पूर्व कथा
स्वर्णिमा अपनी देवरानी मालविका को पिकनिक पर जाने के लिए कहती है पर जब मालविका स्वर्णिमा से पिकनिक जाने के बारे में पूछती है तो वह इनकार कर देती है. मालविका के जिद करने पर वह जाने के लिए तैयार हो जाती है. वहां पर दोनों की मुलाकात मृणाल से होती है. स्वर्णिमा को सफेद साड़ी में देख कर मृणाल चौंक पड़ता है. स्वर्णिमा उस का परिचय मालविका से कराती इस से पहले ही उस का अतीत उस के सामने साकार हो उठता.
स्वर्णिमा और मृणाल एक ही कालिज में पढ़ते थे. उन की दोस्ती प्यार में बदल जाती है. कालिज की पढ़ाई पूरी करते ही मृणाल को बैंक में नौकरी मिल जाती है. एक दिन मृणाल अपनी मां के साथ शादी की बात करने स्वर्णिमा के घर पहुंचता है लेकिन स्वर्णिमा के पिताजी इस शादी से साफ इनकार कर देते हैं और उस की शादी सेठ रामनारायण के बेटे आलोक से कर देते हैं.
आलोक को शराब की बुरी आदत थी. इसी लत के कारण एक दुर्घटना में उस की मौत हो जाती है और स्वर्णिमा पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है. मालविका स्वर्णिमा का बहुत खयाल रखती है. उस के साथ घूमनेफिरने और खरीदारी करने जाती है. और एक दिन रास्ते में उन दोनों की मुलाकात मृणाल से होती है. अब आगे...
गतांक से आगे...
अंतिम भाग
‘‘कैसे हो, मृणाल?’’ उसे देख स्वर्णिमा ने पूछा.
‘‘मैं ठीक हूं. तुम कैसी हो?’’ जवाब देने के बाद उस ने पूछा.
‘‘कैसी हो सकती हूं मैं? ठीक ही हूं,’’ स्वर्णिमा ने उदास लहजे में कहा.
‘‘चलिए न, कहीं बैठ कर बातें की जाएं,’’ मालविका ने कहा तो तीनों एक रेस्तरां में जा कर बैठ गए.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप