19 जून को लखनऊ के व्यस्ततम इलाके चारबाग में 2 होटलों में भीषण आग लगने से 5 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए.

13 जून को मुंबई के वर्ली में प्रभादेवी इलाके की व्यूमौंट बिल्डिंग में भीषण आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि दमकल की 6 बड़ी गाडि़यों व 5 टैंक मिल कर भी आग को घंटों बाद काबू कर पाए. 33 मंजिला इस टावर में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का भी एक फ्लैट है. आग पर काबू पाने में लगा घंटों का समय बताता है कि अगर सुरक्षा के इंतजाम न होते तो कई जानें जातीं.

बहरहाल, आग लगते ही धुएं से भरे स्थान पर, बस, एक ही पल में हम क्या निर्णय लेते हैं, उसी निर्णय पर, उसी पल पर निर्भर करता है कि हम अपने जीवन की सुरक्षा कर पाएंगे या नहीं. हम में से कोई भी किसी अनिष्ट की कल्पना नहीं करना चाहता, पर आगे के कदम के बारे में प्लान बना कर हम खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित कर सकते हैं.

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फायर ऐंड सेफ्टी एसोसिएशन के प्रमुख पंकज का कहना है, ‘‘हमारे देश में आग से बचने के तरीकों व सावधानियों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. ज्यादातर बिल्डर्स इसे गैरजरूरी समझते हैं कि आग लगने पर इस्तेमाल किए जाने वाले आवश्यक साधनों पर खर्च किया जाए. आप जब नई बिल्डिंग्स के विज्ञापन देखते हैं तो आप को उस में स्विमिंग पूल और लैंडस्केप दिखाए जाते हैं, लेकिन कभी यह नहीं बताया जाता कि आग लगने पर सुरक्षा के क्या साधन उपलब्ध हैं.’’

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