आजकल नौकरी या जौब बड़ी मुश्किल से मिलती है और यदि वह मिलने के बाद छूट जाए तो आप सड़क पर आ जाते हैं, खासतौर पर तब जब कंपनी से आप को निकाला या बरखास्त किया जाता है. ऐसी स्थिति में कुछ लोग कई बार आत्महत्या तक कर बैठते हैं.

पहले तो यह जानना जरूरी है कि आप को नौकरी से क्यों निकाला या बरखास्त किया गया? आमतौर पर नियोक्ता अपने यहां कार्यरत व्यक्ति को तब तक नौकरी से नहीं निकालता, जब तक उस के पास इस की कोई ठोस वजह न हो. प्राय: इस में दोष कर्मचारी का ही होता है. विभिन्न कारणों से आप को नौकरी से हाथ धोना पड़ता है.

यदि आप कंपनी या संस्थान की पीठ में छुरा घोंपने वाला कोई भी कार्य कर रहे हैं यानी व्यक्तिगत लाभ की खातिर कंपनी को चूना लगा रहे हैं अथवा उस के समानांतर अपना व्यवसाय चला रहे हैं तो इसे कंपनी भला कैसे बरदाश्त करेगी?

कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कार्य तो अपनी कंपनी में करते हैं, तनख्वाह भी कंपनी से पाते हैं, लेकिन उन का संबंध किसी अन्य कंपनी से भी होता है. ऐसे में वे अपनी कंपनी की गोपनीय बातें, जैसे कच्चा माल कहां से खरीदते हैं, तैयार माल कहां बेचते हैं, उत्पादन की प्रक्रिया, कंपनी की फाइनैंशियल पोजिशन आदि की जानकारी वहां देते हैं और बदले में मोटी राशि प्राप्त करते हैं. लेकिन आप की इस काली करतूत का कंपनी को कभी न कभी पता लग ही जाता है. ऐसे में भला वह ऐसे दोगले कर्मचारी को क्यों अपने यहां रखेगी?

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