एक समय बैंक खाते की जरूरत केवल अपने पैसे बचाने के लिए होती थी, पर अब समय बदल गया है. गांव में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि शहरी लोगों के लिए भी सरकारी सुविधाओं को पाने के लिए बैंक में खाता होना जरूरी हो गया है.
गांव में मनरेगा यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून के तहत मिलने वाली मजदूरी का पैसा बैंक खाते में ही आता है. रसोई गैस की सब्सिडी भी बैंक खाते में आती है. किसान सम्मान निधि, बच्चों को पढ़ाई के लिए मिलने वाला वजीफा, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं का फायदा पाने के लिए बैंक खाते की जरूरत होती है.
इस के साथ ही बैंक खाता एक पहचान होती है. इस के जरीए पैसे की बचत की जा सकती है. बैंक से मिलने वाले लोन की सुविधा भी लेना आसान हो जाता है.
बचत खाते के बाद बैंक से ग्राहक के अलग रिश्ते भी रखे जा सकते हैं. इस के जरीए बैंक ग्राहक को कई अलग तरह के फायदे देता हैं. क्रेडिट कार्ड, प्रीअप्रूव्ड लोन, ओवरड्राफ्ट की सुविधा व कई तरह की खरीद पर डिस्काउंट वगैरह शामिल हैं.
बैंक में बचत खाते का सफर सेविंग अकाउंट के खुलने के साथ होता है, जहां सेविंग अकाउंट खुलवाने का खास मकसद पैसे को किसी महफूज जगह पर रखना होता है.
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सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी है बचत खाता
अब बैंक में खाता खुलवाना आसान हो गया है. बैंक अपनी कुछ योजनाओं के तहत ‘जीरो बैलेंस’ पर भी खाता खोलने लगे हैं. इस में केवल ग्राहक को पैसा निकालने की सुविधा होती है.