुझे खुशी है कि मैं भी इसका हिस्सा बन रहा हूं. मैं चाहता हूं कि मेरे सभी प्रशंसक इस हिंदी गाने “कमरिया हिला रही है” को भी उसी तरह प्यार और समर्थन की बौछार करें, जो मुझे मेरे सभी गानों के लिए मिला है.

जे जस्ट म्यूजिक एक म्यूजिक कंटेंट कंपनी है जिसकी स्थापना अभिनेता निर्माता जैकी भगनानी ने की है. कंपनी ने समय-समय पर सफल गाने लाये हैं जिन्होंने सभी ऑडियो, वीडियो और प्रसारण प्लेटफार्मों पर सफलता अर्जित की है.

जे जस्ट म्यूजिक का उद्देश्य खुद को क्षेत्रीय संगीत में विस्तारित करना है और इसका आगामी म्यूजिक वीडियो है जो की प्रसिद्ध भोजपुरी गायक पवन सिंह और डांसर लॉरेन गोटलिब का एक दिलचस्प कॉम्बिनेशन है.

ये भी पढ़ें- भोजपुरी फिल्मों की अश्लीलता को लेकर इस एक्ट्रेस ने दिया बड़ा बयान

जैकी भगनानी कहते है ” यह सॉन्ग “होली सॉन्ग ऑफ द ईयर” होगा. हम सभी लॉलीपॉप लागेलु के बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं, और पवन सिंह के साथ उनके पहले हिंदी गाने के लिए एक साथ आने से बहुत रोमांचित हूं. इस गाने को लेकर में बहुत उत्साहित हूं.

सांवली लड़कियों की सफलता

समाज में यह सोच बनी हुई है कि सांवले रंग के लोग कामयाब नहीं होते हैं. इस रंग की लड़कियों के शादीब्याह में भी परेशानियां आती हैं. गांवदेहात में तो इस तरह की परेशानियां ज्यादा आती हैं.

यह पूरा सच नहीं है. सांवला रंग अब तरक्की की राह में रोड़ा नहीं है. तमाम ऐसी लड़कियां हैं जो सांवले रंग की होने के बाद भी कामयाब हैं.

केवल नौकरी में ही नहीं, बल्कि फिल्म और टैलीविजन पर वे अपनी ऐक्टिंग या गायकी से कमाल दिखा रही हैं. इन में केवल शहरी लड़कियां ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और गांवदेहात की लड़कियां भी शामिल हैं.

बड़े शहरों में रहने वाली लड़कियों के लिए बहुत तरह के मौके आते हैं और उन्हें अपने परिवार से भी सपोर्ट मिलता है. छोटे शहरों और गांवदेहात की रहने वाली लड़कियों के साथ सब से बड़ी परेशानी वहां का माहौल होता है.

छोटे शहरों और गांवदेहात में आज भी सांवले रंग की लड़कियों को अलग नजर से देखा जाता है. लोगों को लगता है कि सांवले रंग की लड़कियां उतनी कामयाब नहीं होती हैं.

बचपन से ही ऐसी लड़कियों को अलग निगाह से देखा जाता है. ऐसे में सांवले रंग की लड़कियों के खुद पर यकीन में कमी होने लगती है.

समाज में बहुत सारी ऐसी लड़कियां भी हैं जो सांवले रंग को दरकिनार कर आगे बढ़ी हैं और कामयाब हुई हैं. अब इन लड़कियों की कामयाबी को देख कर कहा जा सकता है कि जमाना सांवली लड़कियों का है. जरूरत इस बात की है कि इन को सही बढ़ावा मिले और इन के रंग को ले कर बचपन से यह बात समझाई जाए कि सांवला रंग किसी भी तरह से कामयाबी में रुकावट नहीं है.

मीठी आवाज से दी मात

कल्पना और खुशबू उत्तम जैसी लड़कियों ने अपनी मीठी आवाज से सांवलेपन को मात दी है. असम की रहने वाली कल्पना कहती हैं कि सांवले रंग का अंदाज सब से जुदा होता है. अच्छे रंग के बजाय अच्छी सेहत ज्यादा अहम होती है.

कल्पना फिल्मों की बड़ी कलाकार हैं. हिंदी के साथसाथ वे कई भाषाओं में गाने गाती हैं. कई फिल्मों में दर्शकों ने उन की अच्छी ऐक्टिंग को भी देखा है.

कल्पना ने हिंदी फिल्म ‘मेम साहब’, ‘चांद के पार चलो’, ‘अब बस’ और ‘सोनियो आई लव यू’ में अपनी आवाज का जादू दिखाया है. उन्होंने भोजपुरी फिल्म ‘चलत मुसाफिर मोह लियो रे’, ‘गब्बर सिंह’, ‘यूपी बिहार मुंबई ऐक्सप्रैस’ और ‘दुलहनिया नाच नचाए’ में काम किया है. वे देश की बहुत सी बोलियों में गाने गा चुकी हैं. एमटीवी पर उन के बिरहा गायन ने जबरदस्त धमाल मचाया है.

कल्पना ने वैस्टर्न गानों से अपना कैरियर शुरू किया था. आज वे 18 बोलियों में गाने गा रही हैं. उन्हें स्कूलकालेज के दौरान ही गानों के लिए इनाम दिया जाता था. इस से उन्होंने गायकी में ही कैरियर बनाने के बारे में विचार किया. इस के बाद वे मुंबई आ गईं.

कल्पना कहती हैं कि सांवले रंग का अपना अलग आकर्षण होता है. फैशन जगत के तमाम जानकार मानते हैं कि सांवले रंग में सहज आकर्षण होता है. शायद इसीलिए जमाना आज सांवले लोगों का है. हर क्षेत्र में ये लोग कामयाब हो रहे हैं.

बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली भोजपुरी की मशहूर सांवलीसलोनी गायिका खुशबू उत्तम का मानना है, ‘‘रंगरूप से पहचान नहीं बनती है, बल्कि अच्छे काम और पढ़ाई से पहचान बनती है. मैं ने जब फिल्मों में कैरियर बनाने की योजना बनाई तो लोगों ने काफी मजाक बनाया. कुछ लोगों ने कहा कि गाना अलग बात है लेकिन परदे पर दिखने के लिए सुंदर होना जरूरी होता है.

‘‘मैं ने लोगों की बातों को चुनौती के रूप में लिया. मेरे गानों के औडियो कैसेट तो धूम मचा ही चुके थे, इस के बाद वीडियो में और यूट्यूब पर भी मेरे गाने सुने और देखे जाने लगे.

‘‘आज मेरे लिए मेरा रंग कोई बाधा नहीं रह गया है. मैं दूसरी लड़कियों से भी यही कहती हूं कि वे सांवले रंग को ले कर परेशान न हों.’’

खुशबू उत्तम आगे कहती हैं, ‘‘मैं बचपन से ही यह सोचती थी कि जो भी काम करूं वह ऐसा करूं जो सब से अच्छा हो. मैं ने न्यूज रीडिंग, मौडलिंग, ड्रामा जैसे तमाम कामों में भाग लिया. मेरी मौडलिंग को बहुत पसंद किया था.’’

खुशबू उत्तम को म्यूजिक बहुत पसंद है और उन्होंने इस को ही अपना कैरियर बना लिया. वे कहती हैं, ‘‘मुझे कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि किसी ने सांवले रंग का होने के चलते मुझे कोई काम न करने दिया हो. अपने सांवलेपन के बाद भी मैं घरघर पहुंच गई. आज मुझे अपने रंग पर फख्र है.

‘‘मैं दूसरी लड़कियों को भी कहती हूं कि केवल मैं ही नहीं, बल्कि फिल्मों में तमाम ऐसी लड़कियां हैं जो मुझ से भी ज्यादा कामयाब हैं.

‘‘बिपाशा बसु के अलावा बहुत से ऐसे नाम हैं जिन का रंग कभी उन की कामयाबी में बाधा नहीं बना. ऐसे में रंग की फिक्र छोड़ कर अपने काम पर फोकस करें, तब कामयाब होने से कोई रोक नहीं पाएगा.’’

खुद पर करें यकीन

उत्तर प्रदेश के बहाराइच जिले की गिनती पिछड़े शहरों में की जाती है. वहां की रहने वाली सामान्य परिवार की देवयानी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, बैंगलुरु में ‘मास्टर इन डवलपमैंट’ में रिसर्च कर रही हैं.

देवयानी ने 5वीं जमात के बाद 12वीं जमात तक नवोदय स्कूल में पढ़ाई की है. वहां से उन का चयन दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कालेज में हो गया. वहां से राजनीति शास्त्र में बीए करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे अंबेडकर यूनिवर्सिटी चली गईं.

देवयानी ने आगे की पढ़ाई के पहले सोशल वर्क करने की दिशा में काम किया. ‘देहात’ संस्था के साथ श्रावस्ती जिले के भिनगा इलाके के सब से खराब हालात वाले 129 सरकारी स्कूलों में काम किया. वहां पर वनवासी लड़कियों को स्कूल तक लाने की दिशा में भी काम किया.

देवयानी ने अपने स्कूल के समय से डांस, कोरियोग्राफी और गायकी पर भी फोकस किया था. इस के साथ ही एनसीसी के साथ रायफल शूटिंग में भी कामयाबी हासिल की थी.

देवयानी भारत की उन 2 लड़कियों में से एक हैं जिन का चयन संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘ग्लोबल एशिया अफ्रीका’ प्रोग्राम में हुआ. इस में पूरी दुनिया से केवल 20 लड़कियों को शामिल किया गया था.

देवयानी का मानना है कि रंग नहीं बल्कि आत्मविश्वास जिंदगी को कामयाब बनाता है. रंग से कोई सुंदर नहीं दिखता. समय के साथ लोगों को पता चल गया है कि सांवले रंग वाले लोग भी बहुत कामयाब होते हैं.

फैशन के क्षेत्र में जहां रंगरूप पर खास ध्यान दिया जाता?है, वहां पर भी सांवले रंग के लोगों ने अपना कमाल हमेशा दिखाया है. बिपाशा बसु हो या काजोल, सभी ने अपने ग्लैमर का लोहा मनवाया है. पढ़ाईलिखाई के क्षेत्र में छोटे शहरों की सांवली लड़कियों के आगे बढ़ने से वे दूसरों के लिए मिसाल बन रही हैं.

ऐसे निखर जाता है रंग

फिटनैस मौडल के रूप में अपने कैरियर को संवार रही आरती पाल का कहना है, ‘‘समय के हिसाब से जैसेजैसे आप कामयाबी की सीढि़यां चढ़ते जाते हैं, वैसेवैसे आप में निखार आता जाता है. जब आप कामयाब नहीं होते हैं तो आप का रंगरूप कितना ही अच्छा क्यों न हो, कोई आप से प्रभावित नहीं होता है. जब आप कामयाब हो जाते हैं तो कोई यह नहीं देखता कि आप का रंग कैसा है.

‘‘जब मैं ने मौडलिग करने का फैसला किया तो लोग कहते थे कि सांवले रंग की वजह से यह कामयाब नहीं होगी. मैं ने इन आलोचनाओं की चिंता नहीं की और खुद को आगे बढ़ाने का काम किया. ऐसे में मौडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीतीं. शो में हिस्सा लिया. फैशन शूट किए.

‘‘अब मैं अपनी ही कंपनी ‘एपी इवैंट’ के साथ काम कर रही हूं. खुद के साथसाथ दूसरी लड़कियों को भी फैशन की फील्ड में आगे बढ़ने का मौका दे रही हूं.’’

सांवले रंग के लोग हर क्षेत्र में कामयाब होते हैं. राजनीति में देखें तो मायावती, उमा भारती और ममता बनर्जी जैसे लोग बहुत कामयाब हुए हैं.

कामयाब शख्स में रंग को ले कर किसी तरह का कोई तनाव नहीं रहता है. समाज भी कामयाब लोगों के साथ चलना शुरू कर देता है. उस के रंगरूप को नहीं देखता है.

झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली लकी सुरीन बताती हैं, ‘‘मुझे मौडलिंग में रैंप शो करने बहुत पसंद थे. मेरी लंबाई बहुत अच्छी है. ऐसे में रैंप शो के लिए मुझे लोग पसंद करते थे.

‘‘मेरा रंग सांवला होने के चलते कई बार अनफिट कर दिया जाता था. लोगों के इस बरताव से दुखी हो कर कई बार मुझे लगा कि क्या मुझे मौडलिंग छोड़ देनी चाहिए? पर मैं ने हिम्मत से काम लिया और रैंप शो मौडलिंग में काम करती रही.

‘‘रांची में मौके कम थे, फिर मैं लखनऊ आ गई. यहां पर भी मुझे काम और तारीफ दोनों मिलनी शुरू हुई तो मेरा खुद पर यकीन लौट आया.

‘‘अब मैं अपनी इवैंट कंपनी ‘ब्लू बर्ड’ फैशन एजेंसी के जरीए कई शो करती हूं. मुझे कई तरह के अवार्ड मिल चुके हैं. अब मुझे नहीं लगता कि सांवला होने के चलते किसी को अपने मन का काम करने से समझौता करना चाहिए.’’

सोच बदलने की जरूरत

ऐस्थैटिक ऐंड लेजर कंसल्टैंट डाक्टर प्रभा सिंह कहती हैं, ‘‘सांवलापन कभी भी कामयाबी में बाधा नहीं बन सकता. जरूरत इस बात की होती है कि खुद पर भरोसा करें. यह बात जरूर है कि बचपन से ही बच्चे के मन में ऐसे भाव भर दिए जाते हैं कि रंग का असर उस के खुद पर यकीन को खत्म कर देता है.

‘‘हम देखते हैं कि बचपन में जो बच्चा गोरा होता है उस की लोग तारीफ ज्यादा करते हैं. ऐसे में सांवला बच्चा हीनभावना का शिकार हो जाता है. अब इस हीनभावना से निकलने के लिए वह कई तरह के उपाय करने लगता है.

‘‘ऐसे उपाय उस के 30 साल से 35 साल की उम्र तक और कभीकभी तो उस के बाद भी जारी रहते हैं. यह सोच गोरेपन को बढ़ाने का सब से बड़ा कारोबार हो गई है. बहुत सारी कोशिशों और जागरूकता के बाद भी सांवलेपन के शिकार लोग हीनभावना में रहते हैं.

‘‘इन की इस भावना को दूर करने के लिए हर लैवल पर कोशिश होनी चाहिए खासकर समाज को ऐसे लोगों का साथ देना चाहिए.’’

डाक्टर प्रभा सिंह आगे कहती हैं, ‘‘सुंदरता के लिए रंग नहीं आत्मविश्वास और फिटनैस की जरूरत होती है. आजकल के मौडल भी अब इस बात के समर्थक हैं. अब तो जिंदगी के तमाम मौकों की खूबसूरती को ले कर भी सामने लाने की कोशिशें हो रही हैं.

‘‘कई मौडलों ने शादी के बाद गर्भावस्था के समय पूरा काम किया. पहले इन बातों को छिपाने का रिवाज था. ऐसे में सांवलापन किसी को कामयाबी में रुकावट नहीं लगना चाहिए. इस दिशा

में काम होना चाहिए. स्कूल में भी ऐसे प्रोग्राम हों जो लड़कियों के मन में सांवलेपन की गलतफहमी को निकाल सकें, तभी लड़कियां और उन के परिवार इस सोच से बाहर आ सकेंगे.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें