कुछ दिनों पहले की ही बात थी कि पौल्यूशन कम को लेकर नेताओं के भाषण चल रहे थे. मीडिया के सामने पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आए और उन्होंने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण पहले से 25 फीसदी तक घट गया है. इसके आगे उन्होंने अपने प्रयास भी गिनवा दिए जोकि प्रयास कम प्रचार ज्यादा समझ आ रहा था.
इसके बाद केंद्र सरकार में कैबिनट मंत्री प्रकाश जावेडकर आए और उन्होंने भी अपना भाषण दे दिया. दोनों ने भाषण दे दिया और प्रदूषण कम भी गया. कुछ ही दिनों बाद दिल्ली एनसीआर में जब लोग अपने घरों से बाहर निकले तो धुंध दिखी. लोगों ने कयास लगाए कि इस बार ठंड कुछ पहले ही आ गई और कुहास आने लगा लेकिन जब वो बाहर निकले तो सांस लेने में भी परेशानी होने लगी. ये ठंड का कुहास नहीं बल्कि वायुमंडल में भरा प्रदूषण है.
इस बार मौसम ने करवट समय से पहले ही ले ली. अमूमन ठंड का आगाज दीपावली बाद देखने को मिलता है लेकिन इस बार दशहरे के बाद से ही ठंड महसूस होने लगी है. इसके साथ ही वायु प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है. पिछले सप्ताह के मुकाबले रविवार को प्रदूषण के स्तर में दो गुना बढ़ोतरी हुई है. इसकी वजह से शहर रेड जोन में आ गया है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 315 पर पहुंच गया है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में पराली जलना शुरू हो गई है. इससे यहां के लोगों को परेशानी हो रही है.
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