पहला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- थार की बेटी का हुनर: भाग 1

रूमा देवी महिलाओं को ट्रेनिंग के साथ मार्केटिंग के गुर भी सिखाती हैं. वह इन महिलाओं के उत्पादों को सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहचान दिला चुकी हैं.

लंदन, जर्मनी, सिंगापुर और कोलंबो के फैशन वीक्स में भी उन के उत्पादों का प्रदर्शन हो चुका है. अपनी कला के सिलसिले में रूमा को पहली बार फैशन शो देखने दिल्ली जाने का मौका मिला था. वहां रूमा को पता चला कि वह दूसरे लोगों से कितनी पीछे हैं.

काफिला चला तो मंजिल मिलती गई

उस समय बाड़मेर की हस्तकला को कोई नहीं जानता था. अपने हुनर को पहचान दिलाने के लिए रूमा देवी ने कौटन की साडि़यों के साथ अन्य कपड़ों पर कशीदाकारी करानी शुरू की.

राजस्थान हेरिटेज वीक में पहली बार फैशन शो करने के लिए रूमा जयपुर गई थीं. वहां जितने भी नामचीन फैशन डिजाइनर आए हुए थे, वे उन सभी से मिलीं. लेकिन उन लोगों ने उन्हें निगेटिव रिस्पौंस दिया. उन्होंने कहा, ‘‘रूमाजी, फैशन शो में शामिल होना आप के स्तर का काम नहीं है.’’

ये भी पढ़ें- हर कदम दर्द से कराहती बाल विधवाएं

इस कटाक्ष ने रूमा के अंदर आग भर दी. इस के बाद रूमा ने अपना काम सुधारने की जिद ठान ली. उन्होंने एक महीने में अपने नए प्रोडक्ट तैयार किए, फिर बाड़मेर में अपना फैशन शो किया. रूमा और उन की टीम ने घूंघट में ही रैंप पर कैटवाक किया तो लोगों की तालियां रुक ही नहीं रही थीं. यह रूमा की पहली सफलता थी. इस के बाद रूमा को राजस्थान स्थापना दिवस पर जयपुर में हुए मेगा शो में प्रदर्शन का मौका मिला.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...