किशोरावस्था में लड़कियां जब किसी के प्यार के फंदे में फंस जाती है, तो अक्सर आगे जाकर अपनी जिंदगी तबाह कर लेती है.
यह एक ऐसी उम्र होती है, जब युवा आकर्षण में नवयुवतियां ऐसी भूल कर बैठती है कि आने वाला समय उनके लिए अंधकार मय हो सकता है. क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि सामने जो युवक है अथवा अधेड़ उम्र का व्यक्ति है, उसकी मंशा कितनी “सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” वाली है.
दरअसल, युवावस्था में पांव रखने वाली युवती एक ऐसी मोहक अवस्था में होती है कि जब उसे दुनियादारी का पता नहीं होता.आम तौर पर मीठी चुपड़ी बातों में आकर वह जब प्यार की अंधी गली में आगे बढ़ जाती है तो पीछे मुड़ कर देखने का वक्त ही नहीं रह जाता और जिंदगी तबाही की ओर अग्रसर हो चुकी होती है.
आइए! आज इस अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक त्रासदी पर दृष्टिपात करते हुए इस रिपोर्ट के माध्यम से यह संदेश युवा पीढ़ी को देने का प्रयास करें कि ठीक है आपकी उम्र प्यार… मोहब्बत की है, मगर थोड़ा संभल कर, समझ के साथ कर आगे बढ़ना.
शादी का झांसा, जिंदगी बर्बाद!
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर आदिवासी बाहुल्य जिले में नाबालिग को विवाह झांसा देकर भगाने का मामला सामने आया है. युवक ने नाबालिग को भगाकर अवैध सम्बन्ध बनाए. पुलिस के अधिकारी ने हमारे संवाददाता को बताया कि परपा थाना इलाके के एक युवक शादी का झांसा देकर एक नाबालिग लड़की को अपने साथ भगाकर ले गया और उसका शीलभंग कर शादी करने का आश्वासन देता रहा .
पुलिस में रिपोर्ट के पश्चात तथ्यों की विवेचना की गई . इधर जब परिजनों को लापता हो गई लड़की नही मिली तो उन्होंने भी ख़ोज बीन शुरू की. पुलिस ने तलाश की, अंततः आरोपी को बड़े आमाबाल खरियापारा से गिरफ्तार कर लिया.
इस मसले पर परपा नगर निरीक्षक बी.आर.नाग ने बताया मामला नाबालिग लड़की का था अतः हमने संवेदनशीलता के साथ जांच प्रारंभ की और आरोपी की खोजबीन की गई. आखिरकार साइबर सेल और मुखबिर से जानकारी मिली कि गुम लड़की और आरोपी युवक भानपुरी इलाके के बड़े आमाबाल में है. टीम ने दबिश देकर नाबालिग लड़की को शामु कुमार बघेल के कब्जे से बरामद किया. लड़की ने बताया कि आरोपी ने उसे शादी का प्रलोभन देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाकर दुष्कर्म किया है. आरोपी शामु कुमार बघेल को पुलिस ने कड़ा सबक सिखाते हुए धारा 366क, 376 भादवि, 06 पाक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही कर कोर्ट में पेश किया गया. जहा से आरोपी को न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया है.
इस धोखे का हल क्या है?
सवाल यह है, कि इस धोखे और झांसे का हल क्या है. आखिरकार कैसे नाबालिक लड़कियां झांसे…. धोखेबाजी से बच सकती हैं. इस संदर्भ में पुलिस अधिकारी इंद्र भूषण सिंह कहते हैं कि सबसे बड़ा दायित्व होता है माता पिता और परिवार का. जो नाबालिक लड़कियों को, बच्चों को संस्कार दे सकते हैं.आज की इस आपाधापी के समय में माता पिता के पास समय नहीं रहता कि वे बच्चों से खुलकर अंतरंग बातें कर सकें. फलस्वरूप नाबालिक विशेष रूप से लड़कियां जब कहीं थोड़ा सा भी आसरा, झुकाव… प्यार का संबंल मिलता है तो किसी बेल की तरह लिपटने लगती है.
इस संदर्भ में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर जी. आर. पंजवानी के मुताबिक बच्चों को अच्छे संस्कार हेतु श्रेष्ठतम पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए जिन्हें पढ़कर वे सकारात्मक उर्जा से ओतप्रोत हो सकते हैं और गलत राह ओर नहीं बढ़ेंगे.